
पिछले लगभग एक साल से कोविड-19 (covid-19 ) से दुनिया का हर एक देश प्रभावित है। अब कुछ देशों ने कोविड-19 की वैक्सीन बनाने में सफलता प्राप्त कर ली है। हाल ही में भारत की दो वैक्सीन को आपातकालीन स्थितियों में प्रयोग की मंजूरी मिल गई है। इसके साथ ही कोविड वैक्सीन का ड्राय रन भी शुरू हो चुका है और उम्मीद है कि आने वाले दिनों में कोविड-19 वैक्सीनेशन (covid-19 vaccination) का पहला चरण शुरू हो जाएगा। पिछला साल भले ही पूरी दुनिया के लिए परेशानियों और तकलीफों से भरा हुआ था, लेकिन इस साल की शुरुआत एक अच्छी खबर से हुई है। लंबे समय से लोग यही आशा कर रहे थे कि जल्द से जल्द कोरोना वायरस वैक्सीन (corona virus vaccine) बने ताकि सबका जीवन पहले की तरह सामान्य हो सके।
इसमें कोई संदेह नहीं इस वैक्सीन का इंतजार काफी समय से हो रहा है। अब जब यह वैक्सीन तैयार है, तो कई लोग वैक्सीनेशन को लेकर संदेह में हैं या हिचक रहे हैं। एक सर्वे के अनुसार शहरों में बहुत से लोग कोविड-19 वैक्सीनेशन (covid-19 vaccination) के इच्छुक हैं, लेकिन ऐसे कई लोग भी हैं जो अभी कुछ समय तक इंतजार करना चाहते हैं। चलिए जानते हैं, इस बारे में विस्तार से।
कौन सी वैक्सीन (corona virus vaccine) को मिला है अप्रूवल?
साल 2021 के पहले दिन ही ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका कोविशील्ड (covishield) को मंजूरी मिली थी। इसे पुणे के सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के द्वारा बनाया गया है। इसके बाद भारत बायोटेक की वैक्सीन ‘कोवैक्सीन’ को आपातकालीन इस्तेमाल के लिए अप्रूवल मिल गया था। इन दोनों वैक्सीन को सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमिटी (SEC) ऑफ इंडिया’स सेंट्रल ड्रग स्टैंडर्ड कंट्रोल आर्गेनायजेशन (CDSCO) के सदस्यों द्वारा अप्रूव किया गया था। भारत बायोटेक वैक्सीन को ICMR और NIV (पुणे) की मदद से बनाया गया है।
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एसआईआई(SII) के सीईओ अदर पूनावाला के अनुसार उनकी कंपनी कोविशील्ड (covishield) की 40-50 मिलियन डोज बना चुकी है, जो देश के ढाई करोड़ लोगों के लिए पर्याप्त है। इस कंपनी का यह भी मानना है कि आने वाले दो या तीन महीनों में वो लगभग दस करोड़ कोविशील्ड(covishield) वैक्सीन की डोज बना लेंगे। यही नहीं, कोविड-19 वैक्सीनेशन(covid-19 vaccination) के पहले फेज में लगभग तीस करोड़ लोगों को यह वैक्सीन दी जाएगी। उनके अनुसार इस साल के अंत तक आधी आबादी को यह वैक्सीन उपलब्ध करा दी जाएगी।
कितनी सुरक्षित है यह वैक्सीन?
