हेल्दी हार्ट के लिए हेल्दी फूड हैबिट होना जरूरी है, क्योंकि खान-पान बिगड़ने से सेहत पर और आपके दिल पर इसका सीधा असर होता है। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (Centers for Disease Control and Prevention) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार हाय कोलेस्ट्रॉल के कारण दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। हाय कोलेस्ट्रॉल की समस्या हार्ट के लिए ठीक नहीं होती है। कोलेस्ट्रॉल और हार्ट डिजीज (Cholesterol and Heart Disease) से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी आपसे शेयर करेंगे, लेकिन सबसे पहले हाय कोलेस्ट्रॉल की वजह दिल की बीमारियों का खतरा आखिर क्यों बढ़ जाता है, जानते हैं आगे।
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कोलेस्ट्रॉल और हार्ट डिजीज (Cholesterol and heart disease) का क्या है आपस में तालमेल?
नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (National Center for Biotechnology Information) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार बॉडी में कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ने से ब्लड वेसेल्स में यह जमा होने लगता है। ऐसी स्थिति में ब्लॉकेज की स्थिति शुरू हो सकती है। वहीं ब्लड फ्लो (Blood flow) पर भी निगेटिव असर पड़ता है। जब शरीर में हाय कोलेस्ट्रॉल (High cholesterol) की स्थिति शुरू हो जाती है, तो इसका सबसे पहले नकारात्मक असर दिल (Heart) पर पड़ता है और फिर किडनी (Kidney) एवं शरीर के निचले हिस्से (Lower body organ) पर पड़ता है। हालांकि ऐसा नहीं है कि हाय कोलेस्ट्रॉल (High cholesterol) को बैलेंस में रखा नहीं जा सकता, इसके लिए खानपान और शारीरिक श्रम की आवश्यक मानी जाती है।
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नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (National Center for Biotechnology Information) के अनुसार कोलेस्ट्रॉल लेवल निम्नलिखित होना चाहिए। जैसे:
20 या इससे ज्यादा उम्र के पुरुष में कोलेस्ट्रॉल लेवल (Male Cholesterol level)-
- टोटल कोलेस्ट्रॉल: 125 से 200 mg/dL
- नॉन एचडीएल: 130 mg/dL से कम
- एलडीएल: 100 mg/dL से कम
- एचडीएल: 40 mg/dL से ज्यादा
20 या इससे ज्यादा उम्र की महिला में कोलेस्ट्रॉल लेवल (Female Cholesterol level)-
- टोटल कोलेस्ट्रॉल: 125 से 200 mg/dL
- नॉन एचडीएल: 130 mg/dL से कम
- एलडीएल: 100 mg/dL से कम
- एचडीएल: 50 mg/dL से ज्यादा
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कोलेस्ट्रॉल और हार्ट डिजीज: कैसे रखें कोलेस्ट्रॉल बैलेंस, जिससे दिल रहेगा स्वस्थ? (How to keep your heart healthy)
कोलेस्ट्रॉल की समस्या ना हो, इसलिए निम्नलिखित चीजों का सेवन नियमित और संतुलित मात्रा में करें। जैसे:
- ओट्स (Oats)
- जौ (Barley) या अन्य साबुत अनाज
- बीन्स (Beans)
- अखरोट (Walnut), मूंगफली (Peanut) और बादाम (Almonds)
- खट्टे फल जैसे स्ट्रॉबेरी (Strawberry) और अंगूर (Grapes)
- भिंडी (Okra) और बैंगन (Eggplant)
- सोयाबीन (Soyabean)
- वसायुक्त मछली (Fatty Fish) जैसे सार्डिन, मैकेरल और सैल्मन
- जतुन का तेल (Olive oil)
इन खाद्य पदार्थों को अपने आहार में नियमित सेवन करें।
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कोलेस्ट्रॉल और हार्ट डिजीज: किन कारणों से बढ़ सकता है हाय कोलेस्ट्रॉल का खतरा? (Cause of high cholesterol)
अनहेल्दी खाने-पीने की आदतों की वजह से बॉडी में बैड कोलेस्ट्रॉल बनने का खतरा तो बनता ही है, लेकिन कुछ शारीरिक बीमारियां भी हाय कोलेस्ट्रॉल के खतरे को बढ़ा देती है। अगर इग्नोर किया गया, तो हृदय रोग का भी खतरा बढ़ जाता है। इन बीमारियों में शामिल है:
- हाय ब्लड प्रेशर (High blood pressure) की समस्या।
- डायबिटीज (Diabetes) या प्रीडायबिटीज (Prediabetes) की समस्या।
