जिस तरह शरीर के लिए खाना, पानी व हवा बहुत जरूरी है, उसी तरह शरीर के लिए नींद यानी सोना भी बहुत जरूरी है। पर्याप्त नींद के बिना तन और मन स्वस्थ नहीं रह सकता। इससे आप डिप्रेशन और नींद के गहरे संबंध को समझ सकते हैं। वर्तमान में लोग ठीक से नींद नहीं ले पा रहे । इसके पीछे की वजह है खराब लाइफस्टाइल, दौड़ती-भागती जिंदगी व पर्सनल व प्रोफेशनल लाइफ की चुनौतियों की वजह से जन्म लेने वाला डिप्रेशन, चिंता व तनाव। डिप्रेशन का नींद पर असर काफी गहरा पड़ता है।नींद न आने की समस्या को स्लीप डिसऑर्डर भी कहते हैं। डॉक्टरों के अनुसार, एक इंसान को कम से कम 6 घंटे की नींद जरूर लेनी चाहिए। नींद पूरी न होने से कई तरह की बीमारियां भी जन्म लेती हैं। चूंकि, डिप्रेशन की समस्या आजकल काफी लोगों में देखने को मिलती है, इसलिए यह नींद पर भी असर डालती है। अगर डिप्रेशन का इलाज सही समय पर नहीं किया जाता तो, इससे इंसोम्निया की दिक्कत हो सकती है।
कई रिसर्च में यह सामने आया है कि भारत में डिप्रेशन काफी तेजी से बढ़ा है और इस कारण कई लोगों ने आत्महत्या तक कर ली है। WHO की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत डिप्रेशन के मामले में विश्व में छठे नंबर पर आता है। इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि आखिर किस तरह डिप्रेशन का नींद पर असर पड़ता है। साथ ही इस आर्टिकल में हम बताएंगे कि आखिर आप कैसे बिना किसी दवाई के इस समस्या का समाधान कर सकते हैं।
डिप्रेशन का नींद पर असर क्या पड़ता है?
डिप्रेशन का नींद पर असर काफी गहरा होता है। यह बात कई रिसर्च में सामने आ चुकी है। डॉक्टर भी मानते हैं कि अनिद्रा से पीड़ित लोगों में अवसाद और चिंता का स्तर अधिक होता है। शोधकर्ताओं का मानना है कि जब नींद बार-बार बाधित होती है, तो यह मस्तिष्क की गतिविधि और न्यूरोकेमिकल्स को बदल सकती है, इससे किसी भी व्यक्ति का मूड व सोच प्रभावित होता है।
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क्या हैं इसके नुकसान?
डिप्रेशन का नींद पर असर जब पड़ता है तो शरीर को भी काफी नुकसान पहुंचता है। ठीक से नींद न आना यानी अनिद्रा के शरीर पर कई नुकसान होते हैं। जिन्हें ठीक से नींद नहीं आती शुरुआत में उनके आंखों के नीचे डार्क सर्कल बन जाते हैं। इसके अलावा डिप्रेशन का नींद पर असर पड़ने से एकाग्रता में कमी आने लगती है व थकान महसूस होती है। अनिद्रा कई बीमारियों को भी जन्म देती है। इससे डायबिटिज, हाई ब्लड प्रेशर, मोटापा, कब्ज व याद्दाश्त कमजोर होने जैसी समस्या होने लगती है।
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क्या हैं इसके लक्षण?
