परिचय
एक्यूट किडनी फेलियर (Acute kidney failure) क्या है?
शरीर के अन्य अंगों की तरह हमारी किडनी भी कई काम करती है। एक्यूट किडनी फेलियर तब होती है, जब हमारी किडनी अचानक हमारे खून से अपशिष्ट पदार्थों को फिल्टर करना बंद कर देती है। जब किडनी (Kidney) अपनी फिल्टर करने की क्षमता को खत्म कर देती है तो खून में अपशिष्ट पदार्थ बढ़ जाते हैं। यह बेहद खतरनाक हैं।
एक्यूट किडनी फेलियर (Acute kidney failure) को एक्यूट रीनल फेलियर या एक्यूट किडनी इंजरी भी कहा जाता है। एक्यूट किडनी फेलियर उन लोगों में सबसे आम है, जो पहले से ही अस्पताल में भर्ती हैं या विशेष रूप से गंभीर रूप से बीमार लोगों में जिन्हें बहुत अधिक देखभाल की आवश्यकता होती है।
और पढ़ें : Kidney transplant : किडनी ट्रांसप्लांट कैसे होता है?
लक्षण
एक्यूट किडनी फेलियर के लक्षण (Symptoms of Acute kidney failure)
एक्यूट किडनी फेलियर के लक्षण इस प्रकार हैं:
- मूत्र त्याग में समस्या या मात्रा में कमी
- फ्लूइड रिटेंशन, जिससे टखनों या पैरों में सूजन होती है
- सांस लेने में समस्या
- थकावट
- बेचैनी
- जी मिचलाना
- कमजोरी
- असामान्य हार्टबीट
- छाती में दर्द या दबाव
- गंभीर स्थितियों में सीज़रस या कोमा
- खुजली होना
- जोड़ों में दर्द या सूजन
- अपच (Indigestion)
- पेट या पीठ में दर्द
- बुखार (Fever)
- रैशेस
- नाक से खून निकलना
- मल में खून आना
- मुंह से दुर्गंध आना या मुंह का स्वाद ख़राब होना
- मूड या मानसिक स्थिति में बदलाव
- हाथ कांपना
- दिल की असामान्य ध्वनि
- उच्च रक्तचाप (High blood pressure)
किडनी फेलियर, इस बीमारी को नीचे दिए इस 3 D मॉडल पर क्लिक करें।
कारण
एक्यूट किडनी फेलियर के कारण (Cause of Acute kidney failure)
एक्यूट किडनी फेलियर के मुख्य कारण इस प्रकार हैं:
- एक्यूट ट्यूबलर नेक्रोसिस
- ऑटोइम्यून किडनी की बीमारी
- बहुत कम रक्तचाप के कारण रक्त प्रवाह में कमी, जो जलने से हो सकती है।
- निर्जलीकरण, रक्तस्राव, चोट, सेप्टिक शॉक, गंभीर बीमारी या सर्जरी
- विकार जो गुर्दे की रक्त वाहिकाओं के भीतर थक्के का कारण होता है।
- संक्रमण (Infection) जो सीधे गुर्दे को नुकसान पहुंचाता हैं, जैसे एक्यूट पाइलोनफ्राइटिस या सेप्टिसीमिया (Septicemia)
- गर्भावस्था संबंधी जटिलताएं, जिसमें प्लेसेंटा (Placenta) एब्डॉमिनल या प्लेसेंटा प्रीविया
- यूरिनरी ट्रैक्ट ब्लॉकेज
- गैरकानूनी ड्रग्स जैसे कोकीन और हीरोइन
- दवाईयां जिनमे नॉन-स्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स (NSAIDs), कुछ एंटीबायोटिक्स (Antibiotics) और ब्लड प्रेशर (Blood pressure) की दवाइयां, इंट्रावेनस कंट्रास्ट (डाई), कुछ कैंसर (Cancer) और HIV दवाइयां
