डायबिटीज मैनेजमेंट (Diabetes management) में हेल्दी डायट (Healthy diet) महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। अगर आप डायबिटीज (Diabetes) से पीड़ित है, तो आपको डायबिटीज पेशेंट्स के लिए वीगन डायट (Vegan diet for diabetics) के फायदे जानकर आश्चर्य होगा। अगर डायबिटीज के साथ भी आप वीगन डायट को फॉलो करना चाहते हैं तो यह समझना बेहद जरूरी है कि आपको मील प्लान कैसे करना चाहिए और सेल्फ मॉनिटरिंग कैसे करनी चाहिए। हालांकि, वीगन डायट एकलौती डायट नहीं है जो डायबिटीज मैनेजमेंट में मदद करती है, लेकिन इस आर्टिकल में डायबिटीज पेशेंट्स के लिए वीगन डायट के ही फायदे बताए जा रहे हैं। साथ ही इस डायट की कुछ कमियां भी बताई हैं। डायबिटीज पेशेंट को किसी भी प्रकार की डायट को फॉलो करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लेना चाहिए।
डायबिटीज पेशेंट्स के लिए वीगन डायट कैसे काम करती है? (How the vegan diet for diabetes works)
वीगन डायट मीट, डेयरी और एनिमल बेस्ड प्रोडक्ट्स (Animal based products) से पूरी तरह फ्री होती है। हालांकि पोषक तत्व युक्त डायट है, लेकिन इसकी प्लानिंग भी बेहद सावधानी पूर्वक करनी चाहिए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि आप अपनी पोषक तत्वों की जरूरतों को पूरा कर पा रहे हैं या नहीं। सामान्य तौर पर डायबिटीज से पीड़ित लोगों को अपने दिन भर के लिए अपने कार्ब इंटेक (Carb intake) को मॉनिटर करने की जरूरत होती है।
कार्ब ब्लड शुगर लेवल को प्रोटीन और फैट की तुलना में ज्यादा प्रभावित करता है। वीगन डायट में आपके मील्स और स्नैक्स कार्ब (Carb), प्रोटीन (Protein) और हेल्दी फैट (Healthy fat) के साथ बैलेंस होने चाहिए। साथ ही नॉन कार्ब फूड्स भी मील में से कार्ब को कम करने में मदद करते हैं। अगर आप डायबिटीज में वीगन डायट फॉलो कर रहे हैं तो आपको मील्स और स्नैक्स को प्रिपेयर करने में कार्ब, प्रोटीन और फैट को निम्न प्रकार मैनेज करना चाहिए यानी निम्न चीजों का उपयोग करना चाहिए।
कार्ब्स (Carbs) सोर्स
कार्ब्स के ऑप्शन के लिए आप साबुत अनाज का आटा, राइस, आलू, ओट्स, किनोआ, ताजे फल, भुट्टा।
प्रोटीन्स (Proteins) सोर्स
सोयाबीन्स और सोयबीन प्रोडक्ट्स जैसे कि टोफू, बीन्स, दालें, मूंगफली, ड्राय फ्रूट्स, सीड्स आदि।
फैट्स (Fats) सोर्स
ऑलिव ऑयल, एवोकाडो ऑयल, नट्स और सीड्स, कोकोनट आदि। यह बेहद अच्छी बात है कि कई प्लांट बेस्ड फूड्स जैसे कि बीन्स और अनाज में कार्ब, प्रोटीन और फैट्स का मिक्सचर होता है। इसके साथ ही प्लांट फूड्स में फायबर पाया जाता है जो इन फूड्स की पोषक वैल्यू को और बढ़ा देता है और ब्लड शुगर (Blood sugar) के लेवल को कम करने में मदद करता है। आपकी बीमारी, एज, ओवरऑल हेल्थ और फिजिकल एक्टिविटी लेवल के आधार पर डॉक्टर आपको हर मील में कितना कार्ब लेना चाहिए इसके बारे में बताते हैं।
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डायबिटीज पेशेंट्स के लिए वीगन डायट के फायदे (Benefits of vegan diet for diabetics)
वीगन डायट में मीट और एनिमल प्रोडक्ट्स का उपयोग नहीं किया जाता है। इसलिए आपको इस बात का पूरा ध्यान रखना होगा कि हर मील और स्नैक्स में प्लांट बेस्ड डायट में जरूरी फैट्स, कार्ब और प्रोटीन की मात्रा हो। डायबिटीज पेशेंट्स के लिए वीगन डायट (Vegan diet for diabetics) के फायदे निम्न हो सकते हैं।
डायबिटीज पेशेंट्स के लिए वीगन डायट ब्लड शुगर मैनेजमेंट (Blood sugar management) में मददगार
एनसीबीआई में छपी एक स्टडी के अनुसार डायबिटीज से पीड़ित 93 कोरियन लोगों पर 12 हफ्तों तक एक स्टडी की गई जिसमें लो ग्लाइसेमिक (Low glycemic) वीगन डायट और कंवेंशनल डायट का डायबिटीज पर प्रभाव का अध्ययन किया गया। शोधकर्ताओं ने पाया कि जो लोग वीगन डायट (Vegan diet) फॉलो कर रहे थे उनमें कंवेंशनल डायट की तुलना में ब्लड शुगर मैनेजमेंट में सुधार हुआ। इसके अलावा भी अन्य स्टडीज में भी डायबिटीज पेशेंट के लिए वीगन डायट के फायदे बताए गए हैं। हालांकि, दूसरे कई डायट्री पैटर्न भी ब्लड शुगर मैनेजमेंट में मदद करते हैं।
डायबिटीज पेशेंट्स के लिए वीगन डायट: इंसुलिन सेंसिटिविटी (Insulin sensitivity) बढ़ाने में मदद करे
