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Natural Beta-Blockers: जानिए कौन से फूड्स हैं नेचुरल बीटा-ब्लॉकर्स

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


AnuSharma द्वारा लिखित · अपडेटेड 28/03/2022

    Natural Beta-Blockers: जानिए कौन से फूड्स हैं नेचुरल बीटा-ब्लॉकर्स

    डॉक्टर आमतौर पर बीटा-ब्लॉकर्स (Beta-Blockers) की सलाह कार्डियोवैस्कुलर कंडिशंस में देते हैं जैसे एंजाइना और हायपरटेंशन (जिसे हाय ब्लड प्रेशर कहा जाता है) आदि। हालांकि, यह मेडिकेशन्स कुछ अन्य स्थितियों में भी दी जा सकती है जैसे माइग्रेन और एंग्जायटी। इन बीटा-ब्लॉकर्स के बारे में आप अवश्य जानते होंगे। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि कुछ फूड्स, हर्ब्स और सप्लीमेंट्स आदि नेचुरल बीटा-ब्लॉकर्स (Natural Beta-Blockers) की तरह काम करते हैं और नैचुरली ब्लड प्रेशर को लो कर सकते हैं। आइए, जानें कुछ नेचुरल बीटा-ब्लॉकर्स (Natural Beta-Blockers) के बारे में। लेकिन, सबसे पहले जान लेते हैं कि बीटा-ब्लॉकर्स कैसे काम करते हैं?

    बीटा-ब्लॉकर्स (Beta-Blockers) कैसे काम करते हैं?

    बीटा-ब्लॉकर्स (Beta-Blockers) एक तरह की ड्रग है, जो हार्ट के स्ट्रेस को कम करती हैं। फिश, गार्लिक, बेरीज और कुछ खास विटामिन और एमिनो एसिड्स भी बीटा- ब्लॉकर्स के नेचुरल सोर्सेज की तरह काम करते हैं। बीटा-ब्लॉकर्स, नर्वस सिस्टम में खास हॉर्मोन्स को ब्लॉक करती हैं, जो शरीर के स्ट्रेस रिस्पांस को मैनेज करते हैं। इसके कारण किसी का भी हार्ट रेट स्लो डाउन होता है, हार्ट के स्ट्रेस को राहत मिलती और ब्लड प्रेशर कम होता है।

    इन खास हॉर्मोन्स को एड्रेनालाईन (Adrenaline) और नॉरएड्रेनालाईन (Noradrenaline) के नाम से जाना जाता है। यही नहीं, इससे एंजियोटेंसिन II (Angiotensin II) की प्रोडक्शन को भी कम होती है, जो ब्लड प्रेशर को बढ़ाते हैं। हालांकि, बीटा-ब्लॉकर्स के कुछ साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं। खासतौर, पर अगर आपको कुछ क्रॉनिक कंडिशंस हो जैसे लो ब्लड प्रेशर, अस्थमा और अन्य पल्मोनरी डिजीज आदि। यानी, अपनी डायक्ट में इन नेचुरल बीटा-ब्लॉकर्स (Natural Beta-Blockers) को शामिल करने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लें। अब जानते हैं इन नेचुरल बीटा-ब्लॉकर्स के बारे में।

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    नेचुरल बीटा-ब्लॉकर्स (Natural Beta-Blockers): पाएं पूरी जानकारी

    जैसा कि पहले ही बताया गया है कि कई फूड्स, हर्ब्स और सप्लीमेंट्स नेचुरल बीटा-ब्लॉकर्स (Natural Beta-Blockers) की तरह काम करते हैं। यह इंफ्लेमेशन व ब्लड प्रेशर को लो करने, एंग्जायटी से छुटकारा पाने आदि में मददगार हो सकते हैं। हायपरटेंशन को कंट्रोल करने के लिए आप इन नेचुरल बीटा ब्लॉकर्स को आप अपनी डायट में शामिल कर सकते हैं:

    फल और सब्जियां (Fruits and vegetables)

