‘बहुत ज्यादा बॉडी पेन हो रहा है…😒’ ऐसा बुखार (Fever) लगने के लक्षण हो सकते हैं, अत्यधिक थकावट की वजह से भी ऐसा हो सकता है या फिर लॉन्ग वर्किंग आवर भी शारीरिक पीड़ा का कारण माना जा सकता है। अब ऐसी स्थिति होने पर सिर्फ एक ही शब्द बार-बार दिल और दिमाग में बस जाते हैं और वह है कैसे पाया जाए! अगर आपकी या आपके आस पास रह रहे लोगों की भी यही परेशानी है, तो हैलो स्वास्थ्य आपके लिए लेकर आए पेन रिलीफ (Pain relief) यानी इस दर्द (Pain) को कैसे दूर किया जाए इसका जवाब। तो चलिए इस आर्टिकल में आगे जानेंगे पेन मैनेजमेंट से जुड़ी सभी जानकारी। लेकिन सबसे पहले जान लेते हैं कि बॉडी पेन या शरीर के किसी भी हिस्से में दर्द क्यों होता है।
क्यों होता है बॉडी पेन (Body pain) या शारीरिक हिस्सों में दर्द?
शारीरिक पीड़ा (Body Pain) के कई कारण हो सकते हैं। बॉडी पेन होना और पेन रिलीफ के लिए घरेलू उपायों का सहारा लेना सामान्य है। लेकिन अगर इस सामान्य परेशानी को जरा भी नजरअंदाज किया गया तो यह आपकी शारीरिक एवं मानसिक दोनों तरह की परेशानियों को दावत देने के लिए काफी है। दरअसल बदन में दर्द अगर ज्यादा देर तक हो या बार-बार ऐसी परेशानी हो, तो ऐसी स्थिति में शारीरिक पीड़ा या परेशानी के अलावा मानसिक पीड़ा भी शुरू हो सकती है। अगर साफ शब्दों में कहें, तो एक दर्द सौ दर्द को दावत देने से कम नहीं है। नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (NCBI) के अनुसार बदन दर्द के कई कारणों में शामिल है-
- ब्लड प्रेशर नॉर्मल न रहना
- फ्लू होना
- थायरॉइड संबंधी परेशानी होना (थायरॉइड की वजह से भी बॉडी पेन हो सकती है)
- टेंशन होना या टेंशन में रहना
- शरीर में विटामिन-डी (Vitamin D) की कमी होना
- ज्यादा देर तक बैठ कर काम करना
- वेट लिफ्टिंग ठीक तरह से न करना या वजन ठीक तरह से ना उठाना
- जरूरत से ज्यादा व्यायाम करना
इन स्थितियों के अलावा अन्य शारीरिक परेशानियों की वजह से बॉडी पेन की समस्या हो सकती है। लेकिन ऐसी स्थिति में पेन रिलीफ (Pain Relief) का सेवन या घरेलू उपाय से दर्द में राहत पाया जा सकता है। पेन रिलीफ के लिए पेन मैनेजमेंट जानना बेहद जरूरी है।
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पेन रिलीफ यानी दर्द से छुटकारा पाने के लिए क्या-क्या घरेलू उपाय अपनाये जा सकते हैं?
