मौजूदा समय में डायबिटीज (Diabetes) गंभीर बीमारी बन उभर रही है। भारत में दिनों दिन इस बीमारी के मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है। डायबिटीज को मैनेज करना मौजूदा समय में काफी चुनौतीपूर्ण है। इसके लिए डायबिटीज के मरीज क्या खाते हैं उसपर खास ध्यान देना होता है। यदि डायबिटीज का मरीज इंसुलिन लेता है तो उस स्थिति में उसे अपने पेट के निचले हिस्से में, जांघ और हाथों में दिन में कई बार इंसुलिन के शॉट्स लेने होते हैं। लेकिन यह तकनीक का ही कमाल है कि आज के समय हमारे पास कुछ डायबिटीज पैचेस (Diabetes patches) हैं, जिससे इस स्थिति में जीना आसान हो गया है।
लेकिन वर्तमान में मौजूद सभी डायबिटीज पैचेस सही नहीं है। क्योंकि यह पैचेस हमारे स्किन से इंसुलिन के शॉट देते हैं। वहीं इसके लिए जो सेंसर आपने पहना होता है उसके सेंसर पर भरोसा करना होता है, क्योंकि वो शरीर में ब्लड ग्लूकोज लेवल के अनुसार खुराक देते हैं। यह डायबिटीज पैचेस कोई फेंसी स्टीकर नहीं है। बल्कि डायबिटीज मैनेजमेंट सिस्टम का हिस्सा है, ये फूड एंड ड्रग्स एडमिनिस्ट्रेशन सिस्टम (एफडीए) से मान्यता प्राप्त हैं और इंसानों पर इसका सुरक्षित परीक्षण भी किया जा चुका है।
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ऑनलाइन बिक्री होने के साथ बाजार में आसानी से मिलता है डायबिटीज पैचेस (Diabetes patches)
मौजूदा समय में डायबिटीज पैचेस ऑनलाइन उपलब्ध होने के साथ कई दवा दुकानों में यह उपलब्ध है। डायबिटीज पैचेस बेचने वाले कई दावा करते हैं कि यह डायबिटीज के लक्षणों का इलाज करने के साथ हर्ब को स्किन में डालते हैं। लेकिन ऐसे डायबिटीज पैचेस के नतीजों के सबूत नहीं है, वहीं इसपर काफी कम शोध हुए हैं। इसलिए जरूरी है कि बिना डॉक्टरी सलाह के डायबिटीज पैचेस को नहीं खरीदना चाहिए।
भारत की मेडिकल दुकानों के साथ ऑनलाइन यह प्रोडक्ट उपलब्ध है। लेकिन सबसे अहम यह है कि इसे खरीदने के पहले कंपनी का नाम, जहां से आप खरीद रहे हैं साइट का नाम और उसकी विश्वसनियता को ध्यान में रखकर खरीदें। लोगों को हर्बल पैचेस पर निर्भर नहीं रहना चाहिए, इसको लेकर हमेशा डॉक्टरी सलाह लेने के बाद और उनसे परामर्श हासिल करने के बाद ही खरीदारी करनी चाहिए।
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उन्नत इंसुलिन पैचेस (Diabetes patches) का इस्तेमाल कर डायबिटीज के दर्दभरे इंजेक्शन से कर सकते हैं बचाव
डायबिटीज के डॉक्टरों और बायोमेडिकल इंजीनियरों ने मिलकर ब्लड शुगर लेवल की जांच के लिए तकनीक विकसित की है, जिसके तहत इंसुलिन पैचेस का इस्तेमाल कर डायबिटीज से छुटकारा पाने के लिए दर्द भरे इंजेक्शन को बार बार लगाने से बचा जा सकता है। इसलिए लिए आपको डॉक्टरी सलाह की जरूरत होती है।
इंसुलिन पैच का काम (Diabetes patches Uses)
इंसुलिन पैच का काम यही होता है कि बिना दर्द के इंसुलिन शरीर में जा सके। इस तकनीक के विकास को लेकर शोधकर्ता शोध कर रहे हैं। यह ठीक निकोटीन पैचेस और मसल्स रिलीफ पैचेस की तरह होते हैं। इंसुलिन पैचेस में तय इंसुलिन की मात्रा डाली जाती है। जो तय समय में मरीज की रक्तकोशिकाओं में पहुंच जाती है।
