क्या आपको खाना खाने के बाद शरीर में संक्रमण की समस्या हुई है? अगर हां तो आपको ये जरूर पता होगा कि खाने के पहले या फिर खाना बनाने के दौरान अगर साफ-सफाई का ध्यान नहीं रखा जाता है, तो बैक्टीरिया या वायरस आसानी से खाने में प्रवेश कर जाते हैं और फिर आपके खाने के माध्यम से शरीर में पहुंच जाते हैं। इस तरह से ये फूड बॉर्न डिजीज का कारण बन जाते हैं। फूड बॉर्न पैथोजन्स के कारण खाने से होने वाले इन्फेक्शन की समस्या होती है। कुछ बैक्टीरिया जैसे कि ई साल्मोनेला (E. Salmonella), लिस्टेरिया (Listeria) या ई. कोलाई (E. coli) आदि। वायरस जैसे कि नोरोवायरस या हेपेटाइटिस ए (norovirus or hepatitis A) भी फूड बॉर्न डिजीज का कारण बन सकते हैं। आज इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको खाने से होने वाले इन्फेक्शन के बारे में जानकारी देंगे और साथ ही उनसे बचने के उपाय भी बताएंगे।
और पढ़ें: एंटीवायरल हर्ब्स- जो वायरल इन्फेक्शन से करेंगे आपकी हिफाजत
खाने से होने वाले इन्फेक्शन (Food borne infections) के कारण क्या हैं?
फूड बॉर्न डिजीज का सामना किसी भी उम्र के लोगों को करना पड़ सकता है। सीडीसी के मुताबिक करीब दस लाख फूड प्वाइजनिंग के ऐसे केस पाए गए, जिनमें 20,000 हॉस्पिटलाइज लोगों को सालमोनेला की वजह से समस्या का सामना करना पड़ा। पैरासाइट्स के कारण भी खाना प्रदूषित हो सकता है और लोगों को बीमार कर सकता है। फूड बॉर्न डिजीज के बारे में जानिए
कैम्पिलोबैक्टीरियोसिस (Campylobacteriosis)
कैम्पिलोबैक्टीरियोसिस इन्फेक्शन कैम्पिलोबैक्टर जीनस बैक्टीरिया के कारण फैलता है। ये बैक्टीरिया हेल्दी बर्ड्स की आंतों में रहता है और मुर्गे के मांस में भी पाया जाता है। ये बैक्टीरिया अगर मनुष्य के शरीर में चला जाता है, तो डायरिया का कारण बन सकता है। कैम्पिलोबैक्टीरियोसिस इन्फेक्शन होने पर नजर आ सकते हैं ये लक्षण।
- दस्त
- पेट में दर्द
- पेट में ऐंठन
- बुखार
- उल्टी
इस संक्रमण के लक्षण करीब एक हफ्ते तक दिखाई पड़ते हैं। कच्चे मांस के सेवन से ये इन्फेक्शन आसानी से फैल सकता है। जो लोग फार्म एनिमल के संपर्क में रहते हैं, उन्हें भी ये बीमारी हो सकती है।
और पढ़ें: Chlamydia in Throat: कैसे गले तक पहुंच सकता है सेक्शुअली ट्रांसमिटेड इन्फेक्शन?
