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Exercise induced urinary incontinence: डायबिटीज के रोगियों में कितनी सामान्य है एक्सरसाइज इंड्यूज यूरिनरी इंकॉन्टीनेंस की समस्या?

Exercise induced urinary incontinence: डायबिटीज के रोगियों में कितनी सामान्य है एक्सरसाइज इंड्यूज यूरिनरी इंकॉन्टीनेंस की समस्या?

जब बात एक्सरसाइज की आती है, तो हम सब प्लान करते हैं ताकि हमारा वर्कआउट सही से हो। हम अपना शेड्यूल प्लान करते हैं, रूटीन प्लान करते हैं। इसके साथ ही हम इस दौरान पहनने वाले ऑउटफिट की भी प्लानिंग कर लेते हैं। लेकिन, इस दौरान हम जिस चीज को प्लान नहीं करते वो है ब्लैडर का लीक होना। एक्सरसाइज करते हुए यूरिन लीकेज परेशानी और शर्मिंदगी का कारण बन सकता है। आपको यह सुनने में थोड़ा अजीब लग सकता है। लेकिन, डायबिटीज से पीड़ित कई लोग एक्सरसाइज इंड्यूज यूरिनरी इंकॉन्टीनेंस (Exercise induced urinary incontinence) का सामना करते हैं। डायबिटीज के रोगियों में एक्सरसाइज इंड्यूज यूरिनरी इंकॉन्टीनेंस (Exercise induced urinary incontinence) से पहले जान लेते हैं कि यूरिनरी इंकॉन्टीनेंस (Urinary incontinence) किस समस्या को कहा जाता है?

यूरिनरी इंकॉन्टीनेंस (Urinary incontinence) क्या है?

यूरिन किडनी द्वारा बनाया और ब्लैडर में स्टोर किया जाता है। जब हमें मूत्र त्याग की इच्छा होती है, तो ब्लैडर की मसल्स टाइट हो जाती हैं। इन मसल्स के टाइट होने से यूरिन को मूत्रमार्ग में माध्यम से ब्लैडर के बाहर निकलता है। इसी समय, मूत्रमार्ग के आसपास की स्फिंक्टर, मसल्स को शरीर से मूत्र को बाहर निकालने के लिए रिलैक्स करती हैं। यूरिनरी और ब्लैडर इंकॉन्टीनेंस की समस्या तब होती है, जब रोगी यूरिन को अपने मूत्रमार्ग से बाहर निकलने से रोक नहीं पाता है। अब बात की जाए मूत्रमार्ग की, तो यह एक ट्यूब है, जो यूरिन को कैरी करके ब्लैडर से शरीर में बाहर निकालती है।

यह परेशानी कभी कभी हो सकती है या ऐसा भी हो सकता है कि आप हमेशा यूरिन को होल्ड करने में सक्षम न हों। इंकॉन्टीनेंस तब होता है, जब ब्लैडर मसल्स एकदम टाइट हो जाती हैं। उसके कारण अचानक, पेशाब करने की तीव्र इच्छा होती है, जिसे आप नियंत्रित नहीं कर पाते हैं। यूरिनरी इंकॉन्टीनेंस (Urinary incontinence) के तीन प्रकार के होते हैं। डायबिटीज के रोगियों में एक्सरसाइज इंड्यूज यूरिनरी इंकॉन्टीनेंस (Exercise induced urinary incontinence) से पहले इन प्रकारों के बारे में जान लेते हैं:

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स्ट्रेस इंकॉन्टीनेंस (Stress incontinence)

यह समस्या कुछ एक्टिविटीज के दौरान होती है जैसे खांसना, हंसना या एक्सरसाइज करना। आज हम इसी प्रकार में से एक एक्सरसाइज इंड्यूज यूरिनरी इंकॉन्टीनेंस (Exercise induced urinary incontinence) के बारे में बात करने वाले हैं।

अर्ज इंकॉन्टीनेंस (Urge incontinence)

यह इंकॉन्टीनेंस स्ट्रांग और अचानक पेशाब करने की आवश्यकता के परिणामस्वरूप होती है। इस दौरान मूत्राशय स्क्वीज हो जाता है और रोगी न चाहते हुए भी मूत्र त्याग देता है। इसमें रोगी के पास मूत्र त्याग करने की आवश्यकता महसूस होने के बाद बाथरूम जाने तक का पर्याप्त समय नहीं होता।

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ओवरफ्लो इंकॉन्टीनेंस (Overflow incontinence)

