जब भी सेहतमंद आहार की बात होती है, तो दलिया (Bulgur) का नाम सबसे पहले लिया जाता है। दलिया के हजारों फायदे हैं। इसमें प्रोटीन, विटामिन-बी और फायबर आदि भरपूर मात्रा में होते हैं, जिससे इसके फायदे और भी अधिक बढ़ जाते हैं। जैसे शरीर को ऊर्जा प्रदान करना, पाचन तंत्र को बेहतर बनाय रखना और मोटापा कम करना। अगर आप वजन कम करना चाहते हैं, तो दलिया (Daliya) आपको फायदा पहुंचाएगा। दलिये को आप दूध के साथ भी बना सकते हैं और सब्जियों के साथ इसे बनाकर भी आप इसके स्वाद के साथ-साथ फायदों को बढ़ा सकते हैं। जानिए दलिया वजन कम करने में कैसे मदद कर सकता है।
कम कैलोरी के लिए दलिया (Daliya)
दलिया एक ऐसा सुपरफूड है, जिसमें बहुत कम कैलोरी होती है। यानी दलिया खाने से आपको बहुत कम कैलोरी प्राप्त होती है, जिससे वजन कम होने में मदद मिलती है। इसके साथ ही दलिये से शरीर को पर्याप्त ऊर्जा मिलती है, लेकिन इससे वजन और मोटापा नहीं बढ़ता। अगर आप नियमित रूप से दलिये का सेवन करते हैं, तो आपको पर्याप्त पोषक तत्व प्राप्त होते हैं। दलिया (Daliya) में पाए जाने वाले तत्व शरीर को मजबूत रखने का भी काम करते हैं।
दलिया को सुबह का बेहतरीन और हेल्दी नाश्ता कहना गलत नहीं होगा। इसका कारण ये है कि एक कप दलिया में 150 कैलोरी होती है, जिसमे करीब 4 ग्राम फाइबर होती है। दलिया से मिलने वाला फाइबर सॉल्युबल और नॉन सॉल्युबल दोनों प्रकार का होता है। साथ ही दलिया के एक कप में करीब 6 ग्राम प्रोटीन होती है। अगर आप दलिया को अधिक पोषण वाला नाश्ता बनाना चाहते हैं, तो आप उसमे आलमंड (Almond) के साथ ही अन्य नट्स भी मिला सकते हैं। अगर आप दलिया (Daliya) का सेवन करेंगे तो आपको जल्दी भूख नहीं लगेगी। यानी पोषण के साथ ही आपका वजन बढ़ने का खतरा भी कम हो जाएगा। दलिया में पाए जाने वाले थायमीन, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस, जिंक, मैग्नीज, सेलेनियम और आयरन शरीर को स्वस्थ्य रखने का भी काम करते हैं।
फाइबर (Fiber) से भरपूर है दलिया
दलिये में बहुत अधिक मात्रा में फाइबर होता है। अगर आपके आहार में पर्याप्त मात्रा में फाइबर है, तो इसका अर्थ है कि आपका पाचन तंत्र सही से काम करेगा। फाइबर की पर्याप्त मात्रा होने से पेट साफ रहता है। अगर आपकी पाचन क्रिया सही है, तो आपका वजन भी संतुलित रहेगा। यही नहीं, अधिक फाइबर से आपको भूख भी कम लगती है और पेट जल्दी भर जाता है। दलिये को पचने में बहुत अधिक समय लगता है। इसे खाने के बाद ऐसा लगता है कि आपको भूख नहीं लग रही है। इससे आप कम खाते हैं। अगर आप दलिया (Daliya) सुबह नाश्ते में खाते हैं, तो आपको दोपहर के खाने तक भूख नहीं लगती। इसलिए वजन कम (Weight loss) करना है, तो दलिये को अपने आहार में अवश्य शामिल करना चाहिए।
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कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स
एक कटोरी दलिये (Daliya) में कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स पाया जाता है। ग्लाइसेमिक इंडेक्स खाद्य पदार्थ में मौजूद कार्बोहायड्रेट की वो रैंकिंग है, जिससे पता चलता है कि वे रक्त शर्करा के स्तर को कैसे प्रभावित करते हैं। कार्बोहाइड्रेट्स, जिनका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम है, वो बहुत जल्दी अवशोषित हो जाते हैं और ब्लड ग्लूकोस को कम करने में भी लाभदायक है। इसलिए वजन कम करने में दलिया बेहद प्रभावी है।