साल्मोनेलोसिस इन्फेक्शन (Salmonellosis infection)
खाने से होने वाले इन्फेक्शन में साल्मोनेलोसिस इन्फेक्शन का नाम भी शामिल है। साल्मोनेलोसिस एक संक्रमण है जो साल्मोनेला (Salmonella) नामक बैक्टीरिया के साथ होता है।साल्मोनेला बैक्टीरिया पक्षियों और जानवरों के आंतों में रहता है। ये वायरस जानवरों के दूषित मल के माध्यम से मनुष्य के खाने में जाता है और फिर मनुष्य को संक्रमित करता है। इन्फेक्शन होने पर नजर आ सकते हैं ये लक्षण।
- डायरिया
- पेट में दर्द
- पेट में ऐंठन
- बुखार
इस संक्रमण के लक्षण मनुष्य में 12 से 96 घंटे बाद दिखाई पड़ते हैं और दो सप्ताह तक रहते हैं। आगर पक्षी या पशु के मल को छूने के बाद हाथ साफ किए जाए और खाना बनाया जाए, तो भी संक्रमण आसानी से फैल सकता है। ये बहुत जरूरी है कि खाने को पका कर खाएं और खाना बनाने से पहले हाथ अच्छी तरह से साफ करें।
वाइब्रियो पैराहामोलिटिकस (Vibrio parahaemolyticus)
वाइब्रियो पैराहेमोलिटिकस (Vibrio parahaemolyticus) वायरस उस फैमिली की बैक्टीरिया है, जो कालरा का कारण बनता है। ये बैक्टीरिया खारे पानी में रहता है और शरीर में पहुंचकर गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल (Gastrointestinal) बीमारी का कारण बनता है। इस संक्रमण के होने पर वॉटरी डायरिया, पेट में ऐंठन, जी मिचलाना, उल्टी, बुखार और ठंड लगने की समस्या हो सकती है। रॉ और बिना पकी हुई सेलफिश (shellfish) खाने से व्यक्ति आसानी से इस इन्फेक्शन से ग्रसित हो सकता है।
और पढ़ें: फूड पॉइजनिंग और स्टमक इन्फेक्शन में क्या अंतर है? समझें इनके कारणों को
नोरोवायरस (Norovirus) का इन्फेक्शन
नोरोवायरस दूषित भोजन या पानी के माध्यम से मनुष्य के शरीर में फैलता है और खाने से फैलने वाली बीमारी का सबसे आम कारण है। फूड पॉइजनिंग या वायरल गैस्ट्रोइंटराइटिस (viral gastroenteritis) की समस्या इस वायरस के कारण हो सकती है। ये वायरस व्यक्ति-से-व्यक्ति से भी आसानी से फैल सकता है। खराब खाना खाने के एक से दो दिनों के अंदर ही संक्रमण के लक्षण दिखने लगते हैं। दस्त, पेट में ऐंठन, सिर दर्द, हल्का बुखार, मसल्स पेन आदि लक्षण नोरोवायरस इन्फेक्शन होने पर दिखते हैं। अगर आप हैंडवॉश करके खाना बनाते और खाते हैं, तो आप संक्रमित भोजन का सेवन करने से बच सकते हैं।
और पढ़ें: फूड पॉइजनिंग से राहत पाने के घरेलू उपाय क्या हैं?
शिगेलोसिस इन्फेक्शन (Shigellosis infection)
शिगेलोसिस एक संक्रामक रोग है जो शिगेला नामक बैक्टीरिया के एक समूह के कारण होता है। दूषित पानी या फिर मिट्टी से खेलने के बाद हाथ धोने पर भोजन किया जाता है, तो शिगेलोसिस इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। इस संक्रमण के कारण डायरिया, फीवर, वॉमिटिंग और पेट में ऐंठन की समस्या शुरू हो जाती है। चार से सात दिनों में बीमारी के लक्षण दिखना बंद हो जाते हैं।
[mc4wp_form id=’183492″]
स्क्रॉमब्रॉइड फिश पॉइजनिंग (Scombroid fish poisoning)
स्क्रॉमब्रॉइड फिश पॉइजनिंग या हिस्टामाइन फिश पॉइजनिंग एक सिंड्रोम है, जो फिश खाने के बाद हो सकता है। जब फिश हाय लेवल हिस्टामाइन से कंटामिनेटेड हो जाती है, तो मुंह में जलन की समस्या, वॉमिटिंग, सिरदर्द, चक्कर, रैशेज आदि समस्याओं का सामना करना पड़ता है। कुछ लोगों में समस्या कुछ देर बाद ठीक हो जाती है वहीं कुछ केसेज में हफ्ते भर लक्षण दिखाई पड़ते हैं। जब कुछ फिशेज को प्रॉपरली रेफिजरेट नहीं किया जाता है, तो बैक्टीरिया मांस के अंदर जाते हैं, हिस्टामाइन बनने लगता है। अगर मछली को अच्छी तरह से पकाया जाता है, तो भी ये समस्या खत्म नहीं होती है। कुछ लोगों में मछली का सेवन करने के बाद ऐसे लक्षण नहीं दिखते हैं।
हेपेटाइटिस ए (Hepatitis A) के कारण इन्फेक्शन
दूषित भोजन या पानी पीने से हेपेटाइटिस ए वायरस शरीर में प्रवेश कर जाता है। वायरस का संक्रमण शुरुआत में हल्के लक्षणों के साथ शुरू होता है। दूषित भोजन या पानी के सेवन के दो से चार सप्ताह के बाद बीमारी के लक्षण दिखना शुरू होते हैं। एक से दो सप्ताह में ट्रीटमेंट के बाद बीमारी ठीक हो जाती है।
और पढ़ें: जानें इन 10 एंटीवायरल हर्ब्स के बारे में, जो आपको वायरस से रखें दूर
कब करें डॉक्टर से संपर्क?
