दवाओं का सेवन हम लोग अपने जीवन में कभी न कभी जरूर करते हैं। ड्रग्स एंड न्यूट्रिशनल सप्लिमेंट्स को सही तरह से लेने के बारे में कम ही लोगों को जानकारी होती है। आपको शायद पता न हो, लेकिन ड्रग्स एंड न्यूट्रिशनल सप्लिमेंट्स (Drugs and supplements) एक जैसे नहीं होते हैं। दोनों में अंतर होता है। अगर आपको ड्रग्स की जानकारी के साथ ही न्यूट्रिशनल सप्लिमेंट्स लेने की सही उम्र के बारे में जानकारी नहीं है, तो ये आर्टिकल आपके लिए बहुत फायदेमंद साबित हो सकता है। इन आर्टिकल के माध्यम से आपको ड्रग्स का मतलब, न्यूट्रीशनल सप्लिमेंट की जानकारी, ड्रग्स के सेवन की जानकारी और संबंधित सावधानी के बारे में बताया गया है। आइए जानते हैं ड्रग्स के बारे में।
ड्रग्स (Drug) क्या है?
जब भी आपको किसी प्रकार की बीमारी होती है, तो आप डॉक्टर के पास जाते हैं। डॉक्टर जांच के बाद आपको कुछ दवाएं लेने की सलाह देते हैं। दवाओं का सेवन करने से बीमारी से छुटकारा मिलता है। ड्रग्स बिना क्लीनिकल ट्रायल के पेशेंट को नहीं दी जाती है। ट्रायल के बाद ही डॉक्टर अपने पेशेंट को बीमारी के इलाज के लिए ड्रग्स लेने की सलाह देता है।
फॉर्मेकोलॉजी (pharmacology) के अनुसार, “ड्रग एक कैमिकल सब्सटेंस है जिसका उपयोग ट्रीटमेंट के दौरान, किसी बीमारी से बचाव के लिए, किसी डिजीज के डायग्नोसिस के दौरान किया जाता है।” वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के अनुसार, “ड्रग का उपयोग शारीरिक प्रणाली के संशोधन या फिर किसी रोग को दूर करने के लिए (modify the physiological systems or pathological states) किया जाता है”।
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न्यूट्रिशनल सप्लिमेंट्स (Nutritional supplements) क्या हैं?
खाना खाने से हमें न्यूट्रीशन यानी पोषण मिलता है। जब खाने से पर्याप्त पोषण नहीं मिल पाता है, तो न्यूट्रीशनल सप्लिमेंट का यूज किया जाता है। न्यूट्रिशनल सप्लिमेंट्स लेने से न्यूट्रीएंट्स भी एड हो जाते हैं। न्यूट्रिशनल सप्लिमेंट्स हेल्थ प्रॉब्लम रिस्क को कम करने का काम करते हैं।
इस बारे में दिल्ली के क्लीनिक्ल जनरल फिजिशियन डॉक्टर अशोक रामपाल का कहना है,” जब हमारे शरीर में जरूरी पोषक तत्वों की कमी होती है और वो खाने से पूरी नहीं हो पाती है, तब हमें इन सप्लिमेंट्स की आवश्यकता होती है। न्यूट्रिशनल सप्लिमेंट्स ओरली लिए जाते हैं। जिनमें सभी जरूरी मिनिरल्स, विटामिन, हाय फाइबर, अमीनो एसिड, हर्ब के साथ ही अन्य नैचुरल बायोलॉजिकल सब्सटेंस शामिल हो सकता है। न्यूट्रिशनल सप्लिमेंट्स को डायटरी सप्लिमेंट्स (dietary supplement) भी कहा जाता है। लेकिन इन सप्लिमेंट्स का सेवन हर किसी को ऐसे ही नहीं करना चाहिए। एक बार डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। यदि आपकी कोई हेल्थ कंडिशन पहले से ही है, तो यह आपके लिए हो सकता है कि सेफ न हो।”
