परिचय
आइसलैंड मॉस (Iceland moss) क्या है?
आइसलैंड मॉस एक लाइकन है, जो पहाड़ों, जंगलों और आर्कटिक क्षेत्र में पैदा होता है। ये पर्यावरण से न्युट्रिएंट्स लेता है और आसानी से दूषित हो जाता है। ये आइसलैंड में अच्छी तरह से विकसित होता है क्योंकि यह दुनिया के सबसे कम प्रदूषित देशों में से एक है। इसलिए इसे आइसलैंड मॉस कहा जाता है। इसका वानस्पातिक नाम Cetraria islandica है। इसका रंग ब्राउन और ग्रे व्हाइट होता है। इसे भिगोकर, सुखाकर और पाउडर के रूप में कई तरह से खाने के लिए प्रयोग किया जाता है। स्वाद में ये थोड़ा कड़वा होता है। इसमें ग्लीसरोल होता है जिस वजह से इसका प्रयोग कोल्ड क्रीम में किया जाता है।
आइसलैंड मॉस (Iceland moss) का उपयोग किसलिए किया जाता है?
डायजेस्टिव सिस्टम को रखे दुरुस्त (Keep Digestive System Healthy):
ये कड़वी हर्ब पाचन एंजाइमों को उत्तेजित करती है और पोषक तत्वों को अवशोषित करने की शरीर की क्षमता को बढ़ाती है। इसके अलावा यह अपने आप में एक अत्यधिक पौष्टिक भोजन है। इसकी सामग्री पाचन तंत्र और आंतों से गैस्ट्रिक अल्सर और पाचन संबंधित परेशानियों को दूर कर राहत प्रदान करती है। इसके साथ ही ये आंतों के कीड़ों और दूसरे परजीवियों को बाहर निकालने के लिए उपयोगी है।
आइसलैंड मॉस नीचे बताई गई परेशानियों के इलाज में मददगार है:
- मुंह और गले में खराश होना (Sore mouth and throat)
- भूख न लगना (Loss of Appetite)
- कोल्ड (Cold)
- ड्राय कफ (Dry cough)
- ब्रोंकाइटिस (Bronchitis)
- अपच (Indigestion)
- फीवर (Fever)
- फेफड़ों की परेशानी (Lungs Problems)
- किडनी और ब्लेडर समस्याएं (Kidney and Bladder Problems)
- इंफेक्शन होने के खतरे को कम करता है (Reduces the risk of infection)
- डिस्पेप्सिया (Dyspepsia)
- क्रोनिक डायरिया (Chronic Diarrhea)
- फूड पॉइजनिंग (Food Poisoning)
- इरिटेबल बाउल सिंड्रोम (Irritable Bowl Syndrome)
- कुछ लोग आइसलैंड मॉस को जख्म को भरने के लिए सीधे स्किन पर लगाते हैं।
कैसे काम करता है आइसलैंड मॉस (Iceland moss)?
आइसलैंड मॉस कैसे काम करता है इस बारे में कोई वैज्ञानिक जानकारी नहीं है। इसके बारे में अधिक जानने के लिए अपने डॉक्टर या हर्बलिस्ट से कंसल्ट करें। हालांकि, कुछ शोध बताते हैं कि इसमें एंटीमेटिक, डिमुलसेंट, एंटीबायोटिक और न्युट्रिटिव प्रोपर्टीज होती हैं। यही कारण है कि चाइनीज दवाओं में इसका इस्तेमाल सालों से किया जा रहा है।
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सावधानियां और चेतावनी
कितना सुरक्षित है आइसलैंड मॉस (Iceland moss) का उपयोग?
