डायबिटीज सॉक्स को खासतौर पर डायबिटीज के मरीजों के लिए बनाया जाता है। हालांकि, सभी डायबिटीज के मरीजों को डायबिटिक सॉक्स पहनने की जरूरत नहीं होती। ऐसे लोग जिन्हें डायबिटीज है और जिनके पैर संवेदनशील हैं। उन्हें अपने पैरों का खास ख्याल रखना पड़ता है। इसके साथ ही इन लोगों को अन्य लोगों की तुलना में अपने पैरों की सुरक्षा पर अधिक ध्यान देने की जरूरत होती है। ऐसे में, डायबिटिक सॉक्स को खासतौर पर ऐसे लोगों के पैरों की सुरक्षा के लिए डिजाइन किया जाता है और यह सामन्य सॉक्स की तरह नहीं होते। इन्हें पहनने से पैरों को आराम मिलता है और पैर स्वस्थ रहते हैं। जानिए इन डायबिटीज सॉक्स के बारे में विस्तार से।
क्यों पड़ती है डायबिटिक सॉक्स की जरूरत?
डायबिटीज से पीड़ित अधिकांश लोग डायबिटिक न्यूरोपैथी और परिधीय संवहनी रोग(peripheral vascular disease) से पीड़ित होते हैं। न्यूरोपैथी के कारण पीड़ित व्यक्ति की नर्वस को नुकसान होने के कारण वो पैरों और हाथों में कुछ भी महसूस नहीं कर पाते। यानी, उन्हें यह भी नहीं पता चलता कि उनके पैर गर्म हैं या ठंडे। इसके साथ ही वो यह भी महसूस नहीं कर पाते कि उनके पैर में कोई कट लगा है या कोई घाव है। इसके कारण पैरों में गंभीर इंफेक्शन या समस्याएं हो सकती हैं। ऐसे ही, परिधीय संवहनी रोग के कारण ब्लड वेसल तंग हो जाता हैं, पैरों में रक्त का प्रवाह कम हो जाता है।
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ब्लड फ्लो कम होने के कारण किसी भी कट या घावों के उपचार धीमा हो जाता है, जिससे अल्सर विकसित होने की संभावना बढ़ जाती है। यही कारण है कि डायबिटीज से पीड़ित लोगों को डायबिटीज में अपने पैरों की अतिरिक्त सुरक्षा की जरूरत होती है। पैरों की सुरक्षा के लिए डायबिटीज सॉक्स लाभदायक होती हैं।
डायबिटिक सॉक्स क्या हैं?
डायबिटिक सॉक्स को विशेष रूप से पैर की चोट के जोखिम को कम करने, रक्त प्रवाह को बढ़ाने और पैरों को सूखा रखने के लिए डिज़ाइन किया जाता है। जानिए डायबिटीज सॉक्स में क्या विशेषताएं होनी चाहिए:
सीमलेस
एक छोटी सी समस्या डायबिटिक फुट पर गंभीर प्रभाव डाल सकती है। सीम वाली सॉक्स जब त्वचा के साथ रगड़ खाती है, तो घाव या अलसर का कारण बन सकती है। जिससे डायबिटिक फुट जैसी समस्या भी हो सकती है। अच्छी डायबिटिक सॉक्स या मधुमेह के लिए सॉक्स सीमिंग और उलटे लिंकिंग के साथ बुनी गई होती है।
नॉन-कॉन्स्ट्रेक्टिंग
डायबिटिक सॉक्स का फिट ढीला, नॉन-कॉन्ट्रेस्टिंग और यह सुपर स्ट्रेच डिजाइन वाली होनी चाहिए। वास्तव में, इन सॉक्स को उस जगह से ढीला होना चाहिए, जहां आपके पैरों में अधिक समस्या है। तंग मोजे रक्त परिसंचरण को बाधित कर सकते हैं, जो उन लोगों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है जो रक्त संचार संबंधी समस्याओं से पीड़ित हैं।
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पैडिंग
डायबिटिक सॉक्स या मधुमेह के लिए सॉक्स की संवेदनशील जगहों की पैडिंग और कुशनिंग चोट से बचाती और आराम को बढ़ाती है। आमतौर. पर यह अतिरिक्त पैडिंग इस सॉक्स के नीचे, पैर की उंगलियों के आसपास, और पैर की एड़ी पर होती है। इन जगहों को अतिरिक्त सुरक्षा की जरूरत होती है।
गर्मी
