डर जीवन में हर किसी को लगता है, कई बार दिमाग में हर वक्त किसी बात का डर बना ही रहता है। इसी तरह लोगों को जीव-जंतुओं से डर लगता है। कॉकरोच, छिपकली, कुत्ते, बिल्ली आदि से थोड़ा बहुत डर लगना आम बात ही है। ऐसे ही मकड़ी का डर भी लोगों को लगा रहता है, लेकिन कुछ लोगों मेंमकड़ियों का डर एक बुरे सपने की तरह होता है। वे मकड़ी को देखते ही चीखने-चिल्लाने या भागने लगते हैं। यह विशेष प्रकार का फोबिया है। जो अर्कनोफोबिया कहलाता है। जानते हैं आखिर अर्कनोफोबिया क्या है। इससे बचाव के क्या समाधान किए जा सकते हैं।
अर्कनोफोबिया (मकड़ी का डर) क्या है?
अर्कनोफोबिया ग्रीक भाषा का शब्द है। जो मकड़ी के डर के लिएग्रीक शब्द “अरचने’ और “फोबोस’ से बना है। मकड़ियों और अन्य आठ-पैर वाले अरचिन्ड्स (जैसे बिच्छुओं) का यह भय भंयकर होता है। मकड़ियां जहरीली होती हैं और लंबे समय तक बीमारियों और संक्रमण से जुड़ी हुई रहती हैं। मकड़ियों की कई प्रजातियां जहरीली और काटने वाली होती हैं। हम इन्हें प्रत्यक्ष रूप में विज्ञान, जीव विज्ञान और टीवी के माध्यम से जानते हैं।
जब दूसरे हमें मकड़ियों के काटने के बारे में भयानक बातें बताते हैं तो हम डर जाते हैं। इसलिए, जब हम अपने पास एक मकड़ी देखते हैं, तो डर की एक स्वाभाविक प्रतिक्रिया होती है जिसके कारण हम मकड़ियों से बचना चाहते हैं।
कई लोगों में, मकड़ी का डर एक “घृणास्पद प्रतिक्रिया’ को दर्शाता है। गंभीर अर्कनोफोबिया वाले लोगों में मकड़ियों का डर इतना ज्यादा होता है कि वे लोग अपने तहखाने या गैरेज में जाने से भी डरते हैं। उन्हें लगता है कि वहां मकड़ी मौजूद हो सकती है। कई बार वे मकड़ी को दूर करने की बजाय घर तक छोड़ सकते हैं।
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अर्कनोफोबिया के कारण
दूसरे फोबिया की तरह ही एक व्यक्ति में अर्कनोफोबिया भी विकसित हो सकता है। यह एक धारणा बनाता है जब वे एक परिवार के सदस्य को मकड़ियों डरा हुआ देखते हैं। कुछ लोग तो मकड़ी देख कर घर से बाहर भागते हैं। कुछ विशेषज्ञ बताते हैं कि कुछ लोगों में मकड़ियों का डर किसी सांस्कृतिक पृष्ठभूमि से भी प्रभावित होता है। उदाहरण के लिए, अफ्रीका के कुछ क्षेत्रों में मकड़ियों से डर की आशंका है तो दूसरी तरफ दक्षिण अफ्रीका में, जहां मकड़ियों को खाया जाता है, लोग उस डर से अनजान हैं।
यदि आपको मकड़ी के काटने से होने वाले आघात का अनुभव होता है संभव है कि आपको मकड़ी का फोबिया हो सकता है।
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अर्कनोफोबिया के लक्षण क्या हैं?
एक व्यक्ति जो मकड़ियों से डरता है, जरूरी नहीं कि उसे फोबिया हो। अर्कनोफोबिया एक गंभीर स्थिति है, जहां पीड़ित में लक्षण धीरे-धीरे प्रकट होते हैं। इसके लक्षण कुछ इस प्रकार हैं-
- सिर चकराना
- कंपकंपी या पसीना आना
- रैपिड हार्ट रेट
- चिंता हॉट या कोल्ड फ्लैश
- सांस फूलना
- नियंत्रण खोने की भावना
- छाती में दर्द
- घुटन का एहसास होना
- मतली या अन्य गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल संकट
अंततः, मकड़ियों से बचने के प्रयास में आप अपनी गतिविधियों को सीमित कर सकते हैं। हैकिंग और कैंपिंग आपके लिए कठिन या असंभव हो सकती हैं। इसके सभी लक्षण ऊपर नहीं बताएं गए हैं। अगर इस मानसिक बीमारी से जुड़े किसी भी संभावित लक्षणों के बारे में आपका कोई सवाल है, तो कृपया अपने डॉक्टर से बात करें।
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डॉक्टर को कब दिखाएं?