किडनी के फेल होने के तीन कारण हो सकते हैं और यह इस प्रकार हैं:
1) जब किडनी में रक्त का प्रवाह रुक रहा हो। यह इन कारणों से हो सकता है:
- इन्फेक्शन (Infection)
- लिवर का फेल होना
- दवाइयां (जैसे एस्पिरिन (Aspirin), आइबूप्रोफेन (Ibuprofen), नेप्रोक्सेन (Nephrocan)
- रक्तचाप की दवाइयां
- हार्ट फेलियर (Heart failure)
- ब्लड या फ्लूइड लॉस।
2) अगर आपकी वो स्थिति है जिसमें यूरिन ब्लॉकेज हो, यह इन कारणों से हो सकता है:
- ब्लैडर, सर्वाइकल, कोलन या प्रोस्टेट कैंसर
- मूत्र पथ में रक्त के थक्के
- बढ़ा हुआ प्रोस्टेट
- पथरी (Stone)
- ब्लैडर में नर्व डैमेज।
3) जो आपके सीधे तरीके से आपकी किडनी को डैमेज करे,यह इन कारणों से हो सकता है:
- ब्लड क्लॉट्स
- कोलेस्ट्रॉल डिपॉजिट्स
- दवाइयां जो आपकी किडनी को नुकसान पहुंचाएं, जिनमे आइबूप्रोफेन और नेप्रोक्सेन, कीमोथेरिपी और एंटीबायोटिक शामिल हैं।
- ग्लोमेरुलोनेफ्रैटिस।
और पढ़ें : क्या एंटीबायोटिक्स कर सकती हैं गट बैक्टीरिया को प्रभावित?
निदान
एक्यूट किडनी फेलियर का निदान (Diagnosis of Acute kidney failure)
अगर आप में दिखने वाले लक्षणों से यह पता चल रहा हो कि आपको एक्यूट किडनी फेलियर है तो आपके डॉक्टर आपको कुछ टेस्ट कराने कि सलाह दे सकते हैं जो इस प्रकार हैं:
यूरिन टेस्ट (Urine test): एक दिन में आपने कितनी बार मूत्र त्याग किया है, इस टेस्ट से इस बात का पता कर के डॉक्टर आपके किडनी फेलियर के कारणों और असामान्यताएं को ज्ञात कर पाएंगे।
ब्लड टेस्ट (Blood test): आपके रक्त के सैंपल से यूरिया और क्रिएटिनिन के तेजी से बढ़ते स्तर को पता किया जा सकता है।
इमेजिंग टेस्ट (Imaging test): अल्ट्रासाउंड और कम्प्यूटरीकृत टोमोग्राफी जैसे इमेजिंग टेस्ट्स का उपयोग आपके डॉक्टर को आपकी किडनी की जांच करने के लिए किया जाता है।
किडनी के टिश्यू का नमूना टेस्टिंग के लिए लेना: किन्ही स्थितियों में, आपके डॉक्टर लेब टेस्टिंग के लिए किडनी के टिश्यू का एक छोटा सा सैंपल निकालने के लिए किडनी बायोप्सी (Kidney biopsy) की सलाह दे सकते हैं।
आपके डॉक्टर आपको जांचेंगे और आपके गुर्दे कितनी अच्छी तरह काम कर रहे हैं, यह जांचने के लिए वो निम्नलिखित टेस्ट करा सकते हैं:
- BUN (ब्लड यूरिया नाइट्रोजन)
- क्रिएटिनिन क्लीयरेंस
- सीरम क्रिएटिनिन
- सीरम पोटैशियम
- मूत्र-विश्लेषण
- यूरिनरी ट्रैक्ट में ब्लॉकेज के निदान के लिए किडनी या पेट का अल्ट्रासाउंड कराया जा सकता है। ब्लॉकेज होने पर एक्स-रे, CT स्कैन (CT Scan) या पेट का एमआरआई (MRI) भी करा सकते हैं।
और पढ़ें : Kidney Stones : गुर्दे की पथरी क्या है?