निम्नलिखित परिस्थितियों में इसका इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर या हर्बलिस्ट से सलाह लें:
- यदि आप प्रेग्नेंट या ब्रेस्टफीडिंग करा रही हैं। दोनों ही स्थितियों में सिर्फ डॉक्टर की सलाह पर ही दवा खानी चाहिए। प्रेग्नेंसी में इसके सेवन से मिसकैरेज होने का खतरा होता है।
- यदि आप अन्य दवाइयां ले रही हैं। इसमें डॉक्टर की लिखी हुई और गैर लिखी हुई दवाइयां शामिल हैं, जो मार्केट में बिना डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन के खरीद के लिए उपलब्ध हैं।
- यदि आपको आइसलैंड मॉस या किसी पदार्थ या अन्य दवा या औषधि से एलर्जी है।
- यदि आपको कोई बीमारी, डिसऑर्डर या कोई अन्य मेडिकल कंडिशन है।
- यदि आपको फूड, डाई, प्रिजर्वेटिव्स या जानवरों से अन्य प्रकार की एलर्जी है।
अन्य दवाइयों के मुकाबले औषधियों के संबंध में रेग्युलेटरी नियम अधिक सख्त नही हैं। इनकी सुरक्षा का आंकलन करने के लिए अतिरिक्त अध्ययनों की आवश्यकता है। आइसलैंड मॉस का इस्तेमाल करने से पहले इसके खतरों की तुलना इसके फायदों से जरूर की जानी चाहिए। इसकी अधिक जानकारी के लिए अपने हर्बलिस्ट या डॉक्टर से सलाह लें।
ये लोग बरतें खास सावधानी
- पेट या छोटी आंत में अल्सर होने पर इसका सेवन न करें
- हाई ब्लड प्रेशर के पेशेंट्स को इससे दूरी बनाकर रखनी चाहिए।
- यदि आपको दिल या रक्त वाहिका संबंधित परेशानी है तो इसे एवॉइड करें।
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साइड इफेक्ट्स
आइसलैंड मॉस (Iceland moss) से मुझे क्या साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं?
आइसलैंड मॉस से निम्नलिखित साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं:
- उल्टी या जी मचलाना (Vomiting or Nausea)
- पेट खराब होना (Upset stomach)
- गैस की परेशानी होना (Gas trouble)
- लिवर संबंधित परेशानियां (Liver related problems)
- सांस लेने में दिक्कत होना (Trouble in breathing)
- गले या छाती में जकड़न होना (Throat or chest tightness)
- सीने में दर्द होना (Chest pain)
- त्वचा पित्ती (Skin Urticaria)
- रैशेज और खुजली होना (Rashes and Itching)
- स्किन पर सूजन होना (Skin Inflammation)
हालांकि हर किसी को ये साइड इफेक्ट हो ऐसा जरूरी नहीं है, कुछ ऐसे भी साइड इफेक्ट हो सकते हैं, जो ऊपर बताए नहीं गए हैं। अगर आपको इनमें से कोई भी साइड इफेक्ट महसूस हो या आप इनके बारे में और जानना चाहते हैं तो नजदीकी डॉक्टर से संपर्क करें।
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डोसेज
आइसलैंड मॉस (Iceland moss) को लेने की सही खुराक क्या है?
- चाय: 1.5 से 3 ग्राम सूखे पौधे को 150 मिलीलीटर पानी में उबालें।
- एक्सट्रैक्ट: 4 से 6 ग्राम हर दिन
- काढ़ा: 1 से 2 ग्राम काढ़ा दिन में तीन बार
- टिंचर: 1 से 1.5 मिली लीटर दिन में तीन बार
यहां दी हुई जानकारियों का इस्तेमाल डॉक्टरी सलाह के विकल्प के रूप में ना करें। इसकी खुराक हर मरीज के लिए अलग हो सकती है। आपके द्वारा ली जाने वाली खुराक आपकी उम्र, स्वास्थ्य और अन्य कई चीजों पर निर्भर करती है। हर्बल सप्लीमेंट हमेशा सुरक्षित नहीं होते हैं। इसलिए सही खुराक की जानकारी के लिए हर्बलिस्ट या डॉक्टर से चर्चा करें।
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उपलब्ध
किन रूपों में उपलब्ध है आइसलैंड मॉस (Iceland moss)?
आइसलैंड मॉस निम्नलिखित रूपों में उपलब्ध है:
- कैप्सूल ( Capsule)
- टी (Tea)
- एक्सट्रेक्ट (Extract)
- डिकोशन (Decoration)
- टिंचर (Tincture)
- टोनिक (Tonic)
हैलो हेल्थ ग्रुप किसी भी प्रकार की मेडिकल सलाह , निदान या उपचार प्रदान नहीं करता और ना ही इसके लिए जिम्मेदार है।
हम आशा करते हैं आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा। हैलो हेल्थ के इस आर्टिकल में इस हर्बल से जुड़ी ज्यादातर जानकारियां देने की कोशिश की है, जो आपके काफी काम आ सकती हैं। अगर आपको ऊपर बताई गई कोई सी भी शारीरिक समस्या है तो इस हर्ब का इस्तेमाल आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। बस इस बात का ध्यान रखें कि हर हर्ब सुरक्षित नहीं होती। इसका इस्तेमाल करने से पहले अपने डॉक्टर या हर्बलिस्ट से कंसल्ट करें तभी इसका इस्तेमाल करें। आइसलैंड मॉस से जुड़ी यदि आप अन्य जानकारी चाहते हैं तो आप हमसे कमेंट कर पूछ सकते हैं।
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