कैंसर की बीमारी कब शरीर में जन्म ले लेती है, इसका पता भी नहीं चल पाता है। कैंसर के कारण कोशिकाएं अचानक से डिवाइड होना शुरू हो जाती हैं और फिर अपनी संख्या बढ़ाने लगती हैं। लंग कैंसर में भी फेफड़ों की कोशिकाएं तेजी से बढ़ना शुरू हो जाती हैं और ट्यूमर बनाती हैं। फेफड़ों में कैंसर के कारण व्यक्ति को सांस लेने में समस्या शुरू हो जाती है और साथ ही खांसी भी लगातार आती है। ऐसे में व्यक्ति का वजन भी धीरे-धीरे कम होने लगता है। फेफड़ों के कैंसर की शुरुआत जब होती है, तो आमतौर पर कोई भी लक्षण नजर नहीं आते हैं। सही समय पर कैंसर का ट्रीटमेंट इस बीमारी से लड़ने में मदद करता है। यूएस फूड और ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने यूएस ट्रायल में लंग कैंसर वैक्सीन (Lung cancer vaccine) को अप्रूव्ड किया है। ये वैक्सीन क्यूबा में डेवलप की गई है। आज इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको लंग कैंसर वैक्सीन (Lung cancer vaccine) से जुड़ी जरूरी जानकारी देंगे और बताएंगे कि वैक्सीन कैंसर से लड़ने में सक्षम है या फिर नहीं। जानिए लंग कैंसर वैक्सीन (Lung cancer vaccine) के बारे में।
लंग कैंसर वैक्सीन (lung cancer Vaccine)
लंग कैंसर के लिए वैक्सीन के तौर पर CIMAvax(CIMAvax-EGF vaccine) का इस्तेमाल किया जा रहा है। ये एडवांस नॉन-स्मॉल सेल लंग कैंसर पेशेंट के लिए इस्तेमाल की जाती है। ये वैक्सीन मेनिनजाइटिस बी बैक्टीरिया (Meningitis B bacteria) और मोंटेनाइड आईएसए 51 ( Montanide ISA 51) से प्राप्त P64 प्रोटीन के साथ ईजीएफ का रासायनिक सहायक के रूप में काम करती है। वैक्सीन को EGF (epidermal growth factor) के खिलाफ एंटीबॉडी को प्रेरित करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है, जिसके परिणामस्वरूप ईजीएफ विदड्रॉल होता है। CIMAvax-EGF वैक्सीन नॉन-स्मॉल सेल लंग कैंसर (NSCLC) वाले पेशेंट्स में सुरक्षित साबित हुई है। जिन पेशेंट्स को IIIB/IV NSCLC स्टेज से गुजरना पड़ा और जिन्होंने कीमोथेरिपी (Chemotherapy) की करीब चार से छह सायकल पूरी कर ली थी, उन्हें इस वैक्सीन का डोज दिया गया। जिन लोगों को लंग कैंसर वैक्सीन (Lung cancer vaccine) दी गई, उनकी सेहत में सुधार देखने को मिला। वैक्सीन के माध्यम से इम्यून सिस्टम को कंट्रोल किया जाता है ताकि ट्यूमर को कंट्रोल किया जा सके। ट्यूमर प्रोग्रेसशन को कंट्रोल करने के लिए इम्यून सिस्टम में कंट्रोल नई कैंसर रिसर्च नहीं है।
कैंसर इम्यूनोथेरिपी (cancer immunotherapy) की हेल्प से मेलेनोमा, लिम्फोमा, गुर्दे, फेफड़े, यूरोटेलियल, सिर और गर्दन के ट्यूमर वाले पेशेंट के सर्वाइवल रेट में बढ़ावा देखने को मिला है। इम्यूनोथेरिपी प्रतिरक्षा प्रणाली को टारगेट करके कैंसर का अपरंपरागत रूप से ट्रीटमेंट करती है, न कि ट्यूमर का। फेफड़े का कैंसर घातक बीमारी है, जो विश्व स्तर में सबसे अधिक मृत्यु दर से जुड़ी हुई है। NSCLC फेफड़ों के कैंसर का सबसे आम हिस्टोलॉजिकल प्रकार है।ये कैंसर मेलेनोमा या रीनल सेल कार्सिनोमा जैसा क्लासिकल कैंसर नहीं है। CIMAvax-EGF वैक्सीन देने पर पेशेंट्स के इम्यून सिस्टम रिस्पॉन्स को रिकॉर्ड किया गया। एंटी-ईसीजी एंटीबॉडी ने ईजीएफ-ईजीएफआर बाइंडिंग को बाधित किया और EGFR एक्टीवेशन को भी निरस्त किया। फेज 3 की स्टडी में इस वैक्सीन के अच्छे नतीजे देखने को मिले।
और पढ़ें: लंग कैंसर क्या होता है, जानें किन वजहों से हो सकती है ये खतरनाक बीमारी
तो क्या लंग कैंसर वैक्सीन का लाभ लोगों को मिल रहा है?