डायबिटीज पैसेच और उसके प्रकार (Diabetes patches Types)
मौजूदा समय में डायबिटीज पैसेज कई अलग-अलग तरीकों से काम करते हैं, वहीं तकनीक और इस्तेमाल को लेकर इनकी खासियत भी अलग अलग है। इसके कुछ उदाहरण के लिए पढ़ें,
- इंसुलिन पैच पंप : डायबिटीज पैचेस के अंतर्गत ही इंसुलिन पैच पंप भी आता है। इस सिस्टम में एक छोटा कार्टेज होता है, जिसमें फास्ट एक्टिंग इंसुलिन को डाला जा सकता है। एक बार यदि इंसुलिन डाल दें तो एक से दो दिन चलता है। लेकिन नियमित तौर पर इसके लेवल को देखना जरूरी होता है। यह पैच हमारे शरीर की स्किन पर चिपक जाते हैं, उसमें छोटा निडल होता है, उसके द्वारा इंसुलिन हमारी रक्तकोशिकाओं से होते हुए शरीर के विभिन्न अंगों में जाता है। शोध से यह पता चला है कि जो व्यक्ति इसका इस्तेमाल करते हैं उन्हें सामान्य इंसुलिन शॉट लेने वालों की तुलना में कम इंसुलिन डोज लेना होता है। ऐसे में आप चाहे तो इसका इस्तेमाल डॉक्टरी सलाह लेने के बाद कर सकते हैं।
- हर्बल ओवर द काउंटर (ओटीसी) पैचेस : मार्केट में उपलब्धता और ज्यादा बिक्री होने का यह अर्थ नहीं है कि वह प्रोडक्ट इफेक्टिव ही हो। डायबिटीज पैचेस के मामले में भी ऐसा ही है। मार्केट में कई डायबिटीज पैचेस हैं जो एफडीए की ओर से मान्यता प्राप्त नहीं है उनकी खुलेआम बिक्री हो रही है। संभव है कि आपकी बीमारी कहीं और ज्यादा न बिगड़ जाए। इसका अर्थ यह हुआ कि यह उपकरण एफडीए की टेस्टिंग प्रोसेस से नहीं गुजरे हैं। वहीं अब तक इस प्रकार के हर्बल पैचेस पर पर्याप्त शोध भी नहीं हुए हैं। जरूरी है कि डॉक्टर से बिना पूछे ऐसे प्रोडक्ट का इस्तेमाल कतई नहीं करना चाहिए।
- डायबिटीज के लिए चायनीज हर्बल मेडिसिन : चीन में चायनीज हर्बल मेडिसिन का इस्तेमाल डायबिटीज व इससे ग्रसित मरीजों का इलाज करने के लिए होता है। यहां मिलने वाले डायबिटीज पैचेस में पारंपरिक चायनीज मेडिसिनल हर्ब एक है। मौजूदा समय में इसपर डॉक्टरों व रिसर्चर द्वारा उतने शोध नहीं किए गए हैं। लेकिन रिव्यू के अनुसार यह बात सामने आई है कि हर्ब के इफेक्ट के कारण न्यूरोपैथी की समस्या हो सकती है। ऐसे में बिना डॉक्टरी सलाह के चायनीज हर्बल मेडिसिन का इस्तेमाल करना आपकी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। शोधकर्ताओं ने करीब 38 अलग अलग चायनीज हर्बल रेमिडीज पर शोध किया, जिसमें डायबिटीज से संबंधित न्यूरोपैथी में कुछ खास नतीजे नहीं मिले। शोधर्ताओं ने यह भी पाया कि इन प्रोडक्ट का इस्तेमाल करने से मेडिकल समस्या भी ठीक नहीं होती हैं।
- कंटीन्यूअस ग्लूकोज मॉनिटरिंग सिस्टम : डायबिटीज पैचेस के इस सिस्टम के तहत सेंसर हमारे स्किन में चिपक जाता है। यह सेंसर बड़े काम की चीज है, समय समय पर हमारे शरीर से डाटा लेकर हमें जरूरी जानकारी देते रहते हैं। कुछ केस में स्मार्टफोन से स्कैन की आवश्यकता पड़ती है। इस तकनीक में लगाए गए सेंसर हमें ब्लड शुगर, हमारी रोजमर्रा के पैटर्न की जानकारी देते रहते हैं। लेकिन यह दवा नहीं देता है। इसका इस्तेमाल करने के लिए मरीज को डॉक्टरी सलाह की जरूरत होती है। ऐसे में हम सेंसर के अनुसार लिए डाटा के अनुसार दवा की खुराक ले सकते हैं।