- परिवार में हार्ट डिजीज (Heart disease) के पेशेंट का होना।
- गर्भावस्था के दौरान प्रीक्लेम्पसिया (Preeclampsia during a pregnancy) की समस्या।
- शरीर का वजन (Overweight) अत्यधिक बढ़ना।
- फिजिकली एक्टिव (Physical inactivity) नहीं होना।
- स्मोकिंग (Smoking) की आदत।
- एल्कोहॉल (Alcohol) का सेवन करना।
ये सभी हाय कोलेस्ट्रॉल की संभावना को बढ़ाते हैं। इसलिए अगर आप किसी हेल्थ कंडिशन से पीड़ित हैं, तो बीमारी के प्रति लापरवाही किसी गंभीर स्थिति को पैदा करने में देरी नहीं कर सकती है। इसलिए समय-समय पर डॉक्टर से कंसल्टेशन करें।
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कोलेस्ट्रॉल और हार्ट डिजीज: जानिए हाय कोलेस्ट्रॉल के लक्षण (Symptoms of high cholesterol)
हाय कोलेस्ट्रॉल के लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं। जैसे:
- सीने में दर्द (Chest pain) या बेचैनी (Restlessness) महसूस होना।
- शरीर का वजन (Body weight) बढ़ना।
- सांस लेने (Breathing problem) में परेशानी महसूस होना।
- सिरदर्द (Headache) की समस्या होना।
ऐसे लक्षण आपको सामान्य लग सकते हैं, लेकिन ये हाय कोलेस्ट्रॉल के लक्षण की ओर इशारा करते हैं। इसलिए लापरवाही ना करें।
स्वस्थ्य रहने के लिए हेल्दी फूड का सेवन जरूरी माना जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं हेल्दी खाने के लिए टाइम टेबल मैनेज करना भी बेहद जरूरी है। इसलिए नीचे दिय इस वीडियो पर क्लिक करें और एक्सपर्ट से जानिए कब और क्या खाएं।
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कोलेस्ट्रॉल और हार्ट डिजीज: हेल्दी इटिंग के साथ-साथ हेल्दी कुकिंग भी है जरूरी (Healthy eating and healthy cooking is important)
कोलेस्ट्रॉल की समस्या ना हो इसलिए हेल्दी कुकिंग भी है बेहद जरूरी। इसलिए खाना बनाते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें। जैसे:
- सब्जी बनाने के लिए सूरजमुखी या कुसुम के तेल का प्रयोग करें।
- डीप फ्राय (Deep fry) करने से बचें।
- खाने को ग्रिल, बॉइल या स्टेम करें।
- पौष्टिक आहार का सेवन करें।
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कोलेस्ट्रॉल और हार्ट डिजीज: हार्ट डिजीज के खतरे को कम कैसे करें? (Tips for preventing heart disease)
हार्ट डिजीज (Heart disease) के खतरे को कम करने के लिए निम्नलिखित टिप्स अपनाएं। जैसे:
- वजन संतुलित बनाये रखें। दरअसल वजन बढ़ने से हाय कोलेस्ट्रॉल (High Cholesterol) का खतरा बढ़ जाता है, जिससे हार्ट डिजीज की संभावना बढ़ जाती है।
- ताजे फल (Fruits) एवं सब्जियों (Vegetables) का सेवन करें।
- नट्स का सेवन भी हार्ट डिजीज (Heart disease) से बचाव में सहायक माना जाता है।
- स्मोकिंग (Smoking) ना करें।
इनसबके साथ-साथ बॉडी चेकअप (Body checkup) समय-समय पर करवाते रहें और स्वस्थ्य रहें।
अगर आप हाय कोलेस्ट्रॉल की समस्या से पीड़ित हैं, तो डॉक्टर से कंसल्टेशन जल्द से जल्द करें। ध्यान रखें कि कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) की समस्या होने पर लापरवाही ना बरतें। आपकी छोटी सी लापरवाही आपको गंभीर बीमारियों का शिकार भी बना सकती हैं। इसलिए अगर आपको कोलेस्ट्रॉल और हार्ट डिजीज (Cholesterol and Heart Disease) की समस्या है, तो डॉक्टर से समय-समय पर कंसल्टेशन करें, वॉक (Walk) करें, योग (Yoga) करें और पौष्टिक आहार (Healthy diet) का सेवन करें। हाय कोलेस्ट्रॉल की तकलीफ को कम करने के लिए होम रेमेडीज का सहारा लिया जा सकता है, लेकिन डॉक्टर से कंसल्टेशन के बाद। अगर आप कोलेस्ट्रॉल या हार्ट डिजीज (Cholesterol and Heart Disease) से जुड़े किसी सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो हमें कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं।
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