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स्ट्रेस के फायदे : आप ज्यादा फ्लेक्सिबल होते हैं
साइंस ऑफ रेसिलिएंस की स्टडी के अनुसार, तनावपूर्ण स्थितियों से निपटने के लिए सीखना, भविष्य में किसी चीज को मैनेज करने की एबिलिटी को आसान बना सकता है। तनावपूर्ण स्थितियों के बार-बार संपर्क में आने से शारीरिक और मनोवैज्ञानिक नियंत्रण की भावना डेवलप करने का मौका मिलता है।
2013 में कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय सैन फ्रांसिस्को के एक अध्ययन में पाया गया कि क्रोनिक स्ट्रेस हमारे डीएनए और आरएनए के ऑक्सीडेटिव लॉस को बढ़ावा देता है। वहीं, रोजमर्रा की जिंदगी में होने वाले तनाव का मध्यम स्तर वास्तव में इसकी रक्षा करता है और “मनोवैज्ञानिक आत्मीयता यानी साइकोबायोलॉजिकल रेसिलिएंस’ को बढ़ाता है।
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आपको सफल होने के लिए प्रेरित करता है
अच्छा तनाव, जिसे साइंटिफिक कम्युनिटी में यूस्ट्रेस (eustress) के नाम से भी जाना जाता है। गुड स्ट्रेस के फायदे आपको मिल सके इसके लिए इसे बस सही ढंग से काम पर लाने की आवश्यकता होती है। यह आपके व्यवहार को प्रभावी ढंग से उत्तेजित करने वाला होता है ताकि आप सिचुएशन को और अच्छे से मैनेज कर सके। गुड स्ट्रेस तनावपूर्ण स्थितियों को एक चुनौती के रूप में देखता है जिनसे आप जीत सकते हैं। यूस्ट्रेस जागरूकता बढ़ाकर आपको एक एक्टिविटी में बहुत लीन होने में मददगार साबित होता है। इस यूस्ट्रेस का इस्तेमाल आप वर्कप्लेस, स्पोर्ट्स आदि में सफलता पाने में कर सकते हैं।
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स्ट्रेस के फायदे : चाइल्ड डेवलपमेंट में सहायक
प्रेग्नेंट महिलाओं को अक्सर चिंता होती है कि उनका स्ट्रेस गर्भ में पल रहे शिशु को नकारात्मक रूप से प्रभावित करेगा। लेकिन 2006 के जॉन्स हॉपकिन्स के एक अध्ययन में पाया गया है कि गर्भावस्था के दौरान हल्के से मध्यम स्तर का तनाव बच्चे के लिए अच्छा हो सकता है। 137 महिलाओं पर हुए इस शोध में पाया गया कि जिन शिशुओं का जन्म उन माताओं से हुआ था जिन्होंने प्रेग्नेंसी के दौरान थोड़ा स्ट्रेस का अनुभव किया था, वे बच्चे जब दो साल के हुए तो उनमें मोटर और डेवलपमेंटल स्किल्स तनाव न लेने वाली महिलाओं के बच्चों की तुलना में ज्यादा थी।
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स्ट्रांग बनते हैं आप
स्ट्रेस के तमाम फायदे में से एक यह है कि जब आप जल्दी-जल्दी और छोटी-छोटी तनावग्रस्त स्थितियों का सामना करते हैं तो ये सिचुएशन आपको भावनात्मक रूप से मजबूत बनाती हैं। साथ ही ऐसे लोग दूसरे लोगों को इमोशनल सपोर्ट देने में भी आगे होते हैं। स्ट्रेस एंड हेल्थ पत्रिका में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि तनाव का अनुभव करने से लोगों को किसी अन्य व्यक्ति से इमोशनल सपोर्ट लेने और देने की अधिक संभावना होती है।