ट्यूबरक्युलॉसिस क्या है?
ट्यूबरक्युलॉसिस जिसे टीबी के नाम से भी जाना जाता है। टीबी बैक्टीरियल इंफेक्शन के कारण होता है। यह बैक्टेरिया मनुष्य के बॉडी टिशू पर हमला कर उन्हें नष्ट कर देता है। यह बीमारी माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्युलॉसिस (Mycobacterium tuberculosis) नाम के बैक्टीरिया की वजह से होती है, जो हवा के जरिए एक से दूसरे लोगों में फैल सकती है। ऐसा नहीं है की ट्यूबरक्युलॉसिस से बचाव संभव नहीं है।
इस बारे में फोर्टिस अस्पताल, मुलुंड के डॉ अंशु पंजाबी, सलाहकार.पल्मोनोलॉजिस्ट और स्लीप मेडिसिन विशेषज्ञ का कहना है कि ट्यूबरक्युलॉसिस के बैक्टीरिया उन पर तेजी से हमला करते हैं, जिनका इम्यून सिस्टम कमजोर होता है। इसका खतरा एचआईवी या कैंसर जैसी बीमारियों से पीड़ित रह चुके लोगों में होने की संभावना ज्यादा हो सकती है। टीबी की बीमारी ज्यादातर फेफड़ों में होती हैं। हालांकि यह हड्डियों, लिम्फ ग्रंथियों, आंतों, दिल, दिमाग के साथ-साथ अन्य अंगों पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। ट्यूबरक्युलॉसिस से बचाव संभव है सिर्फ कुछ बातों को ध्यान में रखा जाये तो। आज जानेंगे क्या है ट्यूबरक्युलॉसिस से बचाव के क्या हैं तरीके?
ट्यूबरक्युलॉसिस से बचाव से पहले ये समझने की कोशिश करते हैं की इस बीमारी का खतरा किन लोगों में ज्यादा होता? सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के अनुसार निम्नलिखित बीमारियों के कारण टीबी का खतरा बढ़ सकता है। जैसे-
- HIV से संक्रमित व्यक्ति
- तकरीबन दो साल पहले टीबी की बीमारी हुई हो
- शिशु और बढ़ते बच्चों
- ईलीगल ड्रग्स का सेवन करना
- किसी बीमारी के कारण इम्यून सिस्टम कमजोर पड़ना
- बुजुर्ग व्यक्ति
- पहले हुए टीबी का इलाज ठीक तरह से नहीं करना
इन बीमारियों के साथ-साथ अन्य बीमारियों की वजह से भी ट्यूबरक्युलॉसिस का खतरा बढ़ सकता है। हालांकि टीबी की बीमारी से डरें नहीं बल्कि ये समझिये की ट्यूबरक्युलॉसिस से बचाव कैसे संभव है।
ट्यूबरक्युलॉसिस से बचाव कैसे संभव है?
डॉक्टर की सलाह के साथ-साथ सुरक्षा का भी ध्यान रखना चाहिए। क्या आपने कभी सोचा है कि ट्यूबरक्युलॉसिस जैसी खतरनाक बीमारी कैसे फैलती है और इससे कैसे बचा जा सकता है ? अगर नहीं तो इस आर्टिकल में जानें वो जरूरी बातें, जिनकी मदद से आप खुद की और दूसरों को ट्यूबरक्युलॉसिस से बचाव कर सकते हैं।
- अगर डॉक्टर ने आपको दवाइयां दी हैं तो कोशिश करें कि सभी दवाइयों का सेवन आप समय पर करें और बीच में न छोड़े। अगर आप दवाइयां बीच में छोड़ देते हैं तो कीटाणु दोबारा सक्रिय हो सकते हैं जिससे ट्यूबरक्युलॉसिस वापस आ सकता है।
- अपने डॉक्टर से समय लें और उनसे मिलें। डॉक्टर की सलाह सही ढंग से न मानने पर संक्रमण दोबारा लौट सकता है।
- अगर आप संक्रमित हैं तो कोशिश करें की खांसते और छीकते समय अपना मुंह ढक कर रखें। इससे संक्रमण और अधिक नहीं फैलेगा।
- खांसने या छींकने के बाद अपने हाथ जरूर धोएं।
- बहुत लोगों से न मिलें इससे आप दूसरों को भी संक्रमित कर सकते हैं।
- खुली हवा और अच्छे वातावरण में रहें इससे संक्रमण में जल्द ही राहत मिलेगी।
- जब तक आप पूरी तरह संक्रमण मुक्त न हो जाएं तब तक पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तमाल न करें।
- (BCG) यानि बैसिलस कैलीमैटो ग्यूरीन ट्यूबरक्युलॉसिस का टीका जरूर लगवाएं।
- भीड़ में चेहरे को फेस मास्क से ढकें।
हवा से फैलने की स्थिति में क्या बचाव लिए जा सकते हैं ?