उपचार
- अगर एक्यूट किडनी फेलियर के कारण पता चल जाता है, तो उसके बाद उसका उपचार कराना आवश्यक है ताकि आपकी किडनी सही से काम कर सके। इसके उपचार के लिए आपको अस्पताल में कुछ दिन रहना पड़ सकता है।
- इसके लिए आपको सही खाने के सलाह दी जा सकती है। आपके आहार में उच्च कार्बोहाइड्रेट्स और कम प्रोटीन, नमक और पोटैशियम होना चाहिए।
- इन्फेक्शन के उपचार या इससे बचने के लिए आपको एंटीबायोटिक्स (Antibiotics) की आवश्यकता हो सकती है।
- आपके शरीर से फ्लूइड को दूर करने में मदद के लिए वाटर पिल्स का उपयोग किया जा सकता है।आपके खून में पोटेशियम के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करने के लिए नस के माध्यम से दवाएं दी जाएंगी।
- आपको नियमित डायलिसिस की आवश्यकता पड़ सकती है। किडनी को स्वस्थ रखने के लिए यह आवश्यक है। इसका प्रयोग शरीर से नुकसानदायक चीजों अतिरिक्त नमक (Salt) और पानी को निकालने के लिए आवश्यक है।
यदि आपके शरीर में पोटेशियम का स्तर बहुत अधिक है, तो डायलिसिस आपके जीवन को बचा सकता है। डायलिसिस का भी उपयोग किया जाएगा अगर:
- आपकी मानसिक स्थिति बदल जाती है।
- आपका शरीर पेरिकार्डिटिस का विकास करता है।
- आप अपने शरीर से नाइट्रोजन अपशिष्ट उत्पादों को नहीं निकाल पाते।
डायलिसिस अधिकतर कम समय के लिए होता है। कुछ मामलों में, अगर किडनी डैमेज (Kidney damage) बहुत अधिक है तो डायलिसिस स्थायी रूप से कराया जा सकता है।
और पढ़ें : किडनी इन्फेक्शन क्या है? जानिए इसके लक्षण, कारण और इलाज
रोकथाम
- अगर आपको एक्यूट किडनी फेलियर है तो आपको हाय ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure) और मधुमेह (Diabetes) की समस्या को संतुलित रखना चाहिए।
- ऐसी कोई दवाई का सेवन न करें जिससे किडनी इंजरी हो।
- एस्पिरिन (Aspirin), एसिटामिनोफेन (Acetaminophen) (टाइलेनॉल व अन्य) और इबुप्रोफेन (एडविल, मोट्रिन आईबी तथा अन्य) जैसी ओटीसी दर्द की दवाओं पर लिखे निर्देशों का पालन करें। इनकी अधिक खुराक लेने से एक्यूट किडनी फेलियर का खतरा बढ़ सकता है। यह खतरा तब और बढ़ जाता है जब आपको पहले से ही किडनी रोग, मधुमेह (Diabetes) या उच्च रक्तचाप (High blood pressure) हो।
- उन खाद्य पदार्थों का सेवन करने से बचे जिसमें पोटैशियम अधिक हो जैसे केला, आलू, पालक (Spinich),टमाटर आदि। कम पोटैशियम वाले चीजें हैं सेब, गोभी, अंगूर।
- अधिक नमक वाले खाद्य पदार्थ यानी सोडियम युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन न करें।
- सक्रिय रहें, उचित मात्रा में संतुलित आहार खाएं और शराब का सेवन बहुत कम कर दें या बिलकुल न पीएं।
- फॉस्फोरस को सीमित करें। खाने में फॉस्फोरस मिनरल होता है जैसे व्होल ग्रेन ब्रेड, ओटमील, नट्स, पीनट बटर। लेकिन अधिक फॉस्फोरस से हड्डियां कमजोर होती है और त्वचा में खारिश होती है। इसलिए इन खाद्य पदार्थों का सेवन कम करें।
किडनी से जुड़ी बीमारियों में क्या करें और क्या ना करें? जानने के लिए नीचे दिए इस वीडियो लिंक पर क्लिक करें।