स्ट्रक्चर्ड रेगुलर एक्सरसाइज का प्रभाव में काफी अंतर था। सभी इंट्रावेनस ग्लूकोज टॉलरेंस टेस्ट वेरिएबल्स में सुधार हुआ था। पर्याप्त वजन घटाने की अनुपस्थिति में, ग्लूकोज होमियोस्टेसिस में निरंतर सुधार के लिए नियमित व्यायाम की आवश्यकता होती है। ग्लूकोज होमियोस्टेटिस पर एक्सरसाइज ट्रेनिंग का प्रभाव (Effects Of Exercise Training On Glucose Homeostasis) समझा जा सकता है।ग्लूकोज होमियोस्टेटिस पर एक्सरसाइज ट्रेनिंग का प्रभाव समझने के बाद यह भी जान लीजिए कि इंट्रावेनस ग्लूकोज टॉलरेंस टेस्ट क्या है?
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ग्लूकोज टॉलरेंस टेस्ट (Glucose tolerance test)
ग्लूकोज टॉलरेंस टेस्ट एक लेब टेस्ट है जिसका उपयोग यह चेक करने के लिए किया जाता है कि आपका शरीर रक्त से शर्करा को मांसपेशियों और वसा जैसे ऊतकों में कैसे ले जाता है। परीक्षण अक्सर मधुमेह के निदान के लिए प्रयोग किया जाता है। सबसे कॉमन ग्लूकोज टॉलरेंस टेस्ट ओरल ग्लूकोज टॉलरेंस टेस्ट है। परीक्षण शुरू होने से पहले, रक्त का एक नमूना लिया जाएगा। फिर आपको एक निश्चित मात्रा में ग्लूकोज (आमतौर पर 75 ग्राम) युक्त तरल पीने के लिए कहा जाएगा। घोल पीने के बाद हर 30 से 60 मिनट में आपका खून फिर से लिया जाएगा।
परीक्षण में 3 घंटे तक लग सकते हैं। इसी तरह का परीक्षण इंट्रोवेनस ग्लूकोज टॉलरेंस है। IGTT के इस संस्करण में, ग्लूकोज को आपकी नस में 3 मिनट के लिए इंजेक्ट किया जाता है। रक्त इंसुलिन के स्तर को इंजेक्शन से पहले और इंजेक्शन के 1 और 3 मिनट बाद फिर से मापा जाता है। समय भिन्न हो सकता है। यह IGTT लगभग हमेशा केवल शोध उद्देश्यों के लिए उपयोग किया जाता है। इसी तरह के परीक्षण का उपयोग ग्रोथ हॉर्मोन की अधिकता (Acromegaly) के निदान में किया जाता है, जब ग्लूकोज ड्रिंक के सेवन के बाद ग्लूकोज और ग्रोथ हॉर्मोन दोनों को मापा जाता है।
ग्लूकोज होमियोस्टेटिस पर एक्सरसाइज ट्रेनिंग का प्रभाव (Effects Of Exercise Training On Glucose Homeostasis) को जांचने के लिए हुई स्टडी में इसी प्रकार का टेस्ट किया गया है। प्रेग्नेंसी में इस टेस्ट को अलग तरीके से किया जाता है।
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