backup og meta

एल्कोहॉल का मेल सेक्स हॉर्मोन पर ये कैसा असर!

एल्कोहॉल का मेल सेक्स हॉर्मोन पर ये कैसा असर!

“थोड़ी सी जो पी ली है 🍺…चोरी तो नहीं की है’… कई ऐसे व्यक्ति हैं, जिनका यही मानना है कि एल्कोहॉल के सेवन से क्या नुकसान होगा! दरअसल आप किसी और के साथ नहीं बल्कि अपनी सेहत के साथ चोरी कर रहें हैं। नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (NCBI) में पब्लिश्ड एक रिपोर्ट के अनुसार एल्कोहॉल के सेवन से मेल फर्टिलिटी पर नेगेटिव प्रभाव पड़ता है। अगर सही वक्त पर इस ओर ध्यान नहीं दिया गया, तो बेडरूम लाइफ और फेमली प्लानिंग में भी परेशानी शुरू हो सकती है। इस आर्टिकल में जानेंगे एल्कोहॉल और टेस्टोस्टेरोन (Alcohol and testosterone) क्यों हैं आपस के दुश्मन।

और पढ़ें : पुरुषों में ही नहीं महिलाओं में भी होती है हाई सेक्स ड्राइव, जानें क्या होती हैं उनकी चुनौतियां

एल्कोहॉल और टेस्टोस्टेरोन: क्यों है दोनों एक दूसरे के दुश्मन?

एल्कोहॉल का सेवन ज्यादा करना सेहत के लिए नुकसानदायक होता है। इसे लिवर से जुड़ी परेशानी तक ही सिमित मानते हैं, लेकिन एल्कोहॉल और टेस्टोस्टेरोन का आपस में क्या दुश्मनी है, यह समझेंगे। एल्कोहॉल की वजह से लिवर को नुकसान पहुंचता है और लिवर की सेहत बिगड़ने की वजह से एंड्रोजन हॉर्मोन एस्ट्रोजोन में बदल जाता है, जिसका असर सेक्स ड्राइव पर नेगेटिव पड़ता है। रिसर्च की मानें, तो एल्कोहॉल पुरुषों की सेक्स लाइफ पर नेगेटिव प्रभाव डालता है और इसका सीधा असर टेस्टोस्टेरोन पर पड़ता है। अत्यधिक शराब पीने से शरीर में कई तरह के हॉर्मोन पर लॉन्ग टर्म एवं शार्ट टर्म दोनों पर प्रभाव पड़ता है, जिसमें टेस्टोस्टेरोन (Testosterone) भी शामिल है।इसी कारण एल्कोहॉल और टेस्टोस्टेरोन दोनों आपस में दुश्मन माने जाते हैं।

टेस्टोस्टेरोन, पुरुषों में सबसे मुख्य हॉर्मोन माना जाता है। दरअसल टेस्टोस्टेरोन के बिना पुरुषों को मस्कुलर बॉडी, मसल्स, बोन एवं स्पर्म डेवलपमेंट में रुकावट आती है। अगर टेस्टोस्टेरोन लेवल कम हो जाए, तो इससे पुरुषों में निम्नलिखित परेशानियां देखी जा सकती हैं। जैसे:

अगर ऐसी शारीरिक परेशानी दस्तक दे, तो इससे मेंटल हेल्थ समेत अन्य परेशानी शुरू हो सकती है। वैसे अगर एल्कोहॉल और टेस्टोस्टेरोन (Alcohol and testosterone) से जुड़ी ये बाते अब आपको परेशान कर रहीं हैं, तो परेशान ना हों, क्योंकि एल्कोहॉल और टेस्टोस्टेरोन से जुड़ी परेशानियों को दूर करने में भी आपकी मदद करेंगे।

नोट: ऐसा नहीं है कि सिर्फ पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन हॉर्मोन होता है बल्कि महिलाओं में भी टेस्टोस्टेरोन हॉर्मोन होता है। लेकिन यह महिलाओं में मुख्य हॉर्मोन की तरह काम नहीं करता है। महिलाओं में टेस्टोस्टेरोन का निर्माण ओवरी से होता और अगर इसका लेवल कम हुआ, तो उन्हें भी लो सेक्स ड्राइव (Low sex drive) और अस्थियों के कमजोर (Brittle bones) होने जैसी समस्या महसूस हो सकती है।

(सेक्शुअल एक्टिविटी से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए खेलें ये क्विज और बढ़ाएं अपना ज्ञान)

एल्कोहॉल और टेस्टोस्टेरोन: क्या एल्कोहॉल के सेवन से टेस्टोस्टेरोन पर नेगेटिव प्रभाव पड़ता है?

