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पुरुषों के लिए हॉर्मोन डायट क्यों जरूरी है?

पुरुषों के लिए हॉर्मोन डायट क्यों जरूरी है?

फिट और युवा दिखने का एक कारण कुछ निश्चित हॉर्मोन्स का बैलेंस होना भी होता है। अक्सर हम महिलाओं में होने वाले हॉर्मोनल इम्बैलेंस (hormonal imbalance) के बारे में सुनते और पढ़ते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है पुरुषों में भी हॉर्मोनल इंबैलेंस होता है जो उनके स्वास्थ्य से जुड़ा है। हालांकि हॉर्मोन जेंडर स्पेसिफिक नहीं होते हैं, लेकिन कुछ हॉर्मोन का ग्रुप पुरुषों की हेल्थ को प्रभावित करता है। नेशनल इंस्ट्टीयूट ऑफ हेल्थ के अनुसार यह कोशिकाओं या यहां तक कि आपके पूरे शरीर में बड़े परिवर्तन का कारण बनता है। इसलिए कुछ निश्चित हॉर्मोन का बहुत ज्यादा या बहुत कम होना गंभीर हो सकता है।  वैसे तो कई हॉर्मोन हेल्थ को प्रभावित करते हैं, लेकिन पुरुषों के लिए तीन हॉर्मोन का  महत्वपूर्ण होते हैं। जिसमें टेस्टोस्टोरॉन (testosterone), ग्रोथ हॉर्मोन (growth hormone) और कॉर्टिसॉल (cortisol) प्रमुख हैं। सबसे पहले बात करते हैं टेस्टोस्टेरॉन की। 

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टेस्टोस्टोरॉन (testosterone)

इसे मेल हॉर्मोन कहा जाता है। यह पुरुषों के पुरुषत्व, कॉन्फिडेंस और सेक्स ड्राइव और डिजायर में प्रमुख भूमिका निभाता है। उम्र के साथ टेस्टोस्टॉन के लेवल में कमी आती जाती है। 30 साल के बाद हर साल टेस्टोस्टॉन में 1 प्रतिशत की कमी होती है। शादी और बच्चों के बाद टेस्टोस्टॉन में नैचुरली ड्रॉप आ जाता है। वहीं कुछ स्टडीज में ऐसा दावा किया जाता है कि उम्र का टेस्टोस्टॉन के लेवल पर कोई असर नहीं पड़ता है। अनहेल्दी हैबिट्स टेस्टोस्टॉन में कमी का कारण बनती हैं। नींद की कमी भी लो टेस्टोस्टॉन का कारण बनती है। अगर कोई पुरुष दो हफ्ते तक कम सोता है तो टेस्टोस्टॉन के लेवल में 15 प्रतिशत तक कमी देखी जा सकती है। आज की मॉर्डन और अनहेल्दी डायट भी इसके लेवल को प्रभावित करती है, लेकिन पुरुषों के लिए हॉर्मोन डायट है जिसे फॉलो करके वे हॉर्मोन्स को बैलेंस कर सकते हैं। बहुत ज्यादा कॉर्बोहाइड्रेड का सेवन करने से इंसुलिन (insulin) में स्पाइक्स हो सकता है। जिसका टेस्टेस्टोरॉन और ग्रोथ लेवल्स हॉर्मोन पर प्रभाव पड़ता है। इसके साथ ही गुड फैट का पर्याप्त मात्रा में ना लेना और हेल्दी कोलेस्ट्रॉल का सेवन ना करना आपके कॉलेस्ट्रॉल को कम कर सकता है। 

टेस्टोस्टॉन का लेवल कम होने पर उसका ओवरऑल हेल्थ पर असर होता है। सेक्स ड्राइव में कमी के साथ ही, एक्सरसाइज करने के बाद भी शेप ना मिलना, एनर्जेटिक फील ना करना आदि शामिल हैं। लो टी लेवल (Low T Level) के साथ महिला पार्टनर को कंसीव करने में भी अधिक समय लगता है। 

जनरल ऑफ सेक्स मेडिसिन (Journal of Sex Medicine) में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार लो टेस्टोरॉन लेवल (Low testosterone level) के चलते मोटापा, ऑस्टियोपरोसिस Osteoporosis, ऑब्स्ट्रक्टिव स्लीप एप्निया, हार्ट प्रॉब्लम्स आदि क्रोनिक डिजीज का रिस्क होता है। इसके बाद दूसरा नंबर आता है ग्रोथ हॉर्मोन का जो पुरुषों की हेल्थ को प्रभावित करता है। 

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ग्रोथ हॉर्मोन (Growth Hormone)