डिप्रेशन का नींद पर असर पड़ने से स्लीप डिसऑर्डर (Sleep Disorder) की समस्या हो सकती है। इसके कई लक्षण हो सकते हैं। आइए जानते हैं कुछ प्रमुख लक्षणों के बारे में।
- बिस्तर पर लेटने के काफी देर बाद भी नींद न आना
- बार-बार नींद का टूटना
- बार-बार उठना
- नींद में बोलना
- सोते वक्त पैरों का छटपटाना
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डिप्रेशन का नींद पर असर दूर करने के लिए अपनाएं ये तरीके
डिप्रेशन का नींद पर असर हो रहा है और आप आप नियमित रूप से सो नहीं पा रहे हैं तो आपको कई बीमारियां हो सकती हैं। अनिद्रा की समस्या को लेकर बड़ी संख्या में लोग डॉक्टरों व मनोचिकित्सक के पास पहुंचते हैं। पर हर चीज के लिए दवाई व डॉक्टर जरूरी नहीं। हम यहां आपको बता रहे हैं कुछ ऐसे उपाय जिनसे आप इस समस्या को दूर कर सकते हैं।
- रात में सोने से पहले अपने हाथ, मुंह व पैर को सही से धो लें। इसके अलावा आप सोने से पहले तलवों पर सरसों के तेल से मालिश कर सकते हैं। इससे दिमाग शांत रहता है, रक्त का संचार बेहतर से होता और नींद ठीक से आती है।
- सोने से पहले चाय या कॉफी न पिएं। दरअसल, इससे दिमाग की शिराएं उत्तेजित होती हैं और नींद नहीं आती। इसके अलावा सोने से पहले मीठा खाने से भी बचना चाहिए।
- सोने से पहले अगर दूध पीते हैं, तो उसमें एक चुटकी जायफल पाउडर मिला लें। दरअसल जायफल में ट्रायमिरिस्टन नाम का प्राकृतिक रसायन होता है, जो अच्छी नींद के साथ-साथ मांसपेशियों को भी आराम देता है। वहीं दूध में जरूरी अमीनो एसिड होता है, जो बॉडी में सेरोटोनिन और मेलाटोनिन के स्तर को बढ़ाता है। इससे नींद अच्छी आती है। इसके अलावा आप दूध में केसर के कुछ रेशे मिलाकर पी लें, इससे भी अच्छी नींद आती है।
- पके हुए केले पर एक चम्मच जीरे का पाउडर लगाकार खाने से भी अनिद्रा की समस्या दूर होती है।
- एल्कोहॉल का सेवन करने से बचें। सोने से 2 घंटे पहले तक इसका सेवन न करें तो बेहतर है।
- रोजाना सुबह टहलने की आदत डालें। इसके अलावा आप तैराकी भी कर सकते हैं। इस तरह के शारीरिक व्यायाम से आपको गहरी नींद आएगी।
- सोते वक्त ज्यादा सोच-विचार न करें। इससे आपकी मांसपेशियों में तनाव आता है और नींद में खलल पड़ता है। दिमाग को शांत रखकर सोने जाएं। आप गहरी सांस लेकर रिलेक्स हो सकते हैं।
- रिलेक्सिंग म्यूजिक सुनें, नींद न आने के बारे में बिल्कुल भी न सोचें। सोने के पहले ज्यादा देर मोबाइल या किसी भी इलेक्ट्रोनिक उपकरण का इस्तेमाल न करें।
- अगर आपको लाइट के साथ नींद नहीं आती है तो कमरे में अंधेरा करके सोएं। मध्यम प्रकाश का उपयोग भी नींद लाने में मददगार हो सकता है।
- सोने में दिक्कत आ रही है, तो एक कागज लें और उस पर अपनी चिंता को लिखें। इसके बाद ये भी लिखें कि इसका हल कैसे निकल सकता है? इस तरह आपके दिमाग से तनाव कम होगा।
आप इन तरीकों को अपनाकर डिप्रेशन का नींद पर असर को कम कर सकते हैं। ऐसा करने से आपको बेहतर नींद भी आएगी और आप डिप्रेशन से भी धीरे-धीरे बाहर निकलने लगेंगे।
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डिप्रेशन का नींद पर असर काफी गहरा होता है। कई लोगों को पहले नींद नहीं आती और फिर वह डिप्रेशन में चले जाते हैं। वहीं कई लोग पहले डिप्रेशन में जाते हैं और इसके बाद उनमें नींद की कमी हो जाती है। यदि आप में नींद की कमी आ रही है तो इसे ठीक करने की कोशिश कर सकते हैं। यदि हर कारगर कदम उठाने के बाद भी नींद न आए तो डॉक्टर की सलाह लें। समय पर डॉक्टर की मदद लेकर इस समस्या से बचा जा सकता है। नींद की कमी को आम समस्या समझकर इग्नोर न करें। डॉक्टर आपकी स्थिति के हिसाब से आपको ट्रीटमेंट सजेस्ट करेंगे। जिसमें थेरिपी के साथ ही कुछ दवाओं का उपयोग किया जा सकता है।
उम्मीद है आपको हमारा ये आर्टिकल पसंद आएगा और आप इस समस्या से बाहर निकलने के लिए ऊपर बताए गए तरीके अपनाएंगे, ताकि आप बेहतर नींद ले सकें। आपको हमारा ये आर्टिकल कैसा लगा, हमारे साथ अपनी प्रतिक्रिया जरूर शेयर करें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।