न्यूट्रिशनल सप्लिमेंट्स विभिन्न शेप और वैराइटी में उपलब्ध हैं। न्यूट्रिशनल सप्लिमेंट्स कॉन्संट्रेट, एक्सट्रेक्ट्स, कैप्सूल, टैबलेट्स, लिक्विड और पाउडर के रूप में उपलब्ध हैं। हेल्दी फूड खाने से शरीर को सभी जरूरी न्यूट्रिएंट्स मिलते हैं। आपने भी महसूस किया होगा कि 30 साल की उम्र तक शरीर में पोषण की कमी कम ही देखने को मिलती है। एज या उम्र के बढ़ने के साथ ही शरीर में पोषण की कमी होने लगती है। वहीं जो लोग अपनी डायट को संतुलित रूप से नहीं लेते हैं, उनमें भी पोषण की कमी होने लगती है। यानी कुछ लोग डेली डायट के माध्यम से पर्याप्त मात्रा में विटामिन और मिनिरल्स प्राप्त नहीं कर पाते हैं। ऐसे में न्यूट्रिशनल सप्लिमेंट्स पोषण की कमी को पूरा करने का काम करते हैं। अगर पोषण की कमी के कारण आपको कोई समस्या उत्पन्न हो गई है, तो डॉक्टर ऐसे में कुछ महत्वपूर्ण सप्लिमेंट्स लेने की सलाह देते हैं। अगर आप कोई ड्रग का सेवन कर रहे हैं, तो डॉक्टर को इस बात से अवगत जरूर कराएं।
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ड्रग्स वर्सेज न्यूट्रिशनल सप्लिमेंट्स (Drug Vs Nutritional supplements)
ड्रग्स या मेडिकेशन संबंधित अहम जानकारी
एफडीए रिव्यू
यू. एस. एंड फूड ड्रग्स एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) मेडिकेशन इवेलुएशन का काम करता है। साथ ही पैकेजिंग और क्लिनिकल ट्रायल्स का काम भी करती है। एफडीए मैन्युफैक्चरिंग कंडीशन को देखता है।
इंग्रीडिएंट्स लेबल (Reliable Ingredient Labels)
दवाओं में ड्रग्स फैक्ट लेबल दिया होता है जिसमें इंग्रीडिएंट्स के बारे में जानकारी होती है। साथ ही एफडीए की कंफर्म क्वालिटी कंट्रोल एनालिसिस भी इसमे शामिल होती है।
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सेल से पहले सुरक्षित (Proven Safe Before Sale)
कोई भी ड्रग बिना रेगुलेशन या सेफ्टी मेजर को पास किए, मार्केट में नहीं बेचा जा सकता है। यानी उपभोक्ता तक पहुंचने से पहले दवा का मूल्यांकन किया जाता है। अगर दवा मूल्यांकन के दौरान ठीक नहीं पाई जाती है, तो इस मार्केट में नहीं भेजा जाता है।
न्यूट्रिशनल सप्लिमेंट्स
एफडीए का रिव्यू नहीं
न्यूट्रिशनल सप्लिमेंट्स या डायटरी सप्लिमेंट (dietary supplement) को एफडीए के एवेल्युशन प्रोसेस या टेस्टिंग प्रोसेस से होकर नहीं गुजरती है। ऐसा ज्यादातर सप्लीमेंट कंपनी में होता है। जबकि ड्रग्स के साथ ऐसा नहीं होता है। बाजार में बिकने से पहले ड्रग्स को एफडीए की मंजूरी चाहिए होती है।
इंग्रीडिएंट लेबल पर पूरी जानकारी नहीं
ड्रग्स के लेबल पर इंग्रीडिएंट की पूरी जानकारी होती है, लेकिन सप्लीमेंट के लेबल पर ऐसा नहीं होता है। सप्लीमेंट फैक्ट लेबल पर आधी जानकारी उपलब्ध हो सकती है।
हो सकते हैं असुरक्षित
सप्लीमेंट अक्सर लोग बिना डॉक्टर से सलाह किए लेते हैं, इसलिए कई बार इनके हानिकारक परिणाम भी देखने को मिल सकते हैं। अगर डॉक्टर आपको किसी प्रकार के सप्लिमेंट को लेने की सलाह देता है, तो ये आपके लिए सुरक्षित तरीका हो सकता है। अगर कोई भी व्यक्ति बिना किसी सलाह या जानकारी के दुकान से डायटरी सप्लीमेंट (dietary supplement) लेता है और उसका सेवन करता है, तो वो उसके लिए हानिकारक हो सकते हैं।
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ड्रग्स का सेवन कब जरूरी है?
