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मसल्स स्ट्रेन, नेक और बैक पेन में राहत दिला सकती है डीप टिशू मसाज!

मसल्स स्ट्रेन, नेक और बैक पेन में राहत दिला सकती है डीप टिशू मसाज!

डीप टिशू मसाज (Deep tissue massage) एक मसाज टेक्निक है, जिसका उपयोग मस्क्युलोस्केलेटल इशूज (Musculoskeletal issues) जैसे कि स्ट्रेन (Strain) और स्पोर्ट्स इंजरी (Sports injury) के उपचार में किया जाता है। इस प्रकार की मसाज में धीरे और गहरे स्ट्रोक (stroke) के साथ लगातार प्रेशर डाला जाता है। जिसमें मसल्स की इनर लेयर और कनेक्टिव टिशूज (Connective tissues) को टार्गेट किया जाता है। डीप टिशू मसाज (Deep tissue massage) इंजरी के बाद बनने वाले स्कार टिशूज को ठीक करके मसल्स और टिशूज में होने वाली टेंशन को कम करने में मदद करती है। यह ब्लड फ्लो और इंफ्लामेशन को कम करके हीलिंग में मदद करती है। इसके कई अन्य फायदे भी हैं, जानते हैं उनके बारे में।

डीप टिशू मसाज के फायदे (Deep tissue massage benefits)

इस मसाज के शारीरिक और मानसिक दोनों तरह के फायदे हैं। दूसरी मसाज तकनीक रिलैक्सेशन (Relaxation) पर काम करती हैं। वहीं डीप टिशू मसाज मसल पेन और स्टिफनेस (Stiffness) को ठीक करने में मदद करती है। साथ ही यह मानसिक फायदे भी पहुंचती है।

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तनाव कम करने में मददगार (Deep tissue massage for stress relieving)

डीप टिशू मसाज तनाव दूर करने में बेहद मददगार है। अगर आप किसी भी कारण से तनाव महसूस कर रहे हैं, तो यह मसाज तनाव दूर करने में और रिलैक्सेशन में मददगार साबित हो सकती है। टिशू मसाज बॉडी में कोर्टिसोल (Cortisol) के लेवल को कम कर ऑक्सिटॉसिन (oxytocin) के लेवल को बढ़ाने में मदद करती है। ऑक्सिटोसिन बॉडी को रिलैक्स कर सूदिंग फील करवाता है। यह मसाज टाइट मसल्स (Tight Muscles) और शोल्डर के साथ ही टेंशन हैडेक (Tension Headache) को ठीक करने में मददगार है।

दर्द कम करने में मददगार (Deep tissue massage for pain Management)

ऐसी कई कंडिशन हैं जिनका उपचार करने में यह मसाज तकनीक कारगर है। लोअर बैक में होने वाले क्रोनिक पेन, प्लांटर फेशिआइटिस (Plantar fasciitis), फाइब्रोमायल्जिया (Fibromyalgia) और स्टिफ नेक (Stiff necks) का इलाज डीप टिशू मसाज थेरिपी कर सकती है।

मांसपेशियों में तनाव जो आमतौर पर पुराने दर्द के साथ होता है, उसे इस मसाज के साथ भी कम किया जा सकता है, क्योंकि यह टाइट टिशूज को ढीला कर सकती है, जिसके कारण दर्द होता है। 2014 में 59 लोगों पर की गई एक स्टडी के अनुसार डीप टिशू मसाज नॉनस्ट्रेरियोडायल एंटी इंफ्लोमेटरी ड्रग (Nonsteroidal anti inflammatory drug) जैसे कि आईबुप्रोफेन की तरह असरकार है।

