आज की भागती-दौड़ती जिंदगी में लोगों के पास समय की कमी सबसे बड़ी परेशानी है। ऐसे में कई बार हम अपने आप से ही सवाल करते हैं कि खुद को कैसे फिट रखा जाए? स्वस्थ सेहत के लिए हाई इंटेंसिटी इंटरवल ट्रेनिंग (HIIT Workout) भी एक अच्छा विकल्प है। बिना जिम गए और हाई इंटेंसिटी इंटरवल ट्रेनिंग की मदद से अपने आपको फिट रखा जा सकता है। हाई इंटेंसिटी इंटरवल ट्रेनिंग एक्सरसाइज (High intensity interval training) में 20-25 मिनट में किया जा सकता है। यह एक्सरसाइज बिना किसी जिम के सामान से भी आसानी से किया जा सकता है। इस एक्सरसाइज को ज्यादा बल (ताकत) लगा कर करने से विशेष फायदा मिलता है क्योंकि इससे कम समय में भी ज्यादा कैलोरीज बर्न हो सकती है। वैसे हाई इंटेंसिटी इंटरवल ट्रेनिंग लोगों को और रेग्युलर वर्कआउट करने वाले लोगों को पसंद भी आ रहा है।
एक्सरसाइज मशीन के बिना हाई इंटेंसिटी इंटरवल ट्रेनिंग (HIIT Workout) संभव है?
हाई इंटेंसिटी इंटरवल ट्रेनिंग (HIIT Workout) आमतौर पर वॉर्मअप के साथ शुरू किया जाता है, फिर धीरे-धीरे हैवी वर्कआउट किया जाता है। उसके बाद फिर धीरे-धीरे वर्कआउट किया जाता है। ध्यान रहे कोई भी एक्सरसाइज की शुरूआत हल्की एक्सरसाइज से करें। इस एक्सरसाइज में अधिकांश शोध साइकिलिंग एर्गोमीटर का उपयोग करके किया गया है, लेकिन अन्य एक्सरसाइज जैसे रोइंग एर्गोमीटर (rowing ergometer), रनिंग, सीढ़ी पर चढ़ना और पहाड़ी पर ऊपर की ओर चलना हो सकता है।
अपने व्यायाम दिनचर्या में हाई इंटेंसिटी इंटरवल ट्रेनिंग को जोड़ने के कई तरीके हैं, इसलिए इसे शुरू करना आसान है। इसे शुरू करने के लिए आपको दौड़ना, बाइक चलाना और कूदने जैसी गतिविधियां चुनना होगा। सबसे पहले समझते हैं हाई इंटेंसिटी इंटरवल ट्रेनिंग कितने तरह के होते हैं।
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हाई इंटेंसिटी इंटरवल ट्रेनिंग वर्कआउट कैसे करें?
हाई इंटेंसिटी इंटरवल ट्रेनिंग (High intensity interval training) वर्कआउट निम्नलिखित तरह से की जा सकती है। जैसे-
- वॉर्मअप से शुरुआत करें और फिर जॉगिंग करें। 10 से 20 मिनट के लिए जॉगिंग करना फायदेमंद हो सकता है। हाई इंटेंसिटी इंटरवल ट्रेनिंग वर्कआउट हो या कोई अन्य एक्सरसाइज करने से पहले वॉर्मअप अवश्य करना चाहिए। वॉर्मअप करने से बॉडी एक्टिव हो जाती है और वर्कआउट ज्यादा आसानी से किया जा सकता है।
- साइकिलिंग भी एक अच्छी एक्सरसाइज है। अगर आप साइकिल चलाने के शौकीन हैं, तो तेज पेडल चलाएं और कुछ सेकेंड के बाद गति धीमी कर दें। यह प्रक्रिया 15 से 20 मिनट तक दोहराई जा सकती है।
- 3.30 से 90 सेकेंड स्क्वॉट्स जंप करें। फिर 30 से 90 सेकंड तक आराम से खड़े रहें या टहल भी के सकते हैं।
- हाई इंटेंसिटी इंटरवल ट्रेनिंग एक्सरसाइज करने का सबसे आसान तरीका है और इससे ज्यादा कैलोरी बर्न करने में मदद मिल सकती है लेकिन, इसे नियमित रूप से करना चाहिए।
- HIIT वर्कआउट आप कहीं भी कर सकते हैं। यह जरूरी नहीं कि इसके लिए आपको जिम में ही जाने की जरूरत है।
