HDL फंक्शन और थेराप्यूटिक लाइफस्टाइल को यहां एक-एक कर समझते हैं-
HDL फंक्शन (HDL Function)-
मेटाबोलिक सिंड्रोम की समस्या से पीड़ित लोगों में एचडीएल का लेवल प्रायः कम होता है। इस सिंड्रोम से पीड़ित लोगों में मोटापा, हाय ब्लड प्रेशर और डायबिटीज जैसी तकलीफें देखी जाती हैं। ऐसे में खानपान में बदलाव और व्यायाम से हाई-डेंसिटी लिपोप्रोटीन (HDL) यानी गुड कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ाने में मदद मिल सकती है। रिसर्च रिपोर्ट्स के अनुसार शरीर में टोटल कोलेस्ट्रॉल लेवल 200 mg/dl से कम होना बेहतर माना जाता है। एलडीएल यानी बैड कोलेस्ट्रॉल 100 mg/dl से कम होना चाहिए और एचडीएल यानी गुड कोलेस्ट्रॉल 60 mg/dl से ज्यादा और ट्राइग्लिसराइड 150 mg/dl से कम होना बेहतर बताया गया है।
थेराप्यूटिक लाइफस्टाइल (Therapeutic Lifestyle)-
थेराप्यूटिक लाइफस्टाइल को शॉर्ट टर्म में TLC कहा जाता है और इसे अगर सामान्य शब्दों में समझें तो इसका अर्थ है एक्सरसाइज, न्यूट्रिशन और डायट, रिलेशनशिप, रीलैक्सेशन, स्ट्रेस मैनेजमेंट, प्राकृतिक में समय बिताना या ऐसे ही अन्य काम। इतने सारे काम को फॉलो करना ही थेराप्यूटिक लाइफस्टाइल (Therapeutic Lifestyle) कहलाता है, जिससे शरीर को स्वस्थ रखने में मदद मिल सकती है।