इंसुलिन (Insulin) एक हॉर्मोन है जो नॉर्मल ग्लूकोज लेवल (Glucose level) को मेंटेंन करने में मदद करता है। चूंकि टाइप 2 डायबिटीज में लोगों को इंसुलिन रेजिस्टेंस (Insulin resistance) का सामना करना पड़ता है। वह स्थिति जिसमें कोशिकाएं इंसुलिन के प्रति रिस्पॉन्स करना बंद कर देती हैं। इंसुलिन सेंसिटिविटी को बढ़ने से ब्लड शुगर लेवल को कम करने में मदद मिलती है। एनसीबीआई में छपी एक स्टडी के अनुसार 16 वीक तक 244 ओवरवेट लोगों पर स्टडी की गई। जिसमें शोधकर्ताओं ने पाया कि जो लोग लो फैट वीगन डायट पर स्विच किए उनमें इंसुलिन सेंसिटिविटी बढ़ गई थी।
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वेट मैनेजमेंट (Weight management)
डायबिटीज पेशेंट्स के लिए वीगन डायट (Vegan diet for diabetics) के फायदे यही खत्म नहीं होते यह टाइप 2 डायबिटीज से पीड़ित लोगो में वेट को मैनेज करने में भी मदद करती है। वजन कम होने से इंसुलिन सेंसटिविटी इम्प्रूव हो सकती है। वहीं वीगन डायट में फैट और कैलोरी दूसरी डायट्स की तुलना में कम होती है जो वजन को कम करने में मदद करती है। 63 ओवरवेट लोगों पर की गई एक स्टडी में यह बात सामने आई कि वीगन डायट फॉलो करने से उनका वेट लॉस वेजिटेरियन और सेमी वेजिटेरियन डायट की तुलना में दोगुना कम हुआ।
डायबिटीज पेशेंट्स के लिए वीगन डायट (Vegan diet for diabetics) के फायदे तो हैं, लेकिन इसके कुछ नुकसान भी हो सकते हैं, लेकिन अच्छी बात यह है कि केयरफुल डायट प्लान करके इन नुकसानों को टाला जा सकता है। चलिए जान लेते हैं इस डायट की कुछ कमियों के बारे में।
वीगन डायट की कमियां (Downsides of vegan diet)
वीगन डायट की कुछ कमियां भी हैं। चलिए उनके बारे में भी जान लेते हैं।
न्यूट्रिएंट डेफिसिएंशीज (Nutrient deficiencies)
जो लोग वीगन डायट फॉलो करते हैं उनमें दूसरे लोगों की तुलना में कुछ पोषक तत्वों की कमी होने का रिस्क बढ़ जाता है। जिसमें विटामिन बी12, विटामिन बी6, नियासिन, आयरन, कैल्शियम, ओमेगा-3 फैटी एसिड्स, आयोडीन और जिंक शामिल है जो कि एनिमल फूड्स में प्रमुख रूप से पाए जाते है। हालांकि प्लांट बेस्ड फूड्स से भी आप ये पोषक तत्व प्राप्त कर सकते हैं। अगर इसे डायट को उस तरह से तैयार किया जाए। जैसे विटामिन बी 12 फोर्टिफाइड सीरियल्स से मिल सकता है और विटामिन बी6 चने, केला और आलू से प्राप्त किया जा सकता है।
प्रोटीन की कमी (Inadequate protein)
जो लोग वीगन डायट फॉलो करते हैं उनके लिए पर्याप्त प्रोटीन और एमिनो एसिड्स (Amino acids) प्राप्त करना मुश्किल हो सकता है। प्रोटीन बॉडी के टिशूज बनाने में मदद करता है और एमिनो एसिड्स ओवरऑल हेल्थ के लिए जरूरी है। हालांकि इस परेशानी का हल भी थोड़ी प्लानिंग से निकाला जा सकता है। जिसमें सॉय प्रोडक्ट्स, दालें, चिया सीड्स, फ्लैक्स सीड्स, सनफ्लॉवर सीड्स, पंपकिन सीड्स, किनोआ, ओट्स आदि को डायट में एड किया जा सकता है। बता दें कि ज्यादातर वीगन प्रोडक्ट्स को इनकंप्लीट प्रोटीन का सोर्स माना जाता है। यानी कि इनमें सभी एमिनो एसिड्स नहीं पाए जाते।
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अधिक कार्ब्स (Excessive carbs) का उपयोग
वीगन डायट का एक और नुकसान है जो डायबिटीज पेशेंट को प्रभावित कर सकता है। एनिमल प्रोडक्ट्स (Animal Product) की तुलना में प्लांट फूड्स में कार्ब अधिक होता है। इसलिए इस डायट में कार्ब की मात्रा अधिक हो सकती है। हालांकि ये सभी कार्ब्स अनहेल्दी नहीं होते हैं और डायबिटीज का डायट का हिस्सा हो सकते हैं, लेकिन डायबिटीज मैनेजमेंट और ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल में रखने के लिए इंटेक को मॉडरेट रखने की जरूरत है। इस बारे में डॉक्टर से सलाह भी ली जा सकती है।
उम्मीद करते हैं कि आपको डायबिटीज पेशेंट्स के लिए वीगन डायट (Vegan diet for diabetics) के फायदे और सावधानियों से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में डायबिटीज पेशेंट्स के लिए वीगन डायट से रिलेटेड कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।
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