कान और गले में यूस्टेकियन ट्यूब होती है। ये कान के अंदर प्रेशर को स्टेबल रखती है। अगर कान के अंदर की यूस्टेकियन ट्यूब ब्लॉक हो जाती है तो कान के अंदर के एयर प्रेशर में चेंज आ जाता है। फ्लूइड यूस्टेकियन ट्यूब (eustachian tube) को ब्लॉक कर देता है। जिससे कान में दर्द होता है। एयर प्रेशर में होने वाला क्विक चेंज भी यूस्टेकियन ट्यूब को बंद कर सकता है। ऐसा जब होता है तब एयरप्लेन में एल्टिट्यूड चेंज होता है या स्कूबा डाइवर अंडरवाटर जाते हैं। इसके अलावा जब आप चबाते हैं, निगलते हैं या जम्हाई लेते हैं तब भी यूस्टेकियन ट्यूब बंद होती है। यूस्टेकियन ट्यूब के ब्लॉक होने से कान में दर्द, सुनने में परेशानी और कान के भरे होने का एहसास होता है। इन सब परेशानियों को एक साथ यूस्टेकियन ट्यूब डिसफंक्शन (eustachian tube dysfunction) (ETD) कहा जाता है।
यह एक सामान्य कंडिशन है। यह अपने आप या घरेलू उपायों की मदद से ठीक हो जाती है, लेकिन सीवियर केस में या बार-बार ये परेशानी होने पर डॉक्टर की मदद लेनी पड़ सकती है। अक्सर इसका इलाज एंटीबायोटिक ट्रीटमेंट से किया जाता है, लेकिन अगर ट्यूब लगातार ब्लॉक रहती है तो सर्जरी की जरूरत पड़ सकती है।
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यूस्टेकियन ट्यूब डिसफंक्शन के लक्षण क्या हैं? (symptoms of eustachian tube dysfunction)
यूस्टेकियन ट्यूब डिसफंक्शन के लक्षणों में निम्न शामिल हो सकते हैं।
- कानों के भरे होने का एहसास
- सुनने की क्षमता प्रभावित होना
- कान बजने का एहसास होना जिसे टिनिटस (Tinnitus) कहते हैं
- कानों में क्लिकिंग या पॉपिंग साउंड सुनाई देना
- कानों में गुदगुदी होने का एहसास
- कान में दर्द
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यूस्टेकियन ट्यूब डिसफंक्शन के कारण (Causes of Eustachian tube dysfunction)
एलर्जी और कॉमन कोल्ड जैसी बीमारी यूस्टेकियन ट्यूब डिसफंक्शन का सामान्य कारण हैं। इन कंडिशन में यूस्टेकियन ट्यूब में सूजन आ जाती है और वे म्यूकस से भर जाती हैं। जिन लोगों को साइनस होता है उनमें यूस्टेकियन ट्यूब से संबंधित परेशानियां होना आम होता है। एल्टिट्यूड में चेंजेस में भी कान में तकलीफ का कारण बन सकता है। ऐसा अक्सर निम्न परिस्थितियों में होता है।
- लंबी पैदल यात्रा पर जाने पर
- पहाड़ों की यात्रा करने पर
- प्लेन में सफर करने पर
- लिफ्ट में जाने पर
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यूस्टेकियन ट्यूब डिसफंक्शन (Eustachian tube dysfunction) के जोखिम कारक (Risk Factors) कौन से हैं?
कोई भी किसी भी समय पर यूस्टेकियन ट्यूब डिसफंक्शन का अनुभव कर सकता है, लेकिन निम्न लोगों के लिए इस कंडिशन का जोखिम बढ़ जाता है
- मोटापा इस परेशानी के रिस्क को बढ़ा सकता है क्योंकि फैटी डिपोजिट यूस्टेकियन ट्यूब के आसपास जमा हो सकता है
- स्मोकिंग मिडिल ईयर के उन बालों को डैमेज कर सकती है जो कि कान को प्रोटेक्ट करते हैं। जिससे म्यूकस के एक जगह इकठ्ठा होने की आशंका बढ़ सकती है
- बच्चों को ईटीडी होने की आशंका ज्यादा होती है क्योंकि उनकी यूस्टेकियन ट्यूब छोटी होती है, जिससे म्यूकस और जर्म्स के उनमें फंसने या जमा होने की संभावना बढ़ जाती है
- छोटे बच्चों को सर्दी खांसी भी लगातार होती रहती है। इसके साथ ही उन्हें इंफेक्शन भी जल्दी होता है क्योंकि उनका इम्यून सिस्टम अभी डेवलप हो रहा होता है
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डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?
