के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya
चिकनपॉक्स एक आम और अत्यधिक संक्रामक वायरस है। इसे आम बोलचाल भाषा में चेचक कहा जाता है। चिकनपॉक्स आमतौर पर बच्चों में होता है,तो वहीं कुछ मामलों में यह वयस्कों में भी हो सकता है। चिकनपॉक्स का संक्रमण आमतौर पर कुछ हफ्ते के भीतर ठीक हो जाता है। जब तक चेचक ठीक नहीं हो जाते हैं,इसके लक्षण आपको बहुत परेशान करते हैं। आमतौर पर चेचक के घरेलू इलाज से ही उपचार किया जाता है। चेचक आमतौर पर 5 से 10 दिनों में ठीक होता है। चेचक के शुरूआती लक्षण से ही इसका पता लगा लिया जाता है। ज्यादातर मामलों में इसके लक्षणों की जांच घर में ही कर ली जाती है। आइए जानते हैं चेचक के लक्षण क्या हैं।
साधारण रूप से चेचक दो तरह के होते हैं।
चिकनपॉक्स का मुख्य लक्षण ऐसे दाने हैं जो फफोले के समान लाल घाव बनाते हैं। यह धीरे-धीरे आपके पूरी त्वचा में फैल जाते हैं। इन दानों में खुजली होती है और कभी-कभी ये दर्दनाक दर्द भी होता है। यदि आप इन दानों को खुजला देते हैं तो आपकी स्थिति और खराब हो जाती है। हालांकि, चेचक के घरेलू इलाज से इसका उपचार करके इसके लक्षणों को कम किया जा सकता है। जिससे इसके लक्षणों से राहत मिल सके। तो आइए इस आर्टिकल में चिकनपॉक्स यानि चेचक के लक्षणों के घरेलू उपाय के बारे में जानते हैं।
वैसे आमतौर पर इसके तीन स्टेप्स होते हैं।
पहले चरण के दौरान
पहले चरण के दौरान आपको शरीर में छोटे-छोटे लाल या गुलाबी दाने दिखाई देते हैं। जिनमें बहुत अधिक खुजली होती है। यह दाने पूरे शरीर में दिखाई देते हैं।
दूसरे चरण के दौरान
दूसरे चरण में ये दाने फफोले में बदल जाते हैं। इसमें एक तरह का तरल पदार्थ भरा होता है।
तीसरे चरण के दौरान
तीसरे तरण के अंत में, इस घाव पर पपड़ी बन जाती है और यह घाव धीरे-धीरे सूखने लगता है। जब तक आपके शरीर में हुए घाव पूरी तरह से ठीक होकर गायब नहीं हो जाते तब तक उस जगह पर खुजली नहीं करनी चाहिए।
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चेचक संक्रमण वायरस के कारण होता है। यह वायरस बच्चों के सीधे संपर्क में आकर फैल सकता है। यह तब भी फैल सकता है यदि किसी व्यक्ति को चेचक हुआ है, आप उसकी खांसी या छींक के सीधा संपर्क में आते हैं, तो आपके सांस के माध्यम से यह वायरस आपके अंदर जा सकता है। जिस कारण आपको चेचक हो सकता है।
चिकनपॉक्स से जुड़ी समस्या को कम करने के लिए और इसके उपचार में मदद करने के लिए आप कई तरह से अपनी सहायता स्वंय कर सकते हैं। सबसे पहले चेचक के पिंपल को या पपड़ी को खरोंचे नहीं। स्क्रैचिंग के कारण घाव बढ़ सकते हैं साथ ही घाव भरने की प्रक्रिया धीमी हो सकती है। इसके अलावा किसी प्रकार का त्वचा संक्रमण विकसित होने का खतरा हो सकता है। यदि आपके बच्चों को खुजली होने के कारण समस्या हो रही है,जिसके कारण बार-बार हाथ पिंपल के करीब चला जाता है। तो बच्चों के हाथों में दस्ताना पहना दें। इस समस्या से निपटने के लिए दस्ताना मददगार हो सकता है। इसके अलावा बच्चों के नाखून भी काट सकते हैं। चेचक के रोगियों द्वारा उपयोग किए जा रहे सामान जैसे,तौलिया,कपड़े आदि को बाकी लोगों के सामान से अलग कर देना चाहिए। चेचक के रोगियों को अधिक घी और तेल वाले आहार का सेवन नहीं करना चाहिए। कई घरेलू उपचारों की मदद से चिकनपॉक्स से जुड़ी खुजली, दर्द और असुविधा को कम किया जा सकता है। चेचक के घरेलू इलाज इस प्रकार से हो सकते हैं।
