स्टेटिन्स कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) को कम करने वाली दवाएं हैं। कुछ स्टडीज में स्टेटिन्स और ड्रग इंड्यूस्ड डायबिटीज (Drug Induced Diabetes) में लिंक पाया गया है। 2012 में यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनस्ट्रेशन ने वॉर्निंग दी थी कि स्टेटिन्स के उपयोग से ब्लड ग्लूकोज लेवल और मेमोरी प्रॉब्लम्स होने का रिस्क हाय है। ऐसे में इन दवाओं के उपयोग को लेकर सर्तकता बरतनी चाहिए।
थायअजाइड डायूरेटिक्स (Thiazide diuretics)
थायअजाइड डायूरेटिक्स को वॉटर पिल्स भी कहा जाता है। यह हाय ब्लड प्रेशर (Blood Pressure) को कम करने और बॉडी से अधिक मात्रा में मौजूद पानी को निकालने में मदद करती हैं। ये ब्लड ग्लूकोज लेवल को भी प्रभावित करती हैं, लेकिन हमेशा नहीं। दवाओं को बंद करने के बाद ग्लूकोज लेवल नॉर्मल रेंज में आ जाता है। यानी ये दवाएं हमेशा ड्रग इंड्यूस्ड डायबिटीज (Drug Induced Diabetes) का कारण नहीं बनती।
एंटीसाइकोटिक्स (Antipsychotics)
एंटीसाइकोटिक्स दवाओं का उपयोग स्किट्सफ़्रीनीअ और साइकोसिस का इलाज करने के लिए उपयोग की जाती हैं। एंटीसाइकोटिक्स के साइड इफेक्ट्स में वेट गेन और हायपरग्लाइसिमिया (ब्लड शुगर लेवल का बढ़ना) शामिल है, यानी ये दवाएं ड्रग इंड्यूस्ड डायबिटीज (Drug Induced Diabetes) का कारण बन सकती हैं। दवाओं का उपयोग बंद करने पर ग्लूकोज लेवल नॉर्मल हो जाता है।
ड्रग इंड्यूस्ड डायबिटीज परमानेंट हो सकती है? (Can Drug Induced Diabetes Be Permanent?)
ड्रग इंड्यूस्ड डायबिटीज परमानेंट नहीं हो सकती है, लेकिन यह दूसरे फैक्टर्स पर भी निर्भर करती है। कुछ दवाओं के साथ ब्लड ग्लूकोज लेवल नॉर्मल रेंज में वापस आ सकता है जबकि कुछ कंडिशन में ड्रग इंड्यूस्ड डायबिटीज (Drug Induced Diabetes) हमेशा के लिए हो सकती है।
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ड्रग इंड्यूस्ड डायबिटीज को मैनेज कैसे करें? (Managing drug induced diabetes)
अगर आपको उन दवाओं को जारी रखने की जरूरत है जो डायबिटीज का कारण बन रही हैं, तो आपको डायबिटीज को मैनेज करने में परेशानी हो सकती है, लेकिन अगर आप उन दवाओं को बंद करने में सक्षम हैं तो ब्लड शुगर लेवल को मैनेज करना थोड़ा आसान होगा। हेल्दी डायट और एक्सरसाइज से ब्लड शुगर लेवल में सुधार किया जा सकता है।