प्री-डायबिटीज जिसे बॉर्डरलाइन डायबिटीज (Borderline Diabetes) भी कहा जाता है। वैसे तो डायबिटीज की बीमारी अगर शुरू हो जाए तो कई गंभीर बीमारियां आसानी से मरीज के शरीर में अपना आशियाना ढूंढ़ लेती है, लेकिन कहा ये भी जाता है कि अगर जरूरी बातों को ध्यान रखा जाए तो किसी भी बीमारी से निजात मिल सकता है। अब यही बात प्री-डायबिटीज पर भी लागू होती है। प्री-डायबिटीज के दौरान शारीरिक लक्षणों और इसके कारणों को ध्यान रखा जाए तो प्री-डायबिटीज की स्टेज में ही इस बीमारी से मुक्ति मिल सकती है। इसलिए आगे प्री-डायबिटीज लेवल, प्री-डायबिटिक न्यूरोपैथी ((Prediabetic neuropathy) क्या है प्री-डायबिटीज लेवल (Prediabetic neuropathy symptoms) के बारे में जानेंगे, लेकिन सबसे पहले प्री-डायबिटीज लेवल को समझने की कोशिश करते हैं।
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प्री-डायबिटीज लेवल कितना होता है? (Level of Prediabetes)
मेयो फाउंडेशन फॉर मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (Mayo Foundation for Medical Education and Research) रिपोर्ट्स के अनुसार नॉर्मल ब्लड शुगर लेवल 140 mg/dL (7.8 mmol/L ) को नॉर्मल ब्लड शुगर लेवल बताया गया है। वहीं ब्लड शुगर लेवल 140 to 199 mg/dL (7.8 to 11.0 mmol/L ) को प्री-डायबिटीज कहते हैं। इसे कभी-कभी इंपेयर्ड ग्लूकोज टॉलरेंस (Impaired Glucose Tolerance) भी माना जाता है। इंपेयर्ड ग्लूकोज टॉलरेंस को अगर सामान्य शब्दों में समझें तो इसका अर्थ है ब्लड शुगर लेवल सामान्य से ऊपर जाना, लेकिन इस दौरान ब्लड शुगर लेवल इतना नहीं बढ़ता है जिसे डायबिटीज समझा जाए। वहीं इस बात को ध्यान रखने की सलाह दी गई है कि अगर ब्लड शुगर लेवल (blood sugar level) 200 mg/dL (11.1 mmol/L ) या इससे बढ़ जाए तो यह टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 diabetes) की ओर इशारा करता है।
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प्री-डायबिटिक न्यूरोपैथी (Prediabetic Neuropathy) क्या है?
प्री-डायबिटिक न्यूरोपैथी को समझने के लिए सबसे पहले न्यूरोपैथी को समझना जरूरी है। नर्वस सिस्टम की नर्वस से जुड़ी किसी भी परेशानी को मेडिकल टर्म में न्यूरोपैथी कहते हैं। न्यूरोपैथी को सामान्य शब्दों में समझें, तो इसे नसों की तकलीफ के रूप में जाना जाता है। अब अगर बात जॉन्स हॉपकिंस (Johns Hopkins) द्वारा किये गए रिसर्च के अनुसार प्री-डायबिटिक न्यूरोपैथी को आपस में जोड़कर देखा गया है। इसका अर्थ यह है कि प्री-डायबिटीज मरीजों में न्यूरोपैथी से जुड़ी समस्या देखी जा सकती है। रिसर्च रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अगर प्री-डायबिटिक न्यूरोपैथी का इलाज ठीक तरह से किया जाए तो इससे बचा जा सकता है। इसलिए प्री-डायबिटिक न्यूरोपैथी के लक्षण को समझना जरूरी है।