डॉक्टर के पास तब जाना चाहिए जब आपके लक्षण सीवियर हों और दो हफ्ते से ज्यादा समय से हों। बच्चों को ये परेशानी होने पर उन्हें तुरंत डॉक्टर के पास लेकर जाना चाहिए क्योंकि इससे ईयर इंफेक्शन होने का रिस्क हो सकता है। ईटीडी के कारण होने वाला दर्द ईयर इंफेक्शन (ear infection) के पेन की तरह हो सकता है। इसलिए कानों में ऐसी कोई भी तकलीफ होने पर डॉक्टर की सलाह लेना उचित होगा। डॉक्टर के सलाह के बिना किसी भी तरह का घरेलू नुस्खा जैसे कि कान में तेल डालना या किसी भी ड्रॉप का यूज करना तकलीफ को बड़ा सकता है।
ईटीडी का पता कैसे लगाएं? (Diagnosis of ETD)
यूस्टेकियन ट्यूब डिसफंक्शन का पता फिजिकल एग्जामिनेशन से लगाया जाता है। सबसे पहले डॉक्टर मरीज से कान में दर्द, सुनने की क्षमता में परिर्वतन या किसी और लक्षण के बारे में विस्तार से पूछेंगे। इसके बाद डॉक्टर कान के अंदर ईयर कैनाल और पैसेज को चेक करेंगे। वे नाक और गले की भी जांच कर सकते हैं। कई बार ईटीडी कान की दूसरी कंडिशन्स के साथ मैच कर सकती है।
ईटीडी का उपचार कैसे किया जाता है? (Treatment for eustachian tube dysfuntion)
कई बार यूस्टेकियन ट्यूब डिसफंक्शन बिना किसी उपचार के ठीक हो जाता है, लेकिन आपके लक्षण गंभीर है और काफी समय से जारी हैं तो डॉक्टर ओरल मेडिसिन, एंटीहिस्टेमाइन्स और नेजल स्प्रे दे सकते हैं। इनसे फायदा ना होने या तकलीफ बढ़ने पर डॉक्टर सर्जरी की सलाह भी दे सकते हैं। डॉक्टर लक्षणों के आधार पर ट्रीटमेंट चुनते हैं।
अगर ईटीडी का कारण एलर्जी है तो डॉक्टर एलर्जी का इलाज करने के लिए ट्रीटमेंट को अपना सकते हैं।
- सबसे पहले डॉक्टर यह पता लगाने की कोशिश करेंगे कि क्या मरीज किसी पर्टिकुलर एर्लजन के लिए सेंसटिव है जिससे वह वातावरण से ग्रहण कर लेता है
- इसके इलाज के लिए डॉक्टर एलर्जी शॉट्स दे सकते हैं।
- संक्रमण के मामले में, डॉक्टर एंटीबायोटिक लिख सकता है। यह ईयर ड्रॉप या ओरल मेडिसिन या दोनों के रूप में हो सकता है। गंभीर सूजन के मामलों में ओरल कॉर्टिकोस्टेरॉइड का उपयोग किया जा सकता है।
- ETD के गंभीर मामलों में गहन उपचार की आवश्यकता हो सकती है।
- कुछ लोगों में कान के दबाव को बराबर करने और बार-बार मिडिल ईयर के संक्रमण को रोकन में मदद करने के लिए कुछ लोगों में प्रेशर इक्वलाइजेशन ट्यूब (PET) प्रत्यारोपित किए जाते हैं।
- यदि यूस्टेकियन ट्यूब ठीक से काम नहीं कर रहा है, तो बिल्ड अप हुए फ्लूइड को सुखाने का काम किया जाता है। इसके लिए इयरड्रम में एक स्माल कट लगाया जाता है ताकि फ्लूइड सूख जाए।
यूस्टेकियन ट्यूब डिसफंक्शन के लिए घरेलू इलाज (Home remedies for ETD)
यूस्टेकियन ट्यूब डिसफंक्शन के माइनर लक्षणों का इलाज होम रेमेडीज से किया जा सकता है। खासतौर पर अगर ये किसी विशेष बीमारी के कारण नहीं है तो। इसके लिए आप निम्न उपाय ट्राय कर सकते हैं।
- चुइंगगम चबाने से इसके लक्षणों में राहत मिल सकती है
- किसी चीज को बार-बार निगलना
- जम्हाई लेना
- नाक को हल्का हाथ से बंद करके सांस छोड़ें और इस समय मुंह भी बंद रखें
- पैसेजवेज को साफ करने के लिए आप नेजल स्प्रे का यूज कर सकते हैं
- बच्चों में ईटीडी के लक्षण कम करने के लिए आप बेबी को चूसने के लिए बॉटल दे सकते हैं
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कॉम्प्लिकेशन्स (Complications)
यूस्टेकियन ट्यूब डिस्फंक्शन का सबसे कॉमन कॉम्प्लिकेशन है इसके लक्षणों का बार-बार आना। अगर इसके अंडलाइन कारणों का इलाज ना किया जाए तो यह परेशानी बार-बार हो सकती है। सीवियर केस में इटीडी निम्न कंडिशन का कारण बन सकती है।
- क्रोनिक ओटिटिस मीडिया (Chronic otitis media) जिसे मिडल ईयर इंफेक्शन ( middle ear infection) भी कहते हैं
- यह ग्लू ईयर (glue ear) का कारण भी बन सकता है जिसमें मिडिल ईयर में फ्लूइड बिल्डअप हो जाता है। यह कुछ हफ्तों तक रह सकता है। सीवियर केसेज में इससे परमानेंट हियरिंग लॉस हो सकता है
ETD के ज्यादातर मामले लॉन्ग टर्म कॉम्प्लिकेशन्स का कारण बने बिना कुछ दिनों के अंदर ठीक हो जाते हैं। संक्रमण के कारण होना वाला ईटीडी एक या दो सप्ताह में पूरी तरह से ठीक हो सकता सकता है। अंडरलाइन कारणों का इलाज करने से बार-बार होने वाले मामलों को रोकने में मदद मिल सकती है। एलर्जी को मैनेज करना ईटीडी को पहले स्थान पर होने से रोक सकता है। चूंकि बच्चों में ईटीडी आम है, आप अपने डॉक्टर से इस बारे में बात कर सकते हैं यदि आपके बच्चे को लगातार कान में संक्रमण या बीमारियां होती हैं जो कान दर्द का कारण बनती हैं।
उम्मीद करते हैं कि आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा और यूस्टेकियन ट्यूब डिस्फंक्शन से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।