क्रायोथेरेपी रिकवरी चैम्बर (Cryotherapy Recovery Chamber) में क्या होता है?
क्रायोथेरेपी रिकवरी चैम्बर (Cryotherapy Recovery Chamber) का आकार आपके बाथरूम से छोटा होता है। चैम्बर में क्लाइंट को कम कपड़े पहनने की सलाह दी जाती है और फिर स्पोर्ट्स पर्सन के टो और फिगंर में प्रोटेक्टिव कवरिंग की जाती है। जैसे ही आप चैम्बर में पहुंचेंगे, चैम्बर में कोल्ड भाप भरना शुरू हो जाती है। इसे लिक्विड नाइट्रोजन के नाम से जाना जाता है। चारों ओर धुंध हो जाती है, जो पूरी तरह से सुरक्षित रहती है। चैम्बर का टेम्परेचर -100 से -170 डिग्री सेल्सियस तक जा सकता है। चैम्बर में केवल तीन से चार मिनट रहना होता है और कोल्ड का फुल इफेक्ट मिलता है। इस प्रोसेस के दौरान शरीर से एंडोर्फिन रिलीज होता है, जो बेहतर महसूस कराता है।
क्रायोथेरेपी क्लीनिक (Cryotherapy clinics) में क्रायो प्रैक्टिस (Cryo practice) की जाती है। यहां आपको एक्सपर्ट की देखरेख में प्रैक्टिस कराई जाती है। आप इस बारे में अधिक जानकारी एक्सपर्ट से प्राप्त कर सकते हैं। अगर आप किसी प्रकार की हेल्थ कंडीशन से जूझ रहे हैं, तो क्रायो प्रैक्टिस (Cryo practice) करने से पहले इस बारे में अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें। बिना सलाह के आपको बड़ी समस्या का समाना भी करना पड़ सकता है। हैलो स्वास्थ्य किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह उपलब्ध नहीं कराता है।
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क्रायोथेरेपी के साइड इफेक्ट्स (Side Effects of Cryotherapy)
क्रायो प्रैक्टिस (Cryo practice) के साथ ही कुछ रिस्क और साइड इफेक्ट्स भी जुडे़ हुए होते हैं। अगर क्रायो प्रैक्टिस (Cryo practice) ठीक प्रकार से न की जाए, तो कई दुष्प्रभाव भी देखने को मिलते हैं। नंबनेस (numbness) यानी एक स्थान में सुन्नता छा जाना, आइस लगाने वाली जगह में या फिर शरीर के किसी हिस्से में लालिमा छा जाना, त्वचा में जलन ( irritation of the skin) आदि दुष्प्रभाव देखने को मिलते हैं। अगर आपको क्रायो प्रैक्टिस (Cryo practice) के बाद दिए गए साइड इफेक्ट्स 24 घंटे बाद तक नजर आते हैं, तो आपको बिना देरी किए डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।