डायबिटीज की बीमारी का काफी हद तक नियंत्रण आपके खानपान पर निर्भर करता है। आप जो खाते हैं, उसमें कार्ब भी होता है और प्रोटीन भी। मिनिरल्स भी होते हैं और फैट भी। डायबिटीज के पेशेंट को खाते समय इन बातों का ध्यान रखने की अधिक जरूरत पड़ती है कि आखिर वो खाने में क्या खा रहा है। अगर खाने में शुगर की मात्रा पर नियंत्रण नहीं रखा जाएगा, तो मधुमेह से संबंधित जटिलताएं बढ़ सकती हैं। लोगों के मन में अक्सर ये सवाल आते हैं कि डायबिटीज होने पर क्या खाया जा सकता है औऱ क्या नहीं। भारतीय घरों में रोजाना लंच में लोग आमतौर पर दाल, चावल, रोटी सब्जी खाना पंसद करते हैं। ऐसे में लोगों के मन में ये सवाल आना लाजमी है कि डायबिटीज में चावल (Rice in diabetes) खाना चाहिए या फिर नहीं?अगर खाना भी चाहिए, तो क्या क्या सावधानी रखनी चाहिए। इन्हीं सवालों के जवाब हम इस आर्टिकल के माध्यम से देने की कोशिश करेंगे। जानिए डायबिटीज में चावल (Rice in diabetes) का सेवन करना चाहिए या फिर नहीं।
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डायबिटीज में चावल (Rice in diabetes)
मधुमेह की बीमारी (Diabetic disease) होने पर व्यक्ति को खानपान में नियंत्रण के साथ ही व्यायाम (Exercise) भी रोजाना करना चाहिए। आपको ये सुनिश्चित करने की जरूरत है कि आप रोजाना क्या खाते हैं या फिर क्या नहीं। ऐसा करने से ही आप ब्लड शुगर के लेवल को कंट्रोल रख सकते हैं। अगर आप ऐसे फूड्स को अवॉयड नहीं कर पाते हैं, जिनसे आपके ब्लड में शुगर लेवल हाय हो जाता है, तो आपको डायबिटीज के साथ ही अन्य बीमारियों का सामना भी करना पड़ सकता है। खाद्य पदार्थों के कार्बोहाइड्रेट काउंट और ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) स्कोर को ध्यान रख आप मधुमेह को नियंत्रित कर सकते हैं। जीआई फूड बेस्ड होता है, जो कि निर्धारित करता है कि कौन-सा फूड आपके ब्लड शुगर को प्रभावित करेगा। कई लोग ऐसे भी होते हैं, जो डायबिटीज होने के बावजूद खानपान पर नियंत्रण नहीं करते हैं। ऐसे लोगों में कार्डियोवस्कुलर डिजीज, किडनी डैमेज या फिर फूट इंफेक्शन का खतरा अधिक बढ़ जाता है।
जिन फूड्स में कार्बोहायड्रेट की मात्रा अधिक होती है, वो मधुमेह के पेशेंट्स के लिए हानिकारक साबित हो सकते हैं। अब आपके मन में सवाल आ रहा होगा कि राइस में तो कार्बोहायड्रेट होता है, तो क्या ये शुगर पेशेंट के लिए खतरनाक हो सकता है? जी नहीं ! राइस यानी चावल का GI स्कोर अधिक होता है लेकिन अगर आपका डायबिटीज कंट्रोल में रहता है तो आप डायबिटीज में चावल (Rice in diabetes) यानी राइस की कुछ मात्रा का सेवन कर सकते हैं। एक बात का ध्यान रखें कि चावल की एक नहीं बल्कि कई किस्म होती है। आपको सेहत के लिए बेहतर चावल का चुनाव करना होगा।
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डायबिटीज (Diabetes) में चावल के सेवन को लेकर क्या कहती है रिसर्च?
