भले ही लोग आजकल एक दूसरे से खुलकर बात कर लें या हंसी-मजाक कर लें। लेकिन जब बात जेनाइटल हेल्थ की आती है, तो इस बारे में बातचीत करने से परहेज करते हैं। अब हिचकिचाहट हो या जानकारी की कमी से शुरू हो जाती है नई मुसीबत! पुरुषों में जेनाइटल स्किन कंडिशन (Genital skin conditions) के कई कारण हो सकते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है की इन परेशानियों का हल नहीं है। आज इस आर्टिकल में समझेंगे जेनाइटल स्किन कंडिशन से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें।
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पुरुषों में होने वाली जेनाइटल स्किन कंडिशन कौन-कौन सी हैं? (Genital skin conditions in men)
निम्नलिखित जेनाइटल स्किन कंडिशन पुरुषों में होने की संभावना ज्यादा रहती है। जैसे:
1. जेनिटल हरपीज
2. जेनिटल वार्ट्स
3. फिरंग या सिफलिस
4. स्केबीज
5. मोलोस्कम कन्टेजियोसम
6. शैंक्रॉइड
अब इन इंफेक्शन एवं बीमारियों को समझ लेते हैं।
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1. जेनिटल हर्पीज (Genital Herpes)
जेनिटल हर्पीज पुरुषों में होने वाली जेनाइटल स्किन कंडिशन है। यह एक तरह का सेक्शुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन है, जो असुरक्षित शारीरिक संबंध (Unprotected sex) बनाने की वजह से होता है। नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (NCBI) में पब्लिश्ड एक रिपोर्ट के अनुसार 7.9 प्रतिशत से 14.6 प्रतिशत पुरुषों में यह जेनाइटल स्किन कंडिशन देखी जाती है।
कैसे करें जेनिटल हरपीज से बचाव?
जेनिटल हरपीज की समस्या होने पर सेक्शुअल एक्टिविटी से बचें। अगर जेनाइटल एरिया को छूने से बचें, क्योंकि इससे इंफेक्शन (Infection) फैलने का खतरा बढ़ जाता है।
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2. जेनिटल वार्ट्स (Genital Warts)
जेनिटल वार्ट्सभी एक सेक्शुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन(STI) है, ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (Human Papillomavirus) की वजह से होता है। जिन लोगों में यह इंफेक्शन होता है, तो पीनस (Penus) पर छोटे-छोटे दानों की समस्या नजर आने लगती है। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) में पब्लिश्ड एक रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका जैसे देशों में तकरीबन 1 प्रतिशत लोगों में यह जेनाइटल स्किन कंडिशन (Genital skin conditions) देखी जाती है।
कैसे करें जेनिटल वार्ट्स से बचाव?
इसका इलाज लेजर सर्जरी से किया जा सकता है अगर परेशानी ज्यादा वक्त से बनी हुई है, तो। शुरुआती स्टेज में डॉक्टर द्वारा प्रिस्क्राइब्ड मेडिसिन से ही इसका इलाज किया जा सकता है। हालांकि पेशेंट को यह हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि जेनिटल वार्ट्स ठीक होने के बाद भी तकरीबन 2 सप्ताह तक सेक्शुअल एक्टिविटी से दूर रहें।
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3. सिफलिस (Syphilis)
सिफलिस को फिरंग के नाम से भी जाना जाता है, जो एक तरह का बैक्टीरियल इंफेक्शन (Bacterial infection) है। सिफलिस भी सेक्शुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन (STI) है। इसके शुरुआती स्टेज में पीनस पर लाल रंग की सख्त स्किन बनने लगती है, हालांकि इससे किसी तरह की दर्द की समस्या नहीं होती है। एक्सपर्ट्स के अनुसार पीनस पर आये ये रेड दानें 5 से 6 सप्ताह में खुद ही ठीक हो जाते हैं, लेकिन अगर परेशानी बढ़ते जा रही है या कम नहीं हो रही है, तो ऐसे में डॉक्टर से कंसल्ट करें।
कैसे करें सिफलिस से बचाव?
इसका इलाज डॉक्टर विशेष रूप से पेनिसिलिन (Penicillin) इंजेक्शन की मदद से करते हैं।
4. स्केबीज (Scabies)
जेनाइटल स्किन कंडिशन स्केबीज पुरुषों के प्राइवेट पार्ट के साथ-साथ शरीर के अन्य हिस्सों पर भी हो सकता है। यह भी इंफेक्शन का ही कारण है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) द्वारा जारी की गई रिपोर्ट में स्केबीज के शिकार दुनियाभर में 130 मिलियन लोगों में देखी गई है। वहीं अगर भारत की बात करें, तो देश में 13 प्रतिशत से 59 प्रतिशत पुरुषों में यह समस्या देखी गई है।
कैसे करें स्केबीज से बचाव?