प्रोटीन (Protein) से भरपूर दलिया
यह प्रोटीन का बेहतरीन स्त्रोत है। प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों को पचने यानि डायजेस्ट होने में समय लगता है, जिससे भूख कम लगती है। इससे मेटाबोलिज्म बढ़ता है और वजन को नियंत्रित करने वाले हॉर्मोन को सक्रिय होते हैं। दलिया (Daliya) का सेवन करने से भूख कम करने वाले हार्मोन बढ़ते हैं, जिससे भूख कम लगती है और वजन भी कम होता है।
दलिया से करें कब्ज (Constipation) दूर
कॉन्स्टिपेशन की समस्या में बाउल मूवमेंट ठीक तरह से नहीं हो पाता है। इस कारण से पेट साफ होने में परेशानी का सामना करना पड़ता है। कब्ज की समस्या (Constipation problem) के कारण व्यक्ति स्टूल पास न कर पाने की समस्या से जूझता है। कब्ज की समस्या के कारण स्टूल हार्ड और ड्राय हो सकता है। इसी कारण से व्यक्ति को पेट में दर्द की समस्या भी हो सकती है। कॉन्स्टिपेशन से निपटने के लिए आमतौर पर फाइबर युक्त भोजन करने की सलाह दी जाती है। फाइबर की उचित मात्रा डायजेशन (Diagestion) के काम को बेहतर करती है। कब्ज की समस्या ले छुटकारा पाने के लिए फाइबर फूड का सेवन करने के साथ ही लाइफस्टाइल में बदलाव करना भी बहुत जरूरी है।
अगर आपको कब्ज की शिकायत है, तो आपको दलिया (Daliya) खाना चाहिए। दलिया फाइबर से भरपूर होता है और साथ ही यह पचने में भी आसान होता है। इसी कारण से यह कब्ज की समस्या को दूर करने में प्रभावी है। अगर आप रोजाना दलिया खाएंगे, तो आपको अच्छे परिणाम मिलेंगे। आपका पेट साफ रहेगा और जब पेट साफ रहेगा, तो वजन भी कम होगा। बुजुर्गों में अक्सर कब्ज की समस्या हो जाती है। एक अध्ययन में ये पाया गया कि करीब 15 दिनों तक दलिया का नियमित सेवन करने से 15 बुजुर्गों को कब्ज की समस्या से राहत मिली और उन्हें पेट संबंधि समस्या से भी राहत मिली।
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डायबिटीज (Diabetes) में फायदेमंद है दलिया
बिगड़ती लाइफस्टाइल और खानपान की गलत आदतों के चलते दुनिया भर में डायबिटीज की डिजीज के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। यही कारण है कि भारत दुनिया भर में डायबिटीज कैपिटल के रूप में जाना जाने लगा है। ऐसे में दलिया डायबिटीज के रोगीयों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। दलिया में पाए जाने वाले फाइबर के कारण ब्लड शुगर लेवल (Blood sugar level) को कंट्रोल में रखता है।
एक्सरसाइज (Workout) के लिए ऊर्जा दे दलिया
यह वर्कआउट या एक्सरसाइज के बाद खाया जाने वाला सबसे अच्छा आहार है। एक्सरसाइज करने के लिए बहुत अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है। इसलिए आपको वजन कम करने के लिए इसे खाना चाहिए। इससे आपकी ऊर्जा का स्तर बढ़ेगा और आप अच्छे से एक्सरसाइज कर पाएंगे। आप इस एक्सरसाइज करने से पहले या बाद में कभी भी खा सकते हैं। बस दूध में इसे बनाएं, लेकिन चीनी की जगह शहद का प्रयोग करें, ताकि आपको अपने व्यायाम का पूरा फायदा हो।
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दलिया के फायदे: कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) नियंत्रित करें
