कोरोना वायरस चीन में फिर से कहर बरपाने के लिए आ चुका है। कोरोना के लक्षण में बहुत से बदलाव देखने को मिले हैं। कोरोना वायरस के लक्षणों के हिसाब से ही डॉक्टर्स अब तक इलाज करते आए हैं। लेकिन कुछ ही समय में कोरोना वायरस के लक्षणों में बदलाव के कारण डॉक्टर्स को परेशानी का सामना भी करना पड़ रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार चीन में कोरोना वायरस हुबेई प्रांत से वापस आ चुका है और अब तक कोरोना वायरस के नए लक्षण भी सामने आ रहे हैं। कोरोना वायरस से बचने के लिए कोरोना के लक्षण जानना बहुत जरूरी है। आप इस आर्टिकल के माध्यम से कोरोना वायरस के अब तक के विभिन्न लक्षणों के बारे में जानकारी ले सकते हैं। लेकिन सबसे दिलचस्प चीज ये है कि कोरोना के लक्षण अब छह प्रकार की बीमारियों के आधार पर बांटे गए हैं। आइए जानते हैं उन लक्षणों के बारे में :
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कोरोना के लक्षण (Corona Virus Symptoms): जानिए क्या है कोरोना के शुरुआती लक्षण ?
कोरोना वायरस मानव शरीर में पहुंच कर सबसे पहले फेफड़ों पर हमला बोलता है। इस वायरस के लक्षण नजर आने में पांच दिन लग सकते हैं। कुछ शोध में ये बात सामने आई है कि कुछ लोगों में इसके लक्षण देरी से नजर आ सकते हैं। फेफड़ों के संक्रमित होने पर इंसान को सबसे पहले बुखार और सूखी खांसी की शिकायत हो सकती है। इसके बाद सांस लेने में परेशानी हो सकती है। डब्लूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार, कोरोना पेशेंट्स में कोविड-19 के लक्षण नजर आने में 14 दिन तक का समय लग सकता है। वहीं बहुत सारे ऐसे मामले भी देखें गए हैं जिनमें कोई लक्षण नजर नहीं आए और वो लोग कोरोना से संक्रमित थे। कोरोना वायरस के 80 प्रतिशत मरीजों को पता भी नहीं चलता, वो कब संक्रमित हुए और कब ठीक हो गए
कोरोना के लक्षण और उसकी शुरुआत
कॉमन ह्युमन कोरोना वायरस व्यक्ति संक्रमित से स्वस्थ्य व्यक्ति में फैलता है। व्यक्ति में वायरस का इंफेक्शन होने पर अपर रेस्पिरेट्री ट्रेक्ट इलनेस की समस्या हो जाती है। ये समस्या धीमे-धीमे शुरू होकर बढ़ने लगती है। फिलहाल कुछ लोगों में कोरोना वायरस के शुरूआती लक्षण नहीं दिखाई दे रहे हैं, जिसे बहुत खतरनाक माना जा रहा है। कोविड-19 के लक्षण तेजी से बदल भी रहे हैं और साथ ही कुछ नए लक्षण भी सामने आ रहे हैं।कोरोना वायरस कुछ लोअर रेस्पिरेट्री ट्रेक्ट इलनेस के लक्षण भी दिखा सकता है जैसे कि निमोनिया (pneumonia) या ब्रोंकाइटिस ( bronchitis) की समस्या। जिन व्यक्तियों को कार्डियोपल्मोनरी रोग ( cardiopulmonary disease) या कमजोर इम्युन सिस्टम है, उन वयस्कों, बूढ़ों और बच्चों में ये वायरस आसानी से प्रवेश कर जाता है। वायरस इंफेक्शन के लक्षण सर्दी-जुखाम का एहसास दिला सकते हैं। जानिए क्या होते हैं कोरोना वायरस इंफेक्शन के शुरुआती लक्षण।
- नाक बहने की समस्या
- सिर में लगातार दर्द होना
- खांसी आना
- गले में खराश महसूस होना (sore throat)
- शरीर का ताप बढ़ जाना
- अस्वस्थ्य होने का सामान्य एहसास
- अस्थमा की समस्या
- खाने का स्वाद न पता लगना
- गंध का एहसास न होना