पेन रिलीफ के लिए निम्नलिखित घरेलू उपाय अपनाये जा सकते हैं। जैसे:
- बॉडी पेन होने पर पेन मैनेजमेंट यानी दर्द से राहत पाने के लिए हल्दी वाला दूध पीएं।
- नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी (NCBI) के अनुसार बादाम का तेल दर्द निवारक की तरह काम करता है। इसलिए बादाम के तेल से बॉडी मसाज करवाएं।
- बॉडी पेन रिलीफ के लिए सिकाई भी बेहद लाभकारी माना जाता है। लेकिन किसी-किसी शारीरिक हिस्से पर बर्फ से भी सिकाई की सलाह दी जाती है।
- बॉडी पेन रिलीफ के लिए विटामिन-डी का सेवन भी बेहद जरूरी है। आप सुबह-सुबह सूर्य की किरणों में कुछ देर बैठ सकते हैं और आहार में विटामिन-डी से भरपूर खाद्य पदार्थ जैसे मशरूम, अंडे का पीला वाला भाग (Yolk), गाय का दूध (Cow milk), सोया मिल्क या फिर संतरे के जूस का सेवन कर सकते हैं।
- रेग्यूलर डायट में चेरी शामिल करें, क्योंकि इसमें पोटैशियम और मैग्निशियम होता है, जो दर्द निवारक माना जाता है।
ये ऊपर बताये घरेलू उपाय पेन रिलीफ का बेस्ट ऑप्शन माना जाता है। अगर आपको भी बॉडी पेन जैसी कोई अन्य पेन जैसे कलाई में दर्द होना, जांघ में दर्द होना, काल्फ में दर्द होना या कूल्हे में दर्द समस्या बनी रहती है, तो इन आसान से उपायों को अपनाएं और दर्द को कहें बाय-बाय!
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नैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ हेल्थ (National Institutes of Health) के अनुसार पेन रिलीफ के लिए कुछ खास विकल्पों को अपनाया जा सकता है। जैसे:
- एक्यूपंक्चर (Acupuncture)- दर्द से राहत दिलाने के लिए एक्यूपंक्चर का सहारा लिया जा सकता है।
- बायोफीडबैक (Biofeedback)- बायोफीडबैक एक ऐसी प्रक्रिया है जिससे हार्ट रेट, ब्लड प्रेशर या मासंपेशियों में दर्द जैसी तकलीफों से राहत दिलाने में आपकी मदद करता है।
- कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरिपी (Cognitive behavioral therapy)- इस प्रक्रिया के तहत पेन रिलीफ के लिए पेशेंट की काउंसिलिंग की जाती है।
- मसाज थेरिपी (Massage therapy)- मालिश से दर्द को कम किया जाता है।
- फिजिकल थेरिपी (Physical therapy)- इस थेरिपी की मदद से बॉडी को फ्लैक्सिबल करने के साथ-साथ पेन रिलीफ में भी सहायता मिलती है।
इन ऊपर बताये तरीकों से पेन रिलीफ में सहायता मिल सकती है। हालांकि आप खुद भी अपने आपसे पेन रिलीफ पा सकते हैं। तो इस आर्टिकल में आगे जानते हैं आखिर आप खुद ही कैसे दर्द को दूर कर सकते हैं। इनमें शामिल है:
- हेल्दी वेट मेंटेन करें- जरूरत से ज्यादा वजन होने की वजह से भी शारीरिक पीड़ा शुरू हो सकती है। इसलिए वजन को संतुलित बनाये रखें।
- फिजिकल एक्टिविटी- शरीर को सुस्त ना रहने दें। इसलिए फिजिकल एक्टिविटी करते रहें।
- अच्छी नींद- नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (NCBI) के अनुसार कम सोना भी बॉडी पेन का कारण बन सकता है। इसलिए 7 से 8 घंटे की नींद जरूर लें।
- इन पदार्थों से दूरी बनायें- तंबाकू या एल्कोहॉल जैसे खाद्य या पेय पदार्थों का सेवन ना करें।
इन छोटी-छोटी बातों को ध्यान में रखकर बड़ी-बड़ी बीमारियों को मात दिया जा सकता है। इस आर्टिकल में आगे जानेंगे पेन रिलीफ की दवाओं के बारे में।
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पेन रिलीफ के लिए कौन-कौन सी दवाएं दी जाती हैं? (Pain relief Medicines)