    एंटीऑक्सीडेंट फल और सब्जियां, इंफ्लेमेटरी कंडिशंस से बचा सकती हैं और इसके साथ ही ब्लड प्रेशर को भी लो कर सकती हैं। सब्जियां जैसे स्ट्रॉबेरी, रासबेरी और सब्जियां जैसे चुकंदर आदि नेचुरल बीटा ब्लॉकर्स (Natural Beta-Blockers) की तरह काम करते हैं। इसके साथ ही बेरीज डाययुरेटिक्स, कैल्शियम चैनल ब्लॉकर्स आदि की तरह काम करती हैं। यह बीटा ब्लॉकर्स एड्रेनालाईन (Adrenaline) और नॉरएड्रेनालाईन (Noradrenaline) दोनों के लेवल को कम करने में मदद करते हैं। पालक, L-आर्जिनिन (L-Arginine) का अच्छा सोर्स है, जो एक एमिनो एसिड है और नाइट्रिक ऑक्साइड को प्रोड्यूज कर के मसल्स को रिलेक्स करता है। इससे सिस्टोलिक और डायस्टोलिक ब्लड प्रेशर को भी कम हो सकता है।

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    नेचुरल बीटा-ब्लॉकर्स (Natural Beta-Blockers) में दालें (Pulses)

    बीन्स, चने आदि में फाइबर, पोटैशियम और प्लांट प्रोटीन आदि होता, जो ब्लड प्रेशर को कम कर सकता है। यह भी नेचुरल बीटा-ब्लॉकर्स (Natural Beta-Blockers) की तरह काम करती हैं और ब्लड प्रेशर को कम कर सकती हैं।

    लहसुन (Garlic)

    ऐसा माना जाता है कि गार्लिक में हार्ट हेल्दी न्यूट्रिएंट्स होते हैं जैसे सेलेनियम, मैंगनीज, विटामिन बी6, विटामिन सी आदि। एक्सपर्ट यह भी मानते हैं कि गार्लिक से ब्लड प्रेशर कम हो सकता है और कोलेस्ट्रॉल लेवल सही रहता है और इसका कारण है इसमें पाया जाने वाला एंटीऑक्सीडेंट जिसे एलिसिन (Allicin) कहा जाता है।

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    नेचुरल बीटा-ब्लॉकर्स (Natural Beta-Blockers) में हिबिस्कस (Hibiscus)

    हिबिस्कस का इस्तेमाल अक्सर हायपरटेंशन के लिए इस्तेमाल होने वाली दवाइयों के लिए किया जाता है। स्टडी में ऐसा पाया गया है कि हिबिस्कस नाइट्रिक ऑक्साइड की प्रोडक्शन, पोटैशियम चैनल्स को ओपन करके, कैल्शियम चैनल को ब्लॉक करके और डाइयुरेटिक्स की तरह एक्ट करके ब्लड प्रेशर को कम कर सकता है।

    केसर (Saffron)

    सैफरन या केसर उस मसाले को कहा जाता है जिसका प्रयोग मिठाइयां बनाने के लिए किया जाता है। यह बहुत ही महंगा होता है। इसमें कुछ ऐसे कंपाउंड होते हैं, जो ब्लड वेसल्स को रिलेक्स करते हैं और हार्ट रेट को लो करते हैं। इससे ब्लड प्रेशर को लो होने में मदद मिलती है।

    नेचुरल बीटा-ब्लॉकर्स, Natural Beta-Blockers

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    नेचुरल बीटा-ब्लॉकर्स (Natural Beta-Blockers) में विटामिन्स (Vitamins)

    फिश, पोल्ट्री, स्ट्रेची वेजिटेबल और अधिकतर तरह के फलों में विटामिन बी6 होते हैं। ऐसा माना जाता है विटामिन बी6, हाय ब्लड प्रेशर की दवाओं जैसे डाइयुरेटिक्स, कैल्शियम-चैनल ब्लॉकर्स और सेंट्रल अल्फा एगोनिस्ट के प्रभावों के सामान कम करते हैं। विटामिन बी6 एंजियोटेंसिन रिसेप्टर्स (Angiotensin receptors) को भी ब्लॉक कर सकता है और ब्लड वेसल्स को वाइड करता है।

    मिनरल्स (Minerals)