इसको प्रभावित क्षेत्र पर हुए दाने पर लगाने से होने पर खुजली से राहत देने के लिए जाना जाता है। बारीक पिसे हुए ओट्स को जब पानी के साथ मिलाया जाता है तो त्वचा पर हुए पिंपल को सुखाने में मदद करता है। इसे रोगी अपने नहाने के पानी में थोड़ी मात्रा में मिला सकते हैं।
चेचक से राहत पाने के लिए आप अपने नहाने के पानी में पीसी हुई अजवाइन मिला सकते हैं। यह खुजली से राहत देने में मदद कर सकता है।
चेचक से राहत पाने के लिए कैलामाइन लोशन का उपयोग कर सकते हैं। कैलामाइन लोशन में त्वचा को राहत देने वाले गुण मौजूद होते हैं और इस प्रकार, यह त्वचा की खुजली को कम करने में मदद कर सकता है। इसका उपयोग करने के लिए एक कॉटन या साफ हाथ का उपयोग करके प्रभावित त्वचा पर कैलामाइन लोशन को एक छोटी मात्रा में लगाएं। खुजली वाले त्वचा के क्षेत्रों पर कैलामाइन लोशन फैलाएं और इसे त्वचा पर सूखने दें। कैलामाइन लोशन का उपयोग करने से पहले लोशन की बोतल को अच्छी तरह हिलाना न भूलें। आंखों के पास हुए चेचक के दाने के लिए इस लोशन का प्रयोग करने की सलाह नहीं दी जाती है।
बेकिंग सोडा का उपयोग अक्सर खुजली वाली त्वचा को राहत देने के लिए किया जाता है। रोगी अपने नहाने के पानी में थोड़ी मात्रा में बेकिंग सोडा मिला सकते हैं। बेकिंग सोडा के पानी से नहाने से शरीर में हुए दानों और खुजली से राहत मिलती है।
नीम की पत्तियां उनके एंटीवायरल गुणों के कारण वैरीसेला जोस्टर वायरस से लड़ने में मदद कर सकती हैं। गर्म पानी में नीम के पत्तों को डुबो कर बनाई गई हल्की चाय का सेवन करने से चिकनपॉक्स के लक्षण में मदद मिल सकती है। रोगी अपने स्नान के पानी में नीम के पत्तों को भिगो सकते हैं। नीम के पानी से नहाने से कई तरह के फायदे हो सकते हैं। यह खुजली से राहत देने में आपकी मदद करेगा।
चेचक संक्रमण में आपको हर्बल टी बहुत फायदेमंद हो सकती है। इसमें आप तुलसी, मैरीगोल्ड और लेमन बाम से बनी हर्बल टी का सेवन कर सकते हैं। इनमें से किसी भी एक जड़ी-बूटी को एक कप पानी में उबालें। उबालने के बाद इसे छान लें। इसमें थोड़ी-सी शहद, दालचीनी और नींबू मिलाएं। अब हर्बल टी को पीएं। यदि आप इसे दिन में दो बार उपयोग करते हैं, तो आपको इसके बेहतर परिणाम मिल सकते हैं।
चिकनपॉक्स के दाने से चकत्ते हो जाते हैं, जिससे खुजली हो सकती है। रोगी को खरोंच से बचना चाहिए, क्योंकि इससे संक्रमण हो सकता है। चिकनपॉक्स छाले को नाखून से बचाने के लिए नाखूनों को ट्रिम करें। पैरों में खुजली से बचने के लिए सॉक्स पहने। जब भी आपको खुजली महसूस हो तो खुजलाने के बजाय त्वचा को थपथपाने की कोशिश करें। रात को सोते समय नींद में त्वचा को खरोंचने से बचाने के लिए हाथों में दस्ताना और पैरों में सॉक्स पहनें।
यदि आपके चेचक के दाग आपको परेशान कर रहे हैं। तो आप इससे छुटकारा पाने के लिए लैवेंडर तेल का उपयोग कर सकते हैं। इसका उपयोग करने के लिए सबसे पहले लैवेंडर के तेल को बादाम के तेल में या नारियल तेल के साथ मिलाएं।अब इस तेल को दाग वाली जगह पर लगाएं। इसके बेहतर परिणाम के लिए दिन में कम से कम दो बार हल्के हाथ से मसाज करें। लैवेंडर और कैमोमाइल ऑयल को कम मात्रा में पानी में डालकर इससे नहा भी सकते हैं। यह भी बहुत फायदेमंद होता है।
