गुर्दे की पथरी यानी की किडनी स्टोन (Kidney stone) तब बनता है जब मिनरल्स और सॉल्ट किडनी में क्रिस्टलाइज़ होकर ठोस हो जाते हैं। अधिकतर ये कैल्शियम ऑक्सलेट होता है। स्टोन मुख्य कारण निर्जलीकरण माना जा सकता है, क्यूंकि जब शरीर में पानी कम होता है, तो लिक्विड किडनी से होकर धीरे-धीरे आगे बढ़ पता है, जिससे मिनरल्स और सॉल्ट के आपस में चिपकने का खतरा बढ़ जाता है। किडनी स्टोन (Kidney stone) को यूरोलिथियासिस (Urolithiasis) भी कहा जाता है। किडनी स्टोन मूत्र पथ (यूरिनरी ट्रैक्ट) के किसी भी हिस्से को नुकसान पहुंचा सकती है। किडनी स्टोन का दर्द असहनीय होता है और ये कभी भी उठ सकता है। आइये बात करते हैं स्टोन के घरेलु उपचार की।
पथरी की समस्या (Kidney stone) के लिए आसान उपाय
पथरी की समस्या और पानी (Stone Problem and water)
पथरी की समस्या का सबसे सरल और सटीक इलाज़ है पानी। पथरी के मरीज़ को दी जाने वाली पहली सलाह भी यही होती है की उसे ज़्यादा से ज़्यादा पानी पीना चाहिए। दिन में 8 ग्लास पानी सबके लिए ज़रूरी है पर स्टोन की समस्या है तो 12 ग्लास पानी पथरी को पेशाब के रास्ते बहार निकलने में मदद करता है साथ ही ज़्यादा पानी पीने से पथरी होने का खतरा भी नहीं रहता। किडनी स्टोन होने का डिहाइड्रेशन एक मुख्य कारण है। यूरिन के कलर पर खास ध्यान दें। यदि आपके यूरिन का कलर डार्क यैलो है तो यह डिहाइड्रेशन का लक्षण हो सकता है।
पथरी की समस्या और नींबू (Stone Problem and Lemon)
नींबू पथरी की समस्या होने पर काफी लाभदायी होता है। क्यूंकि इसमें सिट्रेट होता है जो की जमे हुए कैल्शियम को तोड़ता है और पथरी की ग्रोथ को रोकता है। इस उपचार के लिए एक ग्लास नींबू पानी सुबह खाली पेट, एक उसके कुछ घंटों बाद लें फिर एक ग्लास रात के खाने से पहले लेने से काफी लाभ होगा।
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पथरी की समस्या में एप्पल साइडर विनेगर (Stone Problem and Apple Cider Vinegar)
एप्पल साइडर विनेगर में भरपूर मात्रा में सिट्रिक एसिड होता है जो की जमे हुए मिनरल्स और सॉल्ट को डिसॉल्व करने में मदद करता है इसके लिए एक गिलास पानी में 2 टेबलस्पून एप्पल साइडर विनेगर मिक्स करें और पी लें। इसे दिन में कम से कम 3 बार ज़रूर लें। इससे पथरी समस्या में काफी आराम मिलता है।
तुलसी का रस (Basil juice)
तुलसी में एसेटिक एसिड होता है जो किडनी स्टोन को ब्रेक करने और दर्द को कम करने में मदद करता है। यह न्यूट्रिएंट्स से भरपूर होता है। पौराणिक समय से इसका इस्तेमाल डायजेस्टिव और इंफ्लामेटरी डिसऑर्डर के लिए किया जाता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स और एंटी इन्फलामेटरी एजेंट होते हैं जो किडनी को स्वस्थ रखने में भी मदद करते हैं। रोजाना सूखी तुलसी की पत्तियों को पानी में उबालकर पी सकते हैं।
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सेलेरी का रस (Celery juice)
सेलेरी का रस किडनी से टॉक्सिन्स को दूर करता है। इसका इस्तेमाल भी सालों से किडनी स्टोन से बचाव के लिए किया जा रहा है। ये शरीर से स्टोन को बाहर करने में मदद करती है। इसके लिए आप सिलेरी को पानी के साथ मिक्सर में पीसकर जूस बनाकर पी सकते हैं। यदि आपको ब्लीडिंग डिसऑर्डर है या लो बल्ड प्रेशर की शिकायत है तो इसका सेवन न करें।
व्हीटग्रास (Wheatgrass)
