इन लक्षणों को समझना बेहद जरूरी है तभी कार्डिएक अरेस्ट से बचाव (Cardiac arrest prevention) संभव हो सकता है।
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कार्डिएक अरेस्ट से बचाव कैसे करें? (Cardiac Arrest Prevention Tips)
कार्डिएक अरेस्ट से बचाव (Cardiac arrest prevention) को लेकर हमने उत्तर प्रदेश के कानपुर के स्वरूप नगर में स्थित कानपुर हार्ट सेंटर के कार्डियोलॉजिस्ट, डॉ ए.के त्रिवेदी से बातचीत की। डॉक्टर त्रिवेदी ने कहा, “कार्डिएक अरेस्ट आने पर प्राथमिक चिकित्सा के तौर पर कोई इंजेक्शन या दवाई नहीं दी जा सकती है। पीड़ित को कार्डिएक मसाज दी जाती है। जिसमें उसके हृदय के ऊपर मसाज और सीपीआर से दबाया जाता है। कई मामलों में अगले 1-2 मिनटों में हृदय दोबारा काम करने लगता है।’ डॉक्टर त्रिवेदी के मुताबिक, ‘कार्डिएक अरेस्ट आने पर सीपीआर और डिफेब्रिलेटर से शॉक दिया जाता है, ताकि धड़कन वापस आ जाए।’ उन्होंने कहा कि ज्यादातर घरों में डिफेब्रिलेटर उपलब्ध नहीं होता है। ऐसे में मरीज को सीपीआर (CPR) दिया जाना चाहिए। कार्डिएक अरेस्ट से बचाव (Cardiac arrest prevention) के लिए समझदारी बेहद जरूरी है। डॉक्टरों का कहना है कि यदि आपके आसपास किसी भी व्यक्ति को कार्डिएक अरेस्ट आता है तो घबराने की जरूरत नहीं है। इस स्थिति में पीड़ित को तत्काल चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराएं। इस स्थिति में सोच-समझकर काम लें।
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कितना कारगर होता है सीपीआर (CPR)?
कार्डिएक अरेस्ट से बचाव (Cardiac arrest prevention) के लिए कार्डियो पल्मोनरी रिससिटैशन (CPR) की मदद ली जाती है। आप बिना प्रशिक्षण के भी जरूरत पड़ने पर किसी भी व्यक्ति को सीपीआर दे सकते हैं। इसके लिए आपको छाती के बीच में (दोनों निप्पल्स के बीच) दोनों हाथों से दबाना है। ऐसा आपको पूरा जोर लगाकर करना है। एक मिनट में 100 से लेकर 120 बार तक दबाएं। छाती को एक बार दबाने के बाद दोबारा तब तक नहीं दबाना है जब तक कि वह सामान्य स्थिति में न आ जाए। वहीं, अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन (एएचए) के मुताबिक, ऐसा करते वक्त आपको सिर्फ दोनों हाथों का इस्तेमाल करना है, जिसमें आपको मुंह से सांस नहीं देनी है। इस प्रक्रिया पर जानकारों में एक राय नहीं है। आपको सीपीआर तब तक देना है जब तक कि पीड़ित को चिकित्सा सेवा न मिल जाए। ऐसा करने से पीड़ित की जान बचने की संभावना दोगुनी हो जाती है। इसके बीच में यदि आपके आसपास कोई ऐसा व्यक्ति है, जो सीपीआर में प्रशिक्षित है तो आप तुरंत पीड़ित को उसे सीपीआर देने के लिए कहें।
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वहीं, डॉक्टर त्रिवेदी ने खास बातचीत में कहा कि इसकी रोकथाम के उपाय करना बेहद ही जरूरी है। उनके मुताबिक, यदि हमें भविष्य में इस समस्या से अपने आपको बचाना है तो जीवन शैली में सुधार जरूरी है। धूम्रपान बिलकुल भी न करें। डायबिटीज, कोलेस्ट्रॉल, ब्लड प्रेशर को हमेशा कंट्रोल में रखें। सबसे अहम बात की नियमित रूप से एक्सरसाइज करें।