चेचक से ग्रस्त रोगियों में सिरका बहुत फायदेमंद हो सकता है। इसका उपयोग करने के लिए दो से तीन चम्मच सिरका अपने नहाने के पानी में मिलाएं। इससे नहाने से आप को आते हुए लक्षण से राहत मिल सकती है। चेचक के दौरान नियमित रूप से इसका उपयोग करना चाहिए।
चेचक के रोगियों में धनिया और जीरा का उपयोग करने से इसके लक्षण कम हो सकते हैं। इसका उपयोग करने के लिए कच्चा धनिया लें,लगभग 50 ग्राम जीरा उसमें मिलाकर उबाल लें। इस पानी को छान लें। चेचक के रोगी को दिन भर यह पानी पीने के लिए देते रहें। चेचक के घरेलू इलाज में धनिया और जीरा की भूमिका बहुत फायदेमंद होती है।
चेचक के दानों से आराम पाने के लिए आप हरी मटर को पानी में अच्छी तरह उबाल लें। अब इस पानी को दाने वाली सभी जगह पर लगाएं। यह आपके दानों से राहत पाने में मदद कर सकता है।
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चेचक के दौरान खुजली और चिड़चिड़ेपन से बचने के लिए नरम आरामदायक ढ़ीले कपड़े पहनने चाहिए। इस दौरान आपको सॉफ्ट पूराने कॉटन के कपड़ने पहनने चाहिए। इससे आपको खुजली से आराम मिलता है।
आपको बता दें इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण मौजूद होते हैं। गाजर और धनिया का उपयोग आप सूप बनाकर कर सकते हैं।इन दोनों को एक साथ उबालकर आप इसका सूप बना सकते हैं। लगभग एक महीने तक इसका उपयोग करने से आपको चेचक के लक्षणों से पूरी तरह से छुटकारा मिल सकता है। इससे कई और भी फायदे होते हैं।
चेचक के रोगियों में उनके प्रभावित क्षेत्र पर विटामिन ई युक्त तेल का उपयोग करने से आपको इसके लक्षणों से राहत मिल सकता है।
चेचक के रोगियों को नारियल का पानी पिलाने से उनके लक्षणों से जल्दी ही राहत मिल सकती है। चेचक के घरेलू इलाज में नारियल आराम दिलाने में सहायक होता है।
चेचक हुए व्यक्ति के बिस्तर को हमेशा साफ रखना चाहिए। कुछ नीम की पत्तियों को रोगी के बिस्तर पर रखना चाहिए। इससे उसके संक्रमण धीरे-धीरे खत्म होने लगते हैं।
शहद में एंटीबायोटिक गुण मौजूद होते हैं। जो चेचक के रोगियों के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। चेचक के दौरान प्रभावित क्षेत्र पर शहद लगाएं। यदि आप चाहैं तो इस दौरान सुबह और शाम में एक चम्मच शहद का सेवन भी कर सकते हैं। इससे आपके लक्षणों में राहत मिल सकती है।
चेचक के दाने को कम करने के लिए, आप चने को रात भर के लिए भिगो दें। चेचक वाले जगह पर भिगोया हुआ चना रखें। भिगा हुआ चना इसके संक्रमण को अपने अंदर सोख लेता है।
चेचक में हुए आपके दाने पर यदि बहुत अधिक खुजली हो रही है तो आप खुजली वाले चकत्तों पर पाउडर का उपयोग कर सकते हैं। चेचक के घरेलू इलाज में पाउडर बहुत काम करता है।
चेचक के घरेलू इलाज में यह बहुत कारगर है। इसके लिए हल्दी में, मिस्री, और तुलसी मिलाकर इसका पाउडर बना लें। हर रोज इसका उपयोग नियमित रूप से करें। इससे आपके लक्षणों में सुधार हो सकता है।
चेचक से परेशान रोगियों में काली मिर्च का उपयोग लाभकारी साबित हो सकता है। इसका उपयोग करने के लिए एक प्याज के रस में दो काली मिर्च पीसकर मिलाएं। एक दिन में दो बार इसका सेवन करने से चेचक के लक्षण जल्दी ही खत्म हो सकते हैं।
ऊपर दी गई जानकारी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। इसलिए किसी भी दवा या सप्लिमेंट और घरेलू इलाज का इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर करें।
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