आज के दैनिक जीवन में असंतुलित आहार और अत्याधुनिक जीवनशैली के कारण हमें पर्याप्त मात्रा में आवश्यक विटामिन और पोषक तत्व नहीं मिल पाते। पिछले दो दशकों में यह समस्या और भी ज्यादा गंभीर हो गयी है। एक सर्वेक्षण के अनुसार लगभग एक चोथाई आबादी को विटामिन-डी की कमी का खतरा है। विटामिन-डी एक अत्यंत महत्वपूर्ण विटामिन है, जो कई तरह से शरीर के इम्यून सिस्टम पर अपना प्रभाव डालता है।
विटामिन-डी का मुख्य स्रोत सूरज की किरणें हैं । इसके अलावा यह मछली और डेयरी उत्पादों में भी पाया जाता है। इसकी कमी कई गंभीर विकारों को जन्म दे सकती है। हम में से कई लोगों को तो पता भी नहीं होता है कि वे इस की कमी का शिकार हो चुके हैं। क्योंकि इसके लक्षण इतने सूक्ष्म होते हैं कि आसानी से इन्हें पहचाना नहीं जा सकता। यही कारण है कि आज हम यहां विटामिन डी की कमी के लक्षण (Symptoms of Vitamin D Deficiency) के बारे में चर्चा करेंगे।
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विटामिन डी की कमी के लक्षण (Symptoms of Vitamin D Deficiency)
अगर आप बार-बार बीमार पड़ रहे हैं तो यह विटामिन डी की कमी के लक्षण (Symptoms of Vitamin D Deficiency) में से एक है। बॉडी के इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाए रखना विटामिन डी के महत्वपूर्ण कार्यों में से एक है। ताकि आपका शरीर बीमारी पैदा करने वाले कीटाणुओं से लड़ सके। अगर आप अक्सर बीमार हो जाते हैं, खासकर कि अगर आपको बार- बार सर्दी जुखाम या फ्लू हो जाता है तो इसका एक कारण इस विटामिन की कमी भी हो सकती है। कई अध्ययनों ने जुकाम, ब्रोंकाइटिस और निमोनिया और विटामिन डी की कमी के बीच की कड़ी को सिद्ध किया है।
विटामिन डी की कमी के लक्षण (Symptoms of Vitamin D Deficiency) में है से हड्डियों में दर्द होना
अगर आपको बोन पेन होता है तो यह विटीमिन डी के कमी के लक्षण में से प्रमुख है। विटामिन डी हड्डियों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए कई तरीके से मदद करता है। इसका सबसे बड़ा कार्य आपके शरीर में कैल्शियम को सोखना है। जिससे आपकी हड्डियां मजबूत होती हैं लेकिन अगर आपकी हड्डियों में, पीठ में हमेशा दर्द रहता है तो यह विटामिन डी की कमी के संकेत भी हो सकते हैं। एक अध्ययन में 9000 से ज्यादा वृद्ध महिलाओं की जांच की गयी जिसमें यह पाया गया की जिन लोगों में इस विटामिन डी की कमी थी, उनमे पीठ दर्द और अन्य प्रकार के दर्द की सम्भावना अधिक थी।
विटामिन D की कमी से में है तनाव होना
विटामिन डी के कमी के लक्षण में तनाव होना भी माना जाता है। लगातार परेशान होना तनाव होना भी इस विटामिन की कमी का एक कारण हो सकता है। खासकर कि वृद्ध लोगों में इसकी संभावना ज्यादा होती है। कई अध्ययनों में यह पाया गया है कि जिन लोगों में तनाव की समस्या थी उनके शरीर में विटामिन डी का स्तर काफी कम था और उन्हें विटामिन डी देने से तनाव कम करने में काफी मदद मिली। तो यदि आप भी तनावग्रस्त रहते हैं तो अपने आहार में विटामिन डी की मात्रा बढ़ा दें।
विटामिन डी की कमी के लक्षण (Symptoms of Vitamin D Deficiency) बालों का झड़ना
शायद कई लोग नहीं जानते होंगे कि बाल झड़ना विटामिन डी की कमी के लक्षण (Symptoms of Vitamin D Deficiency) में से एक है। कई बार बालों के झड़ने का (खासतौर पर महिलाओं में) एक कारण विटामिन-डी की कमी भी हो सकती है। एलोपसिया अरेटा (Alopecia areata) एक ऐसी बीमारी है जो सिर और शरीर के बालों पर अपना प्रभाव डालती है। इस बीमारी के कारण बाल कमजोर होकर झड़ने लगते हैं। इस बीमारी का मुख्य कारण विटामिन डी की कमी है। एक केस स्टडी में एक युवा लड़के में बाल झड़ने की गंभीर समस्या का इलाज इस विटामिन द्वारा सफलता पूर्वक किया गया। यह इस बात को साबित करता है कि इस विटामिन की कमी बाल झड़ने का एक कारण हो सकती है। इस समस्या को अपने आहार में विटामिन डी लेकर दूर किया जा सकता है।