आज के दौर में गलत खानपान और बिगड़ती लाइफस्टाइल के कारण कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना एक आम समस्या हो गई है। ऐसे में इसे कंट्रोल करने के लिए दलिया एक अच्छा ऑप्शन हो सकता है। दलिया में काफी मात्रा में फाइबर पाए जाते हैं। शरीर में फाइबर जाने से यह कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने का काम करता है। साथ ही कोलेस्ट्रॉल बढ़ने से इंसान को हार्ट की बीमारियां भी बढ़ती हैं। ऐसे में दलिया के सेवन से इसकी आशंका काफी कम हो जाती है। इसको कई शोध भी किए जा चुके हैं, जिनमें इस बात की पुष्टि हुई है कि नियमित दलिया खाने से हार्ट की बीमारी होने का खतरा काफी कम हो जाता है।
दलिया खाने से हड्डियां (Bone) होती है मजबूत
आज के दौर में काफी लोग हड्डियों की बीमारी से जूझ रहे हैं। दलिया में काफी मात्रा में मैग्नीशियम और कैल्शियम होने के कारण यह हड्डियों को मजबूत करने में मदद करता है। दलिया में काफी मात्रा में मैग्नीशियम और कैल्शियम पाया जाता है। कैल्शियम (Calcium) हड्डियों को मजबूत करने का काम करता है। ऐसे में दलिया खाने से भी हड्डियां मजबूत होती हैं। साथ ही रेग्यूलर दलिया खाने से बढ़ती उम्र के साथ हड्डियों की समस्याएं नहीं होती हैं। साथ ही दलिया पित्त की थैली में मौजूद पथरी की समस्या में भी आपको राहते दे सकता है।
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अस्थमा (Asthma) से बचाता है दलिया
कई रिसर्च में ये बात सामने आई है कि जिन बच्चों को छह माह के पहले ही फूड खिलाना शुरू कर दिया जाता है या फिर छह माह के तुरंत बाद बच्चे फूड पर निर्भर हो जाते हैं, उन्हें अस्थमा का खतरा बढ़ जाता है। अस्थमा क्रोनिक डिजीज है। ये एक प्रकार का इंफ्लामेट्री डिसऑर्डर है। ऐसे में बच्चों को कफ (Cough) की समस्या, सांस लेने में समस्या और कमजोरी का एहसास हो सकता है। आपको बताते चले कि ऐसा अन्य खाद्य पदार्थों के साथ नहीं होता है। अगर बच्चे को छह माह के बाद थोड़ी मात्रा में दलिया का सेवन कराया जाए तो बच्चे में अस्थमा का खतरा घट जाता है।
कर सकते हैं ग्लूटेन फ्री ओट्स (Gulet free oats) का सेवन
ओट्स ग्लूटेन फ्री भी मिलती है, लेकिन आपको इसके लिए पैकेट में एक बाद लेबल जरूर चेक करना चाहिए। अगर आप ग्लूटेन फ्री डायट लेते हैं तो ग्लूटेन फ्री ओट्स का भी आप भी इस्तेमाल कर सकते हैं। जिन लोगों को सिलिएक डिजीज हो, उन्हें ग्लूटेन युक्त दलिया खाने से बचना चाहिए। आप इस बारे में अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से परामर्श कर सकते हैं।
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दलिया के फायदे: हीमोग्लोबिन (Hemoglobin) बढ़ाने में करता है मदद
शरीर में आयरन की कमी के कारण हीमोग्लोबिन का स्तर भी कम हो जाता है। दलिया आयरन (Iron) का एक अच्छा सोर्स है। वहीं शरीर में आयरन की कमी होने पर इंसान को कमजोरी और थकान की समस्या हो सकती है। ऐसें में नियमित रूप से दलिया खाने से इंसान के शरीर में आयरन की मात्रा बैलेंस रहती है। इसके अलावा दलिया शरीर में मेटाबॉलिज्म (Metabolism) को ठीक रखने का काम करता है।
संतुलित मात्रा में करें दलिया का सेवन