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जानिए क्या हैं कोरोना वायरस के नए लक्षण (Corona new Symptoms)
कोरोना के शुरुआती लक्षण के बाद दुनिया के कुछ हिस्सों में कोरोना के नए लक्षण भी नजर आए। माइल्ड कोल्ड की समस्या के बाद कुछ लोगों में स्वाद की क्षमता और सूंघने की क्षमता में भी बदलाव देखने को मिल रहा है। जर्मनी के एक्सपर्ट्स के अनुसार कोरोना से संक्रमित लोगों में सूंघने और स्वाद लेने की क्षमता कमजोर हो जाती है। कोरोना के नए लक्षण 66 प्रतिशत मरीजों में नजर आए हैं। दुनिया के विभिन्न देशों में कोरोना के नए लक्षणों के सामने आने की बात कही गई है। कोरोना के लक्षण मौसम के साथ परिवर्तित हो सकते है, ऐसा कुछ वैज्ञानिकों ने दावा किया है।
कोरोना के नए लक्षणों में डायरिया के लक्षण भी देखने को मिल रहे हैं। कोरोना के नए लक्षण के अंतर्गत 20 प्रतिशत मरीजों में डायरिया की शिकायत देखने को मिली है। कोरोना संक्रमित कई मरीजों ने शिकायत की है कि उन्हें न तो किसी खाने की महक महसूस हो रही है और न ही खाते समय स्वाद आ रहा है। यानी कोरोना के नए लक्षणों में सर्दी और जुकाम के लक्षण नहीं पाए गए बल्कि लोगों में स्वाद और सूंघने की क्षमता में परेशानी की बात सामने आ रही है। वहीं कुछ लोगों के शरीर में कोरोना संक्रमण के कारण रक्त के थक्के बनने की बात भी सामने आई है। वाकई ये वैज्ञानिकों को हैरान करने वाली बात है।
कोरोना वायरस के लक्षणों को छह प्रकार के रोगों में बांटा गया
लंदन के किंग्स कॉलेज के वैज्ञानिकों की टीम ने एक रिसर्च की और उसमें पाया कि उनके द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे कोविड-19 सिम्पटम ट्रैकर ऐप में छह प्रकार की बीमारियों को शामिल किया गया, जो एक तरह से कोरोना के लक्षण भी हैं। जो इस प्रकार है :
- बिना बुखार के फ्लू जैसे लक्षण
- बुखार के साथ फ्लू जैसे लक्षण
- सिरदर्द
- बुखार
- सूंघने की क्षमता में कमी
- खांसी
- सोर थ्रोट
- सीने में दर्द
- भूख में कमी
- गले में घरघराहट
- गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल
- सिरदर्द
- बुखार
- सूंघने की क्षमता में कमी
- सोर थ्रोट
- सीने में दर्द
- भूख में कमी
- डायरिया
- पहली गंभीर स्थिति है थकान
- सिरदर्द
- बुखार
- गले में घरघराहट
- सीने में दर्द
- भूख में कमी
- सूंघने की क्षमता में कमी
- थकान
- दूसरी गंभीर स्थिति है कन्फ्यूजन
- सिरदर्द
- बुखार
- गले में घरघराहट
- सीने में दर्द
- खांसी
- सोर थ्रोट
- मांसपेशियों में दर्द
- कन्फ्यूजन
- भूख में कमी
- सूंघने की क्षमता में कमी
- थकान
- तीसरी गंभीर स्थिति है पेट और सांस संबंधी समस्या
- सिरदर्द
- खांसी
- बुखार
- गले में घरघराहट
- सीने में दर्द
- सोर थ्रोट
- मांसपेशियों में दर्द
- कन्फ्यूजन
- भूख में कमी
- सूंघने की क्षमता में कमी
- थकान
- सांस लेने में परेशानी होना
- डायरिया
- पेट में दर्द
वैज्ञानिकों का कहना है कि गंभीर स्थितियों में (लक्षण 4, 5 और 6) मरीज को ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत पड़ती है।
कोरोना के लक्षण (Coronavirus symptoms) : क्यों खत्म हो रही है स्वाद लेने और सूंघने की क्षमता ?