एल्कोहॉल और टेस्टोस्टेरोन (Alcohol and testosterone)

टेस्टोस्टेरोन का निर्माण 3 अलग-अलग ग्लैंड जैसे हायपोथैलेमस (Hypothalamus) पिट्यूटरी ग्लैंड (Pituitary gland) एवं टेस्टिस (Testes) से होता है। हायपोथैलेमस ग्लैंड से गोनडोट्रॉपिन रिलीजिंग हॉर्मोन (Gonadotropin-Releasing Hormone (GnRH)), जिसका असर इंटीरियर पिट्यूटरी ग्लैंड पर पड़ता है। इंटीरियर पिट्यूटरी ग्लैंड से लुटेइनीजिंग हॉर्मोन (Luteinizing Hormone (LH)) निकलता है और फॉलिकल स्टिमुलेटिंग हॉर्मोन (Follicle-Stimulating Hormone (FSH)) रिलीज होता है। लुटेइनीजिंग हॉर्मोन और फॉलिकल स्टिमुलेटिंग हॉर्मोन (FSH) के साथ टेस्टोस्टेरोन का निर्माण होता है। एल्कोहॉल के सेवन की वजह टेस्टोस्टेरोन के निर्माण में बाधा पहुंचती है। अब अगर इसे सामान्य शब्दों में कहें, तो अगर कोई व्यक्ति स्टैंडर्ड ड्रिंक से ज्यादा हर घंटे एल्कोहॉल का सेवन करता है, तो इससे ब्लड एल्कोहॉल लेवल बढ़ने की संभावना तेज हो जाती है।

और पढ़ें : मेल सेक्स ड्राइव से जुड़ी ये बातें यकीनन नहीं जानते होंगे आप

इस आर्टिकल में आगे समझेंगे एल्कोहॉल और टेस्टोस्टेरोन से जुड़ी लॉन्ग टर्म एवं शार्ट टर्म में होने वाले नुकसान क्या हैं?

जरूरत से ज्यादा एल्कोहॉल के सेवन से टेस्टिकुलर फंक्शन पर असर पड़ना तय माना जाता है। वैसे पुरुष, जो जरूरत से ज्यादा एल्कोहॉल का सेवन करते हैं, उनमें इरेक्टल डिसफंक्शन, टेस्टोस्टेरोन लेवल कम होना, लो लिबिडो जैसी परेशानी हो सकती है। वहीं एल्कोहॉल और टेस्टोस्टेरोन का शार्ट टर्म प्रभाव भी देखा जा सकता है। नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (NCBI) में पब्लिश्ड एक रिपोर्ट के अनुसार एल्कोहॉल के सेवन के आधे घंटे बाद ही टेस्टोस्टेरोन लेवल सामान्य से कम हो जाता है। दरअसल जब हेल्दी पुरुषों को 30 दिनों तक लगातार व्हिस्की दी गई और रिसर्च में आया कि उनमें क्रोनिक एल्कोहॉलिस्म की समस्या शुरू हो गई, क्योंकि इन पुरुषों में एल्कोहॉल के सेवन के तीसरे दिनों के बाद ही टेस्टोस्टेरोन लेवल में कमी शुरू हो गई।

और पढ़ें : क्या आप हर वक्त सेक्स के बारे में सोचते हैं? ये हाई सेक्स ड्राइव का हो सकता है लक्षण

क्या एल्कोहॉल का सेवन स्पर्म पर नेगेटिव प्रभाव डालता है?

रिसर्च के अनुसार एल्कोहॉल के सेवन से स्पर्म यानी शुक्राणु का निर्माण कम हो सकता है। लो स्पर्म की वजह इनफर्टिलिटी की समस्या हो सकती है। दरअसल एल्कोहॉल के सेवन की वजह से सीमेन (Semen) सिकुड़ने लगता है और यही कारण है कि पुरुषों में बांझपन की समस्या शुरू हो सकती है।

एल्कोहॉल और टेस्टोस्टेरोन, अब ऐसे में क्या लक्षण देखे जा सकते हैं?

एल्कोहॉल और टेस्टोस्टेरोन की वजह से सेक्शुअल लाइफ और फेमली प्लानिंग दोनों पर असर पड़ता है। इसके लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं। जैसे:

  • लो लिबिडो
  • सुस्त रहना
  • डिप्रेशन में रहना
  • इरेक्टल डिसफंक्शन
  • इनफर्टिलिटी
  • शरीर और चेहरे पर बालों का कम होना
  • मसल मास का कम होना
  • ब्रेस्ट डेवलप होना
  • सामान्य से ज्यादा गर्मी लगना
  • कॉन्सन्ट्रेशन में परेशानी महसूस होना
  • ज्यादा देर तक एक्सरसाइज नहीं कर पाना

अगर कोई व्यक्ति एल्कोहॉल का सेवन करता है और उनमें ऊपर बताये लक्षण नजर आते हैं या व्यक्ति खुद महसूस करता है, तो आसानी से समझा जा सकता है कि कैसे एल्कोहॉल और टेस्टोस्टेरोन आपस में दुश्मन हैं।

और पढ़ें : जानें मेल मेनोपॉज क्या है? महिलाओं की तरह पुरुषों में भी होता है मेनोपॉज

एल्कोहॉल और टेस्टोस्टेरोन: क्या है इसका इलाज?

