
कोरोना वायरस(Corona virus) यानी कोविड-19(Covid -19) की शुरुआत दिसंबर 2019 में चीन के एक शहर से हुई थी। लेकिन, कुछ ही महीनों में यह पूरी दुनिया में फैल गया। आज दुनिया का कोई भी ऐसा देश नहीं है, जो इसके प्रकोप से बच पाया हो। पिछले लगभग एक साल से समय जैसे रुक सा गया है। लंबे समय से इसकी वैक्सीन बनाई जा रही हैं। भारत उन चंद देशों में से एक है, जहां कोरोना वायरस की वैक्सीन(Corona Virus vaccine) न केवल बना ली गई है, बल्कि इसका वैक्सीनेशन भी शुरू हो चुका है। पहले ही दिन देश भर की 3,006 साइट्स पर लगभग तीन लाख हेल्थकेयर वर्कर्स को यह वैक्सीन दी गई। सरकार ने कोरोना वायरस वैक्सीनेशन गाइडलाइन्स(Corona virus vaccination guidelines) के माध्यम से यह बात भी स्पष्ट कर दी है कि किन लोगों को पहले यह वैक्सीन मिलेगी और किन लोगों को अभी इसके लिए इंतजार करना होगा।
अगर आप नहीं जानते हैं कि किन लोगों को अभी कोरोना वायरस वैक्सीन नहीं मिल पाएगी, तो पाएं इस बारे में पूरी जानकारी। कोरोना वायरस वैक्सीनेशन गाइडलाइन्स(Corona virus vaccination guidelines) के बारे में जानने से पहले जानिए कि कौन सी हैं वो वैक्सीन, जिन्हें इमरजेंसी प्रयोग की मंजूरी मिली है।
कौन सी हैं कोरोना वायरस वैक्सीन?
कोरोना वायरस वैक्सीनेशन गाइडलाइन्स(Corona virus vaccination guidelines) से पहले आपको कोविड-19 वैक्सीन के बारे में पता होना बेहद आवश्यक है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने इमरजेंसी प्रयोग के लिए दो वैक्सीन को मंजूरी दी है- जिनमें से पहली है सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड(covishield) और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन(covaccine)। यह दोनों कोविड-19 वैक्सीन(Covid -19 vaccine) प्रयोग के लिए पूरी तरह से सुरक्षित और प्रभावी हैं। इस वैक्सीन को दो डोज में लेना आवश्यक है और इन दो खुराकों के बीच लंबे समय का अंतर होना भी जरूरी माना गया है। ऐसा माना जा रहा है कि जितना इन वैक्सीन की डोज में अंतर होगा, उतना ही इनका प्रभाव अधिक होगा। हालांकि, इन वैक्सीन्स के आने के बाद से ही लोगों में इन्हें लेकर दुविधा है।
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कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो अभी इस वैक्सीन का प्रयोग नहीं करना चाहते, बल्कि अभी वो थोड़ा इंतजार करना चाहते हैं। ताकि, इसकी गुणवत्ता के बारे में जान पाएं। लोगों में कोविड-19 वैक्सीन(Covid -19 vaccine) की सुरक्षा और प्रभावकारिता को लेकर भी चिंता है। यह चिंता होना बेहद सामान्य है। लेकिन, भारत सरकार की कोरोना वायरस वैक्सीनेशन गाइडलाइन्स(Corona virus vaccination guidelines) के अनुसार भी अभी कई लोगों को इसके इतेमाल के लिए इंतजार करना ही होगा, क्योंकि अभी केवल चुनिंदा लोगों को ही यह वैक्सीन दी जाएगी। इस के बारे में पूरी तैयारी भी कर ली गई है। जानिए, किन लोगों को अभी वैक्सीन नहीं दी जाएगी और कौन से लोग इसका फायदा उठा पाएंगे।
कोरोना वायरस वैक्सीनेशन गाइडलाइन्स(Corona virus vaccination guidelines) के अनुसार किन लोगों को नहीं लेनी चाहिए वैक्सीन?
