पेट का कैंसर (Stomach cancer) किसे कहते हैं ?
पेट का कैंसर, पेट में हुई हानिकारक वृद्धि को दर्शाता है। यह तब होता है जब पेट में बढ़ाने वाले सेल्स (कोशिकाएं) ट्यूमर की तरफ ले जाती हैं। पेट का कैंसर (Stomach cancer) काफी आम बीमारियों में से एक है और यह बाकि अंगों में आसानी से फैल सकता है। अगर इसका इलाज जल्दी न किया जाए, तो ये बीमारी मौत का कारण बन सकती है।
इस स्थिति में पेट की परत पर कैंसर युक्त कोशिकाएं विकसित हो जाती हैं। इस कैंसर को गैस्ट्रिक कैंसर (Gastric Cancer) भी कहा जाता है, जिसका परीक्षण कर पाना मुश्किल होता है। इस प्रकार के कैंसर के लक्षण शुरुआती चरणों में दिखाई नहीं देते हैं।
पेट का कैंसर (Stomach cancer) अन्य कैंसर के मुकाबले अधिक दुर्लभ होता है, लेकिन इसका परीक्षण करना बेहद खतरनाक और मुश्किलों से भरा हो सकता है। क्योंकि शुरुआती चरणों में पेट के कैंसर की पहचान नहीं की जा सकती है इसलिए इसके लक्षण अन्य अंगों तक फैलने तक दिखाई नहीं देते हैं। जिसके कारण इसके इलाज की प्रक्रिया और अधिक मुश्किल व जोखिम भरी हो सकती है।
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ये बीमारी कितनी आम है? (How Common is Stomach cancer?)
किसी भी उम्र में लोगों को पेट का कैंसर (Stomach cancer) हो सकता है। लेकिन महिलाओं की तुलना में ज्यादातर पुरुषों को इस बीमारी की जोखिम अधिक होती है, जिनकी उम्र 40 साल से ज्यादा हो। जिन चीजो के कारण यह समस्या होने की संभावना है, उन्हें निंयत्रित करके रोका जा सकता है। हालांकि विश्व के अन्य देशों के मुकाबले भारत में पेट में कैंसर होने के मामलें कम पाए जाते हैं। अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर या चिकित्सक से बात करें।
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जानें इसके लक्षण
गैस्ट्रिक लक्षण क्या हैं? (Symptoms of Stomach cancer)
लोगों को इस बीमारी के शुरुआती दौर में पेट का कैंसर के लक्षण नहीं दिखाई देते हैं। जैसे ही ट्यूमर बढ़ता है, लोगों के पेट में दर्द (Stomach pain), मतली महसूस होती है और भूख कम हो जाती है। खाने के बाद पेट फूलना (Bloating), खाने में परेशानी, वजन कम होना, मल में रक्त, पेट में भरे पानी और खाने के बाद पेट ज्यादा भरा जैसे महसूस होना, यह अन्य लक्षण दिखाई देते हैं।
पेट का कैंसर लक्षण 1: मल में खून आना या उल्टी होना
अगर आपके पॉटी में से खून आता है या आपको बार-बार उल्टी होती है तो डॉक्टर से तुरंत जांच करवाएं। पेट के कैंसर (Stomach cancer) की वजह से मल में खून आता है, तो उसका रंग मरून या टेरी ब्लैक हो सकता है। अगर उल्टी में खून आता है, तो वो सुर्ख लाल रंग का दिखेगी।
पेट का कैंसर लक्षण 2: भूख जल्दी खत्म हो जाना
पेट के कैंसर में भूख मिटने लगती है। जैसे जब आप खाना खाने बैठे तो आपको भूख लगी थी, लेकिन एक निवाला खाते ही आपकी भूख मिट जाती है और खाना अच्छा नहीं लगता है। अगर आपको बार-बार ऐसा महसूस हो रहा है तो तुरंत डॉक्टर को दिखाने की जरूरत है।
पेट का कैंसर लक्षण 3: पेट में भयानक दर्द होना
कुछ मामलों में पेट में दर्द होना कैंसर का संकेत हो सकता है। वहीं ज्यादातर मामलों में देखा गया है कि ये दर्द किसी आंत या पेट की आम बीमारी की वजह से होता है। पेट के कैंसर से संबंधित दर्द की पहचान यह है कि दर्द लगातार होता रहता है। इसमें ऐसा नहीं है कि आप कुछ दिन तक दर्द महसूस करते हैं और फिर हफ्ते भर तक नहीं होता है। यह लगातार होने वाला दर्द है जो आपको डॉक्टर के पास जाने के लिए मजबूर कर देगा।