किसी भी बीमारी के इलाज के लिए दवा का सेवन किया जाता है। अगर दवाओं का सेवन डॉक्टर की देख-रेख में किया जाए, तो शरीर में सकारात्मक प्रभाव दिखाई पड़ते हैं। समय पर दवाओं का सेवन करने से शरीर को बीमारी से राहत मिलती है। अगर कोई भी व्यक्ति बिना डॉक्टर की सलाह से लंबे समय तक ड्रग का सेवन करता है, तो उसके भयानक परिणाम देखने को मिल सकते हैं। बीमारियों के इलाज के लिए दवाओं का सेवन कई बार लोगों को मुसीबत में भी डाल सकता है। दवाओं का सेवन करने से बीमारी से छुटकारा मिलता है। कुछ लोगों के शरीर में दवाओं का दुष्प्रभाव यानी साइड इफेक्ट भी देखने को मिलता है। दवाओं को खाने का एक निश्चित समय हो सकता है। कई बार डॉक्टर खाली पेट दवा का सेवन करने की सलाह देते हैं, तो कई बार खाने के बाद दवाओं को लिया जाता है।
बीमारी के अनुसार ही दवाएं भी बदल जाती हैं। जब किसी व्यक्ति को बैक्टीरिया के कारण कोई रोग होता है, तो डॉक्टर एंटीबायोटिक डोज लेने की सलाह देते हैं। वहीं वायरस के कारण होने वाले इंफेक्शन को ठीक करने के लिए एंटीवायरल डोज दिया जाता है। शरीर की इम्युनिटी कमजोर होने पर व्यक्ति बीमारी हो जाता है। किसी भी डिजीज को खत्म करने के लिए दवाएं असरदार साबित होती है। दवाओं का अधिक मात्रा में सेवन कई बार जानलेवा भी साबित हो सकता है। कुछ लोगों को ड्रग्स के इस्तेमाल से एलर्जी की समस्या भी हो सकती है। ऐसे में डॉक्टर से जानकारी लेने के बाद ही ड्रग्स का सेवन करना चाहिए।
बिना डॉक्टर की सलाह के ड्रग्स लेने पर इन चेकलिस्ट को फॉलो करें
अगर आपको हल्की खांसी आ रही है या फिर हल्का बदन दर्द हो रहा है, तो ऐसी बीमारी के लिए ओवर द काउंटर दवाओं का उपयोग किया जा सकता है। शरीर में हल्की तकलीफ का एहसास होने पर अक्सर लोग डॉक्टर के पास नहीं जाते हैं। बल्कि ऐसे में बिना डॉक्टर की सलाह के ड्रग्स यानी दवा खरीदते हैं। इसे ओवर -द- काउंटर ड्रग्स कहा जाता है। भले ही आप बिना डॉक्टर की सलाह के दवा का सेवन करना चाहते हो, लेकिन आपको कुछ दवा खरीदते समय कुछ बातों पर ध्यान जरूर देना चाहिए।
- हल्की बीमारी होने पर ओवर-द-काउंटर दवाओं का उपयोग किया जा सकता है। इन दवाओं के उपयोग से पहले डॉक्टर की सलाह की जरूरत नहीं पड़ती है।
- आप घर पर ही कुछ दवाओं को रख सकते हैं जो जरूरत पड़ने पर आपके काम आ सकती हैं।
- ओवर-द-काउंटर दवा का उपयोग करने से पहले दवा के लेबल पर प्रिंटेड डायरेक्शन को जरूर पढ़ें।