इस चीज को भी सुनिश्चित किया गया है कि यह वैक्सीन प्रयोग के लिए पूरी तरह से तैयार और सुरक्षित है। अभी जो वैक्सीन कोविड-19 वैक्सीनेशन (covid-19 vaccination) के लिए तैयार है, उसे सही तरीके से स्टोर किया गया है और जल्दी ही उसे पूरे देश में राज्यों तक पहुंचाया जाएगा। यही नहीं, इस वैक्सीन को दो डोज में लेना आवश्यक है और इन दो खुराकों के बीच लंबे समय का अंतर होना भी जरूरी माना गया है। ऐसा माना जा रहा है कि जितना इस वैक्सीन की डोज में अंतर होगा उतना ही इसका प्रभाव अधिक होगा।
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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के अनुसार वो देश के हर नागरिक को यह दवाई मुफ्त में उपलब्ध कराएंगे। हालांकि, इस वैक्सीन की कीमत भी 1000 रुपए से भी कम रखी गई है। कोविशील्ड और भारत बायोटेक की कोरोना वायरस वैक्सीन(corona virus vaccine) के साथ ही हमारे देश में कोरोना वायरस की अन्य वैक्सीन भी फाइनल फेज में हैं। उम्मीद है कि इन्हें भी जल्दी ही अप्रूवल मिल जाएगा।
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कोविड-19 वैक्सीनेशन(covid-19 vaccination) के बारे में लोगों की राय
कोविड-19 वैक्सीनेशन(covid-19 vaccination) के बारे यूगव (Yougov) द्वारा किए गए सर्वे में शहरों में रहने वाले अधिकतर लोग कोरोना वायरस वैक्सीन (corona virus vaccine) के लिए तैयार हैं। लेकिन, ऐसे लोगों की संख्या भी बहुत अधिक है, जो अभी थोड़ा इंतजार करना चाहते हैं। एक सर्वे के मुताबिक अभी बहुत से लोग कोविड-19 वैक्सीनेशन(covid-19 vaccination) को लेकर हिचक रहे हैं या उसकी गुणवत्ता पर संदेह कर रहे हैं। हालांकि, अधिकांश लोग टीकाकरण के लिए उत्सुक हैं, लेकिन ऐसे लोगों के बीच भी वैक्सीन की सुरक्षा और प्रभावकारिता को लेकर चिंता है। ऐसा होना बेहद भी सामान्य है।
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अब जब भारत अपने पहले डोमेस्टिक कोविड-19 वैक्सीन के लिए तैयार है। ऐसे में, यूगव (yougov) द्वारा किए गए सर्वे के मुताबिक लगभग 68 प्रतिशत शहरी लोग इस वैक्सीनेशन के लिए तैयार हैं, जबकि 8 प्रतिशत लोग वैक्सीनेशन के लिए तैयार नहीं हैं। हालांकि, 24 प्रतिशत लोग ऐसे भी हैं जो कोविड-19 वैक्सीनेशन(covid-19 vaccination) के बारे में निर्णय नहीं ले पा रहे हैं। यानी वो दुविधा में हैं कि अभी वैक्सीनेशन कराना चाहिए या नहीं। इसमें ऐसे लोगों की संख्या बहुत अधिक है जो वैक्सीनेशन को लेकर पूरी तरह से या तो निर्णय नहीं ले पा रहे हैं या फिर उन्हें भी कोरोना वायरस वैक्सीन(corona virus vaccine) को लेने की तब तक इच्छा नहीं है, जब तक वो इस बात को लेकर निश्चिंत न हो जाएं कि यह वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित है।
जब वैक्सीनेशन शुरू होगा कितने प्रतिशत(%) शहरी लोग इसके लिए तैयार हैं, कितने तैयार नहीं हैं और कितने अभी इस बारे में निर्णय नहीं ले पा रहे हैं, जानिए इस ग्राफ के माध्यम से.
क्या है लोगों की चिंता का विषय?