पेट का कैंसर लक्षण 4: बिना वजह वजन घटना
वजन घटने (Weight loss) की बहुत सारी वजह हो सकती हैं। यदि बिना डायटिंग के ही आपका वजन कम हो रहा है, तो उस पर ध्यान देने की जरूरत है। वजन धीरे-धीरे कम होता है। अगर अचानक वजन कम होता है और आप ध्यान नहीं देते हो तो खतरा बढ़ सकता है। लगातार वजन कम होता दिख रहा है तो डॉक्टर से बात जरूर करें।
पेट का कैंसर लक्षण 5: दिल में तेज दर्द होना
हार्ट में दर्द (Chest pain) होना या खाना ना पचना, ये पेट के कैंसर के कुछ शुरुआती लक्षणों में से एक हो सकते हैं। इस तरह के लक्षण किसी और बीमारी के भी हो सकते हैं। अपने मन से कुछ भी सोचने से अच्छा है कि डॉक्टर से जांच करा ली जाए।
पेट का कैंसर लक्षण 6: सूजन, दस्त और कब्ज
अगर पेट के कैंसर की शुरुआत हो रही है, तो आप सूजन महसूस कर सकते हैं। मल त्यागने में भी आपको दिक्कत महसूस होगी। इसमें आपको कब्ज (Constipation) की समस्या हो सकती है या दस्त लग सकते हैं। अगर ये लक्षण दिखते हैं तो कैंसर के अलावा भी कोई बीमारी हो सकती है। डॉक्टर आपको बीमारी के बारे में बता सकता है।
कुछ लक्षण और संकेत ऊपर नहीं दिए गए हैं। अगर आप अपने शरीर के किसी लक्षण से चिंतित हैं तो तुरंत डॉक्टर से मिलें और बात करें।
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मुझे अपने डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?
अगर ऊपर दिए गए लक्षणों में से कोई लक्षण आपको महसूस हो रहे हैं तो अपने डॉक्टर से जरूर बात करें। हर किसी का शरीर अलग तरह से काम करता है। अपने डॉक्टर के साथ चर्चा करे और कौन सा सुझाव और उपचार आपके लिए ठीक है यह तय करें।
इसके कारण जानें
पेट का कैंसर किन कारणों से होती है? (Cause of Stomach Cancer)
पेट का कैंसर होने का मुख्य कारण हेलिकोबैक्टर पाइलोरी नाम का एक संक्रमण होता है। यह एक प्रकार का बैक्टीरिया होता है, जिसे एच पाइलोरी कहा जाता है। इस बैक्टीरिया को खत्म करने का डॉक्टर प्रयास कर रहे हैं। पाइलोरी आपके पेट में अल्सर पैदा कर सकता है।
अब डॉक्टर पाइलोरी नाम के इस बैक्टीरिया के लक्षण दिखने से पहले ही डायगनोज कर लेते हैं। इसका इलाज एंटिबायोटिक्स देकर किया जाता है। अब एच पाइलोरी संक्रमण बेहद आम हो गया है। इसके लक्षण कई लोगों में कभी भी देखे जा सकते हैं। इस संक्रमण के होने से मरीज सुस्त हो जाता है। खाना खाने के बाद दर्द होता है। वजन घटने लगता है और भूख नहीं लगती है।
एच पाइलोरी के अलावा कुछ अन्य कारक भी हैं जो पेट के कैंसर के जोखिम को बढ़ा सकते हैं।
- धूम्रपान करना
- पुरुषों को पेट का कैंसर होने की संभावना ज्यादा होती है
- उम्र के साथ कैंसर के जोखिम का खतरा बढ़ता जाता है
- अधिक वजन या मोटापे से ग्रस्त होना
- अल्सर के लिए पेट की सर्जरी हो चुकी हो तो भी कैंसर होने की संभावना होती है
- कुछ आनुवंशिक बीमारी
हमें अपने खान-पान पर भी ध्यान रखने की जरूरत है। जीवन जीने के तरीके बदलने के साथ हम बहुत कुछ ऐसा खा लेते हैं जो हमें बीमार कर सकता है। ऐसे में हमें हरी सब्जियां खानी चाहिए। ताजे फल लेने चाहिए। फास्ट फूड जैसे खाद्य पदार्थों को बिल्कुल ना खाएं क्योंकि ये पचने में बहुत समय लेते हैं।