तो हम समझ सकते हैं कि फिट रहने के लिए विटामिन-डी कितना जरुरी है। कुछ देर सुबह की धूप में बैठ कर भी इस विटामिन को ग्रहण कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए सुबह 8 बजे तक ही धूप ही लेना चाहिए। आज की भाग- दौड़ वाली जिंदगी में हमारे पास इसके लिए टाइम नहीं है। अपने आहार में इसकी मात्रा बढ़ाने से पहले हमें अपने डॉक्टर से कंसल्ट करना चाहिए।
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विटामिन-डी की कमी के लक्षण में डिमेंशिया
जर्नल न्यूरोलॉजी में प्रकाशित एक अध्ययन में ये पाया गया कि बुजुर्ग लोगों में अल्जाइमर और डिमेंशिया की शिकायत तब बढ़ जाती है, जब उनके शरीर में इस विटामिन डी की कमी होती है। डिमेंशिया में सोच, व्यवहार में बदलाव और याददाश्त में कमी आने लगती है। इस अध्ययन में 65 वर्ष या उससे अधिक उम्र के 1,600 से ज्यादा लोगों को मॉनिटर किया गया हैं, जिन्हें अध्ययन की शुरुआत में डिमेंशिया नहीं था।
इस अध्ययन पाया गया हैं कि, एक सामान्य विटामिन-डी के स्तर वाले व्यक्ति की तुलना में, विटामिन-डी की कम स्तर वाले लोगों में डिमेंशिया की संभावना 53% मिली। जब कि यही आकड़ा बढ़ कर 125% पहुंच गया जब किसी के शरीर में इस विटामिन की गंभीर कमी थी। इसलिए हमारे शरीर में विटामिन-डी होना बहुत जरुरी है।
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विटामिन D की कमी से रिकेट्स
रिकेट्स एक ऐसी समस्या है जिसमें बच्चों की हडियां नरम और कमजोर हो जाती हैं। आमतौर पर यह समस्या शरीर में लंबे समय तक विटामिन-डी की कमी के कारण होती है। शरीर में पूरक मात्रा में इस विटामिन की वजह से हड्डियों में कैल्शियम और फास्फोरस का सही स्तर बनाए रखने में मुश्किल आती है, जिससे रिकेट्स होने की संभावना होती हैं। कभी-कभी, पर्याप्त कैल्शियम न मिलने से या कैल्शियम और विटामिन-डी की कमी से भी रिकेट्स हो सकता है। विटामिन डी की कमी के लक्षण (Symptoms of Vitamin D Deficiency) में इसे प्रमुख माना जा सकता है।
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विटामिन-डी की कमी और प्रोस्टेट कैंसर का क्या है संबंध?
जर्नल क्लिनिकल कैंसर रिसर्च में प्रकाशित एक अध्ययन में पुरुषों में विटामिन-डी के ‘लो ब्लड लेवल’ और बढ़ते प्रोस्टेट कैंसर के बीच एक लिंक पाया गया हैं। शोधकर्ताओं ने 40 से 79 वर्ष की उम्र के 667 पुरुषों में विटामिन-डी के स्तर की जांच की जो प्रोस्टेट बायोप्सी (Biopsy) से गुजर रहे थे। इस अध्ययन के परिणाम बताते हैं कि सामान्य विटामिन-डी के स्तर वाले अन्य पुरुषों की तुलना में कम विटामिन-डी स्तर वाले पुरुषों में कैंसर होने की संभावना औरों से अधिक है।
हमें उम्मीद है कि विटामिन डी की कमी के लक्षण (Symptoms of Vitamin D Deficiency) पर आधारित यह आर्टिकल आपको पसंद आया होगा। अगर आपको या आपके किसी परिचित में ऐसे लक्षण दिखाई दें तो यह विटामिन डी की कमी की ओर इशारा करते हैं। अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से संपर्क करें। हैलो हेल्थ ग्रुप किसी प्रकार की चिकित्सा सलाह, उपचार और निदान प्रदान नहीं करता।
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