ब्लड प्रेशर, हमारे ब्लड की उस फाॅर्स को कहा जाता है, जो आर्टरीज की वॉल्स के अगेंस्ट लगाई जाती है। हर बार जब हमारा हार्ट बीट करता है, तो यह आर्टरीज में ब्लड पंप होता है। हमारा ब्लड प्रेशर तब सबसे अधिक होता, जब हमारा हार्ट बीट करता है और ब्लड पंप करता है। इसे सिस्टोलिक प्रेशर कहा जाता है। जबकि, जब बीट्स के बीच में हार्ट रेस्ट करता है तो ब्लड प्रेशर लो हो जाता है जिसे डायस्टोलिक प्रेशर कहा जाता है। आज हम बात करने वाले हैं नाईटटाइम ब्लड प्रेशर (Nighttime blood pressure) से और जानेंगे कि क्या नाईटटाइम ब्लड प्रेशर, डेटाइम ब्लड प्रेशर (Daytime blood pressure) से अधिक महत्वपूर्ण है या नहीं? लेकिन, सबसे पहले नाईटटाइम ब्लड प्रेशर (Nighttime blood pressure) के बारे में बात कर लेते हैं।
नाईटटाइम ब्लड प्रेशर (Nighttime blood pressure): पाएं इसके बारे में पूरी जानकारी
शायद आप भी यह मानते होंगे कि हमारा ब्लड प्रेशर दिन और रात दोनों समय में एक जैसा होता है। लेकिन, ऐसा नहीं है। सोते समय हमारा शरीर सबसे अधिक आरामदायक पोजीशन में होता है। लेकिन कुछ लोग इस दौरान अपने ब्लड प्रेशर में स्पाइक्स का अनुभव कर सकते हैं। सोते हुए यानी नाईट टाइम पर इसके कई गंभीर परिणाम भी हो सकते हैं। अगर लोग रात को हाय ब्लड प्रेशर का अनुभव करें, तो उस कंडिशन को नोक्टर्नल हायपरटेंशन (Nocturnal hypertension) कहा जाता है। इन लोगों को हार्ट फेलियर और कार्डियोवैस्कुलर डिजीज के अन्य फॉर्म्स का अनुभव हो सकता है।
यह बात नोट करने वाली है कि नोक्टर्नल हायपरटेंशन (Nocturnal hypertension) की समस्या उन लोगों में सामान्य है जिनका दिन के समय ब्लड प्रेशर सामान्य होता है। यह एक गंभीर कंडिशन है, जिसे कैच करना मुश्किल हो सकता है। क्योंकि अधिकतर हम सब अपना ब्लड प्रेशर दिन के समय ही चेक करते हैं। अब जानते हैं कि क्या नाईटटाइम ब्लड प्रेशर (Nighttime blood pressure), डेटाइम ब्लड प्रेशर (Daytime blood pressure) से अधिक महत्वपूर्ण है या नहीं?
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क्या नाईटटाइम ब्लड प्रेशर (Nighttime blood pressure), डेटाइम ब्लड प्रेशर (Daytime blood pressure) से अधिक महत्वपूर्ण है?
अगर किसी व्यक्ति का ब्लड प्रेशर रात में बहुत अधिक बदलता है यानी उनमें अधिक उतार-चढ़ाव आता है, तो उस व्यक्ति में हार्ट डिजीज और स्ट्रोक का जोखिम बढ़ सकता है। यही नहीं ऐसा पाया गया है कि रात के समय अगर आपका सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर अधिक हो जाता है, तो आप में हार्ट डिजीज और स्ट्रोक का जोखिम 18% और हार्ट फेलियर का रिस्क 25%. बढ़ जाता है। अगर किसी को नाईट में लगातार हाय ब्लड प्रेशर की समस्या हो लेकिन उसका ब्लड प्रेशर दिन में सामान्य हो, तो उस व्यक्ति में हार्ट फेलियर का जोखिम दोगुना हो जाता है।
हालांकि, अगर किसी रोगी का रात को ब्लड प्रेशर कम होता है, तो भी उसमें स्ट्रोक का रिस्क दोगुना हो सकता है। एक्सपर्ट्स के अनुसार रात को ब्लड प्रेशर का बढ़ना एक और संकेत है कि डॉक्टर्स को हाय ब्लड प्रेशर की इवैल्यूएशन में एम्बुलेटरी ब्लड प्रेशर मॉनिटरिंग को शामिल करने की आवश्यकता है। यदि हम केवल डेटाइम ब्लड प्रेशर (Daytime blood pressure) देखते हैं, तो यह ओवरआल रिस्क को एक्सेस करने का आकलन करने की हमारी क्षमता को कम कर देता है।
ऐसे में एम्बुलेटरी ब्लड प्रेशर मॉनिटरिंग (Ambulatory blood pressure monitoring) से डॉक्टर को 24 घंटे की अवधि में ब्लड प्रेशर के लेवल को मॉनिटर करने में मदद मिलती है। ऐसे में रोगी को ब्लड प्रेशर कफ (Blood pressure cuff) और पोर्टेबल मॉनिटर के साथ घर भेज दिया जाता है। यह मशीन हर एक ब्लड प्रेशर रीडिंग को रिकॉर्ड करती है। इसका अर्थ है कि क्या हमें डेटाइम के साथ साथ नाईट टाइम ब्लड प्रेशर को भी चेक कराना चाहिए? तो इसका सही उत्तर है शायद हां। लेकिन अभी इसके बारे में अभी अधिक रिसर्च की जा नी जरूरी है।
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संक्षेप में कहा जाए तो नाईटटाइम ब्लड प्रेशर (Nighttime blood pressure), डेटाइम ब्लड प्रेशर (Daytime blood pressure) के समान ही महत्वपूर्ण है। रात को हाय ब्लड प्रेशर लेवल होने से हार्ट डिजीज का जोखिम बढ़ सकता है। अब जानते हैं नाईटटाइम ब्लड प्रेशर के कारणों के बारे में।
नाईटटाइम ब्लड प्रेशर (Nighttime blood pressure) के क्या हैं कारण?
