हमारी बॉडी के सिस्टम को ठीक ढंग से काम करने के लिए कई सारे पोषक तत्वों की जरुरत होती है। जैसे कि विटामिन्स, प्रोटीन, खनिज, कार्ब्स इत्यादि। विटामिन्स हमें बीमारियों से दूर रखने में मदद करते हैं। यह त्वचा के साथ-साथ सौंदर्य में भी निखार लाते हैं। ऐसे ही विटामिनों में से एक हैं विटामिन ई। विटामिन ई को ज्यादातर तो त्वचा के लिए उपयोगी माना जाता है लेकिन शायद बहुत कम लोगों को पता होगा कि इसके कई अन्य स्वास्थ्य संबंधित लाभ भी हैं। हैलो स्वास्थ्य के इस आर्टिकल में जानते हैं कि विटामिन ई के फायदे क्या हैं? इसकी कमी से बचने के लिए क्या करना चाहिए।
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विटामिन ई के फायदे (benefits of Vitamin-E)
विटामिन ई के फायदे शरीर को जरूरी होते हैं। यह मानव कोशिकाओं की रक्षा करता है। कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं को कम करने में विटामिन ई सहायता करता है जिसमें कैंसर, दिल की बीमारी और मेमोरी संबंधित कई बीमारियां शामिल हैं। विटामिन ई के फायदे बहुत सारे हैं। सेल संरक्षण के अलावा, विटामिन ई, प्रतिरक्षा प्रणाली (immunity) के कामकाज के लिए महत्वपूर्ण है। विटामिन ई आंखों की लम्बे समय तक रक्षा करता है। एक शोध के अनुसार विटामिन ई खाने वालों में मोतियाबिंद कम पाया जाता है।
आपको बताते हैं विटामिन ई के फायदे के बारे में:
1.त्वचा पर होगा अच्छा असर
त्वचा आपके शरीर का सबसे बड़ा अंग है। इसलिए इसकी देखभाल भी उतनी ही ज़रूरी है। ऊपरी देखभाल के लिए आप बहुत सारे प्रोडक्ट इस्तेमाल करते हैं जैसे कि क्रीम,साबुन ,तेल इत्यादि लेकिन त्वचा की पूरी देखभाल के लिए इसको अंदर से निखारना भी उतना ही ज़रूरी है। जिसके लिए विटामिन ई का इस्तेमाल किया जाता है। विटामिन ई त्वचा में फ्री पार्टिकल्स के डैमेज को रोकता है और साथ ही साथ त्वचा को सूरज की हानिकारक यू वी किरणों से भी बचाता है। विटामिन ई में सूजन-रोधी गुण होने के कारण यह त्वचा की अंदरूनी और बाहरी सूजन को भी खत्म करता है।
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2.हार्ट को रख सकता है फिट
क्या आप जानते हैं विटामिन ई के फायदे आपके दिल को भी स्वस्थ रखने में मददगार साबित होते हैं। यह हृदय संबंधित रोगों से आपका बचाव कर सकता है। जो लोग हाई-ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस का शिकार हैं और जो लोग डायबिटीज से जूझ रहे हैं ऐसे लोगों में हार्ट अटैक का खतरा ज्यादा होता है। विटामिन ई ऐसे अनचाहे खतरों को आपसे दूर रखने में मदद कर सकता है। कई अध्ययनों में यह पाया गया है कि विटामिन E का प्रयोग हार्ट अटैक की सम्भावना लगभग 20 प्रतिशत तक कम कर देता है।
3.आंखों के लिए फायदेमंद
एक अध्ययन से यह पता चलता है कि अगर विटामिन E को विटामिन C , विटामिन A और जिंक के साथ लिया जाए तो यह आँखों से संबंधित रोग जैसे कि एज रिलेटेड मैक्युलर डीजनरेशन (AMD) के दुष्प्रभावों में कमी ला सकता है। इसके अलावा विटामिन E का सही इस्तेमाल मोतियाबिंद के जोखिम को 60 प्रतिशत तक कम कर देता है।
4.इम्यून सिस्टम को रखेगा हेल्दी
बढ़ती उम्र के साथ हमारी इम्यूनिटी तेजी से कम होने लगती है। विटामिन E इस कम होती इम्यूनिटी को रोक सकता है। अध्ययनों की एक सीरीज में यह पाया गया कि वृद्धों द्वारा विटामिन E का सेवन किए जाने पर उनकी इम्यूनिटी काफी हद तक बढ़ गयी थी। इससे यह भी सिद्ध होता है कि विटामिन E शरीर की इम्यूनिटी बढ़ाने में सहायक है।
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विटामिन ई कितना खाना चाहिए?
आरडीए के अनुसार प्रतिदिन 14 वर्ष से कम उम्र आयु से अधिक लोगों के लिए विटामिन ई 15 मिलीग्राम के करीब लेना चाहिए। जो महिलाएं स्तनपान (breastfeeding) कर रही हैं उनको अधिक आवश्यकता हो सकती है। इसलिए, ऐसी महिलाएं 19 मिलीग्राम तक ले सकती हैं।
विटामिन ई के स्रोत
विटामिन ई की कमी से बचने के लिए अपनी डायट में विटामिन-ई युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करें। विटामिन ई के फायदे शरीर को मिल सके इसके लिए आप कुछ ऐसे खाद्य पदार्थों को भी डायट में शामिल कर सकते हैं जिनमें नेचुरल रूप से विटामिन ई पाया जाता है। विटामिन ई के अच्छे स्त्रोत बादाम (almonds), मूंगफली और अखरोट (walnut) हैं। सूरजमुखी के बीज और हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक और ब्रोकोली में भी विटामिन ई मिलता है।
विटामिन ई की कमी से होने वाले रोग
शरीर में विटामिन ई की कमी से कई तरह के रोग हो जाते हैं। नीचे पढ़ें विटामिन ई की कमी से होने वाली स्वास्थ्य-समस्याओं के बारे में-
सिस्टिक फाइब्रोसिस (Cystic Fibrosis)
यह फेफड़ों संबंधी स्वास्थ्य समस्या है। यह वंशानुगत है और अगर परिवार के किसी एक सदस्य को यह समस्या कभी थी या है, तो परिवार के किसी दूसरे इंसान को भी यह बीमारी हो सकती है। सिस्टिक फाइब्रोसिस के इलाज के रूप में दवाइयां और विटामिन (ए, ई, के और डी) के सप्लीमेंट डॉक्टर द्वारा दिए जा सकते हैं।
क्रोहन रोग (Crohn’s Disease)
यह डाइजेस्टिव सिस्टम (digestive system)) संबंधी एक समस्या है। इसमें पाचन तंत्र में सूजन हो जाती है। दस्त, बुखार और वजन घटना आदि क्रोहन रोग के लक्षण हैं।
तंत्रिका और मांसपेशियों की समस्या
विटामिन ई की कमी से तंत्रिका और मांसपेशियों की समस्या भी हो सकती है।
दृष्टि-समस्या
शरीर में इस विटामिन की कमी से देखने की क्षमता प्रभावित हो सकती है।
कमजोर इम्युनिटी
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