ओवरफ्लो इंकॉन्टीनेंस की समस्या तब होती है, जब ब्लैडर एम्प्टी होता है और यूरिन का वॉल्यूम कपैसिटी से अधिक होता है। इससे ड्रिब्लिंग (Dribbling) की समस्या हो सकती है।

मिक्स्ड इंकॉन्टीनेंस (Mixed incontinence)

मिक्स्ड इंकॉन्टीनेंस का रोग तब होता है, जब रोगी को स्ट्रेस और अर्ज यूरिनरी इंकॉन्टीनेंस (Urge Urinary incontinence) दोनों परेशानियां होती हैं। अब जानते हैं एक्सरसाइज इंड्यूज यूरिनरी इंकॉन्टीनेंस (Exercise induced urinary incontinence) के बारे में।

एक्सरसाइज इंड्यूज यूरिनरी इंकॉन्टीनेंस,Exercise induced urinary incontinence

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एक्सरसाइज इंड्यूज यूरिनरी इंकॉन्टीनेंस (Exercise induced urinary incontinence)

जैसा कि पहले ही बताया गया है कि एक्सरसाइज इंड्यूज यूरिनरी इंकॉन्टीनेंस (Exercise induced urinary incontinence) की समस्या महिलाओं को अधिक होती है। खासकर उन महिलाओं में जिनके बच्चे हुए हैं। तो क्या बच्चे के जन्म के दौरान उनके पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियों में आई कमजोरी इंकॉन्टीनेंस का कारण बनती है क्योंकि, वे हाय इंपैक्ट एक्सरसाइज का अपोज करने के लिए बहुत कमजोर होती हैं? या क्या हाय इंटेंसिटी एक्सरसाइज के दौरान पड़ने वाला प्रभाव, समय के साथ पेल्विक फ्लोर को कमजोर कर देता है? रनिंग और स्पोर्ट्स जैसी एक्टिविटीज जो जंपिंग और लैंडिंग से जुडी हुई हैं, उनसे पेल्विक फ्लोर मसल्स (Pelvic floor muscles) में प्रेशर बढ़ता है और इंकॉन्टीनेंस के चान्सेस भी बढ़ते हैं। खासतौर, पर अगर कोफाउंडिंग फैक्टर्स जैसे वीक कोर मसल्स और बैक पैन की हिस्ट्री आदि हों।

हैवी लिफ्टिंग से भी समस्याएं बढ़ सकती हैं अगर वेट ट्रेनिंग अनुचित तरीके से सांस रोककर किया जाता है, जिससे पेट के दबाव में वृद्धि होती है और इसलिए पेल्विक फ्लोर मसल्स (Pelvic floor muscles) पर दबाव पड़ता है। जिससे यह समस्या हो सकती है। पेल्विक फ्लोर मसल्स (Pelvic floor muscles) ब्लैडर सहित पेल्विक और एब्डोमिनल कंटेंट को सपोर्ट देने के लिए इम्पेक्ट के ऑपोजीशन में काम करती हैं। यानी, अगर पेल्विक फ्लड मसल्स एक्सरसाइज जैसी गतिविधियों के इम्पेक्ट फोर्सेज के ओपोज में बहुत वीक हैं, तो इन फोर्सेज का सामना करने में असमर्थता के कारण यूरिन लीक हो सकता है।

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आसान शब्दों में कहा जाए तो यह एक पानी के गुब्बारे को स्क्वीज करने जैसा है, जहां ओपनिंग इतनी मजबूत नहीं होती, कि गुब्बारे को लीक होने से बचाया जा सके। यदि गुब्बारे पर दबाव अधिक है, तो आपको इसकी ओपनिंग को मजबूत करने की आवश्यकता है। ऐसे ही अगर आप डायबिटीज में एक्सरसाइज इंड्यूज यूरिनरी इंकॉन्टीनेंस (Exercise induced urinary incontinence) की समस्या को लेकर परेशान हैं, तो आपको अपनी पैल्विक फ्लोर मसल्स को मजबूत करने पर विचार करना चाहिए। जिसके लिए पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज को बेहतरीन माना गया है। आइए जानें डायबिटीज और एक्सरसाइज इंड्यूज यूरिनरी इंकॉन्टीनेंस के बीच के लिंक के बारे में।

डायबिटीज (Diabetes) और एक्सरसाइज इंड्यूज यूरिनरी इंकॉन्टीनेंस (Exercise induced urinary incontinence) में क्या है लिंक?