ब्लड प्रेशर स्वाभाविक रूप से किडनी से अतिरिक्त सोडियम को बाहर निकालने के लिए बढ़ता है, खासतौर पर नमक के सेवन के प्रति हाय सेंसिटिविटी वाले लोगों में। एक्सपर्ट्स का मानना है कि आमतौर पर डेटाइम ब्लड प्रेशर(Daytime blood pressure) सोडियम को बाहर निकालने यानी एक्सक्रेट (excrete) करने के लिए पर्याप्त होता है। हालांकि, अधिक सर्कुलेटिंग ब्लड वॉल्यूम वाले रोगियों में, अधिक साल्ट इंटेक और साल्ट सेंसिटिविटी के कारण ब्लड प्रेशर न केवल डेटाइम बल्कि नाईटटाइम ब्लड प्रेशर (Nighttime blood pressure) भी बढ़ता है। यह कम्पेंसेटेड मैकेनिज्म है, लेकिन यह हृदय के लिए हानिकारक है। इसलिए, दिन ही नहीं बल्कि रात को भी ब्लड प्रेशर मेजरमेंट्स लेनी चाहिए। इसके अलावा भी इसके कुछ कारण हो सकते हैं जो रात को ब्लड प्रेशर को बढ़ाते हैं। अब जानते हैं नाईटटाइम ब्लड प्रेशर से बचाव के तरीकों के बारे में।
नाईटटाइम हायपरटेंशन से बचाव कैसे संभव है?
जैसे कि पहले ही बताया गया है कि ब्लड प्रेशर स्वाभाविक रूप से लिवर से अतिरिक्त सोडियम को बाहर निकालने के लिए बढ़ जाता है, विशेष रूप से नमक के सेवन के प्रति हाय सेंसिटिविटी वाले लोगों में। नाईटटाइम ब्लड प्रेशर (Nighttime blood pressure) से बचाव के लिए कई चीजों का ध्यान रखना जरूरी है, जैसे:
- नाईटटाइम ब्लड प्रेशर (Nighttime blood pressure) से बचाव के लिए डॉक्टर रोगी को रात में ब्लड प्रेशर की दवा लेने की सलाह दे सकते हैं। एक्सपर्ट्स के मुताबिक ब्लड प्रेशर मेडिकेशन्स को शाम को लेने से दिन और रात को ब्लड प्रेशर को सुधारा जा सकता है और ओवरआल मोर्टेलिटी कम होती है।
- सिम्पैथेटिक नर्वस एक्टिवेशन (Sympathetic nervous activation), ऑटोनोमिक नर्वस डिसफंक्शन (Autonomic nervous dysfunction), स्लीप एप्निया (Sleep apnea) और पुअर स्लीप क्वालिटी (Poor sleep quality) भी नाईटटाइम ब्लड प्रेशर (Nighttime blood pressure) को बढ़ाने में योगदान कर सकती है। यही नहीं, मेडिकल कंडिशंस जैसे डायबिटीज, किडनी प्रॉब्लम्स, थायरॉइड भी इस समस्या को बढ़ा सकती हैं। ऐसे में अगर आपको इनमें से कोई भी बीमारी है, तो सबसे पहले इन कंडिशंस का उपचार कराएं।
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- पुअर स्लीपिंग हैबिट्स जैसे कैफीन का अधिक सेवन या शाम को एल्कोहॉल का सेवन, दिन में नेपिंग, नॉन-कंसिस्टेंट बेडटाइम, पुअरली कंट्रोलड शुगर, प्रोस्टेट हायपरट्रॉफी, रात को एक्सरसाइज करना, डिजिटल डिवाइस की ब्लू लाइट, इमोशनल प्रॉब्लम्स आदि भी नाईटटाइम ब्लड प्रेशर (Nighttime blood pressure) का कारण बन सकती हैं। ऐसे में इनका ध्यान रख कर भी इस समस्या से बचा जा सकता है। जैसे कंसिस्टेंट स्लीपिंग पैटर्न को अपनाएं, रोजाना एक ही समय सोएं, सोते हुए एल्कोहॉल या कैफीन का सेवन करने से बचें, सोने से पहले डिजिटल डिवाइसेस की ब्लू लाइट से बचें, एंग्जायटी का इलाज कराएं आदि।
- साल्ट इंटेक को कम कर के और मिनरल कॉर्टिकॉइड रिसेप्टर ब्लॉकर्स (Mineral corticoid receptor blockers) को लेकर भी हाय नाईटटाइम ब्लड प्रेशर (Nighttime blood pressure) से बचा जा सकता है।
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यह तो थी जानकारी नाईटटाइम ब्लड प्रेशर (Nighttime blood pressure) के बारे में। इसके साथ ही आप यह भी जान गए होंगे कि नाईटटाइम ब्लड प्रेशर, डेटाइम ब्लड प्रेशर के समान ही महत्वपूर्ण है। अधिकतर लोग जिन का दिन में ब्लड प्रेशर सामान्य होता है, रात में ब्लड प्रेशर को अधिक महसूस किया गया है। ऐसे में, रात को भी ब्लड प्रेशर को मॉनिटर करने और इससे बचाव की सलाह दी जाती है। अगर आपके मन में इसके बारे में कोई भी सवाल है तो अपने डॉक्टर से अवश्य जानें।
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