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इरिटेबल मेल सिंड्रोम के कारण (Irritable male syndrome reason)
पुरुषों में 30 की उम्र के बाद टेस्टोस्टेरोन हार्मोन का स्तर अपने आप कम होने लगता है। यह हार्मोन पुरुषों के रिप्रोडक्टिव डेवलपमेंट के साथ ही मसल्स मास और शरीर के बालों के लिए भी जिम्मेदार होता है। इसमें कमी से उनका आत्मविश्वास, फिटनेस, एनर्जी और सेक्स ड्राइव सबमें कमी आती है और इन सबमें कमी का असर कपल्स के रिलेशनशिप पर पड़ना लाजमी ही है। वैसे हार्मोन के अलावा इरिटेबल मेल सिंड्रोम के लिए कई अन्य कारण भी जिम्मेदार हो सकते हैं।
साइकोलॉजिकल समस्याएं- तनाव, एंग्जाइटी और डिप्रेशन की वजह से इरेक्टाइल डिसफंक्शन और कामेच्छा में कमी जैसी समस्याएं आती है। स्ट्रेस और एंग्जाइटी रिश्ते में हुई खटपट, ऑफिस के वर्क प्रेशर या आर्थिक समस्याओं के कारण हो सकता है और इसकी वजह से पीड़ित व्यक्ति डिप्रेशन में भी जा सकता है। इसलिए ऐसी समस्याओं के लिए जल्द काउंसलिंग की जरूरत होती है।
शारीरिक समस्याएं- इरेक्टाइल डिसफंक्शन ब्लड वेसल्स में होने वाले बदलाव का भी नतीजा है, इसलिए जरूरी नहीं कि इसके लिए साइकोलॉजिकल समस्याएं ही जिम्मेदार हों।
मिड लाइफ क्राइसेस – बढ़ती उम्र के साथ ही महिलाओं और पुरुषों की चिंताए भी बढ़ने लगती है, हालांकि दोनों की चिंता अलग-अलग तरह की होती है। पुरुष सोचते हैं कि अब तक जिंदगी में उन्होंने क्या पाया है और आगे क्या होने वाला है उनके साथ। ऐसी बातें सोचकर वह एंग्जाइटी और डिप्रेशन का शिकार हो जाते हैं जिसकी वजह से मूड स्विंग होता है, नींद नहीं आती और हमेशा थकान महसूस होती है।
सही डायट और एक्सरसाइज की कमी- वजन कम न होने या वजन बढ़ने के लिए हेल्दी फूड नहीं खाना और एक्सरसाइज न करने जैसी आपकी आदतें जिम्मेदार हो सकती है। साथ ही जब आपको जरूरी पोषण नहीं मिलता है तो टेस्टोस्टेरोन लेवल में कमी आने लगती है।
गलत जीवनशैली- एल्कोहल और सिगरेट के अधिक सेवन का असर आपकी नींद और सेहत पर पड़ता है। इसकी वजह से वजन भी बहुत अधिक बढ़ने लगता है।
इरिटेबल मेल सिंड्रोम का रिश्ते पर असर (Irritable male syndrome impact on relationship)
इस सिंड्रोम के कारण पुरुषों को जिस तरह की समस्याएं होती है उसका असर पार्टनर के साथ उनके रिश्ते पर होना स्वाभाविक है। मूड स्विंग और कामेच्छा में कमी की वजह से दोनों पार्टनर में दूरियां आ सकती हैं और रिश्ते में तनाव बढ़ जाता है। चिड़चिड़ा होने के कारण पुरुष अपनी महिला पार्टनर से ठीक से बात भी नहीं करतें और रिश्ते से रोमांस पूरी तरह खत्म हो जाता है। चूकि इस सिंड्रोम का असर पुरुषों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य दोनों पर होता है इसलिए वह रिश्ते को बचा पाने में खुद को शारीरिक और मानसिक रूप से असमर्थ पाते हैं।
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इरिटेबल मेल सिंड्रोम का निदान कैसे किया जाता है (How irritable male syndrome diagnosed)?