व्हीटग्रास में एंटीऑक्सीडेंट्स होते है जो की यूरिनरी ट्रैक्ट से मिनरल और सॉल्ट के जमाव को कम करते हैं साथ ही व्हीटग्रास से यूरिन फार्मेशन भी ज्यादा होता है जिससे स्टोन के शरीर से बहार निकलने में आसानी होती है। पथरी की समस्या से निपटने के लिए एक बार व्हीटग्रास का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए।
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अनार (Pomegranate)
अनार में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो की किडनी स्टोन को बनने से रोकने और शरीर से बाहर निकालने में फायदेमंद है। इसके लिए रोज़ाना एक अनार का सेवन करें।
6.खानपान में बदलाव (Change Food Habits)
पथरी के घरेलु उपचार के लिए खानपान में भी परहेज बहुत ज़रूरी है। इसके लिए हाई फाइबर और ज्यादा पोषक तत्व वाली चीजें कम खानी चाहिए। साथ ही नमक और चीनी भी ज्यादा नहीं खाएं और ड्रिंक करने से भी परहेज करें।
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पथरी का दर्द अच्छी से अच्छी सेहत वाले को बेहाल कर देता है क्यूंकि की पथरी का दर्द बहुत भयानक होता है।
पथरी की समस्या से जुड़े रोचक तथ्य
- पथरी किडनी में जमकर बनने वाले एक क्रिस्टल तरह के पदार्थ को कहते हैं।
- पथरी किडनी या मूत्र नली में भी बन सकती है
- किडनी की पथरी के लिए Nephrolithiasis शब्द का इस्तेमाल किया जाता है।
- 20 में से हर एक व्यक्ति को जीवनकाल में कभी न कभी पथरी होती है।
- पथरी की समस्या तब होती है जब मूत्र अवधि में कमी आती है या पेशाब में ठोस क्रिस्टल की मात्रा बढ़ने लगती है।
- कम पानी पीना और डिहाइड्रेशन पथरी की समस्या के प्रमुख कारणों में से एक है।
- किडनी स्टोन होने पर व्यक्ति को दर्द और खून में पेशाब भी आने लगता है।
- किसी तरह की बीमारियों से ग्रस्त लोग या किसी तरह की दवाई या सप्लिमेंट लेने वाले लोगों को भी पथरी हो सकती है।
- हमारी डायट और कुछ अनुवांशिक कारण भी पथरी की समस्या का कारण बन सकते हैं।
- पथरी की समस्या का पता लगाने के लिए सबसे अच्छा तरीका अल्ट्रासाउंड है।
- ज्यादातर मामलों में किडनी स्टोन्स ब्लैडर और यूरिनरी ट्रैक्ट से अपने आप घुलकर निकल जाते हैं।
- मूत्राशय की पथरी ज्यादार 20 से 49 साल की उम्र के बीच होती है।
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पथरी की समस्या ज्यादातर कैल्शियम की वजह से होती है
ज्यादातर मामलों में देखा गया है कि पथरी की समस्या कैल्शियम के एकत्रित होने से होती है। कैल्शियम के साथ अन्य ऑक्सिलेट मिलकर पथरी बना देते हैं। इसके अलावा अन्य केमिकल कंपाउंड भी पथरी बनने का कारण हो सकते हैं जैसे – यूरिक एसिड, मैग्नीशियम, अमोनियम फॉस्फेट और अमीनो एसिड सिस्टीन। इसके अलाव गाउट और हायपरकैल्शियूरिया नामक मेडिकल कंडीशन भी पथरी की समस्या का कारण हैं। गाउट एक ऐसी मेडिकल कंडीशन जिसमें खून व पेशाब में यूरिक एसिड की मात्रा बहुत ज्यादा बढ़ जाती है, जिसके वजह से पथरी बन जाती है। वहीं हायपरकैल्शियूरिया ऐसी मेडिकल कंडीशन है जिसमें पेशाब में कैल्शियम की मात्रा बहुत ज्यादा बढ़ जाती है।
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डॉक्टर को दिखाने की जरूरत कब होती है?
यदि 6 हफ्ते तक आपकी पथरी पास नहीं होती और आपको नीचे बताए गए लक्षण नजर आते हैं तो आपको बिना देरी किए डॉक्टर को दिखाना चाहिए:
- गंभीर दर्द (severe pain)
- यूरिन में ब्लड आना (blood in your urine)
- बुखार (fever)
- ठंड लगना (chills)
- जी मिचलाना (nausea)
- उल्टी (vomiting)
अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से संपर्क करें।