मुद्रा 5: दंडासन (Stick Pose) - मंत्र: ओम खगाय नमः
- अर्थ: जो शक्तिशाली है और आकाश में तेजी से गति करता है, उसे नमस्कार
मुद्रा 6: अष्टांग नमस्कार (Salute with Eight Parts Poseर) - मंत्र: ओम पोषने नमः
- अर्थ: पोषण, तृप्ति और शक्ति देने वाले को नमस्कार
मुद्रा 7: भुजंगासन (Cobra Pose) - मंत्र: ओम हिरण्य गर्भाय नमः
- अर्थ: सुनहरे रंग की चमक वाले फैलाने वाले को नमस्कार
मुद्रा 8: अधो मुख संवासन (Downward Facing Dog/Mountain Pose) - मंत्र: ओम मृच्छये नमः
- भावार्थ: अनंत किरणों के स्वामी को नमस्कार
मुद्रा 9: अश्व संचलाना (Equestrian Pose) - मंत्र: ओम आदित्याय नमः
- भावार्थ: लौकिक दिव्य मां अदिति के पुत्र को नमस्कार
मुद्रा 10: हस्तपादासन (Standing Forward Bend) - मंत्र: ओम सवित्रे नमः
- भावार्थ: सृष्टि के स्वामी, जो जीवन देते हैं, उनको नमस्कार
मुद्रा 11: हस्तोत्तानासन (Raised Arms Pose) - मंत्र: ओम अर्काय नमः
- भावार्थ: जो प्रशंसा के योग्य है और वैभव फैलाते हैं, उन्हें नमस्कार
मुद्रा 12: ताड़ासन (Mountain) - मंत्र: ओम भास्कराय नमः
- अर्थ: लौकिक ज्ञान की ओर ले जाने वाले को नमस्कार
सूर्य नमस्कार के लाभ (Benefits of Surya Namaskar)
सूर्य नमस्कार के क्या लाभ हैं? आइए नीचे दिए गए कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों को जानें:
वजन घटाने के लिए सूर्य नमस्कार (Surya Namaskar for Weight loss)
सूर्य नमस्कार, कूल्हों, जांघों, पेट, ठोड़ी और गर्दन जैसे अंगों के वसा को बर्न कर देता है। सूर्य नमस्कार योग का नियमित और अनुशासित रूप से अभ्यास करने से मेटाबॉलिज्म सही रहता है। इससे पेट की मांसपेशियां खिंचती हैं और वजन कम होता है। एब्स को टोन करता है। शरीर को मजबूत बनाने के लिए सूर्य नमस्कार आसन बहुत बढ़िया है।
रचनात्मकता को बढ़ाता है
सूर्य नमस्कार का एक सबसे अच्छा लाभ यह है कि यह मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी से मिलकर बने तंत्रिका तंत्र को पुनर्जीवित करता है, जिससे आपकी एकाग्रता शक्ति बढ़ती है।
संतुलन की शक्ति बढ़ती है
सूर्य नमस्कार योग की मदद से 3 दोषों – कप, वात और पित को संतुलित किया जा सकता है। ये तीनों तत्व कई कारणों की वजह से असंतुलित हो जाते हैं। इनके असंतुलन का कारण है- मौसम, तनाव, भोजन, नींद आदि। सूर्य नमस्कार योग के नियमित अभ्यास के साथ इन्हें संतुलित किया जा सकता है।
खून के संचार में सुधार करता है
प्रत्येक सूर्य नमस्कार आसन में सांस छोड़ने की प्रक्रिया शामिल होती है। इससे खून को ऑक्सीजन मिलता रहता है। शरीर में ताजा रक्त का प्रवाह होता है जो विषैले तत्वों और कार्बन-डाइऑक्साइड को खत्म करता है।
त्वचा की चमक और बालों की गुणवत्ता को बढ़ाता है (For Glowing Skin)
अच्छे रक्त संचार से आपकी त्वचा पर प्राकृतिक चमक आती है। सूर्य नमस्कार न केवल आपके रक्त परिसंचरण और त्वचा को लाभ पहुंचाता है, बल्कि बालों को झड़ने और सफेद होने से रोकता है।
ब्लड प्रेशर और हृदय संबंधी समस्याएं ठीक करता है (For Blood Pressure & Heart Problem)
सूर्य नमस्कार करने से शुगर का लेवल संतुलित रहता है। जिससे दिल के दौरे का खतरा कम हो जाता है। आपकी आंखें, गुर्दे और तंत्रिकाएं स्वस्थ रहती हैं।
भावनात्मक स्थिरता आती है
सूर्य नमस्कार योग आपके मन को शांत और संतुलित करता है। इससे आपकी रचनात्मकता और मानसिक क्षमताएं बढ़ जाती हैं। सूर्य नमस्कार योग में सांस लेना और छोड़ना शामिल होता है जिससे कोशिकाओं पर भी सकारात्मकर प्रभाव पड़ता है।
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सूर्य नमस्कार के प्रकार (Types of Surya Namaskar)
सूर्य नमस्कार आसन सीमाओं में बंधा हुआ नहीं है। इसके कारण, सूर्य नमस्कार कई अन्य रूपों में विकसित हो गया है। क्लासिक सूर्य नमस्कार को 3 अलग-अलग तरीकों से किया जा सकता है। इनके नाम हैं- अष्टांग, हठ और आयंगर।
अष्टांग सूर्य नमस्कार योग (Sun Salutation)
इस अभ्यास में सूर्य नमस्कार के 2 रूप हैं। पहले रूप में 9 पोज हैं, जबकि दूसरे में 17-19 पोज हैं। दोनों रूपों में सामंजस्य बैठाने की जरूरत होती है। अष्टांग योग शारीरिक रूप से करना थोड़ा मुश्किल होता है। वहीं दूसरे रूप में अधिक समय और अभ्यास की आवश्यकता होती है।
फॉर्म 1 में सूर्य नमस्कार के विभिन्न चरण: