बहुत अधिक वजन शरीर के लिए हानिकारक साबित होता है खासकर हार्ट के लिए। अच्छी खबर ये है कि वजन को कम करने के उपाय मौजूद हैं जिनको आसानी से अपनाया जा सकता है और अत्यधिक मोटापे का हार्ट हेल्थ पर असर (Effects of extreme obesity on heart health) कम किया जा सकता है। अगर कोई व्यक्ति अत्यधिक मोटा है तो वह अपने वजन को कम करके हार्ट डिजीज (Heart disease), डायबिटीज (Diabetes) और कैंसर (Cancer) जैसे खतरे को कम कर सकता है। शुरुआत में थोड़ा वजन करके इस दिशा में शुरुआत की जा सकती है। लाइफस्टाइल चेंजेस काम ना आने पर मेडिकल सुविधाओं की मदद ली जा सकती है। इस आर्टिकल में अत्यधिक मोटापे का हार्ट हेल्थ पर असर और इससे बचने के उपायों के बारे में बताया जा रहा है।
वजन कम करना क्यों जरूरी है? (Why lose weight is important)
अमेरिकन हार्ट ऑर्गनाइजेशन के अनुसार मेटाबॉलिक इम्प्रूवमेंट (Metabolic improvement) तब दिखाई देते हैं जब एक्सट्रीम ओबेसिटी से पीड़ित लोग बॉडी वेट का 10 प्रतिशत लूज करते हैं। वजन कम करना हार्ट डिजीज और स्ट्रोक के रिस्क को कम कर सकता है। इसके साथ ही यह हाय ब्लड प्रेशर, प्लाज्मा ग्लूकोज और स्लीप एप्निया के रिस्क को भी कम करता है। इससे टोटल कोलेस्ट्रॉल (Total cholesterol), ट्राइग्लिसराइड्स कम होता है और अच्छा कोलेस्ट्रॉल यानी एचडीएल (HDL) बढ़ता है।
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अत्यधिक मोटापा (Extreme Obesity) क्या है?
बीएमआई की हेल्दी रेंज 17.5 – 25 kg/m2 है। अगर किसी व्यक्ति का बॉडी मास इंडेक्स 40 या इससे ज्यादा होता है तो उसे एक्ट्रीम ओबेस या मॉर्बिडिली ओबेस (Morbidly obese) माना जाता है। एक महिला एक्ट्रीम ओबेस तब मानी जाएगी तब उसकी हाइट 5 फीट 4 इंच और उसका वजन 106 kg के लगभग है। ऐसे में उसका बीएमआई (BMI) 40.3 kg/m2 होगा। हेल्दी बीएमआई यानी 24.8, तक पहुंचने के लिए उसे लगभग 40 किलो वजन वजन घटाना होगा ताकि वह 65kg वेट तक पहुंच जाए।
वहीं कोई पुरुष तब एक्ट्रीमली ओबेस माना जाएगा जब उसकी हाइट 6 फीट 2 इंच है और उसका वजन 142 किलो के लगभग है। ऐसे में उसका बीएमआई 40.4 kg/m2 होगा। हेल्दी बीएमआई 25 तक पहुंचने के उसे लगभग 54 किलो वजन घटाना होगा तब जाकर उसका वेट 88 किलो के लगभग होगा। ऐसा करना बेहद जरूरी है क्योंकि अत्यधिक मोटापे का हार्ट हेल्थ पर असर (Effects of extreme obesity on heart health) होता ही है। चलिए इसको विस्तार से समझ लेते हैं।
अत्यधिक मोटापे का हार्ट हेल्थ पर असर (Effects of extreme obesity on heart health)
अत्यधिक मोटापे का हार्ट हेल्थ पर असर को समझने के लिए आपको यह समझना होगा कि मोटापा हार्ट डिजीज का एक ऐसा रिस्क फैक्टर है जिसे दवा या मेडिकेशन से ठीक नहीं किया जा सकता है। इसको कम करने के लिए व्यक्ति को लगातार प्रयास करने होते हैं। तीन प्रकार से मोटापा हार्ट डिजीज में अपना योगदान देता है।
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ब्लड प्रेशर (Blood Pressure) में वृद्धि
अत्यधिक मोटापे का हार्ट हेल्थ पर असर (Effects of extreme obesity on heart health) इस प्रकार होता है- मोटापा ब्लड प्रेशर (Blood Pressure) में वृद्धि का कारण बन सकता है। अधिक मोटे लोगों को अपने शरीर में ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की आपूर्ति के लिए अधिक रक्त की आवश्यकता होती है जिससे रक्तचाप में वृद्धि होती है। इस रक्त को मूव करने के लिए आपके शरीर को भी अधिक दबाव की आवश्यकता होगी। उच्च रक्तचाप भी दिल के दौरे (Heart attack) का एक सामान्य कारण है, जो अत्यधिक मोटे लोगों में कॉमन है।
कोलेस्ट्रॉल लेवल में बदलाव (Changes in Cholesterol level)
मोटापा व्यक्ति के कोलेस्ट्रॉल लेवल में बदलाव कर सकता है। जो अत्यधिक मोटापे का हार्ट हेल्थ पर असर के लिए जिम्मेदार होता है। हम में से सभी लोग जानते होंगे कि मोटापा बुरे कोलेस्ट्रॉल और ट्रायग्लिसराइड लेवल में वृद्धि का कारण बनता है, लेकिन कम लोग जानते होंगे कि यह हाय डेंसिटी लिपोप्रोटीन्स कोलेस्ट्रॉल (High-density lipoproteins cholesterol) जिसे एचडीएल (HDL) या गुड कोलेस्ट्रॉल कहते हैं को कम करने का कारण भी बनता है। एचडीएल कोलेस्ट्रॉल बैड कोलेस्ट्रॉल को बाहर निकालने के लिए बेहद जरूरी है। जिससे हार्ट डिजीज का रिस्क कम होता है।
बढ़ता है हार्ट फेलियर (Heart failure) का खतरा
अत्यधिक मोटापे का हार्ट हेल्थ पर असर (Effects of extreme obesity on heart health) का पता लगाने के लिए 13,000 से अधिक लोगों पर जॉन्स हॉपकिन्स के शोधकर्ताओं ने एक अध्ययन किया। जिसमें पाया गया है कि उच्च रक्तचाप, उच्च कोलेस्ट्रॉल और मधुमेह जैसे जोखिम कारकों के बाद भी, तथाकथित एक्ट्रीम ओबेसिटी दिल की विफलता के लिए एक असाधारण जोखिम के रूप में अकेला खड़ा प्रतीत होता है, लेकिन दिल से संबंधित दूसरी बीमारियों जैसे कि कोरोनरी आर्टरी डिजीज (Coronary artery disease) के लिए नहीं। जॉन्स हॉपकिन्स टीम का कहना है कि उच्च रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल और शुगर लेवल्स (Sugar levels) के बाद मॉर्डबिडली ओबेस लोगों में हार्ट फेलियर की संभावना हेल्दी बॉडी मास इंडेक्स वालों की तुलना में दो गुना अधिक थी।
शोधकर्ताओं ने आगाह किया है कि उनका अध्ययन गंभीर मोटापे और दिल की विफलता के बीच एक मजबूत, स्वतंत्र लिंक का सुझाव देता है लेकिन निश्चित रूप से कारण और प्रभाव निर्धारित नहीं करता है। इसके अलावा अत्यधिक मोटापे का हार्ट हेल्थ पर असर इसलिए भी होता है क्योंकि यह डायबिटीज का कारण बनता है जो हार्ट डिजीज (Heart disease) के रिस्क फैक्टर्स में से एक है। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के अनुसार, 65 वर्ष या उससे अधिक आयु के कम से कम 68 प्रतिशत मधुमेह वाले लोगों को भी हृदय रोग है।
अत्यधिक मोटापे का हार्ट हेल्थ पर असर होता है ये आपने समझ लिया अब ये भी समझ लीजिए कि इस समस्या से कैस निपटा जा सकता है।
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अत्यधिक मोटापे का हार्ट हेल्थ पर असर और इसके लिए ट्रीटमेंट ऑप्शन (Treatment Options)
अत्यधिक मोटापे का इलाज कराना जरूरी होता है। आपको इसमें मुश्किल आ सकती है। इसके लिए आपको डॉक्टर की मदद लेनी चाहिए। अत्यधिक मोटापे का हार्ट हेल्थ पर असर हो रहा है और आप इसको कम करना चाहते तो फिजिकल वर्कआउट अच्छा ऑप्शन हो सकता है, लेकिन डॉक्टर की सलाह के बिना किसी भी एक्सरसाइज प्लान का हिस्सा ना बनें। आप पहले आजमा रहे एक्टिविटीज को करते रह सकते हैं, लेकिन कुछ नया शुरू करने से पहले डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है। व्यक्ति का ट्रीटमेंट कुछ इस प्रकार का हो सकता है।
डायट (Diet) में बदलाव करें
व्यक्ति को किसी डायटीशियन के पास रिफर किया जा सकता है। जो हर हफ्ते कुछ कुछ किलो वजन कम करने के लिए डायट प्लान देगा। वजन को कम करने के लिए हर दिन कंज्यूम की जाने वाली कैलोरीज को कम करना होगा। जो भी खा रहे उसे ट्रैक करना शुरू करना होगा। हर दिन 500 कैलोरीज को कम करके हफ्ते में 453 ग्राम के लगभग वजन कम किया जा सकता है। वही हर दिन 1000 कैलोरीज को कट करके एक हफ्ते में एक किलो तक वजन कम किया जा सकता है।
अत्यधिक मोटापे का हार्ट हेल्थ पर असर: नई एक्सरसाइज (Exercise) को एड करें
वेट लॉस गोल के कम से कम 10 प्रतिशत को अचीव कर लेने पर नई फिजिकल एक्टिविटी एक्सपर्ट की मदद से एड करें और वेट लॉस में मदद करें। अत्यधिक मोटापे का सामना कर रहे कुछ लोग दवाओं की मदद भी ले सकते हैं, लेकिन ये दवाएं काफी महंगी होती हैं और इनके साइड इफेक्ट्स भी होते हैं।
सर्जरी (Surgery)
अगर डायट में बदलाव करने, फिजिकल एक्टिविटीज को बढ़ाने और दवाएं लेने से वजन कम करने में मदद नहीं मिल रही है, तो मेटाबॉलिक सर्जरी एक ऑप्शन हो सकती है। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन उन लोगों के लिए सर्जरी रिकमंड करती है जो प्रॉसीजर का सामना करने के लिए पूर्णत: स्वस्थ हैं और जिन्हें जीवनशैली परिवर्तनों और दवाओं से लाभ नहीं मिला है। सर्जरी के जोखिम में ऑपरेशन के तुरंत बाद संक्रमण और संभावित खतरनाक ब्लड क्लॉट्स शामिल हो सकते हैं, और लंबे समय तक विटामिन और खनिजों की सही मात्रा प्राप्त करने के बारे में चिंताएं शामिल हो सकती हैं।
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उम्मीद करते हैं कि आपको अत्यधिक मोटापे का हार्ट हेल्थ पर असर (Effects of extreme obesity on heart health) क्या होता है इससे संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।
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