कोरोना वायरस वैक्सीनेशन गाइडलाइन्स(Corona virus vaccination guidelines) के अनुसार इन लोगों को अभी कोविड-19 वैक्सीन नहीं दी जाएगी:
एलर्जी से पीड़ित
स्वस्थ्य मंत्रालय के अनुसार ऐसे लोग जिन्हें गंभीर एलर्जी की शिकायत है या ऐसे लोग जिन्हें इस वैक्सीन में मौजूद किसी भी कॉम्पोनेन्ट से एलर्जी हो सकती है। उन्हें इस वैक्सीन के लिए अभी कुछ समय तक रुकना पड़ेगा। ऐसे लोगों को यह वैक्सीन नहीं दी जाएगी। इसके साथ ही जिन लोगों को अन्य तरह की एलर्जी हैं, जैसे खाने से एलर्जी या मोल्ड एलर्जी, उन्हें अभी यह वैक्सीन नहीं मिलेगी। अनफिलक्टिक(anaphylactic) से पीड़ित लोगों को भी अभी इंतजार करने की जरूरत है।
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गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाएं
गर्भवती महिलाओं को भी कोरोना वायरस वैक्सीनेशन से अभी दूर रखा जाएगा। क्योंकि अब तक इस बात का पता नहीं चला है कि यह वैक्सीन गर्भवती महिलाओं के लिए सुरक्षित है या नहीं। ऐसे में शिशु और मां दोनों की सुरक्षा के लिए उन्हें यह वैक्सीन नहीं लेने की सलाह दी जाती है।कोरोना वायरस वैक्सीनेशन गाइडलाइन्स(Corona virus vaccination guidelines) के मुताबिक जो महिलाएं स्तनपान कराती हैं, उन्हें भी अभी इस वैक्सीन को लेने की सलाह नहीं दी जाती।
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कोरोना वायरस से पीड़ित लोग
ऐसे लोग जो अभी कोविड-19 से पीड़ित हैं या जिनमें कोरोना वायरस के लक्षण हैं। उन्हें भी तब तक नहीं वैक्सीन नहीं दी जाएगी, जब तक उनके यह लक्षण ठीक नहीं हो जाते। ऐसे में, सबसे पहले उन्हें कोरोना वायरस से पूरी तरह से स्वस्थ होना पड़ेगा। हालांकि, इस बात का पता नहीं है कि इंफेक्शन और वैक्सीनेशन के बीच में कितना समय होना चाहिए। इसके साथ ही कोविड-19 के उन मरीजों को भी यह वैक्सीनेशन नहीं दी जाएगी, जिन्हें एंटी-SARS-CoV-2 या कॉन वेलेन्सेंट प्लाज्मा दी गई हो।
जिन लोगों को कोविड-19 इंफेक्शन के उपचार के लिए एंटीबॉडी थेरेपी या कॉनवैलेसेंट प्लाज्मा (convalescent plasma) दिया गया है, उन्हें यह वैक्सीन नहीं दी जाएगी। क्योंकि, उन पर इस दवाई के प्रभाव की जानकारी नहीं है। हालांकि, प्रारंभिक संक्रमण के बाद 90 दिनों में फिर से संक्रमण होना असमान्य है, ऐसे में एहतियात के तौर पर, व्यक्ति को कम से कम 90 दिनों की प्रतीक्षा करने की सलाह दी जाती है।
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अन्य बीमारी से पीड़ित व्यक्ति
कोरोना वायरस वैक्सीनेशन गाइडलाइन्स(Corona virus vaccination guidelines) के अनुसार वो लोग जो किसी अन्य मेडिकल स्थिति से पीड़ित हैं या अस्पताल में दाखिल हैं। उन्हें अभी यह वैक्सीन नहीं दी जा सकती है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह भी सलाह दी है कि किसी भी ब्लीडिंग या कोएग्यूलेशन विकार (क्लॉटिंग फैक्टर डेफिशियेंसी, कोएग्यूलोपैथी या प्लेटलेट विकार) की हिस्ट्री वाले व्यक्तियों में सावधानी के साथ कोविड-19 के टीके लगाए जाने चाहिए।
किशोर
अभी कोविड-19 वैक्सीन(Covid-19 vaccine) केवल 18 साल से अधिक उम्र के लोगों को ही दी जाएगी। कुछ समय के बाद यह वैक्सीन 18 साल से कम उम्र के किशोरों और बच्चों को भी दी जाएगी। अभी उन्हें यह नहीं दी का सकती, क्योंकि अभी तक इस वैक्सीन का ट्रायल केवल 18 साल से ऊपर की उम्र के लोगों पर हुआ है।
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अभी किन लोगों को मिलेगी यह वैक्सीन?
