डायबिटीज की गंभीरता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इससे पीड़ित व्यक्ति कई गंभीर कॉम्प्लीकेशन्स का शिकार हो सकता है। टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 diabetes) को इसका सबसे गंभीर प्रकार माना गया है। मधुमेह से पीड़ित व्यक्ति के लिए हेल्दी लाइफस्टाइल का पालन करना बेहद जरूरी है। इस हेल्दी लाइफस्टाइल में नियमित एक्सरसाइज भी शामिल है। एक्सरसाइज करने से हम न केवल डायबिटीज को कंट्रोल कर सकते हैं, बल्कि इससे अन्य कई लाभ भी हो सकते हैं। इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको जानकारी देने वाले हैं टाइप 2 डायबिटीज व एथेरोस्क्लेरोसिस और एक्सरसाइज (Diabetes, exercise and atherosclerosis) की बारे में। टाइप 2 डायबिटीज व एथेरोस्क्लेरोसिस और एक्सरसाइज (Diabetes, exercise and atherosclerosis) के बारे में जानने से पहले टाइप 2 डायबिटीज के बारे में जान लेते हैं।
टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 diabetes) क्या है?
टाइप 2 डायबिटीज एक क्रॉनिक कंडिशन है, जो उस तरीके को प्रभावित करती है जिस तरह से हमारा शरीर ब्लड शुगर को प्रोसेस करता है। टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 diabetes) से पीड़ित रोगी का शरीर पर्याप्त इंसुलिन नहीं बना पाता है या इसका सही से इस्तेमाल नहीं कर पाता है। टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 diabetes) को एडल्ट-ऑनसेट डायबिटीज (Adult-onset diabetes) भी कहा जाता है। इसके लक्षणों में अधिक प्यास लगना, लगातार यूरिनेशन, अधिक भूख लगना, थकावट और आंखों की रोशनी का धुंधला होना आदि शामिल है। हालांकि, कई मामलों में इसका कोई भी लक्षण नजर नहीं आता है।
इसके उपचार के लिए रोगी को डायट, व्यायाम, दवाईयां और इंसुलिन थेरेपी आदि की सलाह दी जाती है। हालांकि, डायबिटीज का कोई भी इलाज नहीं है, किंतु इसे कंट्रोल किया जा सकता है। कुछ लोगों में हेल्दी लाइफस्टाइल ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने के लिए काफी है। इस हेल्दी लाइफस्टाइल में नियमित व्यायाम भी शामिल है। अब डायबिटीज व एथेरोस्क्लेरोसिस और एक्सरसाइज (Diabetes, exercise and atherosclerosis) से पहले एथेरोस्क्लेरोसिस के बारे में थोड़ी जानकारी पा लेते हैं।
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एथेरोस्क्लेरोसिस (Atherosclerosis) के बारे में पाएं जानकारी
एथेरोस्क्लेरोसिस को समय के साथ हमारी आर्टरीज के तंग या हार्ड होने की समस्या को कहा जाता है। ऐसा हमारी आर्टरीज की लायनिंग में कोलेस्ट्रॉल प्लाक के कारण होता है। इससे ब्लड फ्लो में समस्या हो सकती है, क्योंकि रोगी की आर्टरीज ब्लॉक हो जाती हैं। इसे एथेरोस्क्लेरोसिस कार्डियोवैस्कुलर डिजीज (Atherosclerotic cardiovascular disease) भी कहा जाता है। यह हार्ट अटैक, स्ट्रोक और पेरीफेरल वैस्कुलर डिजीज (Peripheral vascular disease) का कारण हैं, जिन्हें एक साथ कार्डियोवैस्कुलर डिजीज का नाम दिया गया है।
अब बात की जाए आर्टरीज की, तो आर्टरीज उन ब्लड वेसल्स को कहा जाता है, जो ब्लड को हार्ट से पूरे शरीर में कैरी करती हैं। आर्टरीज का ब्लॉक होना कई समस्याओं के कारण भी हो सकता है जैसे हाय कोलेस्ट्रॉल(High cholesterol), हाय ब्लड प्रेशर (High blood pressure), इंफ्लेमेशन (Inflammation) जैसे आर्थराइटिस, मोटापा या डायबिटीज (Obesity or diabetes), स्मोकिंग (Smoking) आदि। एक्सरसाइज को भी इस समस्या से बचाव के लिए फायदेमंद माना जाता है। डायबिटीज व एथेरोस्क्लेरोसिस और एक्सरसाइज (Diabetes, exercise and atherosclerosis) के बारे में जानकारी से पहले एक्सरसाइज के महत्व के बारे में जान लेते हैं।
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एक्सरसाइज क्यों जरूरी है? (Importance of Exercise)
नियमित व्यायाम करना संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए जरूरी है। इससे कई रोगों से बचा जा सकता है और हमें कई मानसिक और शारीरिक लाभ होते हैं। ऐसा माना जाता है कि रेगुलर एरोबिक एक्सरसाइज करने से रोगी को एथेरोस्क्लेरोसिस से लड़ने में मदद मिल सकती है। क्योंकि, नियमित व्यायाम से ब्लड में फैट की मात्रा कम होती है, कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर कम होता है और वजन कंट्रोल में रहता है। ऐसे में एथेरोस्क्लेरोसिस में एक्सरसाइज करना बेहद लाभदायक माना गया है।