समय के साथ डायबिटीज कई अन्य समस्याओं का कारण बन सकती है। ऐसा ही कुछ यूरिनरी इंकॉन्टीनेंस और एक्सरसाइज इंड्यूज यूरिनरी इंकॉन्टीनेंस के मामले में भी है। डायबिटीज और एक्सरसाइज इंड्यूज यूरिनरी इंकॉन्टीनेंस (Exercise induced urinary incontinence) के बीच के लिंक के बारे में सही जानकारी नहीं है। किंतु, चार पॉसिबल तरीके हैं, जिनके कारण डायबिटीज इस समस्या का कारण बन सकती है, जैसे:

  • मोटापा, जिसके कारण ब्लैडर पर प्रेशर पड़ता है।
  • नर्व डैमेज जिसके कारण वो नर्वज प्रभावित होती हैं, जो बॉवेल और ब्लैडर को कंट्रोल करती हैं
  • इम्यून सिस्टम का कमजोर होना, जिससे यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन का जोखिम बढ़ता है और जिससे यूरिनरी इंकॉन्टीनेंस की समस्या हो सकती है।
  • डायबिटीज मेडिकेशन, जो डायरिया का कारण बनती है। यही नहीं, डायबिटीज के साथ ही लोगों में ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है। जिसके कारण रोगी में प्यास बढ़ती है। इसके कारण भी लगातार मूत्र त्याग की समस्या हो सकती है।

यही नहीं, अन्य कुछ फैक्टर भी इस समस्या की वजह बन सकते हैं, जैसे

  • महिलाओं में पुरुषों की तुलना में यह समस्या अधिक होती है।
  • चाइल्डबर्थ
  • उम्र का बढ़ना
  • कुछ हेल्थ कंडिशंस जैसे प्रोस्टेट कैंसर
  • यूरिनरी ट्रैक्ट में ऑब्स्ट्रक्शन
  • यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शंस

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एक्सरसाइज इंड्यूज यूरिनरी इंकॉन्टीनेंस (Urinary incontinence) प्रॉब्लम से कैसे बचा जा सकता है?

एक्सरसाइज इंड्यूज यूरिनरी इंकॉन्टीनेंस (Urinary incontinence) की समस्या से बचने के लिए आपको सिंपल और कुछ खास एक्सरसाइजेज करनी चाहिए, जो पेल्विक फ्लोर को टारगेट कर सकें। इसके लिए आपको शुरुआत में कंसंट्रेशन की जरूरत होगी खासतौर पर अगर यह मसल्स वीक हैं और इन्हें सही से करना भी जरूरी है। व्यायाम जो कोर मसल्स पर काम करते हैं, वो भी बेहद महत्वपूर्ण हैं क्योंको पेल्विक फ्लोर मसल्स (Pelvic floor muscles) पेट के साथ काम करती हैं और डायाफ्राम इस एरिया को सपोर्ट करता है। इस तरह की एक्सरसाइज में पिलाटे शामिल हैं। इसके साथ ही कुछ अन्य तरीके भी आपके लिए लाभदायक साबित हो सकते हैं, जैसे

  • रोजाना कीगल एक्सरसाइज की प्रेक्टिस करें, खासतौर पर प्रेग्नेंसी में और डॉक्टर की सलाह के बाद।
  • अपने वजन को सही और संतुलित बनाए रखें, अगर आपका वजन अधिक है, तो उसे कम करने के बारे में सोचें।
  • कब्ज से बचने के लिए फाइबर युक्त आहार का सेवन करें।

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यह तो थी जानकारी डायबिटीज में एक्सरसाइज इंड्यूज यूरिनरी इंकॉन्टीनेंस (Exercise induced urinary incontinence) के बारे में। अगर आपको यह समस्या है, तो न तो शर्मिंदा हों, न ही शर्माएं। तुरंत मेडिकल हेल्प लें, ताकि इस समस्या का जल्दी उपचार हो सके। डॉक्टर इसके लिए आमतौर पर व्यायाम की सलाह देते हैं। अगर आपके मन में इस परेशानी को लेकर कोई भी सवाल है तो तुरंत अपने डॉक्टर से बात करें। आप हमारे फेसबुक पेज पर भी अपने सवालों को पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।

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डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

Urinary Incontinence. https://my.clevelandclinic.org/health/diseases/17596-urinary-incontinence .Accessed on 9/3/22

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 urinary incontinence. https://medlineplus.gov/ency/article/003142.htm

.Accessed on 9/3/22

Current Version

09/03/2022

AnuSharma द्वारा लिखित

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील

Updated by: Nidhi Sinha


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AnuSharma द्वारा लिखित · अपडेटेड 09/03/2022

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