शारीरिक समस्याएं- इरेक्टाइल डिसफंक्शन ब्लड वेसल्स में होने वाले बदलाव का भी नतीजा है, इसलिए जरूरी नहीं कि इसके लिए साइकोलॉजिकल समस्याएं ही जिम्मेदार हों।
मिड लाइफ क्राइसेस – बढ़ती उम्र के साथ ही महिलाओं और पुरुषों की चिंताए भी बढ़ने लगती है, हालांकि दोनों की चिंता अलग-अलग तरह की होती है। पुरुष सोचते हैं कि अब तक जिंदगी में उन्होंने क्या पाया है और आगे क्या होने वाला है उनके साथ। ऐसी बातें सोचकर वह एंग्जाइटी और डिप्रेशन का शिकार हो जाते हैं जिसकी वजह से मूड स्विंग होता है, नींद नहीं आती और हमेशा थकान महसूस होती है।
सही डायट और एक्सरसाइज की कमी- वजन कम न होने या वजन बढ़ने के लिए हेल्दी फूड नहीं खाना और एक्सरसाइज न करने जैसी आपकी आदतें जिम्मेदार हो सकती है। साथ ही जब आपको जरूरी पोषण नहीं मिलता है तो टेस्टोस्टेरोन लेवल में कमी आने लगती है।
गलत जीवनशैली- एल्कोहल और सिगरेट के अधिक सेवन का असर आपकी नींद और सेहत पर पड़ता है। इसकी वजह से वजन भी बहुत अधिक बढ़ने लगता है।
इरिटेबल मेल सिंड्रोम का रिश्ते पर असर (Irritable male syndrome impact on relationship)
इस सिंड्रोम के कारण पुरुषों को जिस तरह की समस्याएं होती है उसका असर पार्टनर के साथ उनके रिश्ते पर होना स्वाभाविक है। मूड स्विंग और कामेच्छा में कमी की वजह से दोनों पार्टनर में दूरियां आ सकती हैं और रिश्ते में तनाव बढ़ जाता है। चिड़चिड़ा होने के कारण पुरुष अपनी महिला पार्टनर से ठीक से बात भी नहीं करतें और रिश्ते से रोमांस पूरी तरह खत्म हो जाता है। चूकि इस सिंड्रोम का असर पुरुषों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य दोनों पर होता है इसलिए वह रिश्ते को बचा पाने में खुद को शारीरिक और मानसिक रूप से असमर्थ पाते हैं।
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इरिटेबल मेल सिंड्रोम का निदान कैसे किया जाता है (How irritable male syndrome diagnosed)?
पुरुषों को और उनकी महिला पार्टनर को भी उनके व्यवहार के प्रति थोड़ा अलर्ट रहने की जरूरत है। यदि उन्हें लंबे समय से पुरुषों में इरिटेबल मेल सिंड्रोम के लक्षण दिखते हैं तो डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है। इरिटेबल मेल सिंड्रोम का निदान टेस्टोस्टेरोन हार्मोन की जांच करके किया जाता है। ऐसा नियमित ब्लड टेस्ट जिसमें आपका कोलेस्ट्रॉल,ब्लड शुगर लेवल और अन्य चीजों की जांच के साथ किया जा सकता है। आप डॉक्टर को ब्लड टेस्ट में टेस्टोस्टेरोन टेस्ट के लिए कह सकते हैं। रक्त में मौजूद हार्मोन का स्तर और आपके मूड स्विंग के आधार पर डॉक्टर को समस्या का पता लगाने में मदद मिलती है। इसके अलावा अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर आपका फिजिकल एग्जामिनेशन कर सकता है और आपके अन्य लक्षणों के बारे में पूछ सकता है। इसके साथ ही रिश्ते में आने वाली समस्या के समाधान के लिए आप मेंटल हेल्थ प्रोफेशनल की मदद ले सकते हैं, लेकिन ध्यान रहे कि आपको डॉक्टर और मेंटल हेल्थ प्रोफेशनल्स से अपने लक्षणों के बारे में कुछ छुपाना नहीं है।
इरिटेबल मेल सिंड्रोम का उपचार (Irritable male syndrome treatments)?
यदि टेस्टोस्टेरोन लेवल में कमी के कारण यह सिंड्रोम हुआ है तो इसका उपचार टेस्टोस्टेरोन रिप्लेसमेंट थेरेपी के जरिए किया जाता है। हालांकि अन्य उपचार की तरह ही इसके भी कुछ साइड इफेक्ट हो सकते हैं। वैसे इस थेरेपी के अलावा हेल्दी लाइफस्टाइल मेंटेन करना और वजन नियंत्रित रखना भी जरूरी है।