    बीटा-ब्लॉकर्स (Beta-Blockers) के अन्य नेचुरल सोर्स पोटैशियम है और आलू, नारियल पानी, डेयरी उत्पाद व केले पोटैशियम का अच्छा स्त्रोत हैं। पोटैशियम ब्लड प्रेशर को लो करने में मददगार साबित हो सकता है क्योंकि यह सिम्पैथेटिक नर्वस सिस्टम एक्टिविटी को कम करते हैं, उन हॉर्मोन्स को ब्लॉक करते हैं जो ब्लड प्रेशर को बढ़ाते हैं।

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    नेचुरल बीटा-ब्लॉकर्स (Natural Beta-Blockers) में एमिनो एसिड्स (Amino acids)

    L-आर्जिनिन (L-Arginine) एक सेमी-एसेंशियल एमिनो एसिड है, जो नाइट्रिक ऑक्साइड के उत्पादन में मदद करता है। नाइट्रिक ऑक्साइड एक महत्वपूर्ण केमिकल है जो मसल सेल्स को रिलेक्स करता है और ब्लड प्रेशर को कम करता है। कई तरह के नट्स, मीट, पोल्ट्री और हरी पत्तेदार सब्जियों में अधिक मात्रा में L-आर्जिनिन (L-Arginine) होता है। L-आर्जिनिन (L-Arginine) सप्लीमेंट्स  हाय ब्लड प्रेशर (High blood pressure) से प्रभावित वयस्कों में सिस्टोलिक और डायस्टोलिक ब्लड प्रेशर को कम करने में भी मददगार है। हालांकि, अभी इसके बारे में अधिक स्टडी की जानी आवश्यक है।

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    फैटी एसिड्स (Fatty acids)

    ओमेगा-3 फैटी एसिड्स (Omega-3 fatty acids) भी लोगों में हार्ट डिजीज के जोखिम को कम कर सकते हैं। फिश ओमेगा -3 का अच्छा स्रोत होता है। इसलिए, फिश को एक अच्छा नेचुरल बीटा ब्लॉकर माना जा सकता है। हार्ट डिजीज या हायपरटेंशन (Hypertension) की स्थिति में फिश जैसे सालमोन या ट्राउट आदि के सेवन की सलाह दी जा सकती है।

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    यह तो थी नेचुरल बीटा-ब्लॉकर्स (Natural Beta-Blockers) के बारे में जानकारी। इन नेचुरल बीटा-ब्लॉकर्स जैसे फल, सब्जियों, नट्स, सीड्स, फिश आदि का सेवन करना पूरी तरह से लाभदायक और सेफ है। लेकिन, अगर किसी व्यक्ति को इससे एलर्जी हो, तो उनके इनका सेवन करने से बचना चाहिए। इनमें से अधिकतर हर्ब्स और स्पाइस के सेवन से भी नेगेटिव साइड इफेक्ट्स का जोखिम कम होता है। लेकिन, इनका सेवन सही मात्रा में करना चाहिए। किंतु, ऊपर बताये कुछ हर्ब्स या सप्लीमेंट्स आपके द्वारा ली जाने वाली मेडिकेशन्स और अन्य सप्लीमेंट्स के साथ इंटरेक्ट कर सकते हैं। ऐसे में इनका सेवन करने से पहले डॉक्टर से इस बारे में अवश्य जान लें।

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    उम्मीद है कि नेचुरल बीटा-ब्लॉकर्स (Natural Beta-Blockers) के बारे में यह जानकारी आपको पसंद आई होगी। बहुत से फूड्स, हर्ब्स, सप्लीमेंट्स आदि नेचुरल बीटा-ब्लॉकर्स की तरह काम करते हैं। उनमें कुछ ऐसे इंग्रेडिएंट्स होते हैं जो बीटा-ब्लॉकर्स (Beta-Blockers) के प्रभावों के जैसे काम करते हैं। बीटा-ब्लॉकर्स (Beta-Blockers) के नेचुरल सोर्सेज कहीं भी उपलब्ध होते हैं। यही नहीं, अगर इन्हें सही मात्रा में और डॉक्टर की सलाह के बाद आप लेंगे तो यह आपके लिए पूरी तरह से सुरक्षित हैं। अगर इनके बारे में आपके मन में कोई भी सवाल है तो तुरंत डॉक्टर से इस बारे में बात करना न भूलें।

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