- एक्सपेरिमेंटल इंसुलिन पैचेस : शोधकर्ता अभी इस विषय पर रिसर्च कर रहे हैं कि कैसे बिना स्किन टच किए ही इंसुलिन का डोज मरीज को दिया जा सके। वर्तमान में शोधकर्ता जानवरों पर शोध कर रहे हैं, लेकिन इसको लेकर इंसानों पर शोध किया जाना बाकी है।
इस विषय पर अधिक जानकारी के लिए डाक्टरी सलाह लें। हैलो हेल्थ ग्रुप चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार प्रदान नहीं करता है।
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कोई भी स्किन पैचेस डायबिटीज (Diabetes) का इलाज नहीं करते
मौजूदा समय में कोई भी ऐसा पैचेस नहीं है, चाहे वो डॉक्टर ने सुझाया है या फिर बिना डॉक्टर के सुझाव के, यह साबित नहीं करता कि आपके उसे स्किन पर लगाते ही आपका डायबिटीज कंट्रोल हो जाए। पैचेस जो इस बीमारी को मैनेज करने में मदद करते हैं वो इस मेडिकल डिवाइस सिस्टम के अंतर्गत आते हैं। इसलिए हमेशा डॉक्टरों की ही सुनें, उनके कहे अनुसार ही इस प्रकार के उपकरणों का इस्तेमाल करें। मौजूदा समय में कई मेडिकेटेड हमें अन्य स्वास्थ्य संबंधी परेशानी से निजात दिलाने में मदद करते हैं। उदाहरण के तौर पर इन डिसऑर्डर में यह पैचेस कारगर साबित होते हैं।
- क्लोनिडीन (Clonidine) : क्लोनीडीन हाई ब्लड प्रेशर के ट्रांसडर्मल पैच के रूप में उपलब्ध होता है। टाइप 2 डायबिटीज की बीमारी से ग्रसित लोगों में हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत होती है।
- ऑक्सिब्यूटीनिन (Oxybutynin) : -ऑक्सिब्यूटीनिन एक प्रकार की दवा है, इसका इस्तेमाल ओवर एक्टिव ब्लैडर के लिए किया जाता है। महिलाओं के लिए ओटीसी स्किन पैच के रूप में उपलब्ध है, वहीं पुरुषों के स्किन पैच के लिए डॉक्टरी सलाह की आवश्यकता होती है। इस बीमारी से ग्रसित कुछ लोगों में नर्व डैमेज होने के कारण ब्लैडर संबंधी दिक्कत हो सकती है।
- कोरोनरी आर्टरी डिजीज के कारण ट्रांसडर्मल नाइट्रोग्लिसरीन हमें सीने में दर्द (एनजाइना) से निजात दिलाने में मदद करता है। डायबिटीज के कारण एनजाइना होने की संभावनाएं होती है।
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डायबिटीज (Diabetes) के इलाज को लेकर नैचुरल ट्रीटमेंट पर ध्यान देने योग्य बातें
दुनियाभर में कई लोग हैं जो डायबिटीज के इलाज को लेकर पारंपरिक मेडिसिन को लेकर उतने खुश नहीं हैं। क्योंकि कई बार यह उतने इफेक्टिव नहीं होते, जितना व्यक्ति अनुमान लगाता है। वहीं कई मामलों में इसके साइड इफेक्ट्स भी देखने को मिलते हैं। वहीं डायबिटीज पैचेस के साथ डायबिटीज की दवाइयां इतनी महंगी होती हैं कि आप दूसरे विकल्पों की तलाश करते हैं। कुछ शोध यह भी बताते हैं कि बीते वर्षों में इंसुलिन की कीमत में काफी इजाफा हुआ है। यदि आप पारंपरिक दवाइयों के कॉस्ट में कमी करना चाहते हैं तो आपको डॉक्टरी सलाह की जरूरत पड़ती है। ताकि डॉक्टरी सलाह लेकर आप अच्छे तरीके से बीमारी को मैनेज कर पाएं। वहीं अपने वजन में कमी, हेल्दी खाना, हार्ट के लिए रेगुलर एक्सरसाइज को लेकर भी सलाह लें। सेहत को लेकर आप कड़ी मेहनत करें ताकि आपका ब्लड शुगर लेवल नॉर्मल हो जाए और आप सीरियस दुष्परिणामों से बच सकें।
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