जैसा की आप सभी जानते हैं कि योग अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जाना जाता है। न केवल अंतरराष्ट्रीय बल्कि अब छोटे-छोटे शहरों एवं गावों में भी लोग योग के बारे में बात करते हैं। योग के फायदों के बारे में जानकर लोग इसको अपने दैनिक जीवन का हिस्सा बनाने लगे हैं। यदि आप भी अपना वजन कम करना चाहते हैं और साथ ही मन की शांति चाहते हैं, तो योगा से बेहतर कुछ और नहीं है। स्वस्थ शरीर की तलाश आजकल हर व्यक्ति के लिए प्राथमिकता बन गई है। योग के सभी फायदों के बीच एक मुद्रा शामिल है, जिसे मयूरासन कहते हैं। यह एक योग मूद्रा है। जिसके कई प्रकार के लाभ होते हैं।
मयूरासन क्या है?
यह एक प्रकार की योग मुद्रा है। यह मुद्रा मयूर के समान दिखाई देती है। इसलिए इसे मयूरासन कहते है। मयूरासन योग में बहुत अधिक मात्रा में ऊर्जा होती है। मयूरासन बहुत प्राचीन समय से चला आ रहा है, जो शरीर को स्वस्थ बनाए रखने का एक उपचार है। यह हमारे शरीर को लंबे समय तक बीमारियों से बचाने में मदद करता है। मयूरासन की तरह ही एक और आसन है जिसे हंसासन कहते हैं। हंसासन की मुद्रा लगभग मयूरासन जैसी ही दिखाई देती है। इस योगासन को करते समय भी आपके पैर जमीन पर टिके रहते हैं। यदि आप मयूरासन मुद्रा नहीं कर पाते हैं, तो कुछ मामले में हंसासन मुद्रा भी आपके लिए लाभदायक हो सकती है।
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मयूरासन कैसे किया जाता है?
- मयूरासन योग करने के लिए सबसे पहले एक योगा मैट लें।
- अब मैट पर अपने घुटने के बल बैठ जाएं।
- अब अपनी एड़ी को घुटनों के साथ फैलाकर रखें।
- अब अपने हाथों को फर्श पर रखने के लिए आगे की ओर झुकें। हाथ की उंगलियों को अपने पैर की तरफ रखें।
- अब अपने हाथ की कोहनियों को मोड़ें और ऊपरी बांहों पर अपने धड़ को आराम दें। कोहनियों को नाभि के किनारों को छूना चाहिए।
- कंधे में किसी तरह की चोट न आए इसलिए अपने कंधे को पीछे रखें।
- अब जैसे-जैसे आप आगे की ओर झुकते हैं, पैरों को पीछे की ओर खींचें और शरीर के निचले हिस्से को टाइट रखें।
- इस मुद्रा में आने के बाद अपने शरीर का संतुलन बनाए रखना जरूरी है। इसके लिए अपने शरीर को सीधा रखें।
- इस मुद्रा में आने के बाद कम से कम 30 सेकंड के लिए इस मुद्रा में रहें।
- 30 सेकंड के बाद धीरे-धीरे शरीर को आराम की स्थिति में जमीन पर लाएं।
- इस मुद्रा को आप दो से तीन बार दोहरा सकते हैं।
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मयूरासन के फायदे क्या-क्या हैं?
- जब आप अपने शरीर को जमीन के समानांतर रखते हैं, तो मयूर मुद्रा में मांसपेशियों को मजबूती मिलती है। जो पीछे की मांसपेशी के समूह को मजबूत करता है।
- इससे शरीर में ब्लड शुगर लेवल नियंत्रित रहता है। जिन लोगों को मधुमेह की समस्या होती है, उनके लिए मयूरासन किसी उपचार से कम नहीं माना जाता है।
- प्रजनन क्षमता की कमी से परेशान रहने वाले पुरुषों के लिए भी मयूरासन योग बहुत ही फायदेमंद होता है।
- मयूरासन योग महिलाओं के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है। नियमित रूप से महिलाओं द्वारा मयूरासन योग करने पर यह मासिक धर्म में दर्द और मेनोपॉज के लक्षणों को कम करने में मदद करता है।
- मयूरासन योग आपकी यौन गतिविधि में सुधार कर सकता है। इससे आपकी सेक्स लाइफ बेहतर बन सकती है।
- मयूरासन योगासन की मदद से फैट (वसा) से छुटकारा पाने में आसानी मिलती है। इस मुद्रा के अभ्यास के दौरान, एब्डोमिनल मसल्स सिकुड़ जाते हैं और उन्हें कस कर रखा जाता है, जिससे आपको वसा से छुटकारा मिलता है।
- पाचन की समस्या वाले लोगों के लिए मयूरासन योग बहुत फायदेमंद होता है। पाचन संबंधी समस्या वाले लोगों को यह योग नियमित रूप से अपनाना चाहिए।
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- यह योग आपके आर्म्स और शोल्डर को मजबूत बनाने का कार्य करता है।
- यह आसन पेट में रक्त परिसंचरण को बढ़ावा देता है। जिससे पेट और इसकी संरचना तंत्र को मजबूत करने में शरीर को मदद मिलती है।
- मयूरासन योग आपके चेहरे में हो रहे पिंपल, दाग एवं धब्बों से राहत दिलाता है।
- मयूरासन योग आपके आंतरिक अंगों को भी सक्रिय और उत्तेजित कर सकता है।
- यदि आप नियमित रूप से मयूरासन करते हैं, तो यह आपके पैनक्रिया, किडनी, पेट, लिवर और आंतों को सक्रिय करता है। जिससे आपका शरीर स्वस्थ्य और मजबूत बना रहता है।
- मयूरासन योग आपकी हड्डियों को मजबूत बनाने का कार्य करता है।
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किन लोगों को मयूरासन योग से बचना चाहिए?