एल्कोहॉल के कारण कम हुए टेस्टोस्टेरोन लेवल को ठीक करने के लिए टेस्टोस्टेरोन रिप्लेसमेंट थेरिपी (Testosterone Replacement Therapy) की मदद से टेस्टोस्टेरोन लेवल को बैलेंस किया जाता है। जिन लोगों को टेस्टोस्टेरोन रिप्लेसमेंट थेरिपी दी जाती है, उन्हें एल्कोहॉल के सेवन की सलाह नहीं दी जाती है। अगर पेशेंट की स्थिति गंभीर होती है, तो डॉक्टर एल्कोहॉल छोड़ने की सलाह तक देते हैं। नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (NCBI) में पब्लिश्ड एक रिपोर्ट के अनुसार, जो पुरुष एल्कोहॉल का सेवन करते हैं, उनमें लिवर से जुड़ी बीमारी एवं टेस्टोस्टेरोन का लेवल कम होता है, ऐसा देखा गया है।

एल्कोहॉल की वजह से टेस्टोस्टेरोन को पहुंचे नुकसान को ठीक होने में कितना वक्त लग सकता है?

नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (NCBI) में पब्लिश्ड चूहों पर की रिसर्च में बताया गया है कि चूहों को ठीक होने में 10 सप्ताह का वक्त लगा, लेकिन इससे ये अंदाजा लगाना की मनुष्यों में भी टेस्टोस्टेरोन लेवल बैलेंस होने में उतना ही वक्त लगेगा यह जरूरी नहीं। हालांकि अभी भी इस विषय पर रिसर्च जारी है। लेकिन एल्कोहॉल का सेवन कम से कम करना या नहीं करना ही बेहतर स्वास्थ्य की निशानी है।

और पढ़ें : स्तंभन दोष (Erectile Dysfunction) के डॉक्टर्स से पूछें ये जरूरी सवाल

डॉक्टर से कंसल्ट कब करना चाहिए?

  1. सेक्शुअल एक्टिविटी में इंट्रेस्ट खोना।
  2. पार्टनर के गर्भधारण में परेशानी आना।
  3. व्यक्ति का डिप्रेशन में रहना।
  4. किसी भी काम में ध्यान केंद्रित ना कर पाना।

इन स्थितियों के साथ-साथ अन्य शारीरिक परेशानी महसूस होने पर डॉक्टर से जरूर कंसल्ट करना चाहिए। अगर किसी व्यक्ति में ऐसी परेशानी नजर आती है या समझ आने पर इस बारे में खुलकर बात करना चाहिए।

एल्कोहॉल और टेस्टोस्टेरोन (Alcohol and testosterone) के बीच क्यों है, इतनी दूरियां ये तो आप समझ ही गए होंगे। खैर अच्छी सेहत के अगर एल्कोहॉल का साथ छूट ही जाए, तो इसमें कोई नुकसान नहीं है। लेकिन एल्कोहॉल के अलावा कोई और भी है, जो टेस्टोस्टेरोन लेवल को कम करने में आगे है। तो चलिए जानते हैं।

और पढ़ें : Hormonal Imbalance: हार्मोन असंतुलन क्या है? जानें इसके कारण, लक्षण और उपाय

एल्कोहॉल के अलावा और कौन है, जो बिगाड़ सकता है टेस्टोस्टेरोन का लेवल?

टेस्टोस्टेरोन लेवल को बैलेंस बनाये रखने के लिए निम्नलिखित पदार्थों से दूरी बनाना बेहद जरूरी है। जैसे:

कोल्ड ड्रिंक (Cold drink): कोल्ड ड्रिंक्स से कुछ वक्त के लिए अच्छा महसूस किया जा सकता है, लेकिन ये लॉन्ग टर्म के लिए सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है। दरअसल अगर आप रोजाना कोल्ड ड्रिंक्स के आदी हैं, तो इसे अपने लिस्ट से साइड ही कर दें, क्योंकि कोल्ड ड्रिंक्स की वजह से बॉडी में सेरोटोनिन कम होने लगता है, जिस वजह से सेक्स की इच्छा कम हो सकती है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि कोल्ड ड्रिंक्स में आर्टिफिशियल स्वीटनर्स मिलाये जाते हैं, जो सेरोटोनिन हॉर्मोन को कम करने में सहायक होता है।

