सर्दियों के मौसम में कॉमन कोल्ड और फ्लू होना आम है, जो कई दिनों तक चलता है। ऐसे में वर्कआउट करने वालों के मन में ये सवाल उठ सकता है कि बीमारी के दौरान एक्सरसाइज करना चाहिए या नहीं? बता दें कि सामान्य बीमारी में फिजिकल एक्टिविटीज के लिए मनाही नहीं है। कई सारे एक्सपर्ट इसके लिए एक थम्ब रूल को फॉलो करते हैं जिसमें कहा जाता है कि अगर लक्षण गर्दन के ऊपर हैं, तो आप थोड़ी एक्सरसाइज कर सकते हैं, लेकिन कुछ बीमारियों में एक्सरसाइज से परहेज करने की सलाह दी जाती है। इस आर्टिकल में कौन सी बीमारी में एक्सरसाइज (Exercising during sickness) ना करें, कब वर्कआउट रूटीन को फॉलो करें जैसी जानकारी दी जा रही हैं।
कौन सी बीमारी में एक्सरसाइज (Exercising during sickness) करना जारी रख सकते हैं?
नीचे बताए जा रहे लक्षणों के साथ वर्कआउट करना सेफ है, लेकिन इसके बारे में पहले अपने एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें।
बीमारी में एक्सरसाइज: हल्का जुकाम (Mild cold) है तो कर सकते हैं व्यायाम
हल्का जुकाम नाक और गले का वायरस इंफेक्शन है। हालांकि सबके लिए इसके लक्षण अगल हो सकते हैं, लेकिन ज्यादातर लोग सिर में दर्द, छींकना, कफ, गले में खराश और स्टफी नोज जैसे लक्षणों का अनुभव करते हैं। माइल्ड कोल्ड होने पर अगर वर्कआउट करने की एनर्जी है तो व्यक्ति बाहर कठिन व्यायाम करने की जगह घर के बाहर टहलने के लिए जा सकता है। अगर लग रहा है कि ऊर्जा की कमी है तो कुछ दिनों के लिए एक्सरसाइज को टालें या उसके ड्यूरेशन को कम रखें।
इस बीमारी में एक्सरसाइज (Exercising during sickness) करने से पहले एक बात का ध्यान रखें कि कोल्ड होने पर आप दूसरों में जर्म फैला सकते हैं। इसलिए प्रॉपर हाइजीन फॉलो करें। बार-बार हाथों को धोएं और छींकते या खांसते वक्त मुंह को ढककर रखें।
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बीमारी में एक्सरसाइज करना: कान में दर्द होने पर भी जारी रख सकते हैं वर्कआउट
कान में दर्द तेज, धीमा और जलन के साथ दर्द हो सकता है। यह एक और दोनों कान में हो सकता है। बच्चों में कान का दर्द आमतौर पर इंफेक्शन के कारण होता है वहीं बड़ों में यह किसी अन्य जगह दर्द होने के कारण होता है जैसे कि गला। यह रेफर्ड पेन (Referred pain) का उदाहरण है। यह साइनस इंफेक्शन, टूथ इंफेक्शन या प्रेशर में बदलाव होने के कारण भी हो सकता है। कुछ प्रकार का ईयर इंफेक्शन बुखार का कारण भी बन सकता है।
इस प्रकार की कान की बीमारी में एक्सरसाइज (Exercising during sickness) करना सुरक्षित नहीं होता है, लेकिन साधारण कान के दर्द में एक्सरसाइज की जा सकती है, लेकिन कठिन एक्सरसाइज को छोड़कर सिंपल वॉक जारी रखें।
बीमारी में एक्सरसाइज करना: गले में खराश होने पर की जा सकती है एक्सरसाइज
गले में खराश का कारण कॉमन कोल्ड या फ्लू की तरह ही वायरल इंफेक्शन होता है। कुछ निश्चित स्थितियों में जब गले में खराश जब बुखार से संबंधित होती है या बहुत ज्यादा खांसी होना और निगलने में कठिनाई होने पर आपको एक्सरसाइज को होल्ड पर रखना चाहिए जब तक डॉक्टर वर्कआउट को फिर से चालू करने की सलाह नहीं देते। हालांकि अगर आप सामान्य तौर पर गले की खराश का अनुभव कर रहे हैं तो वर्कआउट करना सुरक्षित हो सकता है। ठंडे पानी से खुद को हायड्रेट करना एक्सरसाइज के दौरान गले की खराश में आराम दिला सकता है।
बीमारी में एक्सरसाइज: स्टफी नोज होने पर भी कर सकते हैं एक्सरसाइज
स्टफी नोज की परेशानी से असहजता और चिढ़चिढ़ापन हो सकता है। अगर स्टफी नोज के साथ खांसी, चेस्ट कंजेशन भी है तो वर्कआउट से कुछ समय के लिए ब्रेक ले लेना चाहिए, लेकिन अगर व्यक्ति नेजल कंजेशन का अनुभव कर रहा है तो एक्सरसाइज की जा सकती है। यहां तक कि कुछ एक्सरसाइज नेजल पैसेज को ओपन करने में मदद करती हैं ताकि आप आसानी से सांस ले सकें।
यदि आप अन्य लक्षणों का अनुभव कर रहे हैं जो अक्सर सामान्य सर्दी से जुड़े होते हैं, जैसे थकान (Fatigue) और कंजेशन (Congestion) तो अपने सामान्य व्यायाम की तीव्रता को कम करने पर विचार करें।