हालांकि, ज्यादातर मामलों में पेट का कैंसर किस कारण से होता है इस बात का निश्चित पता नहीं चला है, लेकिन कुछ चीजों से पेट का कैंसर की संभावना बढ़ती हैं। आहार में नाइट्रेट्स की ज्यादा मात्रा इस कैंसर को बढ़ा सकते हैं। नाइट्रेट्स (स्मोक्ड और नमकीन खाद्य पदार्थों में पाए जाते हैं) बैक्टीरिया द्वारा निट्रीज में बदल जाते हैं और यही कैंसर को बढ़ावा देते हैं। साथ ही जिनका पेट हेलिकोबैक्टर पाइलोरी नामक बैक्टीरिया से इंफेक्टेड होता है, उन्हें ये कैंसर होने की संभावना होती है।
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इसकी जोखिमों को जानिए
चीजें जो गैस्ट्रिक कैंसर का जोखिम बढ़ा सकती हैं। (Risk factor of Stomach Cancer)
पेट का कैंसर सीधा पेट में होने वाले ट्यूमर से जुड़ा होता है। हालांकि, ऐसे कई जोखिम कारक होते हैं जिनकी वजह से पेट में कैंसर कोशिकाओं के उत्पन्न होने की आशंका बढ़ जाती है। इन जोखिम कारकों में निम्न प्रकार के रोग भी शामिल होते हैं –
- एच.पाइलोरी बैक्टीरियल इंफेक्शन – पेट में होने वाला एक सामान्य संक्रमण जो अलसर का भी रूप ले सकता है।
- ट्यूमर – पाचन प्रणाली के अन्य भागों में ट्यूमर
- लिंफोमा (Lymphoma) – खून में कैंसर का एक समूह
- पेट में पॉलीप्स – ऊतकों की असामान्य वृद्धि
इसके अलावा पेट का कैंसर निम्न परिस्थितियों में भी सामान्य होता है –
- परिवार के किसी अन्य सदस्य में पेट का कैंसर होना
- 50 व उससे अधिक उम्र वाले लोगों में
- धूम्रपान करने वाले व्यक्ति
- पुरुषों
जहां एक तरफ मेडिकल हिस्ट्री के कारण पेट का कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है वहीं कुछ विशेष प्रकार की जीवनशैली की आदतें भी गैस्ट्रिक कैंसर के खतरे को बढ़ा सकती हैं। आप में पेट का कैंसर बढ़ने का जोखिम निम्न स्थितियों में अधिक हो सकता है –
- आहार में नमकीन और स्मोक्ड खाद्य पदार्थों की ज्यादा मात्रा;
- आहार में फलों और सब्जियों का कम सेवन करना;
- एफ्लाटॉक्सिन के फंगस हुए दूषित खाद्य पदार्थों का सेवन करना;
- पेट का कैंसर की फैमिली हिस्ट्री होना;
- हेलिकोबैक्टर पाइलोरी बैक्टीरिया का इंफेक्शन होना;
- लंबे समय तक पेट की सूजन होना;
- पेरनिसियस एनीमिया
- स्मोकिंग करना;
- पेट में पॉलीप्स होना
जोखिम वाली चीजें नहीं करने का यह मतलब नहीं कि आपको यह कैंसर नहीं हो सकता। यदि आपको पेट में कैंसर के लक्षण या संकेत महसूस होते हैं तो तुरंत इसके लिए टेस्ट करवाएं। ज्यादा जानकारी के लिए आपको अपने डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है।
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निदान और उपचार
नीचे दी गई जानकारी किसी भी वैद्यकीय सुझाव का पर्याय नहीं है, इसलिए हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।
पेट का कैंसर का निदान कैसे करें? (Diagnosis of Stomach Cancer)
जिन व्यक्तियों में लगातार पेट में कैंसर के लक्षण दिखाई देते हैं उन्हें तुरंत डॉक्टर के पास जाने की जरूरत है। डॉक्टर आपसे लक्षणों, फैमिली हिस्ट्री और मेडिकल हिस्ट्री के बारे में पूछेंगे। इसके साथ ही वह आप से आपकी लाइफस्टाइल से जुड़े सवाल जैसे आप कैसा खाना खाते हैं, क्या पीते हैं व धुम्रपान करते हैं या नहीं?