- आपको इस बारे में जानकारी जरूर होनी चाहिए कि आप किस बीमारी में किस दवा का सेवन कर रहे हैं। आप चाहे, तो इंग्रीडिएंट्स को पढ़कर जानकारी ले सकते हैं।
- ड्रग्स एक निश्चित समय के बाद बेकार हो जाते हैं या फिर बीमारी पर अपना प्रभाव नहीं दिखाते हैं। ऐसे में आपको दवा को समय-समय पर रिप्लेस भी करना चाहिए। दवा की एक्सपायरी डेट जरूर चेक करें।
- घर में मेडिसिन को स्टोर करते समय भी आपको अधिक सावधानी रखने की आवश्यकता है। दवा को कभी भी खुले स्थान में न रखें।
- वैसे तो ओवर-द-काउंटर दवा का उपयोग करने से पहले डॉक्टर की सलाह नहीं ली जाती है लेकिन प्रेग्नेंट महिलाओं को किसी भी दवा के सेवन के पहले डॉक्टर से राय जरूर लेनी चाहिए।
- उम्र के साथ ही दवा का डोज बदल जाता है। छोटे बच्चों के लिए अलग दवाओं का उपयोग किया जाता है। ड्रग्स एज के अनुसार लिए जाते हैं। यानी बच्चों के लिए अलग दवा और बड़ों के लिए अलग।
अगर आप उपरोक्त दी गई बातों को ध्यान में रखेंगे, तो आपको ओवर-द-काउंटर दवा लेने के दौरान समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ेगा।
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- सिरदर्द, गठिया के कारण दर्द, मोच और अन्य माइनर प्रॉब्लम्स के लिए ओवर-द-काउंटर दवाएं ली जा सकती हैं।
- एसिटामिनोफेन (Acetaminophen) दवा का उपयोग दर्द से राहत पाने के लिए किया जाता है। ये ओवर-द-काउंटर ड्रग है। अधिक मात्रा में इस दवा का सेवन लिवर को नुकसान पहुंचा सकता है।
- बिना प्रिस्क्रिप्शन के नॉन स्टेरॉयडल एंटी-इंफ्लामेट्री ड्रग ( Nonsteroidal anti-inflammatory drugs)यानी NSAIDs का सेवन किया जा सकता है। कुछ दवाएं जैसे कि आइबूप्रोफेन (ibuprofen) और नेप्रोक्सेन (naproxen) आप मेडिकल स्टोर से खरीद सकते हैं।
- अगर आप नॉन स्टेरॉयडल एंटी-इंफ्लामेट्री ड्रग का अधिक सेवन करते हैं, तो ये आपके शरीर को नुकसान पहुंचाने का काम करती है। लंबे समय तक ऐसी दवाओं का सेवन नहीं करना चाहिए।
- फीवर होने पर अगर आप एसिटामिनोफेन (Acetaminophen ) और आइबूप्रोफेन (ibuprofen) ले रहे हैं, तो आपको कुछ घंटे के अंतराल पर ही इसका दोबार सेवन करना चाहिए।Acetaminophen को चार से छह घंटे में अंतराल पर लेना चाहिए।
- बच्चों को बुखार में एस्पिरिन देने की भूल न करें।
- कफ की समस्या होने पर गुआफेनेसिन (Guaifenesin) ली जा सकती है। ये म्युकस को ब्रेक करने का काम करती है।
- गले में खराश होने पर मेंथॉल की मीठी गोली यानी लॉजेंजेस ली जा सकती है।
किस उम्र से सप्लिमेंट्स का सेवन किया जा सकता है?