नाम से आप ऐसा अनुमान लगा रहे होंगे कि ग्रोथ हॉर्मोन फिजिकल ग्रोथ के लिए रिस्पॉन्सिबल होगा। प्यूबर्टी (puberty) से पहले जितना अधिक ग्रोथ हॉर्मोन का लेवल होगा उतनी अच्छी आपकी लंबाई होगी। टेस्टोस्टॉन की तरह ग्रोथ हॉर्मोन उम्र के साथ कम होता है और यह शरीर की संचरना को कई तरह से प्रभावित करता है। एथलीट्स वर्कआउट के बाद इस हॉर्मोन का यूज करते हैं। 

बता दें कि ग्रोथ हॉर्मोन टेस्टोस्टेरॉनके लिए सुपरचार्जर की तरह काम करता है। जो लोग ग्रोथ हॉर्मोन के लिए किसी तरह को कोई ट्रीटमेंट लेते हैं वे पाएंगे कि उनका टेस्टोस्टेरॉन बढ़ गया है। बहुत अधिक ग्रोथ हॉर्मोन से कुछ साइड इफेक्ट्स भी जुड़े हुए हैं जिनमें ब्लड प्रेशर (blood pressure) का बढ़ना और ब्लड शुगर लेवल का बढ़ना (spikes in blood sugar) शामिल है। 

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कॉर्टिसोल हॉर्मोन का पुरुष की हेल्थ पर प्रभाव (How Cortisol Affects Men’s Health)

ग्रोथ हॉर्मोन का लेवल कॉर्टिसोल के लेवल से संबंधित है। इसे स्ट्रेस हॉर्मोन (Stress Hormone) भी कहा जाता है। अगर आप लंबे समय तक काम कर रहे हैं, अपने पर्सनल ईशूज को लेकर परेशान हैं या आपकी आदतें अच्छी नहीं है तो कॉर्टिसोल का लेवल बढ़ा हो सकता है। कॉर्टिसोल के हाय होने से ग्रोथ हॉर्मोन का लेवल कम होगा। हाय कोर्टिसोल गलत जगहों पर वेट गेन का कारण बनता है। जो लोग हेल्दी लाइफ नहीं जीते उनका स्ट्रेस हॉर्मोन बढ़ा होता है जिसका परिणाम बैली फैट होता है। बैली फैट अनहेल्दी फैट होता है जो कि हार्ट डिजीज, डायबिटीज और कुछ प्रकार से कैंसर का कारण बन सकता है। नींद पूरी ना होना भी कॉर्टिसोल के बढ़ने का कारण बनता है। हार्मोन इंबैलेंस होने पर डायट महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। तो आइए जानते हैं पुरुषों के लिए हॉर्मोन डायट कैसी होनी चाहिए। उन्हें इस डायट में किन फूड्स को शामिल करना चाहिए और किन्हें नहीं। 

पुरुषों के लिए हॉर्मोन डायट में शामिल करें क्रूसीफेरस वेजिटेबल  (Cruciferous vegetables)

पुरुषों के लिए हॉर्मोन डायट

क्रुसीफेरस सब्जियां स्पेशली ब्रोकली और ब्रोकली स्प्राउट्स लिवर को कुशल और स्वस्थ तरीके से एस्ट्रोजन (Estrogen) को मेटाबोलाइज करने में मदद करती हैं। फूलगोभी, ब्रसल्स स्प्राउट, काले और पत्तागोभी ये सभी क्रूसीफेरस सब्जियां हैं। इन्हें अपने डेली रूटीन में शामिल कर एस्ट्रोजन इम्बैलेंस (Estrogen imbalance) से बचने के साथ ही एस्ट्रोजन डोमिनेंट कैंसर (Estrogen Dominant Cancer) से आप बच सकते हैं। इनको ऑलिव ऑयल के साथ भूनें। यह विटामिन ए, डी, के और ई के एब्जॉर्प्शन में मदद करता है। या आप ब्रोकली और कॉलीफ्लॉवर का सूप भी बना सकते हैं। 

और पढ़ें: महिलाओं में सेक्स हॉर्मोन्स कौन से हैं, यह मासिक धर्म, गर्भावस्था और अन्य कार्यों को कैसे प्रभावित करते हैं?  

