वेसोडायलेशन (Vasodilation) यानी ब्लड वेसल्स का चौड़ा होना। ऐसा तब होता है जब आर्टरीज (Arteries) की वॉल्स में पाई जाने वाली स्मूद मसल्स या बड़ी वेन्स रिलैक्स हो जाती हैं जिससे ब्लड वेसल्स अधिक खुल जाती हैं। इससे ब्लड फ्लो बढ़ता है और ब्लड प्रेशर में कमी आती है। यह एक नॉर्मल प्रॉसेस है, लेकिन कई बार वेसोडायलेशन किसी शारीरिक परेशानी की वजह से भी हो सकता है। इस आर्टिकल में वेसोडायलेशन (Vasodilation) और इसके कारण के बारे में विस्तार से जानकारी दी जा रही है।
वेसोडायलेशन के कारण क्या हैं? (Causes of vasodilation)
वेसोडायलेशन के कई कारण हैं। जिसमें निम्न शामिल हैं।
एल्कोहॉल (Alcohol)
एल्कोहॉल लेने के तुरंत बाद वेसोडायलेशन (Vasodilation) होता है। जिसकी वजह से ड्रिंक करते वक्त आपको गर्मी, पसीना, स्किन में किसी प्रकार के परिवर्तन का एहसास हो सकता है।
एक्सरसाइज (Exercise)
जब आप एक्सरसाइज करते हैं तो कोशिकाएं ज्यादा से ज्यादा एनर्जी को कंज्यूम करती हैं। जिससे पोषक तत्वों की कमी और कार्बन डाई ऑक्साइड (Carbon dioxide) जैसे मॉलिक्यूल्स (Molecules) में वृद्धि हो सकती है। ऐसे में वेसोडायलेशन (Vasodilation) हो सकता है क्योंकि एक्सरसाइज के दौरान मसल्स को अधिक ऑक्सिजन और पोषक तत्वों की जरूरत होती है।
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इंफ्लामेशन (Inflammation)
इंफ्लामेशन कई प्रकार की इंजरीज, डिजीज और कंडिशन्स के कारण हो सकता है। इंफ्लामेशन के दौरान प्रभावित एरिया में अधिक ब्लड फ्लो (Blood flow) के लिए भी वेसोडायलेशन होता है। जिसके परिणामस्वरूप हीट और रेडनेस होती है।
टेम्प्रेचर (Temperature)
आपकी बॉडी में रिसेप्टर्स होते हैं जिन्हें थर्मोरिसेप्टर्स (Thermoreceptors) कहा जाता है। जो एनवायरमेंट में होने वाले टेम्प्रेचर के बदलाव को डिटेक्ट करते हैं। जब शरीर के थर्मोरिसेप्टर्स एनवायरमेंट में अधिक गर्मी या सर्दी का एहसास करते हैं, तो वेसोडायलेशन (Vasodilation) होता है। जिससे स्किन में ब्लड का फ्लो अधिक किया जाता है ताकि अतिरिक्त गर्मी या सर्दी के एहसास को खत्म किया जा सके।
मेडिकेशन (Medication)
दवाएं जिन्हें वेसोडायलेटर (Vasodilator) कहा जाता है वे भी ब्लड वेसल्स को चौड़ा करने में मदद करती हैं। या कहे कि वेसोडायलेशन को प्रेरित करती हैं। ये दवाएं सीधे स्मूद मसल्स या ऑटोनोमिक नर्वस सिस्टम (Autonomic nervous system) पर काम करती हैं।
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वेसोडायलेशन से जुड़ी हेल्थ कंडिशन (Conditions associated with vasodilation)
वेसोडायलेशन (Vasodilation) नीचे लिखी कंडिशन्स का कारण बन सकता है।
लो ब्लड प्रेशर (Low blood pressure)