डीप टिशू मसाज/ Deep tissue massage

स्कार टिशूज (Scar tissue) को ठीक कर मूवमेंट को आसान बनाती है

ऐसे एरियाज जहां स्कार टिशूज होते हैं, वहां क्रोनिक पेन (Chronic pain) और स्टिफनेस होती है। रेगुलर टिशू मसाज स्कार टिशूज के ब्रेकअप में मदद करती है। इस मसाज से लिम्फेटिक सर्क्युलेशन (Lymphatic circulation) में सुधार होने के साथ ही फ्लैगजिबिलिटी और मोशन में भी मदद मिलती है। जो लोग इंजरी के बाद रिकवरी कर रहे होते हैं उन्हें अक्सर स्कार टिशूज को कम करने के लिए ये मसाज रिकमंड की जाती है।

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अर्थराइटिस के लक्षणों को कम करने में मददगार (Deep tissue massage for Arthritis)

इस मसाज थेरिपी का उपयोग अर्थराइटिस के कई लक्षणों (Arthritis symptoms) के उपचार में किया जाता है। जिसमें दर्द, स्टिफनेस, लिमिटेड रेंज ऑफ मोशन और स्लीप प्रॉब्लम्स शामिल हैं। मॉडरेट प्रेशर अर्थराइटिस के दर्द को कम करने के साथ ही मसल्स टेंशन को रिलीज करता है। यह मूवमेंट को भी आसान बनाता है।

इंर्ज्ड मसल्स (Injured Mussels) के लिए बेहतर ऑप्शन

अगर आपकी मसल्स इंर्ज्ड हैं तो डीप टिशू मसाज स्ट्रेच, टाइट और मुड़ी हुई मसल्स को ठीक करने में मदद करती है। इसके साथ ही ये मांसपेशियों से टॉक्सिन्स को निकालने में भी मददगार है। टिशू मसाज स्पोर्ट इंजरी (Sport injury) में भी उपयोगी है। कई एथलीट्स अपनी रिकवरी के लिए इस मसाज थेरिपी का उपयोग करते हैं। क्योंकि यह मसल सोरनेस, मसल्स फटीग (Muscle fatigue) को कम करने के साथ ही इंजरी को रोकने में मदद कर सकती है।

 लेबर और डिलिवरी में मददगार

मसाज महिलाओं को लेबर के दौरान दर्द को कंट्रोल करने में मदद करती है। लेबर के पहले ली गई ये मसाज प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को रिलैक्स करने और टाइट मसल्स को आराम दिलाने में मददगार है। जो महिलाएं प्रेग्नेंसी के दौरान मसाज लेती हैं उन्हें मसाज ना लेने वाली महिलाओं की तुलना में डिलिवरी के दौरान कम दर्द होता है। प्रेग्नेंसी के दौरान किसी भी प्रकार की मसाज लेने से पहले डॉक्टर से कंसल्ट जरूर करें

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डीप टिशू मसाज कैसे दी जाती है? (Deep tissue massage Process)

मसाज के पहले मसाज थेरिपिस्ट प्रॉब्लम एरिया के बारे में पूछेगा। डीप टिशू मसाज किसी एक एरिया या पूरी बॉडी में ली जा सकती है। मसाज के लिए रेडी होते ही शीट पर पीठ या पेट के बल लेटने के लिए कहा जाएगा। जिस एरिया पर आप मसाज लेने चाहते हैं उसे थेरेपिस्ट के सामने एक्सपोस्ड करना होगा। मसाज थेरेपिस्ट पहले हल्के टच के द्वारा मसल्स को वार्म अप (Warm up) करेगा। जैसे ही आप वार्म अप हो जाते हैं, वह दर्द या टेंशन वाले एरिया पर काम करना शुरू कर देगा। वह डीप स्ट्रोक के साथ ही इंटेंस प्रेशर का उपयोग करके मसाज करेगा।

डीप टिशू मसाज क्या सभी के लिए सेफ है?

