अमेरिकन लिवर फाउंडेशन (American Liver Foundation) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार फैटी लिवर की समस्या आम है। हालांकि अगर इस शारीरिक परेशानी को सिर्फ आम परेशानी मानकर इग्नोर कर दिया जाए, भविष्य में आपकी परेशानी बढ़ सकती है। इसलिए फैटी लिवर (Fatty liver) एवं फैटी लिवर के लिए होम्योपैथिक इलाज (Homeopathic treatment for Fatty liver) से जुड़ी पूरी जानकारी आपसे शेयर करने जा रहें हैं। जैसे:
- फैटी लिवर क्या है?
- फैटी लिवर के लक्षण क्या हो सकते हैं?
- फैटी लिवर का कारण क्या है?
- फैटी लिवर के लिए होम्योपैथिक इलाज कैसे किया जाता है?
- फैटी लिवर के लिए होम्योपैथिक इलाज के साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं?
- फैटी लिवर की समस्या से बचने के लिए लाइफ स्टाइल कैसी होनी चाहिए?
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फैटी लिवर (Fatty liver) क्या है?
लिवर मनुष्य के शरीर का दूसरा सबसे बड़ा अंग होता है, जो आहार और तरल पदार्थों में मौजूद न्यूट्रिशन लेने और ब्लड में मौजूद टॉक्सिन को बाहर निकालने में हमारी सहायता करता है। वहीं लिवर अगर ठीक तरह से काम करना बंद कर दे, फैटी लिवर यानी लिवर में सूजन जैसी तकलीफ शुरू हो जाती है। ऐसी स्थिति में लिवर डैमेज होने का कभी खतरा बना रहता है। अगर फैटी लिवर की समस्या को इग्नोर किया गया, तो आगे चलकर यही परेशानी लिवर फेलियर का कारण भी बन सकती है। इसलिए फैटी लिवर के लिए होम्योपैथिक इलाज (Homeopathic treatment for Fatty liver) के सभी विकल्प आपसे साझा करेंगे।
फैटी लिवर के लक्षण क्या हो सकते हैं? (System of Fatty liver)
फैटी लिवर की समस्या होने पर इसके निम्नलिखित लक्षण देखे या महसूस किये जा सकते हैं। जैसे:
- शरीर में इंसुलिन (Insulin) लेवल का बढ़ना।
- पेट के बीच में दर्द महसूस होना।
- पेट एक साइड विशेष रूप से राइट साइड में दर्द होना।
- लिवर एंजाइम (Liver Enzymes) के लेवल का बढ़ जाना।
- अत्यधिक थकान या कमजोरी महसूस होना।
- ट्रायग्लिसराइड के लेवल का बढ़ना।
- उल्टी आना या जी मिचलाने की समस्या।
- आंखों या त्वचा के रंग का पीला पड़ना।
- भूख नहीं लगना।
ये लक्षण फैटी लिवर की ओर इशारा करते हैं, लेकिन कभी-कभी कुछ अन्य लक्षण भी हो सकते हैं। हालांकि अगर आपको ऐसी कोई परेशानी महसूस हो रही है, तो फैटी लिवर के लिए होम्योपैथिक इलाज (Homeopathic treatment for Fatty liver) का विकल्प अपनाया जा सकता है।
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फैटी लिवर का कारण क्या है? (Cause of Fatty liver)
फैटी लिवर की समस्या निम्नलिखित कारणों की वजह से हो सकती है। जैसे:
- अगर बॉडी में इंसुलिन रेजिस्टेंस है और शरीर में ब्लड शुगर (Blood sugar) का लेवल बढ़ने लगे, तो टाइप-2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes) के साथ लिवर में फैट जमने की समस्या शुरू हो सकती है।
- रिफाइंड कार्ब्स का आवश्यकता से ज्यादा सेवन करने पर लिवर में फैट जम सकता है। ऐसी स्थिति में ओवर वेट और इंसुलिन
- रेजिस्टेंट से प्रभावित व्यक्तियों में फैटी लिवर का खतरा भी बढ़ने लगता है।
- एल्कोहॉल का सेवन जरूरत से ज्यादा करना।
- पेट के आसपास अत्यधिक फैट जमना फैटी लिवर (Fatty liver) की ओर इशारा करता है।
- जिन लोगों को गट बैक्टीरिया की तकलीफ होती है, उनमें नॉन-एल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज (NAFLD) का खतरा बढ़ जाता है।
- सोडा या एनर्जी ड्रिंक, जिनमें मौजूद फ्रुक्टोज वयस्कों और बच्चों के लिवर में फैट जमने का काम करती है, जो धीरे-धीरे फैटी लिवर का कारण बन जाता है।
इन कारणों के अलावा, क्रॉनिक वायरल हेपेटाइटिस, उम्र और कुपोषण की वजह से भी फैटी लिवर हो सकता है।
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फैटी लिवर के लिए होम्योपैथिक इलाज कैसे किया जाता है? (Homeopathic treatment for Fatty liver)
फैटी लिवर के लिए होम्योपैथिक इलाज: फैटी लिवर के लिए होम्योपैथिक मेडिसिन में कौन-कौन है शामिल?