फिलहाल इस बारे में इंसानों में शोध नहीं हुआ है, लेकिन जानवरों में शोध की जा चुकी है। इन्फ्लूएंजा और हर्पीस जैसे वायरस ओल्फैक्टरी नर्व सेल्स को संक्रमित करते हैं। जानवरों पर किए गए शोध के अनुसार, कोरोना वायरस तेजी से ओल्फैक्टरी नर्व में प्रवेश कर सकता है और फिर मस्तिष्क में लंबे समय तक रहता है। खाने की खुशबू का संदेश दिमाग तक पहुंचाने का काम ओल्फैक्टरी नर्व का होता है। नए कोरोना वायरस ओल्फैक्टरी नर्व पर कैसा असर करता है इस बारे में अभी कोई जानकारी नहीं है।
इस वजह से खत्म हो रही सूंघने की शक्ति
कोरोना वायरस पर की गई कुछ पुरानी स्टडी में यह बात सामने आई कि वायरस ओल्फैक्टरी नर्व सेल्स को डैमेज कर सकते हैं। लोगों की सूंघने की शक्ति कमजोर होने का मुख्य कारण ओल्फैक्टरी नर्व सेल्स का डैमेज होना है। यदि किसी इंसान की 20 से 30 प्रतिशत ओल्फैक्टरी नर्व सेल्स भी खराब हो जाती है तो उसकी सूंघने की शक्ति कमजोर हो जाती है। कोरोना के संक्रमण के कारण सूंघने की शक्ति कमजोर हो सकती है। वाकई में जिन लोगों में कोरोना वायरस के नए लक्षण पाएं जा रहे हैं, उनके लिए कोरोना की बीमारी को पहचान पाना बहुत मुश्किल हो चुका है। वहीं जिन लोगों में कोई भी लक्षण नजर नहीं आ रहे हैं, वो भी अधिक खतरनाक माने जा रहे हैं।
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कोविड-19 के लक्षण (COVID-19 symptoms) : डायजेस्टिव इश्यू
कोरोना वायरस के आपने शुरुआती लक्षण और कोरोना के नए लक्षण तो जान लिए है। अब जानिए कि किस तरह से कोरोना वायरस लोगों के पाचन तंत्र यानी डायजेस्टिव सिस्टम पर भी अपना असर दिखा रहा है। जी हां ! कोरोना वायरस के कारण कुछ लोगों में पेट की समस्या की बात भी सामने आई है। अमेरिकन जर्नल ऑफ गैस्ट्रोएंटरोलॉजी की ओर से की गई स्टडी में ये बात सामने आई कि वुहान में पॉजिटिव पाए गए कुल पेशेंट में से आधे पेशेंट में डायजेस्टिव सिस्टम में इश्यू भी पाए गए थे। मेडिकल कम्यूनिटी के लिए भी ये लक्षण नए थे।
क्या कहती है रिसर्च?