अर्कनोफोबिया होने पर आमतौर पर डॉक्टर से औपचारिक निदान की आवश्यकता नहीं होती है। इस तरह के फोबिया आमतौर पर स्वयं-निदान करने योग्य होते हैं। हालांकि, अगर आप चाहते हैं कि अर्कनोफोबिया को कम करने में कोई आपकी मदद करें तो आप एक अच्छे काउंसलर से परामर्श कर सकते हैं।
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अर्कनोफोबिया के लिए उपचार
अक्सर, काउंसलिंग और दवा के माध्यम से इस फोबिया का इलाज किया जा सकता है। रिलैक्सेशन तकनीक जैसे मेडिटेशन भी अराचनोफोबिया के उपचार में सहायक हो सकता है।
अन्य फोबिया की तरह अर्कनोफोबिया को एक्सपोजर थेरिपी और कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरिपी (सीबीटी) के साथ इलाज किया जा सकता है। संज्ञानात्मक व्यवहार थेरिपी में, चिकित्सक मकड़ियों से जुड़े नकारात्मक विचारों को तर्कसंगत विचारों के साथ बदलने की कोशिश करते हैं। एक चिकित्सक अर्कनोफोबिया के इलाज के लिए प्रणालीगत डिसेन्सिटाइजेशन का उपयोग कर सकता है। जहां हम अपने डर का सामना उस चीज से करते हैं जिससे हम कम से कम डरते हैं और फिर उस चीज से करते हैं जिससे हम सबसे ज्यादा डरते हैं।
संज्ञानात्मक रीफ्रैमिंग के साथ कोई भी व्यक्ति मकड़ियों को देखने के तरीके को बदलना सीख सकता है। इस तकनीक मे इंसान को मकड़ियों को घृणित और खतरनाक न समझने के बारे में बताया जाता है।
कभी-कभी, एक एंटीडिप्रेसेंट या एक एंटी-डिप्रेशन दवा को अर्कनोफोबिया उपचार के रूप में निर्धारित किया जा सकता है। डॉक्टर डॉमैन्हिट्ज कहते हैं कि अर्कनोफोबिया वाले कुछ व्यक्तियों को आभासी वास्तविक चिकित्सा से सहायता मिलती है, जिसमें वे आभासी मकड़ियों के संपर्क में आते हैं। अपने डर पर काबू पाएं और मकड़ियों को अपने जीवन के सबसे बड़े खतरे के रुप मेंं ना देखे ।
सावधानियां
मकड़ियों के बारे में जितना ज्यादा आप सोचते हैं, इस डर की उतनी अधिक संभावना होती है। आप मकड़ियों के डर को दूर कर सकते हैं। क्योंकि ज्यादातर मकड़ियां मनुष्यों के लिए नुकसानदेहक नहीं होती हैं। क्योंकि वे आम तौर पर कीड़े और अन्य कीट जैसे जीव के समान होती हैं। इसलिए डर को निकालने के लिए एक बार हिम्मत से उसका सामना करके देखें। कुछ मामलों में, मकड़ी के काटने से एलर्जी हो सकती है। हालांकि, काली और भूरे रंग की मकड़ी विषैली होती हैं, उनका काटना खतरनाक हो सकता है। कोशिश करें कि मकड़ियों द्वारा प्रभावित क्षेत्रों में जाने से बचें। अपने घर और गैराज में मकड़ियों के जाल न लगने दें। अपने फोबिया से निकलने की कोशिश करें और समझ और धैर्य के साथ काम करें।
अर्कनोफोबिया कई फोबिया में से एक है जो किसी व्यक्ति के पूरे जीवनकाल के दौरान कभी भी उत्पन्न हो सकता है। अन्य प्रकार के फोबिया की तरह, मकड़ियों का एक महत्वपूर्ण डर आमतौर पर एक पूर्व बुरे अनुभव से उपजा है। इसलिए आप अर्कनोफोबिया से निपटने के तरीके खोज सकते हैं ताकि यह आपके जीवन में हस्तक्षेप न करें। स्पाइडर फोबिया को कम करने के लिए थेरिपी सबसे प्रभावी तरीका है। जितनी जल्दी आप अपने फोबिया को दूर करने में मदद करेंगे, उतना ही अच्छा महसूस करेंगे।
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आशा करते हैं कि इस लेख को पढ़ने के बाद मकड़ियों के प्रति डर से आपको राहत मिलेगी। इससे जुड़ा कोई भी सवाल है तो आप डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं। हैलो हेल्थ ग्रुप किसी प्रकार की चिकित्सा सलाह, निदान और उपचार प्रदान नहीं करता।
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