डायबिटीज को मेडिकल टर्म में डायबिटीज मेलिटस कहते हैं। यह मेटाबॉलिज्म से जुड़ी बहुत पुरानी और आम बीमारी है। डायबिटीज में आपका शरीर इंसुलिन नाम के हॉर्मोन को बनाने और उसे इस्तेमाल करने की क्षमता खो देता है। डायबिटीज की बीमारी होने पर आपके शरीर में ग्लूकोज की मात्रा अत्यधिक बढ़ जाती है। यह स्तिथि आगे चल कर आंखों, किडनी, नसों और दिल से संबंधित गंभीर बीमारियों को जन्म दे सकती है। आज जानेंगे डायबिटीज की जांच (Diabetes check up) कैसे करें? डायबिटीज की जांच (Diabetes check up) के दौरान किन-किन बातों का रखें ध्यान?
वैसे अगर आप या आपके कोई करीबी डायबिटीज से पीड़ित हैं तो आपको इस बात की जानकारी होनी बहुत जरुरी है कि घर बैठे ब्लड शुगर लेवल यानी डायबिटीज की जांच किस तरह की जानी चाहिए। आप घर पर पोर्टेबल इलेक्ट्रॉनिक ग्लूकोज मीटर के जरिए खून के एक कतरे से अपनी डायबिटीज चेक कर सकते हैं। खुद से जांच करने का फायदा यह भी है कि यह आपको डायबिटीज के कारण भविष्य में होने वाली समस्याओं को रोकने और उनसे निपटने में मदद मिलेगी।
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डायबिटीज की जांच घर पर कैसे करें? (Hw to do Diabetes test at home?)
हॉस्पिटल से खून की जांच करवाने में अपॉइंटमेंट लेना, हॉस्पिटल जाना, डॉक्टर से मिलना, रिपोर्ट्स के लिए इंतजार करना आदि में बहुत समय बर्बाद हो जाता है। इसके बजाय आजकल बाजार में कई तरह के डिवाइस मिलते हैं जो आपको घर बैठे अपनी डायबिटीज जांचने और उसे नियंत्रण करने में मददगार साबित होते हैं। घर से आप ब्लड टेस्ट, यूरिन टेस्ट और HbA1c टेस्ट कर सकते हैं।
1. डायबिटीज की जांच ब्लड टेस्ट से की जा सकती है
ब्लड ग्लूकोज मीटर डायबिटीज प्रतिबंधन की सबसे आम डिवाइस है। सामान्य लोगों में हर समय यह डिवाइस 70 से 100 mg/dL की रीडिंग बताती है। रक्त के ग्लूकोस को अगर 8 घंटे तक बिना कुछ खाए-पिए जांचा जाए तो रीडिंग हमेशा 100 mg/dL से कम होनी चाहिए। शुगर का स्तर कम तब समझा जाएगा जब ग्लूकोज स्तर की रीडिंग 70 से नीचे होगी।
अगर खाली पेट ग्लूकोज का स्तर 100 to 125 mg/dL है तो आपको प्रीडायबिटीज या फास्टिंग शुगर हो सकती है। जब ग्लूकोज स्तर की रीडिंग 126 mg/dL से अधिक हो तो आपको डायबिटीज यकीनी तौर पर होगी।
रक्त में शुगर का स्तर नियंत्रण करने से न सिर्फ आपकी डायबिटीज कंट्रोल में रहेगी बल्कि आप डायबिटीज के कारण होने वाली अन्य बीमारियों जैसे आंखों की बीमारी, किडनी की बीमारी और नर्व डैमेज से भी बचे रहेंगे।
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2. डायबिटीज की जांच यूरिन से की जा सकती है
डायबिटीज के शिकार शख्स के पेशाब का सैंपल घर बैठे सेल्फ-टेस्ट किट का इस्तेमाल करके जांचा जा सकता है जिन्हें डायबिटीज होगी वे इस टेस्ट को कीटोन्स और माईक्रोएल्ब्युमिन की जांच के लिए करेंगे पेशाब में ग्लूकोज का स्तर भी इस डिवाइस के जरिए जांचा जा सकता है लेकिन यह रक्त में ग्लूकोस के स्तर का निदान करने जितना अहम नहीं है
3. डायबिटीज की जांच A1C टेस्ट की मदद से की जा सकती है
हीमोग्लोबिन A1C टेस्ट घर बैठे की जाने वाली जांच में काफी नया है लेकिन इसका नतीजा हमेशा सही मिलता है यह हमारे शरीर के पिछले 3 महीने के औसत ब्लड शुगर स्तर की रीडिंग बता सकता है जबकि यूरिन टेस्ट आपको उसी समय का शुगर स्तर बताएगा जब आप जांच कर रहे होंगे यह डिवाइस अब आसानी से मिल जाती है