अमेरिकन जर्नल ऑफ गैस्ट्रोएंटरोलॉजी के को एडिटर इन चीफ कुछ स्टडी के बाद देखा कि कुछ पेशेंट में बुखार, मतली, दस्त सूजन और पेट दर्द की समस्या सामने आई है। जिन लोगों में ये लक्षण दिखाई दे रहे हैं वो लोग भी कोरोना वायरस से संक्रमित हो सकते हैं और ऐसे लोगों को अन्य व्यक्तियों से दूरी बनाना जरूरी है। वुहान मेडिकल ट्रीटमेंट एक्सपर्ट ग्रुप के डॉक्टर्स ने 204 पेशेंट को देखा। उनमे से 50 प्रतिशत मामलों में मरीज को भूख, दस्त, उल्टी, या पेट दर्द आदि की समस्या देखने को मिली। वहीं कुछ लोगों में डायजेस्टिव सिस्टम संबंधित लक्षण देखने को मिले, जबकि कुछ लोगों में सांस से जुड़े कोई भी लक्षण देखने को नहीं मिले। कोरोना से सावधानी ही इस बीमारी से बचाव का तरीका है। कोरोना वायरस वैक्सीन का ह्युमन ट्रायल कई देशों में शुरू हो चुका है। उम्मीद की जा रही है कि पॉजिटिव रिजल्ट जल्द आएं। वहीं कुछ लोगों को कोरोना के कारण दिमाग में भी असर महसूस हो रहा है।
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कोरोना वायरस के लक्षण : लिवर डैमेज की समस्या
कोविड-19 के लक्षणों में कुछ लोगों का इम्यून सिस्टम भी प्रभावित हो रहा है। कोरोना वायरस लोगों के इम्यून सिस्टम को कमजोर बनाने का काम कर रहा है। स्टडी के दौरान एक बात और सामने आई है कि कुछ रोगियों को ये जानकारी बिल्कुल नहीं थी कि उन्हें कोरोना वायरस का संक्रमण किस तरह से हुआ है। करीब 35 प्रतिशत लोग में पेट संबंधित समस्या भी पाई गई। समय के साथ समस्या अधिक बढ़ गई। वहीं, जिन लोगों में डायजेस्टिव इश्यू नहीं था, वो लोग लिवर डैमेज से भी पीड़ित थे। कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण लिवर पर अटैक इम्यून सिस्टम को प्रभावित करता है। कोरोना से लड़ने के लिए मजबूत इम्यून सिस्टम की जरूरत होती है।
कोविड-19 के लक्षण (Coronavirus symptoms) : सीने में दर्द की समस्या
न्यूयार्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक ऐसे मामलों की भी पुष्टि भी हुई है जहां जहां कोरोना के पेशेंट को सीने में दर्द की शिकायत हुई थी। न्यूयार्क में एक मामला सामने आया है, जिसमें 64 साल के एक रोगी ने दिल में दर्द की शिकायत बताई। डॉक्टरों ने जब अन्य चेकअप किया तो पेशेंट के ब्लड में ट्रोपोनिन नामक प्रोटीन का हाई लेवल पाया गया। इस कारण से हार्ट की मसल्स डैमेज हो जाती है।
कोविड-19 के लक्षण (COVID-19 symptoms) : त्वचा पर रैशेज होना
कई लोगों में कोरोना के शुरुआती दौर में स्किन पर रैशेज की पुष्टि हुई है। इसे लेकर स्पेनिश एकेडमी ऑफ डर्मेटोलॉजी ने 375 कोरोना संक्रमित लोगों पर स्टडी की। इस शोध में हिस्सा लेने वाले लोगों में पांच तरह के रैशेज होने की पुष्टि हुई है। पहती तरह के रैशेज में हाथों और पैरों की स्किन पर लाल दाने उभरते देखे गए हैं। इन दानों में खुजली भी होती है। कई लोगों में इन दानों का रंग लाल से बैंगनी देखा गया। ब्रिटिश जर्नल ऑफ डर्मेटोलॉजी की रिपोर्ट के अनुसार, कोरोना वायरस से संक्रमित 19% मरीजों में ये रैशेज होते हैं। ये रैशेज खासतौर पर कम उम्र के मरीजों में देखने को मिले हैं। दूसरे तरह के रैशेज में शरीर के पीछे की तरफ या फिर यौनांगों के आसपास छोटे छोटे दाने होते हैं। कई लोगों की हालत गंभीर होने पर इन दानों में खून भर आया। तीसरे तरह के रैशेज में सफेद और गुलाबी रंग के दाने हथेलियों पर नजर आते हैं। ये दाने 6 से 7 दिन में ठीक हो जाते हैं। चौथे तरह के रैशेज सबसे ज्यादा लोगों में देखने को मिले। इनमें त्वचा पर सूजन आ जाती है। इसके साथ ही चपटे आकार मे दाने होते है। ये काफी खुजली करते हैं। पांचवी तरह के रैशेज बहुत कम लोगों में दिखते हैं। ये रैशेज तब होते हैं जब रक्त वाहिकाओं में ऑक्सीजन का बहाव कम होने लगता है। ये उम्रदराज मरीजों में देखने को मिलते हैं।
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कोविड-19 के लक्षण : सावधानी और जानकारी रखना है जरूरी
कोविड-19 के अलग-अलग लक्षण के अनुसार ही लोगों को मेडिसिन दी जा रही है। दो प्रकार की कंडीशन के बारे में आपको जानकारी होना बहुत जरूरी है। प्रीसिम्टोमैटिक कंडीशन और एसिम्टोमैटिक कंडीशन के बारे में शायद आपने नहीं सुना होगा। प्रीसिम्टोमैटिक कंडीशन के दौरान जब किसी व्यक्ति को टेस्ट के दौरान किसी भी प्रकार के लक्षण नहीं दिखाई देते हैं, लेकिन कुछ दिनों के बाद कोरोना वायरस के लक्षण दिखाई देने लगते हैं। जबिक एसिम्टोमैटिक कंडीशन में व्यक्ति को कभी भी कोरोना वायरस के लक्षण नहीं दिखाई देते हैं। जो वैज्ञानिक कोरोना वायरस फैलने के कारण और काउंट केस की स्टडी कर रहे हैं, उनमे एसिम्टोमैटिक कंडीशन वाले व्यक्ति नहीं गिने जा सकते हैं क्योंकि वो किसी भी प्रकार के लक्षण प्रदर्शित नहीं करते हैं। ऐसे लोग अन्य लोगों को आसानी से संक्रमित कर सकते हैं।
खतरनाक हो सकती है स्थिति
जिस तेजी से कोरोना वायरस का संक्रमण लोगो को बीमारी कर रहा है, सभी के लिए सावधानी रखना बहुत जरूरी है। कोविड-19 के लक्षण देखकर ही कोई भी व्यक्ति टेस्ट के लिए जाता है। अब जबकि विभिन्न देशों से कोविड-19 के लक्षण के विभिन्न प्रकार बताए जा रहे हैं तो ऐसे में किसी भी व्यक्ति के लिए परेशान होना जायज है। कोरोना वायरस विभिन्न देशों में तेजी से फैल रहा है। हो सकता है कि आपको नए लक्षण न पता चले। फिर भी कोविड-19 के लक्षण अगर आपको पता होंगे तो आप तुरंत डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं। साथ ही कोरोना के लक्षण पर भी ध्यान दें। नाक का बहना (runny nose), सिरदर्द की समस्या, खांसी आना, गले में खराश महसूस होना (sore throat), बुखार महसूस होना, अस्वस्थ्य होने का सामान्य एहसास, अस्थमा की समस्या या सांस लेने में समस्या आदि। कोरोना वायरस आसानी से फैल जाता है तो इन बातों का ध्यान भी रखें,
- इंफेक्टेड व्यक्ति के मुंह को बिना ढके खांसने या छींकने से हवा में वायरस पहुंच जाता है।
- इंफेक्टेड व्यक्ति से हाथ मिलाने पर भी वायरस आसानी से फैल जाता है।
- संक्रमित जगह को छूने से भी वायरस फैल सकता है। नाक, आंख या मुंह का संपर्क करने भर से ही वायरस फैल जाता है।
- मल के संपर्क में आने पर भी कोरोना वायरस फैल सकता है, ऐसा कहा जा रहा है पर इसपर शोध जारी है।
अगर आपको कोविड-19 के लक्षण नजर आ रहे हैं और कई दिनों तक सुधार नजर नहीं आ रहा है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। जांच के बाद डॉक्टर के बताए नियमों का पालन करें। घर में सब्जियों और फलों को लाने के बाद साफ करें।
हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है। अगर आपको किसी भी तरह की समस्या हो तो आप अपने डॉक्टर से जरूर पूछ लें।
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