HIIT वर्कआउट के बारे में जब हमने पुणे के रहने वाले 27 वर्षीय कुणाल कुमार से बात की तो उनका कहना है कि ‘आजकल ज्यादातर जिम में HIIT की सुविधा शुरू हो चुकी है। हाई इंटेंसिटी इंटरवल ट्रेनिंग वर्कआउट को लोग काफी पसंद करते हैं और इस वर्कआउट को फैशनेबल वर्कआउट भी मानते हैं। मैं HIIT को एन्जॉय करते हुए करता हूं और यह काफी एनर्जेटिक भी होता है। हाई इंटेंसिटी इंटरवल ट्रेनिंग करने से कैलोरी भी बर्न होता है।’
रिसर्च के अनुसार HIIT मेटाबॉलिक फंक्शन और कार्डियो रिस्पिरेट्री फिटनेस में जल्दी से सुधार ला सकता है। फिटनेस एक्सपर्ट के अनुसार इस वर्कआउट के लिए ज्यादा वक्त की भी जरूरत नहीं होती है। रोजाना सिर्फ 20-25 मिनट में हाई इंटेंसिटी इंटरवल ट्रेनिंग वर्कआउट की जा सकती है।
हाई इंटेंसिटी इंटरवल ट्रेनिंग वर्कआउट को आप फिटनेस एक्सपर्ट से समझकर खुद से भी कर सकते हैं। इसमें किए जाने वाले वर्कआउट निम्नलिखित हो सकते हैं। जैसे-
- हाई नी
- बैटल रोप
- टो टच
- जंप स्क्वाट
- जंपिक लंजेस
- पुश स्लेम या पुश टायर
- बट किक
- सिंगल-लेग बर्पी
- रशियन ट्विस्ट
- प्लैंक जेक्स
इन ऊपर दिए गए वर्कआउट के अलावा फिटनेस एक्सपर्ट आपके बॉडी के अनुसार अलग-अलग एक्सरसाइज करने की भी सलाह दे सकते हैं। इसलिए खुद से वर्कआउट करने से पहले एक्सपर्ट्स से राय जरूर लें।
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हाई इंटेंसिटी इंटरवल ट्रेनिंग एक्सरसाइज (HIIT Workout) से होने वाले लाभ
नियमित हाई इंटेंसिटी इंटरवल ट्रेनिंग एक्सरसाइज से होने वाले फायदे इस प्रकार हैं:
कम वक्त में ज्यादा कैलोरी बर्न: हाई इंटेंसिटी इंटरवल ट्रेनिंग एक्सरसाइज कम वक्त में किया जाने वाला वर्कआउट है। इस एक्सरसाइज से कैलोरी भी तेजी से बर्न किया जा सकता है। अन्य एक्सरसाइज की तुलना में 20 से 30 प्रतिशत कैलोरी बर्न किया जा सकता है।
मेटाबॉलिक रेट : हाई इंटेंसिटी इंटरवल ट्रेनिंग वर्कआउट मेटाबॉलिक रेट को बढ़ाने में मददगार होता है।
एक्स्ट्रा फैट: अगर आप एक्स्ट्रा फैट से परेशान हैं, तो HIIT वर्कआउट आपके लिए बेहतर विकल्प है। एक रिसर्च के अनुसार 25 वर्ष के 46 युवाओं को नियमित रूप से सप्ताह में 3 दिन तकरीबन 20 मिनट तक हाई इंटेंसिटी इंटरवल ट्रेनिंग वर्कआउट करवाया गया। तकरीबन एक महीने के बाद शरीर से एक्स्ट्रा फैट को कम करने में सहायता मिली। इसलिए आप भी HIIT वर्कआउट को अपने वर्कआउट रूटीन में शामिल कर सकते हैं।
नहीं होती है मांसपेशियों में इंजरी : कई बार वर्कआउट की वजह से मांसपेशियों में इंजरी का खतरा बना रहता है, लेकिन इस वर्कआउट के दौरान मांसपेशियों में इंजरी का खतरा न के बराबर रहता है।
कम वक्त में फिट रहना है आसान: रिसर्च के अनुसार कम वक्त में फिट रहने के लिए हाई इंटेंसिटी इंटरवल ट्रेनिंग वर्कआउट करने से सेहतमंद रहना आसान होता है क्योंकि सप्ताह में सिर्फ तीन-तीन दिन ही वर्कआउट करने से ही लाभ मिल सकता है।
दूर होती है बॉडी की टॉक्सिन: हाई इंटेंसिटी इंटरवल ट्रेनिंग या हाई इंटेंसिटी वाली एक्सरसाइज करने से दिल की धड़कन सामान्य से तेज होती है और इस दौरान पसीना भी ज्यादा निकलता है, जिससे बॉडी की टॉक्सिन्स या विषाक्त भी निकल जाते हैं।
हार्ट रहता है हेल्दी: दिल को स्वस्थ्य रखने के लिए हाई इंटेंसिटी इंटरवल ट्रेनिंग वर्कआउट बेहद लाभकारी माना जाता है। इस वर्कआउट के नियमित करने से ब्लड फ्लो बेहतर होता है, जिससे हार्ट हेल्दी रहता है।