वेसोडायलेशन के दौरान ब्लड वेसल्स के चौड़ा होने से ब्लड फ्लो बढ़ता है जिससे ब्लड वेसल्स की वॉल के अंदर ब्लड प्रेशर कम हो जाता है और रक्तचाप में नैचुरल ड्रॉप आ जाता है। कई लोग असामान्य रूप से कम ब्लड प्रेशर का अनुभव करते हैं तो कुछ निम्न लक्षणों को भी अनुभव कर सकते हैं।
- धुंधला दिखाई देना
- जी मिचलाना
- कमजोरी
- बेहोशी
- चक्कर आना
- सिर हल्का लगना
क्रोनिक डिजीज (Chronic diseases)
कुछ क्रोनिक डिजीज या कंडिशन जो इम्यून सिस्टम बॉडी की हेल्दी सेल्स पर अटैक करता है जिसमें रयूमेटॉइड अर्थराइटिस (Rheumatoid arthritis), ल्यूपस (Lupus) और इंफ्लामेटरी बॉवेल डिजीज (Inflammatory bowel disease) से पीड़ित लोगों में ब्लड वेसल फंक्शन प्रभावित होता है। जिसमें डिसफंक्शन और वेसोडायलेशन (Vasodilation) शामिल है। जो कार्डियोवैस्कुलर परेशानियों का कारण बन सकता है।
एरिथ्रोमेलाल्जिया (Erythromelalgia)
एक दुर्लभ स्थिति है जो आपके हाथों और पैरों को प्रभावित कर सकती है। लक्षणों में प्रभावित क्षेत्र में गंभीर जलन दर्द, गर्मी और लालिमा शामिल हो सकते हैं। अधिकांश लोगों में, लक्षण स्थिर नहीं होते हैं, बल्कि रुक-रुक कर दिखाई देते हैं। जबकि एरिथ्रोमेलाल्जिया का कारण अज्ञात है, लेकिन कुछ सबूत बताते हैं कि लक्षण वेसोडायलेशन(Vasodilation) और वासोकंस्ट्रिक्शन में असामान्यताओं के कारण हो सकते हैं।
वेसोडायलेशन को प्रभावित करने वाले अन्य फैक्टर्स क्या हैं? (What else affects vasodilation?)
निम्न फैक्टर्स भी वेसोडायलेशन को प्रभावित कर सकते हैं।
ऊंचाई (Elevation)
जैसे-जैसे आप अधिक ऊंचाई पर जाते हैं, हवा में कम ऑक्सिजन उपलब्ध होती है जो सांस लेने के लिए जरूरी है। आपका शरीर शुरू में वेसोडायलेशन (Vasodilation) के माध्यम से ऑक्सिजन की इस कमी का जवाब देता है, जिससे बॉडी के टिशूज में अधिक ब्लड फ्लो होता है। हालांकि, इसके बाद वेसोकंस्ट्रिक्शन (Vasoconstriction) होता है। इससे ब्लड प्रेशर में वृद्धि के साथ ही टिशूज में फ्लूइड का बिल्ड अप हो सकता है।
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उम्र (Age)
बढ़ती उम्र में वेसोडायलेशन (Vasodilation) सहित रक्त वाहिकाओं के कार्य में कमी के साथ हो जाती है। यह हृदय रोग और स्ट्रोक जैसी हृदय संबंधी घटनाओं के जोखिम में योगदान कर सकता है। बल्ड वेसल्स में बैरोरिसेप्टर (Baroreceptors) नामक रिसेप्टर्स होते हैं। ये लगातार ब्लड प्रेशर की निगरानी करते हैं और आवश्यकतानुसार वेसोडायलेशन या वेसोकॉन्ट्रिक्शन को ट्रिगर करते हैं।
व्यक्ति की उम्र बढ़ने पर बैरोरिसेप्टर कम संवेदनशील हो जाते हैं। यह स्थिर ब्लड प्रेशर के लेवल को बनाए रखने की उनकी क्षमता को कम कर सकता है। रक्त वाहिकाएं भी उम्र के साथ सख्त और कम लोचदार हो जाती हैं। यह उन्हें आवश्यकतानुसार डायलेट और कन्स्ट्रिक्ट होने में अक्षम बनाती हैं।