एज के बढ़ने के साथ ही शरीर बदलाव होने लगते हैं। शरीर में हो रहे बदलाव के अनुसार ही शरीर को पोषण चाहिए होता है। अब शरीर को सही समय पर पोषण न दिया जाए, तो वो कमजोर होने लगता है। नानावटी सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल की आहार और पोषण विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. उषाकिरन सिसोदिया के अनुसार, ‘ सप्लिमेंट का यूज क्लीनिकल कंडीशन और स्ट्रिक्ट क्लीनिकल मॉनीटरिंग पर डिपेंड करता है। जो बच्चे वजन बढ़ाना चाहते हैं या जिन्हें प्रोटीन, अमीनो एसिड आदि पोषण मां के दूध से नहीं मिल पाता है, वे सप्लिमेंट का यूज कर सकते हैं। कैंसर, अल्जाइमर या पार्किंसन्स से पीड़ित पेशेंट्स को भी हर रोज हाय कैलोरी (3000) और प्रोटीन (100 ग्राम) की आवश्यकता होती है। ट्रेडीशनल मील से इसकी पूर्ती नहीं की जा सकती है। ऐसे में सप्लिमेंट जीवनदायी साबित होते हैं। बिना जानकारी या क्लीनिकल असिस्टेंस के कारण सप्लिमेंट का यूज करने से आपको परेशानी हो सकती है। सप्लिमेंट का दुरुपयोग करने से किडनी फेलियर, जोड़ों में दर्द और हड्डियों की डेंसिटी में कमी और इरिटेबल बाउल सिंड्रोम की समस्या हो सकती है।’
20 साल की उम्र में – मिस हो सकते हैं न्यूट्रीएंट्स
अगर आप 20 साल के हैं, तो आप अपनी लाइफस्टाइल के कारण कई डायट में कई न्यूट्रीएंट्स को मिस कर देते होंगे। ऐसे में आपको मल्टीविटामिन लेने की जरूरत है। महिलाएं आयरन सप्लिमेंट्स के साथ ही विटामिन-सी की गोलियां ले सकती हैं। ये आयरन के अवशोषण में अहम भूमिका निभाता है। अगर महिलाएं कुछ समय बाद यानी एक साल बाद तक बेबी प्लानिंग के बारे में सोच रही हैं, तो फोलिक एसिड की गोलियां भी ली जा सकती हैं। साथ ही प्रोटीन सप्लीमेंट की शुरूआत 20 साल के बाद की जा सकती है लेकिन आपको इस बारे में अपने न्यूट्रीशनिस्ट से जरूर बात कर लेनी चाहिए।
30 साल की उम्र में – फर्टिलिटी अहम होती है
30 साल की उम्र में न्यूट्रिशनल सप्लिमेंट्स के रूप में विटामिन डी, विटामिन बी और प्रोबायोटिक्स लिए जा सकते हैं। इस उम्र में स्ट्रेस ग्लैंड को कंट्रोल करने के लिए सप्लीमेंट्स भी लिए जा सकते हैं। कुछ महिलाएं अधिक उम्र में कंसीव करती हैं। ऐसे में फोलेट सप्लिमेंट्स भी लेना जरूरी हो जाता है। डॉक्टर की सलाह से 400 से 600 माइक्रोग्राम फोलेट लिया जा सकता है।
40 साल की उम्र में – वेट को कम करना और हॉर्मोन को बैलेंस रखना
40 साल की उम्र में पहुंचने पर शरीर कम मात्रा में विटामिन B12 का अवशोषण करता है। ऐसा खासतौर पर शाकाहारी लोगों के साथ होता है। करीब 2.4 मिलीग्राम विटामिन B12 सप्लीमेंट का रोजाना सेवन किया जा सकता है। हेल्दी मेटाबॉलिज्म, हेल्दी नर्व और ब्लड के लिए विटामिन B12 बहुत जरूरी होता है।
50 साल की उम्र में – ब्रेन और हार्ट हेल्थ
50 साल की उम्र में हड्डियां कमजोर होना शुरू हो जाती है। इस कारण से कैल्शियम की अधिक आवश्यकता होती है। शरीर के एनर्जी लेवल को बढ़ाने के लिए इस उम्र में कैल्शियम के साथ ही कुछ मिनिरल्स और एक्सरसाइज आपकी समस्याओं को कम करने का काम कर सकते हैं। आप इस बारे में अपने न्यूट्रीशनिस्ट से जरूर बात करें।