- जिस किसी व्यक्ति के पेट की सर्जरी हुई हो, उन्हें इस मुद्रा का प्रयास नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे पेट पर दबाव पड़ता है।
- कलाई और कोहनी की चोटों से पीड़ित लोगों को इससे बचना चाहिए। क्योंकि इस योग मुद्रा के दौरान अधिकतम दबाव महसूस करते हैं। ऐसे में जिन लोगों को चोट लगी हुई हैं उन्हें इस आसन से बचना चाहिए।
- गर्भवती महिलाओं को इस योगाभ्यास को नहीं करना चाहिए।यह योग उनके लिए जोखिम भरा हो सकता है।
- छोटे बच्चों में यह करते समय सपोर्ट देना आवश्यक होता है। बिना सपोर्ट के इसको नहीं करना चाहिए।
- मयूरासन योग टीबी के मरीजों को करने से बचना चाहिए।
- यदि आप हाई ब्लड प्रेशर, ह्रदय रोग, हर्निया, पेप्टिक अल्सर आदि की समस्या से पीड़ित हैं, तो आप इस आसन को ना करें।
- सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस और उच्च रक्तचाप से पीड़ित लोगों को भी अपनी जटिल प्रकृति के कारण इस योग मुद्रा से बचना चाहिए।
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मयूरासन योग करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
- कुछ खाने के तुरंत बाद इस योग को ट्राई नहीं करना चाहिए। इस आसन को खाली पेट ही करना चाहिए।
- मयूरासन योग करने के लिए अपने पेट और आंतों को कम से कम 4 से 6 घंटे खाली रखना चाहिए।
- मयूरासन योग को सुबह के समय करना ज्यादा फायदेमंद होता है, यदि आप सुबह इस आसन को नहीं कर पा रहें हैं, तो इसे शाम के समय भी कर सकते हैैं।
- यदि आप मयूरासन योग करते समय किसी प्रकार का दर्द महसूस करते हैं, तो ऐसे में किसी योग ट्रेनर से परमर्श अवश्य लें।
- मयूरासन योग करते समय फर्श का नहीं बल्कि एक मोटे मैट का प्रयोग करें। जिससे गिरने की वजह से चोट न लगे। इसलिए मैट का प्रयोग करना आवश्यक है।
- मयूरासन योग करते समय आपका ध्यान केंद्रित रहना चाहिए। यदि आपका ध्यान मयूरासन योग करते समय भटकता है, तो आपके गिरने की संभावना बढ़ सकती है।
नोट: योग में बहुत अधिक ऊर्जा होती है। यदि योग को पूरे ध्यान से और सही तरीके से किया जाए तो इससे लगभग हर समस्या का समाधान किया जा सकता है।
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अपने डेली रूटीन में मयूरासन शामिल करने से इसका लाभ न सिर्फ शरीर के बाहरी हिस्सों पर पड़ता है बल्कि इससे इनर बॉडी को भी खास स्ट्रेंथ मिलती हैं। आप हमेशा एनर्जेटिक महसूस करते हैं। अगर आपभी इस एनर्जेटिक योगासन को नियमित करने पर विचार कर रहें हैं, तो मयूरासन के पहले यहां बताये गए योगासन जरूर करें। जैसे:
1. चतुरंग दंडासन (Chaturanga Dandasana)
चतुरंग दंडासन पुश अप्स एक्सरसाइज की तरह करने वाला योगाभ्यास है। अगर इस आसन को गौर से देखें, तो इसमें सूर्यनमस्कार के दौरान लिए जाने वाला पोज भी दिखते हैं।
2. शलभासन (Salabhasana)
शलभासन योग करने के लिए पेट के बल लेट जाएं और आगे से अपर बॉडी को ऊपर की ओर लिफ्ट करें वहीं शरीर के पिछले हिस्से एवं पैर की उंगलियों से थाइ तक ऊपर की ओर लिफ्ट करें। इस आसन से बैक और लोअर बैक को मजबूती मिलती है और डायजेशन भी बेहतर होता है।
3. गोमुखासन (Gomukhasana)
गोमुखासन को करने के लिए ऊपर दिए चित्र के अनुसार अपनी थाइज को ओवरलैप करें और फिर बैक से दोनों हाथों को आपस में जोड़ें। इससे अस्थमा, कब्ज एवं सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस जैसी बीमारियों को खत्म किया जा सकता है और इस आसन को मयूरासन के पहले अवश्य करना चाहिए।
4. ऊर्ध्व धनुरासन (Urdhva Dhanurasana)
चक्रासन की तरह ही ऊर्ध्व धनुरासन भी किया जाता है। इस आसन से स्पाइनल कॉर्ड को स्ट्रॉन्ग बनाया जा सकता है और वे फ्लैक्सिबल भी होते हैं। नियमित रूप से मयूरासन के पहले के ऊर्ध्व धनुरासन करने की आदत डालें।
5. बलासन (Balasana)
बलासन शब्द से ही यह समझा जा सकता है कि इस आसन को करने के लिए शिशु की तरह बॉडी पोज लेना चाहिए। इस आसन से मांसपेशियों को आराम मिलने के साथ-साथ कॉन्स्टिपेशन की समस्या से भी निजात मिल सकता है। और मयूरासन का आपको बेहतर लाभ मिल सके इसलिए बलासन मयूरासन के पहले जरूर करें।
इन ऊपर बताये चार योगासन को मयूरासन के पहले करने से लाभ मिलता है। अगर आप मयूरासन से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो योगा एक्सपर्ट्स से समझना बेहतर होगा।
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