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कौन सी बीमारी में एक्सरसाइज (Exercising during sickness) करने की सिफारिश नहीं की जाती
जैसे कि आप जान चुके हैं कि माइल्ड कोल्ड और कान में दर्द होने पर एक्सरसाइज करने का कोई नुकसान नहीं है, लेकिन नीचे बताए जा रही कंडिशन में एक्सरसाइज करना रिकमंड नहीं किया जाता।
बीमारी में एक्सरसाइज: फीवर (Fever)
जब आपको फीवर होता है तो आपकी बॉडी का तापमान सामान्य से अधिक हो जाता है। बुखार के कई कारण हो सकते हैं, लेकिन आम तौर पर यह बैक्टीरियल और वायरल इंफेक्शन की वजह से होता है। बुखार की वजह से कमजोरी, डीहायड्रेशन, मांसपेशियों में दर्द और भूख की कमी जैसी परेशानियां हो सकती हैं। फीवर के दौरान एक्सरसाइज करने से डीहायड्रेशन बढ़ जाता है जिससे बुखार और बिगड़ सकता है। इसके साथ ही बुखार की वजह से मांसपेशियों की स्ट्रेंथ और एंड्यूरेंस कम हो जाती है जिससे चोट लगने का भी रिस्क होता है। इसलिए फीवर में एक्सरसाइज करना स्किप कर देना चाहिए।
बीमारी में एक्सरसाइज: लगातार खांसी होना (Frequent cough)
कभी-कभार आना खांसी बॉडी के एयरवेज में इरिटेंट्स या फ्लूइड की प्रतिक्रिया होती है और यह बॉडी को हेल्दी रखने में मदद करती है। हालांकि लगातार खांसी आना रेस्पिरेटरी इंफेक्शन (Respiratory infection) के संकेत हो सकता है जिसमें निमोनिया (Pneumonia) भी शामिल है। कभी-कभार हल्की खांसी होना जिम छोड़ने का कारण नहीं बन सकती है, लेकिन अगर आपको लगातार खांसी आ रही है तो वर्कआउट को स्किप करना ही सही होगा। लगातार खांसी से गहरी सांस लेना मुश्किल हो सकता है, खासकर जब व्यायाम के दौरान आपकी हृदय गति बढ़ जाती है। इससे आपको सांस लेने में तकलीफ और थकान होने की संभावना बढ़ जाती है।
खांसी होने पर जिम जाने से बचें, क्योंकि आप साथी जिम जाने वालों को उन कीटाणुओं के संपर्क में आने का जोखिम दे रहे हैं जो आपकी बीमारी का कारण बने। साथ ही अगर एक्सरसाइज के दौरान आपकी खांसी हो रही है तो यह अस्थमा का संकेत हो सकता है। अगर यह बनी रहती है तो डॉक्टर से मिलें।
पेट से संबंधित बीमारियां (Stomach related diseases)
पेट की बीमारी में एक्सरसाइज (Exercising during sickness) करना रिकमंड नहीं किया जाता है। ऐसी बीमारियां जो पाचन तंत्र को प्रभावित करती हैं जिसमें स्टमक फ्लू शामिल है गंभीर लक्षणों का कारण बन सकती हैं। जी मिचलाना, उल्टी, डायरिया, बुखार और पेट में दर्द, भूख का कम होना स्टमक प्रॉब्लम्स के प्रमुख लक्षण हैं। दस्त और उल्टी से डीहायड्रेशन का खतरा होता है, जिससे शारीरिक गतिविधियां बिगड़ जाती हैं। पेट की बीमारी होने पर कमजोरी महसूस होना आम बात है, जिससे वर्कआउट के दौरान चोट लगने की संभावना बढ़ जाती है। अगर आप पेट की बीमारी के दौरान बेचैनी महसूस कर रहे हैं, तो घर पर हल्की स्ट्रेचिंग या योगा सबसे सुरक्षित विकल्प हैं।
बीमारी के बाद कब शुरू कर सकते हैं वर्कआउट
बहुत से लोग बीमारी से उबरने के बाद जिम वापस जाने के लिए उत्सुक रहते हैं। नियमित व्यायाम आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाकर सबसे पहले आपके बीमार होने के जोखिम को कम कर सकता है हालांकि, यह महत्वपूर्ण है कि अपने व्यायाम की दिनचर्या में लौटने से पहले अपने शरीर को किसी बीमारी से पूरी तरह से उबरने दें, और यदि आप लंबे समय तक कसरत करने में असमर्थ हैं तो भी आपको तनाव नहीं लेना चाहिए।
कुछ लोगों को चिंता रहती है कि जिम से कुछ दिनों की छुट्टी उन्हें वापस पुराने शेप या रूटीन में ले आएगी और मांसपेशियों और ताकत को नुकसान पहुंचाएगी, ऐसा नहीं है। अगर बॉडी में थोड़े बहुत बदलाव होते भी है तो उन्हें वर्कआउट के द्वारा वापस पा सकते हैं, लेकिन किसी गंभीर स्थिति में एक्सरसाइज करके आप खुद को नुकसान पहुंचा सकते हैं। किसी भी बीमारी में वर्कआउट करने से पहले डॉक्टर से राय जरूर लें।
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उम्मीद करते हैं कि आपको बीमारी में एक्सरसाइज (Exercising during sickness) करने से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।
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