60 साल की उम्र में – अच्छा स्वास्थ्य
60 साल की उम्र में शरीर में मैग्नीशियम, विटामिन K सप्लिमेंट्स जरूर लेने चाहिए। 320 मिलिग्राम मैग्नीशियम, 90 माइक्रोग्राम विटामिन K की मात्रा बोंस और हार्ट हेल्थ को बेहतर बनाने में मदद करेगी। साथ ही प्रोटीन सप्लीमेंट और विटामिन D को भी जरूर लेना चाहिए। ऐसा करने से कमजोरी हुई इम्यूनिटी को बढ़ाने में मदद मिलेगी और साथ ही शरीर को अन्य बीमारियों से लड़ने में मदद मिलेगी।
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आंखों की अच्छी रोशनी के लिए सप्लिमेंट्स
आंखों की अच्छी रोशनी के लिए विटामिन ए, विटामिन सी, विटामिन ई आदि सप्लिमेंट्स लेने चाहिए। शरीर में विटामिन ई की कमी से मोतियाबिंद का भी खतरा हो सकता है। जिंक पावरफुल एंटीऑक्सीडेंट होता है जो कि सेल को डैमेज होने से बचाने का काम करता है। आंखों की अच्छी रोशनी के लिए सप्लिमेंट के तौर पर जिंक को भी शामिल करना चाहिए। विटामिन B1 हेल्दी आंखों के लिए जरूरी होता है। आप डॉक्टर से परामर्श करने के बाद उपरोक्त दिए गए सप्लिमेंट्स का सेवन कर सकते हैं।
एनर्जी के लिए सप्लिमेंट्स का सेवन
एनर्जी के लिए मैग्नेशियम, विटामिन B6, विटामिन B2, आयरन, प्रोटीन सप्लिमेंट आदि को लिया जा सकता है। मैग्नेशियम शरीर की थकान को दूर करने का काम करता है। विटामिन B6 ब्रेन, नर्वस सिस्टम और इम्यून सिस्टम को हेल्दी रखने का काम करता है।
ओमेगा-3 फैटी एसिड
ओमेगा 3s सेल फंक्शन के साथ ही ब्रेन हेल्थ को ठीक रखने का काम करता है। थकान से छुटकारा पाने के लिए ओमेगा 3s सप्लिमेंट लिया जा सकता है।
हेयर फॉल के लिए सप्लिमेंट्स
बाल झड़ने की समस्या आम है। अगर बालों के झड़ने की समस्या आपको परेशान कर रही है, तो सप्लिमेंट्स के तौर पर आप बायोटिन ले सकते हैं। बायोटिन का उपयोग करने से हेयर, स्किन के साथ ही नेल्स की हेल्थ भी अच्छी रहती है। बायोटिन की कमी हो जाने पर शरीर में लाल निशान के साथ ही हेयर फॉल की समस्या शुरू हो जाती है। एक दिन में 100 एमसीजी बायोटिन सप्लिमेंट ली जा सकती है। बेहतर होगा कि आप अपनी समस्या के बारे में पहले डॉक्टर को बताएं और उसके बाद ही सप्लिमेंट का सेवन करें।
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ड्रग्स और सप्लिमेंट्स का सेवन क्या साथ में कर सकते हैं?
इस बारे में एफडीए के मेडिकल ऑफिसर रॉबर्ट मोजर्सकी की राय है कि ड्रग्स एंड न्यूट्रिशनल सप्लिमेंट्स (Drugs and supplements) या दवाएं और डायटरी सप्लिमेंट्स को एक साथ लेने पर साइड इफेक्ट दिखाई पड़ सकते हैं। कुछ न्यूट्रीशनल सप्लिमेंट्स मेटाबॉलिज्म को प्रभावित कर सकते हैं और साथ ही लिए जाने वाले ड्रग्स के प्रभाव को भी कम कर सकते हैं। हर्बल सप्लीमेंट के साथ ही एचआईवी / एड्स, हृदय रोग, डिप्रेशन, बर्थ कंट्रोल पिल्स आदि की दवाओं के साथ लेने पर ड्रग्स का प्रभाव कम हो जाता है। कई बार ये बहुत ही भयानक भी हो सकता है। आपको इस बारे में डॉक्टर से जानकारी जरूर लेनी चाहिए।
किन सप्लिमेंट्स कॉम्बिनेशन को एक साथ नहीं लिया जा सकता है?