वजन (Weight)
मोटापे से ग्रस्त लोगों में वेसोडायलेशन में शिथिलता देखी गई है। मोटे व्यक्ति में, रक्त वाहिकाएं वेसोडायलेशन (Vasodilation) के प्रति अधिक प्रतिरोधी होती हैं, जिससे हृदय संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। वजन घटाने से वेसोडायलेशन में शिथिलता को कम करने में मदद मिल सकती है। वेसोडायलेशन की स्थिति में दवाओं की भी महत्वपूर्ण भूमिका है।
वेसोडायलेशन और दवाएं (Vasodilation and medication)
कुछ मामलों में डॉक्टर वेसोडायलेशन को इंड्यूस करने के लिए दवाएं देते हैं तो वहीं कुछ मामलों में वेसोडायलेशन (Vasodilation) का इलाज करने के लिए दवाएं दी जाती हैं।
वेसोडायलेशन के लिए दी जाने वाली दवाएं (Medications that induce vasodilation)
वेसोडायलेटर वे दवाएं हैं जो रक्त वाहिकाओं को चौड़ा करने का कारण बनती हैं। डॉक्टर इन दवाओं का उपयोग रक्तचाप को कम करने और हृदय की मांसपेशियों पर किसी भी तरह के तनाव को कम करने के लिए कर सकते हैं। वासोडायलेटर दो प्रकार के होते हैं: दवाएं जो सीधे स्मूद मसल्स पर काम करती हैं, जैसे कि रक्त वाहिकाओं और हृदय में, और वे दवाएं जो वेसोडायलेशन (Vasodilation) को ट्रिगर करने के लिए नर्वस सिस्टम को उत्तेजित करती हैं।
एक व्यक्ति को दिए जाने वाले वेसोडायलेटर का प्रकार उस स्थिति पर निर्भर करेगा जिसके लिए उपचार की आवश्यकता है। लोगों को पता होना चाहिए कि वैसोडिलेटर्स के दुष्प्रभाव हो सकते हैं। इनमें शामिल हो सकते हैं:
- हार्ट रेट का बढ़ना (Increased heart rate)
- फ्लशिंग (Flushing)
- फ्लूइड रिटेंशन (Fluid retention)
वेसोडायलेशन को इलाज करने वाली दवाएं (Medications that treat vasodilation)
वेसोडायलेशन (Vasodilation) एक महत्वपूर्ण मेकेनिज्म है। हालांकि, यह कभी-कभी उन लोगों के लिए समस्याग्रस्त हो सकता है जो हाइपोटेंशन या क्रोनिक हायपोटेंशन का अनुभव करते हैं। इनमें से किसी भी स्थिति वाले लोगों को वैसोकॉन्स्ट्रिक्टर्स (Vasoconstrictors) नामक दवाओं की आवश्यकता हो सकती है। ये दवाएं रक्त वाहिकाओं को संकीर्ण करने का कारण बनती हैं।
हायपोटेंशन वाले लोगों के लिए, वैसोकॉन्स्ट्रिक्टर्स रक्तचाप को बढ़ाने में मदद करते हैं। पुरानी सूजन की स्थिति वाले लोगों के लिए, वैसोकॉन्स्ट्रिक्टर्स कुछ कोशिकाओं और शरीर के टिशूज में ब्लड के फ्लो को सीमित करके सूजन को कम करते हैं। याद रखें किसी भी प्रकार की दवा का उपयोग डॉक्टर की सलाह के बिना ना करें। डॉक्टर मरीज की स्थिति और ओवरऑल हेल्थ के हिसाब से ही दवाएं रिकमंड करते हैं।
उम्मीद करते हैं कि आपको वेसोडायलेशन (Vasodilation) से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।
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