इसके लिए ब्रिस्क वॉकिंग,स्विमिंग और साइकिलिंग की सलाह दी जाती है। इसकी शुरुआत धीरे-धीरे करनी चाहिए और कम से कम तीस से चालीस मिनट रोजाना इसे करने से फायदा होता है। लेकिन, आपको कौन सी एक्सरसाइज करनी चाहिए, इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर की सलाह अवश्य लें। यह तो थी जानकारी में एक्सरसाइज के महत्व के बारे में, तो अब जान लेते हैं डायबिटीज व एथेरोस्क्लेरोसिस और एक्सरसाइज (Diabetes, exercise and atherosclerosis) के बारे में।
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डायबिटीज व एथेरोस्क्लेरोसिस और एक्सरसाइज (Diabetes, exercise and atherosclerosis)
अब अगर बात की जाए डायबिटीज व एथेरोस्क्लेरोसिस और एक्सरसाइज (Diabetes, exercise and atherosclerosis) के बारे में, तो नॉन-इंसुलिन डिपेंडेंट डायबिटीज यानी टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 diabetes) के रोगियों में एथेरोस्क्लेरोसिस के रिस्क को कम करने के लिए नियमित व्यायाम जरूरी है। व्यायाम से पड़ने वाले प्रभाव का आधार हायपरइंसुलिनमिया को कम करने या रोकने की क्षमता, इंसुलिन रेजिस्टेंस और इंट्रा-एब्डोमिनल डिपॉस मॉस (Intra-abdominal adipose mass) में वृद्धि हो सकता है। यह अब्नोर्मलिटीज, प्रीमेच्योर एथेरोस्क्लोरोटिक वैस्कुलर डिजीज (Premature atherosclerotic vascular disease), हायपरटेंशन (Hypertension), टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 diabetes) अन्य कई समस्याओं से संबंधित होती हैं।
टाइप 2 डायबिटीज व एथेरोस्क्लेरोसिस और एक्सरसाइज (Diabetes, exercise and atherosclerosis) का बेहद गहरा संबंध है। ऐसा माना जाता है कि खराब जीवनशैली (जिसमें शारीरिक गतिविधियों का कम होना शामिल है) कई समस्याओं का कारण बन सकती है। ऐसे में टाइप 2 डायबिटीज के रोगियों में एथेरोस्क्लेरोसिस के जोखिम को कम करने के लिए उन्हें नियमित व्यायाम करना चाहिए। यही नहीं, अगर आपकी डायबिटीज की फैमिली हिस्ट्री है या आप मोटापे से पीड़ित हैं, तो भी आपको यंग एज में ही टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 diabetes) की संभावना को लेकर सचेत हो जाना चाहिए। उनके लिए जितनी जल्दी हो सके हेल्दी बदलाव जरूरी हैं, ताकि भविष्य में किसी भी जोखिम से बचा जा सके। अब जानते हैं कि टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 diabetes) के रोगियों को किन चीजों का ध्यान रखना चाहिए?
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टाइप 2 डायबिटीज में इन चीजों का रखें ध्यान (Management of Type 2 diabetes)
उम्मीद है कि टाइप 2 डायबिटीज व एथेरोस्क्लेरोसिस और एक्सरसाइज (Diabetes, exercise and atherosclerosis) के बारे में आप जान ही गए होंगे। डायबिटीज चाहे कोई भी हो, यह एक लाइफलॉन्ग समस्या है। जिसे कंट्रोल करना बेहद महत्वपूर्ण है। डायबिटीज को कंट्रोल कर के आप कई जोखिमों से बच सकते हैं। इसके लिए इन चीजों का रखें ध्यान:
- अपने खानपान का खास ख्याल रखें। क्योंकि, डायबिटीज पेशेंट्स के लिए सही आहार लेना बेहद जरूरी है। इसके लिए अपने आहार में फल, सब्जियों और अनाज आदि को शामिल करें। इसमें डायटीशियन और डॉक्टर भी आपकी मदद कर सकते हैं।
- रोजाना व्यायाम करें। दिन में कम से कम 30 मिनट एक्सरसाइज या व्यायाम के लिए अवश्य निकालें। इसके साथ ही अपने वजन को नियंत्रित रखें। अगर आपका वजन अधिक है ,तो अपने खानपान और व्यायाम पर ध्यान दें। इसके लिए डॉक्टर की मदद भी ली जा सकती है।
- तनाव से बचें। तनाव डायबिटीज के साथ ही कई अन्य जटिलताओं का भी मुख्य कारण है। इससे बचाव बेहद जरूरी है। इसके लिए आप योगा और मेडिकेशन का सहारा भी ले सकते हैं। समस्या अधिक होने पर मेडिकल हेल्प लेना भी आवश्यक है।
- एल्कोहॉल की मात्रा को सीमित कर दें। कोलेस्ट्रॉल लेवल और ब्लड प्रेशर की जांच भी समय-समय पर कराते रहें।
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इसके साथ ही टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 diabetes) के पेशेंट्स के लिए नियमित जांच कराना, सही दवा लेना और डॉक्टर की सलाह का पालन करना भी आवश्यक है। यह तो थी डायबिटीज व एथेरोस्क्लेरोसिस और एक्सरसाइज (Diabetes, exercise and atherosclerosis) के बारे में जानकारी। यह तो आप जानते ही होंगे कि डायबिटीज के पेशेंट्स के लिए व्यायाम करना कितना जरूरी है। अगर आप टाइप 2 डायबिटीज से पीड़ित हैं, तो आपको नियमित व्यायाम या अन्य शारीरिक गतिविधियों की सलाह दी जाती है। ताकि, आप एथेरोस्क्लेरोसिस और अन्य कई गंभीर समस्याओं से बच सकें। अगर डायबिटीज व एथेरोस्क्लेरोसिस और एक्सरसाइज (Diabetes, exercise and atherosclerosis) के बारे में आपके मन में कोई भी सवाल है तो आप अपने डॉक्टर से इस बारे में अवश्य जानें।
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