डायबिटीज के कारण ब्लड वेसल में समस्या होने के कारण पैरों में ब्लड सर्कुलेशन कम हो जाती है। डायबिटिक सॉक्स या मधुमेह के लिए सॉक्स को ऐसा फैब्रिक से बना होना चाहिए, जो पैरों को गर्म रखे और ब्लड सर्कुलेशन को बढाए।
नमी से सुरक्षा
आजकल बाजार में कई सॉक्स उपलब्ध हैं जिन्हें उन्नत तकनीक से बनाया जाता है, ताकि पैरों को स्वस्थ बनाया रखा जा सके। पॉलिएस्टर और नायलॉन जैसे सिंथेटिक यार्न, से बनी सॉक्स नमी को जल्दी सोख लेती हैं और जल्दी से सूख जाते हैं। ऐसी जुराबों को पहनने से त्वचा के संक्रमण से बचने में भी मदद मिलती है और यह लंबे समय तक पैरों को आराम देती हैं।
एंटी माइक्रोबिल टेक्नोलॉजी
अच्छा डायबिटिक सॉक्स या मधुमेह के लिए सॉक्स को एंटी-माइक्रोबियल टेक्नोलॉजी से बनाया जाता है। ताकि, बैक्टीरिया और फुनगी से बचा जा सके और पैरों को स्वस्थ रखा जा सके। बैक्टीरिया और फुनगी को खत्म करने से आपके पैरों में खराब गंध भी खत्म हो जाती है।
नरम ऊन का प्रयोग
डायबिटिक मोजे अक्सर महीन टेक्सचर के कपड़े से बनाए जाते हैं, जो त्वचा के लिए मुलायम होते हैं। यानी, इन्हें पहनने से त्वचा को कोई नुकसान नहीं होता।
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डायबिटिक सॉक्स या मधुमेह के लिए सॉक्स की मदद से अपने पैरों की देखभाल कैसे करें
इस बात की सलाह दी जाती है कि रोजाना साफ डायबिटिक सॉक्स या मधुमेह के लिए सॉक्स को ही पहनें। इस बात का भी ध्यान रखें कि आपके पैर भी साफ और सूखे हुए होने चाहिए। अपने पैरों पर लगातार ध्यान दें ताकि अगर इनमें कोई चोट लगी है या घाव है, तो आपको जल्द से जल्द पता चल सके।
आप डायबिटिक सॉक्स या मधुमेह के लिए सॉक्स को अपने रोजाना के कपड़ों के साथ धो सकते हैं। लेकिन, इन्हे धोने के लिए क्लोरीन ब्लीच और फेब्रिक सॉफ्टनर के इस्तेमाल की सलाह नहीं दी जाती क्योंकि यह केमिकल कठोर हो सकते हैं जिनसे डायबिटिक सॉक्स को हानि हो सकती है। उन्हें कम गर्मी वाली सेटिंग पर ड्रायर में सुखाया जा सकता है। इस बात का भी ध्यान रखें कि आपकी डायबिटिक सॉक्स या मधुमेह के लिए सॉक्स में किसी भी तरह का छेद या धागा निकला हुआ न हो और न ही आपकी यह सॉक्स कहीं से फटी हुई हो। क्योंकि, अगर ऐसा होता है तो डायबिटिक फुट कि स्थिति में नुकसान हो सकता है।
क्या डायबिटिक सॉक्स से डायबिटिक फुट की समस्या से बचने में मदद मिल सकती है?
सॉक्स का एक यह अच्छा विकल्प इस बात की गारंटी नहीं देता है कि आपको डायबिटिक फुट की जटिलताओं से मुक्ति मिल सकती है, हालांकि यह जोखिमों को कम करने में मदद कर सकता है। अपने साइज के जूते पहनना, ब्लड ग्लूकोज लेवल को संतुलित रखना और अपने पैरों की पूरी देखभाल करने से आप पैरों की जटिलताओं से बच सकते हैं।
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अगर आपको डायबिटीज है तो सही डायबिटिक सॉक्स को चुनने से आप उन समस्याओं से बच सकते हैं, जो आप महसूस करते हैं। लेकिन, अपनी मर्जी से अपने लिए डायबिटिक सॉक्स को न चुने। बल्कि, सबसे पहले डॉक्टर से अपनी जांच कराएं। डॉक्टर की सलाह के बाद ही अपने लिए सही डायबिटिक सॉक्स का चुनाव करें।
ऊपर दी गई जानकारी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। इसलिए किसी भी रोग की स्थिति में डॉक्टर से परामर्श जरूर करें। हैलो स्वास्थ्य किसी भी प्रकार का चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार प्रदान नहीं करता है।