जो लोग इस कोविड-19 वैक्सीनेशन (covid-19 vaccination) के लिए तैयार हैं, उनके लिए भी इस वैक्सीन को लेकर सुरक्षा की चिंता सबसे मुख्य है। यूगव (yougov) द्वारा किए गए सर्वे के मुताबिक ऐसे लोगों की संख्या 41 प्रतिशत थी, जिनका यह मानना है कि वो इस वैक्सीन को लेने से पहले कुछ महीनों तक इंतजार करना पसंद करेंगे। जबकि, 33 प्रतिशत लोग ऐसे हैं जिनका कहना है कि जैसे ही कोरोना वायरस वैक्सीन(corona virus vaccine) बाजार में उपलब्ध होगी, वो तुरंत उसका प्रयोग करेंगे। लेकिन, 13 प्रतिशत लोगों का कहना था कि वो इसे तब लेंगे जब सरकार जिसे लेना अनिवार्य कर देगी। इसमें 11 प्रतिशत लोगों का यह कहना भी था कि वो इसे तब लेंगे जब उनकी कंपनी/स्कूल/ कॉलेज उसे यह लेना जरूरी बना देंगे। जबकि 2 प्रतिशत लोग ऐसे भी थे, जिन्होंने इस बारे में कोई निर्णय नहीं लिया है।
कोविड-19 वैक्सीनेशन(covid-19 vaccination) शुरू होने के बाद भी लोग वैक्सीनेशन कब लेना चाहते हैं, इस बारे में यूगव (yougov) द्वारा किए गए सर्वे के मुताबिक परिणाम इस प्रकार हैं। जानिए, कितने प्रतिशत(%) लोग इस वैक्सीन को कब लेना चाहते हैं।
इस समय सुरक्षा, वैक्सीन को लेकर सबसे बड़ी चिंता का विषय है। लेकिन, फिर भी 50 % से भी ज्यादा लोगों का मानना है कि उन्हें भारत में बनी इस वैक्सीन पर पूरा विश्वास है। हालांकि, कुछ लोगों ने अन्य देशों में बनी वैक्सीन को अधिक भरोसेमंद बताया।
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वैक्सीन किसे पहले देनी चाहिए
वैक्सीन किसे पहले देनी चाहिए और किसे बाद में इस बारे में भी लोगों की राय अलग है। जैसे यूगव (yougov) द्वारा किए गए सर्वे के मुताबिक 36% लोग ऐसा महसूस करते हैं कि कोरोना वायरस वैक्सीन(corona virus vaccine) गरीबों, बुजुर्गों और जो अधिक बीमार है, उन्हें फ्री में देनी चाहिए। यह कोविड-19 वैक्सीनेशन(covid-19 vaccination) फ्री में होना चाहिए या नहीं इसके बारे में भी लोगों की राय अलग है। कई लोगों ने यह माना है कि सरकार को सभी नागरिकों को मुफ्त में वैक्सीन देनी चाहिए। जबकि 14 % लोग ऐसे भी हैं जो वैक्सीनेशन के लिए कीमत चुकाने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। कई ऐसे लोग भी हैं जो मानते हैं कि गंभीर रूप से बीमार या बुजुर्ग लोगों को कोविड-19 वैक्सीनेशन(covid-19 vaccination) के लिए प्राथमिकता देनी चाहिए।
इनके साथ ही, फ्रंटलाइन वर्कर्स को भी इस वैक्सीनेशन के लिए लिस्ट में सबसे ऊपर रखा गया है। हालांकि, 18 से कम उम्र के लोगों को अभी प्राथमिकता की लिस्ट में सबसे नीचे रखा गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने यह साफ कर दिया है कि यह वैक्सीन सबसे पहले उन लोगों को दी जाएगी, जिन्हें सबसे अधिक इसकी जरूरत है जैसे स्वास्थ्य कर्मियों को, ऐसे लोग जो अन्य रोगों से पीड़ित हैं और बुजुर्गों को।
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आम लोग कोरोना वायरस वैक्सीन(corona virus vaccine) को लेकर संदेह इसलिए भी कर रहे हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि इस वैक्सीन के साइड इफेक्ट और प्रभाव के बारे में अभी पूरी जानकारी मौजूद नहीं है। हालांकि, पिछले कुछ समय से भारत में कोरोना वायरस के मामलों में कुछ कमी आई है। लेकिन, ब्रिटेन में नए कोरोना वायरस(corona virus) कोविड स्टेन के कारण चिंता बढ़ गई है। कुछ चीजें आने वाले समय में ही स्पष्ट रूप से कही जा सकती हैं। अभी तो बस यही कहा जा सकता है कि भारत में कोविड-19 वैक्सीनेशन(covid-19 vaccination) जल्दी ही शुरू हो जाएगा और हर व्यक्ति तक जल्द से जल्द पहुंचेगा। ऐसे में उम्मीद है कि जल्द ही पूरी दुनिया को कोविड नाम की महामारी से छुटकारा मिलेगा और लोग पहले की तरह ही अपना जीवन एन्जॉय कर पाएंगे।
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