टिशू मसाज के बाद सुस्ती और कुछ दिन सोरनेस का अनुभव करना सामान्य है। हॉट और कोल्ड कम्प्रेस से आप इससे राहत प्राप्त कर सकते हैं। मसाज थेरिपी सामान्यत: सुरक्षित होती है, लेकिन डीप टिशू मसाज में तेज प्रेशर का उपयोग किया जाता है जो कि सबके लिए सेफ नहीं है। टिशू मसाज लेने से पहले डॉक्टर से मदद बात करें अगर आपके साथ निम्न कंडिशन हैं।

  • ब्लड क्लॅाट्स और क्लोटिंग डिसऑर्डर (Clotting disorder) होने पर
  • अगर आप ब्लड थिनर्स का उपयोग कर रहे हैं
  • अगर ब्लीडिंग डिसऑर्डर (Bleeding disorder) है
  • अगर कैंसर है या कैंसर का ट्रीटमेंट जैसे कि कीमोथेरिपी (Chemotherapy) या रेडिएशन थेरिपी ले रहे हो
  • ऑस्टियोपरोसिस होने पर
  • कैंसर जो हड्डियों तक फैल चुका हो ऐसे में डीप टिशू मसाज अवॉइड करना चाहिए। क्योंकि तेज प्रेशर प्रैक्चर का कारण बन सकता है।
  • किसी प्रकार का स्किन इंफेक्शन या घाव होने पर आपको मसाज लेना अवॉइड करना चाहिए।

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डीप टिशू मसाज (Deep Tissue Massage) और स्वीडिश मसाज (Swedish Massage) में क्या हैं?

डीप टिशू मसाज और स्वीडिश मसाज दो अलग प्रकार की मसाज थेरिपी हैं। दोनों में कुछ एक जैसे स्ट्रोक का उपयोग किया जाता है, लेकिन इनका उपयोग अलग है। दोनों में अंतर इनमें यूज किए जाने वाले प्रेशर से होता है। स्वीडिश और टिशू मसाज में कुछ अंतर निम्न हैं।

उपयोग

डीप टिशू मसाज का उपयोग क्रोनिक पेन और मसल और स्पोर्ट्स रिलेटेड इंजरीज में किया जाता है। वहीं स्वीडिश मसाज मुख्य रूप से रिलैक्सेशन के लिए होती है। यह रेगुलर एक्टिविटीज के कारण होने वाली मसल टेंशन को कम करती है।

प्रेशर

स्वीडिश मसाज डीप टिशू मसाज की तुलना में कम प्रेशर का उपयोग किया जाता है। दोनों प्रकार की मसाज में हथेलियों और उंगलियों का उपयोग टिशूज पर किया जाता है, लेकिन डीप टिशू मसाज में प्रेशर बढ़ाने के लिए कोहनी और कलाईयों का उपयोग भी किया जाता है।

फोकस एरिया

डीप टिशू मसाज मसल्स की इनर लेयर को टार्गेट करती है। यह मसल और टेंडन इंजरीज, पेन और मसल्स ग्रुप और जॉइंट में होने वाली स्टिफनेस के लिए की जाती है। वहीं स्वीडिश मसाज में मसल्स की सुपरफीशियल लेयर को टार्गेट किया जाता है। इसके सााथ ही बॉडी के उन पार्ट्स पर फोकस किया जाता है जो ज्यादातर टेंशन को होल्ड करते हैं। जैसे कि गर्दन, शोल्डर्स और बैक।

डीप टिशू मसाज (Deep tissue massage) लेना चाहते हैं, तो इन बातों का ध्यान रखें

  • डीप टिशू मसाज किसी क्वालिफाइड थेरेपिस्ट से ही लें।
  • अपने डॉक्टर या किसी फिजियोथेरेपिस्ट से इसके बारे में पूछें
  • याद रखें सभी मसाज थेरेपिस्ट डीप टिशू मसाज थेरिपी में स्पेशलाइज्ड नहीं होते इसलिए उनसे पहले ही इस बारे में जानकारी प्राप्त कर लें

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Current Version

28/06/2021

Manjari Khare द्वारा लिखित

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील

Updated by: Nidhi Sinha


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के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

डॉ. प्रणाली पाटील

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Manjari Khare द्वारा लिखित · अपडेटेड 28/06/2021

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