जैसा कि हमने आपको पहले भी बताया कि लंग कैंसर वैक्सीन (Lung cancer vaccine) को लेकर अभी ट्रायल किए जा रहे हैं और इसके संबंध में अभी भी अधिक स्टडी की जरूरत है। ट्रायल के दौरान कैंसर पेशेंट इसमें हिस्सा लेते हैं, जिससे परिणाम जानने में सहायता मिलती है। लंग कैंसर वैक्सीन (Lung cancer vaccine) CimaVax-EGF नॉन स्मॉल सेल लंग कार्सिनोमा (non-small-cell lung carcinoma) के ट्रीटमेंट में फायदेमंद साबित हुई है। इसका इस्तेमाल सीमित है और कुछ ही देशों जैसे कि क्यूबा, कोलंबिया, बोस्निया और हर्जेगोविना, पेरू आदि में उपलब्ध है। अगर क्लीनिकल डाटा की बात की जाए, तो अभी ये पूरी तरह से उपलब्ध नहीं है। ऑनगोइंग क्लीनिकल स्टडीज के लिए कैंसर पेशेंट्स की उपलब्धता भी बड़ी चुनौती है। भविष्य में लंग कैंसर वैक्सीन (Lung cancer vaccine) का इस्तेमाल दुनिया भर में किया जा सकता है लेकिन अभी इस बारे में ठोस साक्ष्य नहीं मौजूद नहीं हैं।
अगर आपको लगता है कि आपको लंग कैंसर के लक्षण दिख रहे हैं, तो आपको सबसे पहले जांच करानी चाहिए और फिर डॉक्टर से ट्रीटमेंट के संबंध में बात करनी चाहिए। आप जितनी जल्दी लंग कैंसर का ट्रीटमेंट शुरू करते हैं, उतना ही आपके ठीक होने की संभावना बढ़ जाती है। कैंसर को लाइलाज छोड़ने पर मरने की संभावना बढ़ती जाती है। जानिए लंग कैंसर होने पर क्या लक्षण नजर आ सकते हैं।
लंग कैंसर के दौरान पेशेंट को सर्जरी, कीमोथेरिपी और रेडिएशन (Radiation) के माध्यम से ठीक करने की कोशिश की जाती है। ऐसे लंग कैंसर पेशेंट की संख्या अधिक है, जिनको एडवांस स्टेज में कैंसर के बारे में जानकारी मिलती है। साल 2015 में यू.एस. एफडीए ने लंग कैंसर के लिए इम्यूनोथेरिपी ( Immunotherapy ) को मंजूरी दी थी। क्लीनिकल स्टडीज के अंदर पेशेंट्स को इम्यूनोथेरिपी दी जा रही हैं। कैंसर इम्यूनोथेरेपी (Cancer immunotherapy), विशेष रूप से नॉन स्मॉल सेल लंग कैंसर के लिए वैक्सीन के अच्छे रिजल्ट सामने आएं हैं और स्टडी में भी ये बात कही गई है। लंग कैंसर की वैक्सीन उन पेशेंट के लिए अधिक लाभकारी है, जिनमें अर्ली स्टेज में लंग कैंसर डायग्नोज हुआ है। ये आने वाले समय में ही पता चल पाएगा कि एक बड़ी आबादी में लंग कैंसर वैक्सीन (Lung cancer vaccine) कैसा असर दिखा पाती है। आपको इस बारे में अधिक जानकारी के लिए लंग स्पेशलिस्ट से जानकारी लेनी चाहिए।
और पढ़ें: स्मॉल सेल लंग कैंसर क्या है? क्या हैं इसके कारण, लक्षण और उपचार?