- अस्पताल में ट्यूबरक्युलोसिस पीड़ित मरीजों को अलग कक्ष में रखा जाए जिससे संक्रमण ज्यादा न फैले।
- ऐसी जगह पर ये जहां इस संक्रमण से प्रभावित लोग पहले से हैं वहां पर प्रयास करें कि चेहरा ढक कर ही जाएं।
एक -दूसरे को छूने से फैलने वाले संक्रमण से कैसे बचा जा सकता है?
- संक्रमित व्यक्ति को छूने से पहले या उससे जुड़े किसी भी सामान को छूने से पहले दस्तानें जरूर पहनें।
- ट्यूबरक्युलोसिस आसानी से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है इसलिए इसके घातक प्रभाव से बचने के लिए ऊपर दी गई सारी बातों को ध्यान में रखें।
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बच्चों को ट्यूबरक्युलॉसिस से बचाव कैसे संभव है?
बच्चों में टीबी के लक्षणों को समझना जरूरी है तभी इससे बचाव संभव है। इसलिए निम्नलिखित बातों पर ध्यान दें। जैसे-
- तीन हफ्ते से ज्यादा खांसी की परेशानी होना
- बिना कारण तेज बुखार होना
- शरीर का वजन कम होना
- बच्चे का अस्वस्थ महसूस करना
- रात को सोने के दौरान पसीना आना
बच्चों को ट्यूबरक्युलॉसिस से बचाव निम्नलिखित तरीके से किया जा सकता है। जैसे-
ऊपर बातये गए लक्षण नजर आने पर जल्द से जल्द डॉक्टर से मिलें और कुछ आवश्यक टिप्स फॉलो करें।
- हमेशा हाथ धो कर किसी भी तरह के खाद्य पदार्थों का सेवन करें
- आहार में पौष्टिक खाद्य पदार्थ बच्चों को दें
- डॉक्टर द्वारा बताई गई टिप्स फॉलो करें और खुद से इलाज न करें
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बड़ों को ट्यूबरक्युलॉसिस से बचाव कैसे संभव है?
बड़ों या वयस्कों में टीबी के लक्षण निम्नलिखित हैं।
- तीन या इससे ज्यादा हफ्ते तक कफ या खांसी की समस्या
- खांसने के दौरान मुंह से खून आना
- सिने में दर्द या सांस लेने के दौरान दर्द महसूस होना
- अत्यधिक वजन कम होना
- हमेशा थकावट महसूस होना
- बुखार आना
- रात को सोने के दौरान पसीना आना
- जरूरत से ज्यादा ठंड लगना
- भूख नहीं लगना
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बड़ों या वयस्कों में ट्यूबरक्युलॉसिस से बचाव करने का तरीका
कई बार टीबी का नाम सुनकर लोग यह समझने लगते हैं की अब इस बीमारी से बचना संभव नहीं है लेकिन, ऐसा नहीं है। ट्यूबरक्युलॉसिस या कैंसर जैसी अन्य जानलेवा बीमारियों से भी बचा जा सकता है। अगर आप ट्यूबरक्युलॉसिस के पेशेंट हैं तो इसके लिए कुछ बातों का ध्यान रखें।
घर पर रहें
अगर आप कॉलेज में पढ़ाई करते हैं या वर्किंग हैं तो इस दौरान और कुछ हफ्ते तक घर में ही रहें
कमरे को वेंटिलेट करें
ट्यूबरक्युलॉसिस से बचाव के लिए कमरे को वेंटिलेट रखें। टीबी के जर्म्स आसानी से फैल सकते हैं। इसलिए इस बीमारी से बचने के लिए ये उपाय जरूर अपनायें।
मुंह को ढ़ककर रखें
कोशिश करें की मास्क का प्रयोग करें या फिर खांसने के दौरान टिशू पेपर का इस्तेमाल करें।
समय पर दवाओं के सेवन के साथ-साथ आसान टिप्स को अपना कर अगर आप टीबी के पेशेंट हैं या ट्यूबरक्युलॉसिस से बचाव आसानी से हो सकता है।
इन उपायों के साथ-साथ आहार और साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखना चाहिए। ऐसा करने से इम्यून सिस्टम स्ट्रॉन्ग होता है और आप बीमारी से बच सकते हैं। वैसे अगर आप ट्यूबरक्युलॉसिस से बचाव या इस बीमारी से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा। हैलो हेल्थ ग्रुप किसी भी तरह की मेडिकल एडवाइस, इलाज और जांच की सलाह नहीं देता है।
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