डॉक्टर आपका शारीरिक परीक्षण भी कर सकते हैं जिसमें वह पेट पर गांठ या कोमलता का पता लगाने की कोशिश करते हैं।
पेट का कैंसर पहचानने के लिए ब्लड टेस्ट की सलाह भी दी जा सकती है। इस टेस्ट में विशेष प्रकार के कैंसर के संकेतों का पता लगाया जाता है। इसके साथ ही डॉक्टर आपका टोटल ब्लड काउंट टेस्ट भी कर सकते हैं। इसमें लाल और सफेद रक्त कोशिकाओं की गिनती व प्लेटलेट और हिमोग्लोबिन का पता लगाया जाता है।
यदि डॉक्टर को पेट में कैंसर के लक्षण दिखाई देते हैं तो वह आपको इस रोग के विशेषज्ञ के पास अन्य टेस्ट करवाने के लिए जाने की सलाह दे सकते हैं।
गैस्ट्रिक कैंसर के परीक्षण में निम्न शामिल हैं –
- अपर एंडोस्कोपी
- सीटी स्कैन
- बेरियम स्वालो
- ईजीडी
- एक्स-रे
- पीईटी स्कैन
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पेट के कैंसर का इलाज कैसे किया जाता है? (Treatment for Stomach Cancer)
इसका उपचार इस बात पर निर्भर करता है कि कैंसर कितना ज्यादा फैला हुआ है (या कैंसर किस स्टेज पर है)। इसका एकमात्र इलाज सर्जरी है। सर्जरी के दौरान पेट कुछ हिस्सा (सबटोटल गस्ट्रेक्टोमी) अलग किया जाता है या लिम्फ ग्लैंड्स अलग करके पूरे कैंसर को निकलना होता है। पहले से ही किसी और कैंसर से पीड़ित लोगों के लिए सर्जरी का सुझाव नहीं दिया जाता है। उनको कीमोथेरपी या रेडिएशन थेरेपी से उपचार दे सकते हैं। कुछ लोगों के लिए उनके कैंसर लक्षण मिलाने के लिए सर्जिकल बाईपास प्रोसीजर की जा सकती है।
हालांकि पेट के कैंसर के इलाज अब उपलब्ध हैं। डॉक्टर आपकी स्टेज के हिसाब से ही इलाज करना शुरू करता है। आपकी स्टेज इस बात पर निर्भर करती है कि आपका कैंसर शरीर में कितना फैल चुका है। इसके इलाज के लिए सर्जरी, रेडियेशन थेरिपी, कीमोथेरिपी और दवाइयां आदि दी जाती है।
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पेट में कैंसर का चरणों अनुसार इलाज
स्टेज 0- यह तब होता है जब आपके पेट की कोशिकाओं में संक्रमण हो जाता है यानी कोशिकाएं कैंसर के रूप में बदलने लगती हैं। यह आमतौर पर सर्जरी से ठीक हो जाता है। डॉक्टर आपके पेट के उस हिस्से को भी निकाल सकते हैं, जहां कैंसर पनप रहा है।
स्टेज 1- इस स्टेज में पेट के अंदर ट्यूमर बन जाता है। यह आपके लिम्फ नोड्स में फैल सकता है। इस स्टेज में आपको कीमोथेरेपी या कीमोरैडिशन देने की जरूरत पड़ सकती है। सर्जरी से पहले ट्यूमर को छोटा करने का प्रयास भी किया जाता है।