प्रोसेस्ड फूड (Processed food): प्रोसेस्ड फूड में जिंक का लेवल अत्यधिक कम हो जाता है, जो पुरुषों के सेक्शुअल हेल्थ के लिए नुकसानदायक होता है। प्रोसेस्ड चीज से भी दूरी बनाये रखना चाहिए।

कैन फूड (Packed food): वक्त की कमी के कारण ज्यादातर लोग कैन फूड यानी रेडी टू ईट फूड्स पर निर्भर रहने लगे हैं। लेकिन स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे खाद्य पदर्थों में सोडियम लेवल ज्यादा होता है। ऐसे में ब्लड प्रेशर बढ़ने की संभावना बनी रहती है, तो वहीं हाई सोडियम लेवल की वजह से मेल रिप्रोडक्टिव ऑर्गेन में ब्लड फ्लो ठीक तरह से नहीं होता है।

इन ऊपर बताये खाद्य पदार्थों एवं पेय पदार्थों के सेवन से बचें और स्वस्थ्य रहें। हालांकि टेस्टोस्टेरोन लेवल को बैलेंस बनाये रखना कोई कठिन काम नहीं है। इस आर्टिक में आगे जानिए लो टेस्टोस्टेरोन लेवल बैलेंस कैसे रखें।

और पढ़ें : पालक से शिमला मिर्च तक 8 हरी सब्जियों के फायदों के साथ जानें किन-किन बीमारियों से बचाती हैं ये

टेस्टोस्टेरोन लेवल बैलेंस रखने के लिए क्या करें?

आपको अपने आहार में निम्नलिखित खाद्य पदार्थों को शामिल करना चाहिए। जैसे:

  • पालक
  • केल
  • स्विस चार्ड
  • सेम
  • दाल
  • नट्स
  • बीज
  • साबुत अनाज
  • शहद
  • अदरक
  • अनार
  • हिलसा
  • साल्मन
  • सार्डिन
  • ट्राउट
  • टूना

इन ऊपर बताई गई फूड लिस्ट को नियमित रूप से फॉलो करें।

और पढ़ें : Testicular Pain: अंडकोष में दर्द क्या है? जानें इसके कारण, लक्षण और उपाय

इन ऊपर बताई गई बातों को अगर ध्यान से समझें, तो अगर कोई कपल बेबी प्लानिंग कर रहें हैं और कंसीव करने में उन्हें परेशानी आ रही है, तो ऐसे में दोनों ही पार्टनर को अपनी फर्टिलिटी चेकअप जरूर करवानी चाहिए। इससे कंसीव के कारणों को ठीक तरह से समझने में आसानी होगी। ऐसा नहीं है कि अगर किसी व्यक्ति को इनफर्टिलिटी की समस्या है, तो इसका इलाज संभव नहीं है। बढ़ती टेक्नोलॉजी और हेल्दी लाइफ स्टाइल से किसी भी शारीरिक या मानसिक परेशानियों को दूर करने में मदद मिलती है। वहीं अगर आप टेस्टोस्टेरोन या इनफर्टिलिटी से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।

डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

Alcohol and the Male Reproductive System/https://pubs.niaaa.nih.gov/publications/arh25-4/282-287.htm/Accessed on 05/02/2021

Testosterone increases in men after a low dose of alcohol/https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/12711931/Accessed on 05/02/2021

What are the effects of alcohol?/https://www.health.gov.au/health-topics/alcohol/about-alcohol/what-are-the-effects-of-alcohol/Accessed on 05/02/2021

Testosterone Replacement in Non-alcoholic Steatohepatitis (TEREPINS) (TEREPINS)/https://clinicaltrials.gov/ct2/show/NCT01919294/Accessed on 05/02/2021

Effect of Meal Composition on Postprandial Testosterone Concentration in Women With Polycystic Ovary Syndrome/https://clinicaltrials.gov/ct2/show/NCT00455338/Accessed on 05/02/2021

Testosterone blood test/https://www.healthdirect.gov.au/testosterone-test/Accessed on 05/02/2021

Current Version

05/02/2021

Nidhi Sinha द्वारा लिखित

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील

Updated by: Nidhi Sinha


संबंधित पोस्ट

Enlarged Prostate: प्रोस्टेट का बढ़ना क्या है? जानें इसके कारण, लक्षण और उपाय

Peyronie's Disease: लिंग का टेढ़ापन (पेरोनी रोग) क्या है? जानें इसके कारण, लक्षण और उपाय


के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

डॉ. प्रणाली पाटील

फार्मेसी · Hello Swasthya


Nidhi Sinha द्वारा लिखित · अपडेटेड 05/02/2021

ad iconadvertisement

Was this article helpful?

ad iconadvertisement
ad iconadvertisement