फैटी लिवर के लिए होम्योपैथिक इलाज में निम्नलिखित होम्योपैथिक मेडिसिन प्रिस्क्राइब की जा सकती हैं। जैसे:
1. चेलेडोनियम (Chelidonium)
अपर एब्डॉमेन के राइट साइड में दर्द या फिर लिवर के अपने सामान्य आकर से बड़े हो जाने, जी मिचलाना (Nausea), उल्टी (Vomiting) आना या फिर कब्ज (Constipation) की समस्या होने पर चेलेडोनियम (Chelidonium) लेने की सलाह दी जाती है। फैटी लिवर की वजह से खाने-पीने की इच्छा नहीं होती है और कमजोरी भी अत्यधिक महसूस होता है। ऐसे में फैटी लिवर के लिए होम्योपैथिक इलाज में चेलेडोनियम (Chelidonium) बेस्ट मानी जाती है।
2. लायकोपोडियम (Lycopodium)
फैटी लिवर का होम्योपैथी से ट्रीटमेंट (Homeopathic treatment for Fatty liver) लायकोपोडियम से भी किया जाता है। दरअसल फैटी लिवर की समस्या होने पर अगर पेशेंट को एसिडिटी (Acidity) की समस्या, पेट फूलने (Bloating) की समस्या या फिर जलन (Burning) जैसी स्थिति होने पर डॉक्टर लायकोपोडियम (Lycopodium) लेने की सलाह देते हैं।
3. कैल्केरिया कार्ब (Calcarea carb)
फैटी लिवर के लिए होम्योपैथिक इलाज (Homeopathic treatment for Fatty liver) में शामिल होम्योपैथी मेडिसिन कैल्केरिया कार्ब (Calcarea carb) बेहद लाभकारी माना जाता है। अगर मरीज को क्रोनिक कॉन्स्टिपेशन (Chronic constipation) हो, तो ऐसी स्थिति में कैल्केरिया कार्ब (Calcarea carb) रामबाण माना जाता है।
4. नक्स वोमिका (Nux Vomica)
फैटी लिवर के लिए होम्योपैथिक इलाज के लिए नक्स वोमिका (Nux Vomica) सबसे प्रचलित होम्योपैथी दवाओं में से एक है। दरअसल अगर पेशेंट को लोवर एब्डॉमेन (Lower abdomen) में दर्द हो, स्टूल (Stool) पास होने में दर्द महसूस होने पर नक्स वोमिका (Nux Vomica) ही प्रिस्क्राइब की जाती है।
5. कार्डुअस मैरिऐनस (Cardus Maryenus)
फैटी लिवर के लिए होम्योपैथिक इलाज (Homeopathic treatment for Fatty liver) कार्डुअस मैरिऐनस से भी किया जाता है। अगर पेशेंट को जी मिचलाना, पेट भरा-भरा महसूस होना, मुंह का स्वाद बिगड़ना या फिर लिवर सिरॉसिस (Liver Cirrhosis) जैसी तकलीफों को दूर करने के लिए कार्डुअस मैरिऐनस (Cardus Maryenus) लेने की सलाह दी जाती है।
इन 5 दवाओं से फैटी लिवर के लिए होम्योपैथिक इलाज (Homeopathic treatment for Fatty liver) किया जाता है। हालांकि जरूरत पड़ने पर अन्य होम्योपैथी दवा भी प्रिस्क्राइब की जा सकती हैं।
नोट: ये होम्योपैथी दवाएं केमिस्ट के पास आसानी से मिल जाती है, लेकिन अगर आप फैटी लिवर (Fatty liver) की समस्या से परेशान हैं तो बिना डॉक्टर के सलाह लिए इन दवाओं का सेवन ना करें। यहां सिर्फ दवाओं का नाम और उनसे जुड़ी जानकारी दी गई हैं। हेल्थ एक्सपर्ट (Health condition) पेशेंट की सेहत को और मेडिकल हिस्ट्री (Medical history) को ध्यान में रखकर दवा लेने की सलाह देते हैं।