डिपार्टमेंट ऑफ हेल्थ एंड ह्यूमन सर्विसेस (Department of Health & Human Services) के अनुसार पेन रिलीफ के लिए निम्नलिखित दवाओं का सेवन किया जा सकता है या डॉक्टर प्रिस्क्राइब कर सकते हैं। इन दवाओं में शामिल है:
- पैरासिटामोल (Paracetamol)- बदन दर्द और बुखार के इलाज में सबसे पहले दी जानी वाली दवाओं में शामिल है पैरासिटामोल (Paracetamol)।
- एस्प्रिन (Aspirin)- सिरदर्द (Headache) या पीरियड्स पेन रिलीफ के लिए एस्प्रिन (Aspirin) प्रिस्क्राइब की जा सकती है।
- आइबूप्रोफेन (Ibuprofen)- दर्द और सूजन जैसी तकलीफ में दी जाने वाली दवा।
इन दवाओं के अलावा लोकल एनेस्थीसिया, एंटीडिप्रेसेंट या एंटी-एपिलेटिक मेडिसिन प्रिस्क्राइब की जा सकती है।
नोट: इन ऊपर बताई गई दवाओं का सेवन अपनी मर्जी से ना करें, क्योंकि इनके साइड इफेक्ट्स गंभीर हो सकते हैं। इसलिए डॉक्टर से कंसल्ट करने के बाद ही इन दवाओं का सेवन करें। इस आर्टिकिल में आगे समझेंगे पेन रिलीफ दवाओं का शरीर पर नेगेटिव प्रभाव क्या पड़ता है।
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पेन रिलीफ मेडिसिन्स से होने वाले साइड इफेक्ट्स क्या हैं? (Side effects of Pain relief)
- पैरासिटामोल के डोज से ज्यादा सेवन करने पर स्किन से परेशानी जैसे रैश या लिवर से जुड़ी परेशानी हो सकती है।
- एस्प्रिन के ज्यादा डोज होने पर उल्टी, इंडायजेशन (अपच), जी मिचलना, किडनी डैमेज, अस्थमा अटैक, ब्लीडिंग या पेट के अल्सर का खतरा बना रहता है।
- आइबूप्रोफेन से उल्टी, पेट का अल्सर या फिर एसिडिटी की समस्या हो सकती है।
ध्यान रखें हर दवा की साइड इफेक्ट्स हो सकती है। इसलिए खुद से खुद का इलाज ना करें और पेन से जुड़ी जानकरी हासिल करें और डॉक्टर से कंसल्ट करें।
पेन रिलीफ के साथ-साथ शरीर के कौन से हिस्से में दर्द है, इसे समझना जरूरी है, क्योंकि तभी आप डॉक्टर को बेहतर तरीके से एक्सप्लेन कर पाएंगे। इसलिए निम्नलिखित बातों को जरूर समझें। जैसे:
डॉक्टर से कब कंसल्ट करना चाहिए?
पेन रिलीफ के लिए अगर घरेलू उपाय से राहत न मिलने पर निम्नलिखित स्थितियों में डॉक्टर से जरूर मिलें। जैसे:
- दो से तीन सप्ताह से ज्यादा दर्द रहना
- दर्द की वजह से तनाव (Tension), एंग्जाइटी या डिप्रेशन जैसी स्थिति होना
- रिलैक्स महसूस ना करना
- दर्द की वजह से नींद नहीं आना
- एक्सरसाइज या योग नहीं कर पाना
- दैनिक कार्यों को करने में कठिनाई होना
इन ऊपर बताई स्थिति होने पर देर न करें और जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करें। और अब नीचे दर्द से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न आपसे साझा कर रहें हैं। इन प्रश्नों को जरूर समझें।
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दर्द से जुड़ी खास जानकारी, जो आपको जरूर जानना चाहिए
- आपको शरीर के कौन से हिस्से पर दर्द है?
- दर्द कब शुरू होता है और कब खत्म या लगातार बना रहता है?
- क्या आप दर्द सहन कर सकते हैं?
- दर्द के साथ-साथ या दर्द शुरू होने से पहले आपको अन्य परेशानी महसूस होती है?
- क्या किसी खास परिस्थिति में तकलीफ बढ़ जाती है?
- आपने कौन-कौन सी दवाइयों का सेवन किया है और उसका कितना फायदा मिला?
इन बातों का ध्यान जरूर रखें, जिससे आपका इलाज बेहतर तरीके से किया जा सकेगा और आपको जल्द से जल्द लाभ भी मिलेगा। अगर आप पेन रिलीफ (Pain Relief) से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।