स्केबीज की समस्या होने पर ये अपने आप कुछ ही हफ्तों में ठीक हो जायेगा, लेकिन अगर परेशानी कम नहीं हो रही है, तो डॉक्टर से कंसल्ट करना चाहिए। इस इंफेक्शन से बचाव के लिए डॉक्टर कोल्ड कम्प्रेस या एंटीहिस्टामाइन्स (Antihistamines) प्रिस्क्राइब करते हैं।
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5. मोलोस्कम कन्टेजियोसम (Molluscum Contagiosum)
मोलोस्कम कन्टेजियोसम एक वायरल स्किन इंफेक्शन (Skin infection) है और यह एक दूसरे के संपर्क में आने से भी होने वाली परेशानी है। अगर मोलोस्कम कन्टेजियोसम से इन्फेक्टेड व्यक्ति के इस्तेमाल किये हुए तौलिये या उनके कपड़ों से भी यह इंफेक्शन आसानी से फैल जाता है। ये एक पार्टनर से दूसरे पार्टनर में भी सेक्शुअल एक्टिविटी (Sexual activity) की वजह से फैल सकता है। यही कारण है कि इस इंफेक्शन को भी जेनाइटल स्किन कंडिशन (Genital skin conditions) के अंतर्गत रखा जाता है।
कैसे करें मोलोस्कम कन्टेजियोसम से बचाव?
वैसे तो यह इंफेक्शन कुछ ही वक्त में अपने आप ठीक हो जाता है, लेकिन अगर परेशानी महीनों तक ठीक ना हो, तो डॉक्टर से कंसल्ट करें। हेल्थ एक्सपर्ट बीमारी की गंभीरता को देखते हुए लेसर थेरिपी (Laser therapy) या अन्य थेरिपी की सलाह दे सकते हैं।
6. शैंक्रॉइड (Chancroid)
शैंक्रॉइड एक बैक्टीरियल इंफेक्शन है, जो हिमोफिलस डुक्रेई (Haemophilus Ducreyi) नाम के बैक्टीरिया के कारण होता है। इस इंफेक्शन का सबसे मुख्य कारण है असुरक्षित यौन संबंध बनाना। इस इंफेक्शन की वजह से पीनस पर लाल रंग की उभरी हुई स्किन बनने लगती है, जिसकी वजह से खुजली की समस्या भी शुरू हो जाती है। कई बार खुजली की वजह से ब्लड या लिक्विड जैसा पदार्थ भी आने लगता है। ऐसी स्थिति में सेक्शुअल एक्टिविटी के दौरान पेन और इंफेक्शन का खतरा और बढ़ जाता है।
कैसे करें शैंक्रॉइड से बचाव?
शैंक्रॉइड की परेशानी को नजरअंदाज किया गया, तो एचआईवी इंफेक्शन (HIV Infection) का भी खतरा बढ़ जाता है। इसलिए खुद से इलाज करने से बचें और डॉक्टर से कंसल्ट करें।
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जेनाइटल स्किन कंडिशन (Genital skin conditions) सिर्फ एक नहीं, बल्कि कई कारणों की वजह से होती है। ज्यादातर पेनिस पर दाने या एलर्जी की समस्या के पीछे सेक्शुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन ही होता है, तो कुछ कारण प्राइवेट पार्ट के हाइजीन (Hygen) पर ध्यान नहीं देने की वजह से। लेकिन कारण कोई भी हो जेनाइटल स्किन कंडिशन का ध्यान अवश्य रखें। किसी भी ऐसी शारीरिक परेशानी से बचने के लिए निम्नलिखित टिप्स जरूर फॉलो करें।
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जेनाइटल स्किन कंडिशन (Genital skin conditions) को हेल्दी बनाये रखने के लिए आसान टिप्स-
- शारीरिक संबंध एक से ज्यादा पार्टनर से ना बनायें।
- सेक्शुअल हेल्थ और अनचाहे गर्भधारण से बचने के लिए कॉन्डोम (Condom) का इस्तेमाल जरूर करें।
- हमेशा क्लीन टॉयलेट का इस्तेमाल करें। अगर आप किसी पब्लिक टॉयलेट का इस्तेमाल कर रहें हैं, तो सबसे पहले फ्लश करने की आदत जरूर डालें।
- अपना पर्शनल टॉवेल इस्तेमाल करें।
- अंडरगार्मेंट टाइट ना पहनें और आरामदायक पहनें।
- अपनी पर्सनल चीजें जैसे अपने कपड़े, साबुन या कोई अन्य सामान्य शेयर ना करें।
इन छे आसान टिप्स को फॉलो कर किसी भी इंफेक्शन या बीमारी से बचा जा सकता है।
अगर आप जेनाइटल स्किन कंडिशन (Genital skin conditions) से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।