उपरोक्त संक्रामक बीमारियां संक्रमित भोजन के सेवन, हाथों की सफाई न होने से, दूषित पानी के सेवन से या फिर कच्चा नॉनवेज खाने से हो सकती हैं। जब शरीर में वायरस या बैक्टीरिया का इन्फेक्शन फैलता है, तो तुरंत लक्षण नजर नहीं आते हैं। अगर आपको लगातार उल्टी हो रही हो या दस्त की समस्या से दो से तीन दिनों तक परेशान हैं, तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। ऐसे में आपको पेट में दर्द और ऐंठन की समस्या, मसल्स पेन और कमजोरी का एहसास भी होगा। शरीर में पानी की लगातार कमी शरीर को खतरे में डाल सकती है। जितनी जल्दी हो सके, डॉक्टर को दिखाएं और बीमारी का इलाज कराएं।
खाने से होने वाले इन्फेक्शन से है बचना, तो इन बातों का रखें ध्यान
- हाथों की सफाई न होने से व्यक्ति आसानी से संक्रमित हो सकता है। ऐसे में हाथों की खाना बनाने के पहले और खाने के पहले सफाई बहुत जरूरी है।
- घर में जो भी सब्जियां या फल लाएं, उन्हें पहले अच्छे से पानी से साफ करें। सब्जियों को अच्छी तरह से पकाकर ही खाएं।
- कच्चा मांस खाना संक्रमण को न्यौता देने के बराबर है। आप मांस को पहले अच्छी तरह से पानी से साफ करें और फिर खाएं।
- डायरिया या दस्त होने पर तरल पदार्थ के नुकसान के कारण डिहाइड्रेशन होने का खतरा बहुत बढ़ जाता है। आपको पानी का लगातार सेवन करना चाहिए।
- डिहाइड्रेशन (Dehydration) से बचने के लिए आप पानी में इलेक्ट्रॉल घोलकर भी पी सकते हैं। ये दस्त में राहत देने का काम करेगा।
- खाने में ऑयली और स्पाइसी फूड बंद कर दें और हल्का तरल भोजन ही लें।
- लो फैट और आसानी से पचने वाले भोजन को खाने में शामिल करें।
- मांस, अंडे और दूध का इस्तेमाल करने से पहले आपको खास सावधानी की जरूरत है। इसे पकाकर ही इस्तेमाल करें।
- बच्चे जब भी बाहर से खेलकर आएं, उन्हें हाथ-पैरों को अच्छी तरह से धुलने की सलाह दें।
- खाना ताजा ही खाएं। घर के बाहर न खाएं। बाहर का खाना दूषित होने की संभावना अधिक होती है। रेडी-टू-ईट फूड से संक्रमण फैलने का खतरा अधिक हो सकता है। खाने को एल्युमियम फॉइल में न रखें। अधिक समय तक खाना इस तरह से रखने पर खराब होने के चांसेज बढ़ जाते हैं।
- पानी हमेशा साफ पिएं। कुछ जर्म्स पानी को उबालने के बाद भी खत्म नहीं होते हैं। आपको इस बारे में डॉक्टर से बात करनी चाहिए कि पानी को कैसे साफ करें?
आप स्वास्थ्य संबंधी अधिक जानकारी के लिए हैलो स्वास्थ्य की वेबसाइट विजिट कर सकते हैं। अगर आपके मन में कोई प्रश्न है, तो हैलो स्वास्थ्य के फेसबुक पेज में आप कमेंट बॉक्स में प्रश्न पूछ सकते हैं और अन्य लोगों के साथ साझा कर सकते हैं।
सात्विक भोजन क्या है और इसका क्या महत्व है, जानिए इस वीडियों के माध्यम से –