पुरुष के लिए हॉर्मोन डायट प्लान बनाएं तो उसमें टूना (tuna) और साल्मन मछली (Salmon) को शामिल करना ना भूलें 

फैट और कोलेस्ट्रॉल हॉर्मोन्स के बिल्डिंग ब्लॉक्स की तरह हैं। एस्ट्रोजन और टेस्टोस्टेरॉन की बेहतरी के लिए पर्याप्त कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol ) की आवश्यकता होती है। इसके लिए ओमेगा-3 (omega-3s) वाले फूड्स को चुनें और सैचुरेटेड फैट्स का सेवन कम से कम करें। ट्रांस फैट को अपनी लिस्ट से बाहर कर दें। साल्मन (Salmon), टूना (tuna), अखरोट (walnuts), अलसी के बीच (flaxseed), ऑलिव ऑयल (olive oil), चिया सीड्स (chia seeds) और एवोकाडो (avocado) ये सभी ओमेगी 3 फैटी एसिड्स के अच्छे सोर्स हैं। इन्हें अपनी हॉर्मोन डायट में जगह दें।

एवोकाडो (Avocados) को बनाए पुरुषों के लिए हॉर्मोन डायट का अहम हिस्सा

एवोकाडो में  बीटा सिटोस्टेरॉल (beta-sitosterol) भरपूर मात्रा में पाया जाता है जो ब्लड कोलेस्ट्रॉल लेवल (Cholesterol level) को सकारात्मक रूप से प्रभावित करता है और कॉर्टिसोल को बैलेंस करने में मदद करता है। आप ब्रेकफास्ट या डिनर में आधा एवोकाडो खा सकते हैं। यह आपको लंबे समय तक पेट भरा होना का एहसास भी कराता है। पुरुषों के लिए हॉर्मोन डायट में एवाकोडो को शामिल करना ना भूलें। 

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पुरुषों के लिए हॉर्मोन डायट: सब्जियां और फल खाएं, लेकिन ऑर्गेनिक (Fruits and vegetables – preferably organic)

कई स्टडीज में इस बात का खुलासा किया गया है कि हाय पेस्टिसाइड फ्रूट और वेजिटेबल (High Pesticide Fruit and Vegetable) एक बार खाने से ही फर्टिलिटी (Fertility) पर नेगेटिव असर पड़ता है। कई कीटनाशक हार्मोन अवरोधकों के रूप में कार्य करते हैं, जिसका मतलब है कि वे या तो आपके शरीर में हार्मोन की नकल करते हैं या वे बॉडी के हॉर्मोन्स के कार्यों को प्रभावित करते हैं। ‘ अगर आप ऑर्गेनिक फल और सब्जियां खाना अफोर्ड नहीं कर सकते तो उन्हें ना खाना ही अच्छा होगा। 

पुरुषों के लिए हॉर्मोन डायट हाय फाइबर (High fiber) और कॉर्बोहाइड्रेड (carbohydrate) वाले फूड्स शामिल करना भी है जरूरी

हाय फाइबर डायट बॉडी से हॉर्मोन के एक्सेस को क्लिर करने में मदद करती है। पुरुष के लिए हॉर्मोन डायट में नॉन स्ट्रार्ची और स्टार्ची दोनों सब्जियों को जगह दें। टमाटर, गाजर, शकरकंद और साबुत अनाज, बीन्स आदि को डायट में शामिल करें। डिनर में भी स्टार्च को शामिल करना कॉर्टिसोल के लेवल को मैनेज करने में मदद करता है। 

कुछ फूड्स हॉर्मोनल इंबैलेंस का कारण बन सकते हैं उन्हें पुरुषों के लिए हॉर्मोन डायट से हटाना जरूरी है। जो निम्न हैं।

  •  प्रोसेस्ड फूड्स (Processed foods)
  • फ्राइड फूड्स
  • शुगर और आर्टिफिशियल स्वीटनर्स
  • एल्कोहॉल
  • कैफीन

और पढ़ें: Growth Hormone Test: ग्रोथ हॉर्मोन टेस्ट क्या है?

इस तरह आप हॉर्मोन डायट को तैयार करे उसे फॉलो कर सकते हैं। उम्मीद करते हैं कि आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा और पुरुषों के लिए हॉर्मोन डायट से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। पुरुषों के लिए हॉर्मोन डायट तैयार करते वक्त एक बार डायटीशियन से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।

डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

Hormones/https://nutritionfacts.org/topics/hormones/ Accessed on 11th Feb 2021

Diets that Work/https://www.hormone.org/support-and-resources/resource-library/diets-that-support-weight-loss-and-management/Accessed on 11th Feb 2021

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Obesity and hormones/https://www.betterhealth.vic.gov.au/health/healthyliving/obesity-and-hormones/Accessed on 11th Feb 2021

Current Version

12/02/2021

Manjari Khare द्वारा लिखित

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील

Updated by: Manjari Khare


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डॉ. प्रणाली पाटील

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Manjari Khare द्वारा लिखित · अपडेटेड 12/02/2021

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