कोविड-19 और सीजर्स के संबंध के बारे में डॉक्टर्स को फ्लोरिडा के एक 74 साल के पेशेंट के माध्यम से जानकारी मिली। पेशेंट को कफ और फीवर की समस्या थी। हॉस्पिटल में जांच के बाद पेशेंट को निमोनिया की शिकायत बताई गई। इसके बाद उसका ट्रीटमेंट करके उसे घर भेज दिया गया। अगले दिन पेशेंट के घरवाले पेशेंट लेकर फिर से अस्पताल पहुंचे और फीवर बढ़ने के बारे में जानकारी दी। पेशेंट को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। साथ ही पेशेंट डॉक्टर को ठीक से अपना नाम भी नहीं बता पा रहा था। साथ ही वो बोलने में भी असमर्थ था। व्यक्ति को पार्किंग्सन रोग और लंग डिजीज भी थी। पेशेंट को अचानक से हाथ और पैरों में झटके महसूस होने लगे। डॉक्टर को पेशेंट की हालत देखकर लगा कि उसे कोविड-19 है।
टेस्ट के बाद पता चला की पेशेंट सच में कोरोना पॉजिटिव था। दूसरे दिन भी डॉक्टर के पास ऐसा ही एक 50 साल की महिला का केस आया जो कि कोरोना पॉजिटिव थी। महिला को सिरदर्द की समस्या थी और साथ ही उसे अपना नाम बताने में दिक्कत हो रही थी। ऐसा मस्तिष्क में वायरल इंफ्लामेशन के कारण हुआ था। न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. एलिसा फोरी के अनुसार ये एक ब्रेन वायरल इंफ्लामेशन है जो लोगों में ऐसे लक्षण उत्पन्न कर रहा है।
दुनिया के विभिन्न हिस्सों में कुछ पेशेंट को स्ट्रोक, सीजर्स इंसेफेलाइटिस जैसे लक्षण देखने को मिले। यानी कोविड-19 और सीजर्स का संबंध साफ तौर पर देखने को मिला। कुछ पेशेंट के हाथ-पैरों में झुनझुनाहट के साथ ही ब्लड क्लॉटिंग भी देखने को मिले।
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