दलिया का उचित मात्रा में सेवन करने से शरीर को लाभ पहुंचता है। दलिया का सेवन बच्चे से लेकर बुजुर्ग व्यक्ति भी कर सकते हैं। दलिया का सेवन अगर कोई व्यक्ति अधिक मात्रा में करता है, तो दलिया खाने के नुकसान भी पहुंच सकते हैं। दलिया (Daliya) में फाइबर अधिक मात्रा में पाया जाता है। फाइबर की यदि अधिक मात्रा ली जाए और उचित मात्रा में पानी न पिया जाए तो कब्ज की समस्या भी हो सकती है। अगर आप खाने में फाइबर की मात्रा बढ़ा रहे हैं तो पानी की मात्रा कम नहीं होनी चाहिए। अधिक मात्रा में दलिया का सेवन ग्लूटेन इंटॉलरेंस की समस्या भी पैदा कर सकता है। आप इस बारे में आहार विशेषज्ञ से राय ले सकते हैं।
यह न केवल वजन कम करने में, बल्कि कई अन्य समस्याओं को दूर करने में भी फायदेमंद होता है, जैसे शुगर के रोगियों के लिए और कोलेस्ट्रॉल लेवल को सही रखने लाभदायक,पचने में आसान आदि। यही नहीं, यह बच्चों के विकास में भी यह सहायक है। दलिया बनाने में कम समय लगता है और इसे बनाना भी बेहद आसान है। आप दूध वाले दलिये में मेवे या फल डालकर आप इसे और भी स्वादिष्ट और पौष्टिक बना सकते हैं।
नमकीन दलिया की रेसिपी (Daliya recipe)
आप दलिया का नाश्ता (Daliya for breakfast) बनाते समय नमकीन दलिया या फिर मीठी दलिया बना सकती हैं। नमकीन दलिया बनाते समय आप विभिन्न प्रकार की सब्जियों का प्रयोग भी कर सकते हैं। जानिए कैसे स्वादिष्ट नमकीन दलिया बनाई जा सकती है।
4 लोगों के लिए नमकीन दलिया का नाश्ता
- 2 कप दलिया
- एक प्याज
- एक टमाटर
- करीब एक छोटी गाजर
- आधा कप उबले हुए मटर
- एक शिमला मिर्च
- आधा कटोरी कटी हुई बींस
- चुटकी भर हींग
- एक चम्मच घी
- घी स्वादानुसार
- हरी धनिया, हरी मिर्च (आवश्यकतानुसार)
विधि
आपको दलिया बनाने के लिए सबसे पहले दलिया को मध्यम आंच पर हल्का ब्राउन होने तक चलाते रहे। अब कड़ाही या फिर कूकर में एक चम्मच घी डाले। अब उसमे अपनी पसंद के अनुसार हींग या प्याज डाल सकते हैं। फिर प्याज (Onion) हल्का सुनहरा होने के बाद उसमे अपनी पसंदीदा सब्जियां मिलाएं। आप स्वाद के अनुसार टमाटर भी मिला सकते हैं। आप सब्जियों को कुछ देर तक पकाएं। अब आप दलिया को मिलाएं और पसंद के अनुसार चाट मसाला, नमक (Salt) और धनिया मिलाएं। अब दलिया को अच्छी तरह से मिक्स कर दें। आप प्रेशर कूकर में अगर दलिया बना रही है तो दो से तीन सीटी के बाद दलिया को उतार लें। आप अपनी पसंद के अनुसार दलिया में ऊपर घी मिला सकती हैं। आप दलिया को सर्व करने से पहले उसमे हरी धनिया की पत्तियां भी मिला सकती हैं।
अगर आपको मीठी दलिया पसंद हैं तो आप दूध में मध्यम आंच में दलिया को पकाने के बाद उसमे स्वादानुसार शक्कर मिलाकर स्वादिष्ट और पौष्टिक दलिया भी तैयार कर सकते हैं। बच्चों को भी ये खूब पसंद आएगा।
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उपरोक्त जानकारी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। अगर आपको दलिया को अपनी डायट में शामिल करना है तो पहले एक बार अपने न्यूट्रीशनिस्ट से जरूर पूछ लें। दलिया का सेवन करने का तरीका, दलिया की उचित मात्रा आदि की जानकारी आपको आहार विशेषज्ञ जरूर दे देंगे। हम आशा करते हैं कि आपको इस आर्टिकल के माध्यम से दलिया के फायदे के बारे में जानकारी मिल गई होगी। आप स्वास्थ्य संबंधित किसी भी जानकारी के लिए हैलो स्वास्थ्य की वेबसाइट विजिट कर सकते हैं। अगर आपके मन में कोई प्रश्न है, तो हैलो स्वास्थ्य के फेसबुक पेज में आप कमेंट बॉक्स में प्रश्न पूछ सकते हैं।
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