जानिए लंग कैंसर के प्रकार (Types of lung cancer)
नॉन-स्मॉल सेल लंग कैंसर (Non-Small Cell Lung Cancer)
नॉन-स्मॉल सेल लंग कैंसर, लंग कैंसर का सबसे आम प्रकार है। ये कैंसर सभी फेफड़ों के कैंसर का लगभग 90% है। नॉन-स्मॉल सेल लंग कैंसर तेजी से नहीं बल्कि धीमे-धीमे फैलते हैं। ये आक्रामक नहीं होते हैं।
स्मॉल सेल लंग कैंसर (Small Cell Lung Cancer)
स्मॉल सेल लंग कैंसर को ओट सेल लंग कैंसर (oat cell lung cancer) भी कहा जाता है। ये सभी फेफड़ों के कैंसर का लगभग 10% है। कैंसर का यह प्रकार तेजी से फैलता है और आक्रामक होता है।
लंग कैंसर के क्या होते हैं लक्षण?
लंग कैंसर होने पर सीने में तेज दर्द के साथ खांसी की समस्या हो सकती है। वहीं सांस लेने में भी समस्या पैदा होती है। जानिए अन्य लक्षणों के बारे में।
- सांस लेने के दौरान समस्या
- लिम्फ नोड्स में सूजन
- भूख में कमी (Loss of appetite)
- आवाज में परिवर्तन
- निमोनिया (pneumoniae)
- खांसी आना (cough)
- सिरदर्द होना
- ब्रोंकाइटिस (Bronchitis)
- सीने में तेज दर्द
लंग कैंसर से बचने के लिए अपनाएं ये तरीके
लंग कैंसर क्यों होता है, इसका कारण स्पष्ट नहीं है लेकिन कुछ आदतें लंग कैंसर की संभावना को बढ़ा सकती हैं। यहां हम आपको उन बातों के बारे में बताएंगे, तो आपको लंग कैंसर के खतरे से बचाने में मदद कर सकती हैं।
- स्मोकिंग (smoking) शरीर को बहुत नुकसान पहुंचाती है। अगर आप स्मोकिंग करते हैं, तो लंग कैंसर की संभावना बढ़ जाती है। आपको स्मोकिंग छोड़नी की कोशिश करनी चाहिए।
- आपको हानिकारक कैमिकल से सुरक्षित रहना चाहिए क्योंकि ये लंग कैंसर (lung cancer) के खतरे को बढ़ाने का काम करते हैं। आप चाहे तो इससे बचने के लिए मास्क का इस्तेमाल भी कर सकते हैं।
- फेफड़ों के लिए रडॉन गैस हानिकारक होती है। अगर आप ऐसे स्थान में रहते हैं, जहां इस गैस का खतरा है, तो आपको इससे बचने की जरूरत है।
- अगर आपको लगातार खांसी या फिर चेस्ट पेन (Chest pain) हो रहा है, तो इसे इग्नोर बिल्कुल न करें। सही समय पर जांच आपको बड़ी बीमारी से बचा सकती है।
- आप अच्छी लाइफस्टाइल का चुनाव कर लंग कैंसर से बच सकते हैं। खाने में हेल्दी डायट के साथ ही रोजाना एक्सरसाइज बहुत जरूरी है।
अगर आप कुछ बातों का ध्यान रखेंगे, तो खुद को लंग कैंसर की समस्या से बचा सकते हैं। हेल्दी लाइफस्टाइल न केवल हेल्दी लंग के लिए जरूरी है बल्कि ये आपको फिट रखने में भी मदद कर सकती है। अगर समस्या महसूस हो, तो तुरंत डॉक्टर से जांच कराएं और फेफड़ों के कैंसर का ट्रीटमेंट कराएं। आप लंग कैंसर वैक्सीन (Lung cancer vaccine) के बारे में अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से संपर्क करें। हैलो हेल्थ किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार उपलब्ध नहीं कराता। स्वास्थ्य संबंधी अधिक जानकारी के लिए हैलो स्वास्थ्य की वेबसाइट विजिट कर सकते हैं। अगर आपके मन में कोई प्रश्न है, तो हैलो स्वास्थ्य के फेसबुक पेज में आप कमेंट बॉक्स में प्रश्न पूछ सकते हैं और अन्य लोगों के साथ साझा कर सकते हैं।