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फैटी लिवर के लिए होम्योपैथिक इलाज के साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं? (Side effects of Homeopathic medicine)
फैटी लिवर के लिए होम्योपैथिक इलाज इसलिए कारगर माना जाता है, क्योंकि जिन दवाओं के सेवन की सलाह दी जाती है, वो प्राकृतिक चीजों से तैयार की जाती हैं। इसलिए होम्योपैथी मेडिसिन के सेवन से कोई शारीरिक परेशानी वैसी नहीं होती है, लेकिन संभव है कि अगर आपको एलर्जी की समस्या ज्यादा रहती है या आप एलर्जिक हैं, तो आपको एलर्जी (Allergy) की समस्या हो सकती है।
फैटी लिवर की समस्या से बचने के लिए लाइफ स्टाइल कैसी होनी चाहिए?
फैटी लिवर की समस्या से बचने के लिए निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें। जैसे:
- फ्रेश फ्रूट्स और वेजिटेबल्स का सेवन करें। मौसमी फल एवं सब्जियों को जरूर शामिल करें।
- फाइबर रिच फूड जैसे फलियां या साबुत अनाज का सेवन करें।
- जरूरत से ज्यादा नमक, ट्रांसफैट, रिफाइन्ड कार्बोहाइड्रेट्स एवं सफेद चीनी का सेवन ना करें।
- एल्कोहॉल का सेवन ना करें।
- अपने आहार में लहसुन को शामिल करें।
- ग्रीन टी का सेवन करें।
- नियमित रूप से एक्सरसाइज, योग या मेडिटेशन करें।
ये हेल्दी लाइफ स्टाइल फैटी लिवर के साथ-साथ अन्य शारीरिक एवं मानसिक परेशानियों को दूर रखने में आपकी सहायता करेगा।
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अगर आप फैटी लिवर (Fatty liver) या फैटी लिवर के लिए होम्योपैथिक इलाज (Homeopathic treatment for Fatty liver) से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो आप हमें कमेंट बॉक्स में लिखकर पूछ सकते हैं। हमारे हेल्थ एक्सपर्ट आपके सवालों के जवाब देने की कोशिश करेंगे। हालांकि अगर आप फैटी लिवर की समस्या से पीड़ित हैं, विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा। हेल्थ एक्सपर्ट आपके हेल्थ को ध्यान में रखकर आपको आवश्यक दवा प्रिस्क्राइब कर सकते हैं और आपके लिए फैटी लिवर (Fatty liver) के लिए घरेलू उपाय कौन-कौन से लाभकारी हो सकती है, इसकी भी जानकारी आपसे शेयर करेंगे।
कब्ज एक सामान्य परेशानी हो सकती है, लेकिन जिस तरह से अगर पेट साफ ना होने पर पूरा दिन बेकार जाता है ठीक उसी तरह अगर इसे सामन्य परेशानी समझकर इग्नोर किया जाए तो कई अन्य शारीरिक परेशानी दस्तक दे सकती है। जानिए नीचे दिए इस वीडियो लिंक पर क्लिक कर कि कैसे आप कब्ज की परेशानी को दूर कर सकते हैं।
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