कोरोना वायरस वैक्सीनेशन गाइडलाइन्स(Corona virus vaccination guidelines) के मुताबिक किन लोगों को अभी यह वैक्सीन नहीं मिलेगी, इस बात के बारे में आप जान गए होंगे। अब जानिए किन लोगों को वैक्सीनेशन के पहले चरण में वैक्सीन मिलेगी। अभी स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह बात साफ की है कि कोरोना वायरस वैक्सीन के पहले चरण में 30 करोड़ लोगों को कोरोना वैक्सीन दी जाएगी। इन 30 करोड़ लोगों में यह लोग शामिल होंगे:
- दो करोड़ फ्रंटलाइन वर्कर, जिनमें (पुलिस, मेडिकल फ़ील्ड से जुड़े लोग, सफाई कर्मचारी आदि शामिल हैं)
- ऐसे लोग जिनकी उम्र 50 साल से अधिक है और जो किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं। जैसे जो डायबिटीज, बीपी या अन्य किसी बीमारी के शिकार हैं।
- 60 साल से अधिक की उम्र के लोग
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क्या वैक्सीन लगने के बाद आप पहले की तरह जीवन जी सकते हैं?
अगर आप यह सोच रहे हैं अब कि कोविड-19 वैक्सीन(Covid -19 vaccine) आ चुकी है। कुछ ही समय बाद आपको भी यह वैक्सीन मिल जाएगी। उसके बाद आप इस कोरोना वायरस के आने से पहले की तरह जीवन जी जाएंगे, तो आप बिलकुल गलत सोच रहे हैं। क्योंकि, कोई भी कोविड-19 वैक्सीन(Covid -19 vaccine) 100 प्रतिशत सुरक्षा नहीं दे पाएगी। वैक्सीन की दूसरी डोज के बाद भी यह बात ध्यान रखना आवश्यक होगा कि इस वायरस से बचने के लिए पूरी सावधानियां बरती जाएं। क्योंकि, यह वैक्सीन इंफेक्शन को नहीं रोकती है बल्कि इसके गंभीर प्रभावों को कम करती है। ताकि आप गंभीर स्थितियों से बच सके। वैक्सीन की दोनों खुराकों के बाद भी आप कोविड-19 का शिकार हो सकते हैं। लेकिन, आपको कम लक्षण नजर आएंगे। इसलिए, पूरी सावधानी बरतना अभी भी उतना ही जरूरी है जितना पहले था।
इन चीजों का ध्यान अवश्य रखें:
- मास्क पहनना न भूलें और समय-समय पर सेनिटिजशन करें।
- सोशल डिस्टैन्सिंग बना कर रखें।
- बार-बार हाथों को धोना न भूलें।
- भीड़ वाली जगहों में जाने से बचे।
- कोरोना वायरस वैक्सीनेशन गाइडलाइन्स(Corona virus vaccination guidelines) का पालन करें।
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अब आपके दिमाग में यह सवाल आ सकता है कि अगर दोनों डोज के बाद भी कोरोना वायरस का खतरा नहीं जाएगा तो फिर कोरोना वायरस कब ठीक होगा? क्या पूरी उम्र हमें ऐसे ही रहना पड़ेगा? तो इसका जवाब है नहीं। जब देश में सत्तर प्रतिशत लोगों को दोनों डोज लग जाएगी यानी देश के सत्तर प्रतिशत लोगों में एंटीबाडी बन जाएगी। तो वायरस का फैलना बंद हो जाएगा। उसके बाद हमें कुछ हद तक इस समस्या से राहत मिल सकती है। तब तक आप अपनी सुरक्षा का पूरा ध्यान रखें। क्योंकि, आपकी सुरक्षा केवल आपके हाथ में ही है और तैयार रहें कोविड-19 वैक्सीनेशन(Covid-19 vaccination) के लिए।
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