शुगर लेवल रहता है नियंत्रित: हाई इंटेंसिटी इंटरवल ट्रेनिंग (High intensity interval training) एक्सरसाइज करने से बॉडी में ऑक्सिजन लेवल बेहतर होता है, जो बॉडी मास और बॉडी के एक्स्ट्रा फैट को कम करने से साथ-साथ ब्लड शुगर लेवल को भी बैलेंस करता है।
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हाई इंटेंसिटी इंटरवल ट्रेनिंग (High intensity interval training) एक्सरसाइज के दौरान गलतियों से बचें
- HIIT वर्कआउट को करने में ज्यादा ऊर्जा की आवश्यकता होती है और HIIT वर्कआउट करने के दौरान हार्ट पर काफी जोड़ या दवाब पड़ता है। ऐसे में कई लोग इसे इग्नोर करते हैं वर्कआउट करते रहते हैं। ऐसे में वर्कआउट न करें।
- वैसे लोग जो HIIT वर्कआउट की शरुआत कर रहें हैं, तो सबसे पहले इस वर्कआउट को अच्छी तरह से समझें।सिर्फ दूसरे लोगों को देखकर वर्कआउट करना शुरू न कर दें। यह भी समझें की हाई इंटेंसिटी इंटरवल ट्रेनिंग वर्कआउट आपकी सेहत के लिए ठीक है या नहीं।
- HIIT मसल्स पर ज्यादा खिंचाव डालता है। अगर आपको मसल्स में खिंचाव की समस्या रहती है, तो अपनी इस परेशानी को इग्नोर न करें। यह भी ध्यान रखें की इंजुरी होने पर हाई इंटेंसिटी इंटरवल ट्रेनिंग वर्कआउट के साथ-साथ कोई भी अन्य वर्कआउट न करें।
- फिटनेस एक्सपर्ट के अनुसार हाई इंटेंसिटी इंटरवल ट्रेनिंग वर्कआउट को रोजाना नहीं करना चाहिए।
- सबसे आवश्यक बात यह है की एक्सपर्ट की सलाह लिए बिना बिल्कुल भी हाई इंटेंसिटी इंटरवल ट्रेनिंग वर्कआउट की शुरुआत न करें।
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हाई इंटेंसिटी इंटरवल ट्रेनिंग एक्सरसाइज के बाद कैसा हो डायट प्लान?
हाई इंटेंसिटी इंटरवल ट्रेनिंग एक्सरसाइज के बाद निम्नलिखित खाने-पीने की चीजों का सेवन किया जा सकता है। इनमें शामिल है:
अंडा (Egg)
अंडे को न्यूट्रिशन का पावरहाउस कहा जाता है। अंडे के संतुलित मात्रा में सेवन से प्रोटीन की कमी से बचा जा सकता है। इसमें मौजूद विटामिन-बी बॉडी को एनर्जी प्रदान करने का कार्य करता है। इसका सेवन अलग-अलग तरह से किया जाता है। आप सलाद पर उबले अंडे का सेवन कर सकते हैं। बॉइल एग पर पेपर पाउडर और हल्का नमक डालकर खा सकते हैं।
ब्लूबेरी (Blueberries)
ब्लूबेरी के लिए यह कहना गलत नहीं होगा की फल एक गुण अनेक। इस फल में फायबर, विटामिन, प्रोटीन एवं एंटीऑक्सिडेंट की मौजूदगी इसे सेहत के लिए अत्यंत लाभकारी बनाते हैं। ब्लूबेरी को ओट्स या कोकोनट योगर्ट के साथ मिक्स कर या फिर इसे ऐसे भी खाया जा सकता है।
एवोकैडो (Avocado)
वक्त की कमी होने के बावजूद यह एक्सरसाइज को आराम से घर में किया जा सकता है। वैसे एक बार हेल्थ एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें कि आपको कौन-कौन सी एक्सरसाइज करनी चाहिए और कौन सी नहीं। साथ ही आहार पर भी ध्यान देना जरूरी है। अगर आप हाई इंटेंसिटी इंटरवल ट्रेनिंग से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो हेल्थ एक्सपर्ट और फिटनेस एक्सपर्ट से समझना बेहतर होगा।
हम में से कई लोग प्रायः डायट को लेकर चिंतित रहते हैं और हमेशा इसी विचार में रहते हैं की क्या खाएं और कब खाएं? इसका जवाब छिपा है इस वीडियो लिंक में
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