सामन्य व्यक्ति को इसका नतीजा 4 से 6 प्रतिशत के बीच मिलेगा। प्रीडायबिटीज की रीडिंग 5.7 से 6.4 प्रतिशत और डायबिटीज के लिए 6.5 प्रतिशत या उससे ज्यादा मिलेगी। अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन के अनुसार, डायबिटीज के मरीजों को आगे चल कर होने वाली गंभीर समस्याओं से बचने के लिए A1C नतीजा 7 प्रतिशत से नीचे रखना चाहिए।
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डायबिटीज की जांच के साथ-साथ कुछ बातों का ख्याल रखना भी बेहद जरूरी है। जैसे-
- डायबिटीज की जांच के पहले और टेस्टिंग किट निकालने के पहले हाथों को अच्छी तरह से साफ करें।
- जिस जगह (त्वचा) से डायबिटीज की जांच करनी है, तो उस एरिये को एल्कोहॉल, हल्के गर्म पानी या फिर साबुन की मदद से अच्छी तरह से क्लीन करें। उसके बाद उस जगह को अच्छी तरह से पोछ लें।
- कुछ टेस्ट हाथ या दूसरे कम सेंसेटिव हिस्से पर किये जा सकते हैं। ध्यान रखें ब्लड शुगर लेवल में तुरंत-तुरंत बदलाव नहीं हो सकता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार ब्लड शुगर लेवल जांच करने के लिए उंगलियों से ही ब्लड लेना बेहतर होगा।
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डायबिटीज की जांच कब करें?
निम्नलिखित समय पर डायबिटीज की जांच की जानी चाहिए। जैसे-
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सुबह खाली पेट (बिना कुछ खाये-पीये)
बिना कुछ खाये-पीये सुबह-सुबह ब्लड टेस्ट करना चाहिए। इससे शुगर से पीड़ित व्यक्ति के शरीर में शुगर लेवल की जानकारी मिल सकती है।
खाना खाने से पहले ब्लड शुगर लेवल
खाना खाने के पहले ब्लड ग्लूकोज लेवल कम रहना चाहिए। इससे यह समझना आसान हो सकता है की ग्लूकोज लेवल हाई है या लो।
खाना खाने के बाद शुगर लेवल
खाना खाने के बाद डायबिटीज की जांच करने से यह जानकारी मिल सकती है की अब शुगर लेवल क्या है। वैसे खाना खाने के 2 घंटे बाद ब्लड टेस्ट करवाना चाहिए।
अगर आप डायबिटीज के पेशेंट हैं, तो आहार पर विशेष ध्यान दें। जैसे-
फैटी फिश (Fatty Fish)- फैटी फिश (मछली) में ओमेगा-3 फैट मौजूद होता है जो शरीर में होने वाले सूजन, हार्ट डिजीज और स्ट्रोक के खतरे को कम करता है।
हरी पत्तेदार सब्जी (Green Vegetable)- हरी सब्जियों के साथ-साथ पालक जैसे साग का सेवन किया जा सकता है। इससे आंखें और दिल स्वस्थ रहता है।
दालचीनी (Cinnamon)- शुगर लेवल को नियंत्रित रखने के लिए दालचीनी काफी गुणकारी माना जाता है। इससे शुगर कंट्रोल रहने के साथ ही कोलेस्ट्रॉल और टाइप-2 डायबिटीज भी नियंत्रित रहता है।
चिया सीड (Chia seed)- चिया सीड में फायबर की मौजूदगी ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में सहायक होता है।
हल्दी (Turmeric)- हल्दी में मौजूद विटामिन-सी, फायबर, आयरन और जिंक जैसे खनिज तत्व भी फिट रखने के साथ ही शुगर लेवल को भी कंट्रोल रखने में मददगार होते हैं।
ब्रोकली (Broccoli)- ब्रोकली में मौजूद पौष्टिक तत्व, लो कैलोरी और लो कार्ब्स डायबिटीज के पेशेंट के लिए अच्छा माना जाता है। ब्रोकली डायबिटीज के साथ-साथ अन्य बीमारियों के खतरे को भी कम करता है।
हम आशा करते हैं आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा। अगर आप डायबिटीज की जांच से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।
नोट : नए संशोधन की डॉ. प्रणाली पाटील द्वारा समीक्षा
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