स्टेज 2- इसमें कैंसर पेट की गहरी परतों और लिम्फ नोड्स में फैल जाता है। इसमें पेट के आस—पास के भागों को सावधानी से हटाने के लिए सर्जरी की जरूरत होती है। इस दौरान कीमोथेरेपी भी की जाती है।
स्टेज 3- अब कैंसर पेट की सभी परतों में हो जाता है। कैंसर छोटा हो सकता है लेकिन इसमें भी कीमो या कीमोरैडिशन के साथ-साथ आपके पूरे पेट की सर्जरी करनी होती है।
स्टेज 4- इस अंतिम स्टेज में यकृत, फेफड़े या मस्तिष्क जैसे अंगों तक कैंसर फैल गया होता है। इसका इलाज करना बहुत कठिन है। डॉक्टर इसमें आपके लक्षणों को कम करने की कोशिश कर सकता है।
- गैस्ट्रिक बायपास सर्जरी
- एक ऐसी प्रक्रिया जिसमें ट्यूमर को एंडोस्कोप की मदद से लेजर से नष्ट कर दिया जाए। इसमें गले की नली से एक पतली सी ट्यूब डाली जाती है।
- सर्जरी की मदद से पेट के कुछ हिस्से को हटाना।
- स्टेंट नामक एक पतली लोहे की ट्यूब को पेट और अन्नप्रणाली के बीच लगाया जाता है जो चीजों को सामान्य बनाए रखने में मदद करती है।
इस चरण में कीमो और रेडिएशन या दोनों थेरेपी का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके अलावा आपको टारगेट थेरेपी की भी जरूरत पड़ सकती है। इस प्रकार के ड्रग कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने में मदद करते हैं और स्वस्थ कोशिकाओं को कोई नुकसान नहीं पहुंचाते हैं। इस प्रकिया से दुष्प्रभावों का जोखिम भी कम हो जाता है।
जीवनशैली में बदलाव और कुछ घरेलू उपचार
क्या कुछ घरेलू उपचार या जीवन शैली के बदलाव से ये बीमारी ठीक हो सकती है?
नीचे दिए गए कुछ घरेलू नुस्खे और बदलाव इससे बचने में मददगार साबित होंगे:
- डॉक्टर के इंस्ट्रक्शंस का पालन करें
- धूम्रपान से परहेज करें।
- आहार में फलों और सब्जियों का सेवन भरपूर करें।
- अगर आप हृदय संबंधी समस्याओं या अर्थराइटिस के लिए एस्पिरिन या नॉन स्टेरॉइडल एंटीइन्फ्लामेट्री दवाओं का सेवन रोजाना करते हैं तो अपने डॉक्टर से उनके पेट पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों के बारे में पूछें।
- आहार में नमकीन और स्मोक्ड खाद्य पदार्थों खाने से बचें
- एल्कोहॉल का सेवन न करें
- समय-समय पर एंडोस्कोपी करें और कैंसर ज्यादा न बढ़े इसका ध्यान रखें।
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नेशनल कैंसर इंस्टिट्यूट के अनुसार अगर पेट में कैंसर का इलाज उसके शुरुआती चरणों में ही करवा लिया जाए तो मरीज के जिंदा रहने की समय सीमा पांच वर्ष तक बढ़ सकती है। इसकी संभावना आमतौर पर 30 प्रतिशत होती है।
अगर आपको कोई भी सवाल या चिंता सता रही है तो सही सुझाव के लिए अपने डॉक्टर से बात करें।