कुछ दवाएं जैसे कि वारफेरिन (a prescription blood thinner) के साथ ही जिन्कगो बाइलोबा (an herbal supplement),एस्पिरिन और विटामिन E साथ लेने पर खून पतला हो सकता है। कुछ सप्लीमेंट्स और ड्रग्स का सेवन करने से इंटरनल ब्लीडिंग और स्ट्रोक का खतरा भी हो सकता है। बेहतर होगा कि जब भी डॉक्टर के पास जाएं, तो उन्हें बताएं कि आप पहले से किन दवाओं का सेवन कर रहे हैं।
ड्रग्स एंड न्यूट्रिशनल सप्लिमेंट्स लेते समय न करें ये गलतियां (Drugs and supplements)
- कुछ वेट लॉस सप्लीमेंट पूरी तरह से नैचुरल होने का दावा करते हैं लेकिन उनमें यूज किए गए इंग्रीडिएंट्स अन्य ड्रग के साथ रिएक्शन कर सकते हैं। ऐसे में बेहतर होगा कि सावधानी रखें और सप्लीमेंट्स और ड्रग का सेवन साथ न करें।
- बच्चों को डॉक्टर से पूछें बिना कभी भी दवाएं न दें। अगर बच्चा किसी प्रकार का सप्लिमेंट ले रहा है, तो इस बारे में डॉक्टर को जरूर बताएं।
- अगर आपकी किसी भी तरह की सर्जरी होने वाली है, तो डॉक्टर आपको न्यूट्रिशनल सप्लिमेंट्स न लेने की सलाह दे सकता है। ऐसे में सर्जरी के करीब दो से तीन हफ्ते पहले ही न्यूट्रिशनल सप्लिमेंट्स न लेने की सलाह दी जाती है।
- प्रेग्नेंसी या फिर ब्रेस्टफीडिंग के दौरान भी किसी प्रकार का सप्लिमेंट या फिर ड्रग्स लेने से पहले डॉक्टर से जरूर परामर्श करें। ये आपके बच्चे के साथ ही आपके स्वास्थ्य के लिए भी बहुत जरूरी है।
- दवाओं को बिना जांचे खाने की गलती कभी भी न करें।
- दवाओं को सुरक्षित रखना बहुत जरूरी है। अगर आप सही से दवाओं को नहीं रखेंगे, तो उनका प्रभाव भी कम हो सकता है।
- दवाओं को कैसे सुरक्षित रख सकते हैं ? इस संबंध में आपको दवा के लेबल से भी जानकारी मिल सकती है।
ड्रग्स एंड न्यूट्रिशनल सप्लिमेंट्स लेते समय क्यों जरूरी है डॉक्टर की सलाह? (Drugs and supplements)
अब आप जान ही गए होंगे कि ड्रग्स एंड न्यूट्रिशनल सप्लिमेंट्स शरीर के लिए कितने जरूरी होते हैं। अगर इन्हें सावधानी से न लिया जाए, तो ये शरीर को नुकसान भी पहुंता सकते हैं। आप ड्रग्स एंड न्यूट्रिशनल सप्लिमेंट्स (Drugs and supplements) का सेवन एक साथ भी कर सकते हैं लेकिन बिना डॉक्टर से परामर्श किए ऐसा बिल्कुल भी न करें। ड्रग्स कुछ सप्लिमेंट्स के साथ ही फूड, एल्कोहॉल के साथ भी रिएक्शन कर सकते हैं। बेहतर होगा कि आप इस बारे में डॉक्टर से जरूर पूछ लें कि आपको दवा के सेवन के साथ ही अन्य क्या सावधानियां बरतनी चाहिए ? ऐसा करने से आप दुष्प्रभाव से बच जाएंगे और साथ ही आपकी स्वास्थ्य समस्या भी ठीक हो जाएगी।
उपरोक्त दी गई जानकारी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। आप ड्रग्स एंड न्यूट्रिशनल सप्लिमेंट्स (Drugs and supplements) से संबंधित अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से संपर्क करें। आप स्वास्थ्य संबंधि अधिक जानकारी के लिए हैलो स्वास्थ्य की वेबसाइट विजिट कर सकते हैं। अगर आपके मन में कोई प्रश्न है, तो हैलो स्वास्थ्य के फेसबुक पेज में आप कमेंट बॉक्स में प्रश्न पूछ सकते हैं।
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