जैसा कि हमने आपको पहले बताया की चावल में कार्बोहायड्रेट की मात्रा अधिक होती है, इसलिए डायबिटीज में चावल (Rice in diabetes) अधिक मात्रा में आप सेवन करते हैं, तो ये स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में प्रकाशित रिपोर्ट की मानें, तो जो लोग डायबिटीज में चावल (Rice in diabetes) की अधिक मात्रा का सेवन करते हैं, उनमें टाइप 2 डायबिटीज का जोखिम अधिक बढ़ जाता है। जिन लोगों को प्री डायबिटीज है, उन्हें खानपान में अधिक सावधानी की आवश्यकता है। आपकी पर मील में 45 से 60 ग्राम कार्बोहायड्रेट लेना चाहिए।
यू.एस. डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर के अनुसार आपको अपनी प्लेट प्लान करते समय प्रोटीन, अनाज, स्टार्च, डेयरी प्रोडक्ट आदि को कुछ मात्रा में डिवाइड कर लेना चाहिए।आपकी डिनर प्लेट में 25 प्रतिशत प्रोटीन, 25 प्रतिशत अनाज और स्टार्चयुक्त फूड्स और 50 प्रतिशत बिना स्टार्च वाली सब्जियां होनी चाहिए। साथ ही में आप फ्रूट्स या डेयरी प्रोडक्ट (dairy products) को भी शामिल कर सकते हैं लेकिन आपको इन सभी की कार्बोहायड्रेट की मात्रा के बारे में जानकारी होना चाहिए। आप डायबिटीज में चावल (Rice in diabetes) खाना चाहते हैं, तो खाने में बासमती राइस, ब्राउन राइस या फिर वाइल्ड राइस शामिल कर सकते हैं। आपको इस बारे में अपने डॉक्टर से बात जरूर करनी चाहिए। डॉक्टर आपको बीमारी के अनुसार ही चावल खाने या फिर न खाने की सलाह दे सकते हैं। आप चाहे तो डॉक्टर से डायट लिस्ट भी तैयार करवा सकते हैं, ताकि आपको कंफ्यूजन न हो कि खाने में क्या शामिल करना चाहिए और क्या शामिल नहीं करना चाहिए।
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मधुमेह मे चावल का सेवन (Rice in Diabetes) : राइस सलेक्ट करते समय ध्यान रखें ये बातें
आप जब भी राइस का चयन करें, तो इस बात का ध्यान रखें कि उस चावल में पोषक तत्व जरूर शामिल हो। छोटे चावल की तुलना में ब्राउन राइस, लॉन्ग राइस या फिर वाइल्ड राइस में अधिक फाइबर, न्यूट्रिएंट्स और विटामिंस होते हैं। आप चाहे तो जीआई स्कोर के माध्यम से भी चावलों का चयन कर सकते हैं। छोटे चावलों की जीआई वैल्यू अधिक यानी 70 से अधिक होती है, इसलिए आपको इसे इग्नोर करना चाहिए। साथ ही इनमें कम मात्रा में पोषक तत्व पाए जाते हैं। वहीं बासमती, ब्राउन राइस (Brown rice) की जीआई वैल्यू 56 से 69 होती है। आप इन्हें कम मात्रा में खा सकते हैं। चावलों को अधिक पकाने से उनकी जीआई वैल्यू बदल जाती है, इसलिए बेहतर कि आप चावलों को अधिक न पकाएं। आपको लो जीआई फूड्स, नॉन स्टार्च वेजीटेबल्स का सेवन करना चाहिए। आप एक दिन में आधा कप चावल खा सकते हैं। आप चाहे तो इस बारे में अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से जानकारी जरूर लें। आप डायबिटीज में चावल (Rice in diabetes) की बजाय जौ, बाजरा (Millet), अनाज आदि को ऑप्शन के तौर पर इस्तेमाल कर सकते हैं। जानिए यहां विभिन्न प्रकार के चावल की वैल्यू के बारे में।
वाइट राइस जीआई वैल्यू – 73
ब्राउन राइस जीआई वैल्यू – 68
वाइल्ड राइस जीआई वैल्यू – 57
बासमती राइस जीआई वैल्यू – 50-58
जीआई वैल्यू (Glycemic index) के अनुसार कुछ फूड्स
हाय जीआई फूड्स (70 या अधिक स्कोर वाले) – वाइट ब्रेड, कॉर्न फ्लेक्स, इंस्टेंट ओटमील, वाइट राइस, राइस क्रेकर्स, वाइट पटैटो, वॉटरमेलन।
मीडियम जीआई फूड्स (59 से 69 स्कोर वाले) – पाइनएप्पल (Pineapple), स्वीट पटैटो (Sweet potato), पॉपकॉर्न, मूसली।
लो जीआई फूड्स (55 या कम स्कोर वाले) – ओटमीट((rolled), जौ (barley), दाल (lentils), बीन्स (Beans), बिना स्टार्च वाली सब्जियां (Non-starchy vegetables), गाजर, सेब (Apples), खजूर ( Dates)
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डायबिटीज पेशेंट के लिए ब्राउन राइस के फायदे (Brown rice benefits for diabitic)
ब्राउन राइस में हाय फाइबर पाया जाता है। ब्लड शुगर पेशेंट के लिए ब्राउन राइस का सेवन लाभदायक हो सकता है लेकिन डायबिटीज में चावल (Rice in diabetes) का सेवन कम मात्रा में करना चाहिए। ब्राउन राइस का कम मात्रा में सेवन डायबिटीज पेशेंट के लिए इसलिए भी लाभदायक होता है क्योंकि ये वजन घटाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। डायबिटीज के पेशेंट का बढ़ता वजन बीमारियों के खतरे को अधिक बढ़ाता है इसलिए अगर आप मधुमेह के रोगी हैं, तो बेहतर होगा कि ब्राउन राइस का सीमित मात्रा में सेवन करें। आप चाहे तो ब्राउन राइस की मात्रा के बारे में डॉक्टर से भी जानकारी ले सकते हैं।
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हैलो हेल्थ किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार उपलब्ध नहीं कराता। इस आर्टिकल में हमने आपको के संबंध में जानकारी दी है। आपको इस आर्टिकल के माध्यम से डायबिटीज में चावल (Rice in diabetes) के बारे में जानकारी मिल गई होगी। आप खानपान के संबंध में अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से संपर्क करें। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस संबंध में अधिक जानकारी चाहिए, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्सर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे।
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