जब भी वजन कम करने या फिट रहने की बात आती है, तो कई तरह के डायट चार्ट्स और फिटनेस प्रोग्राम के विकल्प हमारे सामने आ जाते हैं। कुछ दिनों पहले चर्चा में रही कीटो डायट (कम कार्बोहाइड्रेट, उच्च वसा) और कार्निवोर डायट (Carnivore diet) को ज्यादातर लोग जानते ही हैं, लेकिन एक और डायट जो हाल ही में सुर्खियों में आई है, वह है हॉर्मोन डायट (Hormone diet) है। कुछ लोग अपने हॉर्मोन्स के असंतुलन के चलते मोटापा कम नहीं कर पाते हैं। यह डायट ऐसे लोगों के लिए मददगार साबित हो रही है।
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क्या हैं हॉर्मोन डायट (Hormone Diet)?
हॉर्मोन डायट का पहला फोकस रहता है हॉर्मोन के उतार-चढ़ाव को कम करना क्योंकि माना जाता है हॉर्मोन का असंतुलन किसी भी व्यक्ति के वजन को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है। हालांकि यह डायट (Diet) वजन बढ़ाने और अन्य हेल्थ बेनिफिट्स में भी योगदान करती है।
हॉर्मोन डायट छह-सप्ताह तक तीन चरणों में चलने वाली प्रक्रिया है। इस डायट प्लान को हॉर्मोन को सिंक करके आहार, व्यायाम, न्यूट्रिशनल सप्प्लिमेंट और डिटॉक्स के माध्यम से स्वस्थ शरीर को बढ़ावा देने के लिए डिजाइन किया गया है। डायट आपके द्वारा खाए जाने वाले भोजन को नियंत्रित करने के साथ ही उसका समय भी निर्धारित करती है, जिससे आपके हॉर्मोन को ज्यादा से ज्यादा लाभ मिल सके।
फेज-1
डायट शुरू करने के पहले चरण में दो सप्ताह तक शरीर का डिटॉक्सिफिकेशन (Detoxification) होता है। इस फेज में ग्लूटेन युक्त अनाज, गाय के दूध से बने डेयरी प्रोडक्ट्स, एल्कोहॉल, कैफीन, मूंगफली, चीनी, अर्टिफिशियल स्वीटनर्स, रेड मीट और खट्टे फल खाने से मना कर दिया जाता है। इसकी बजाय नेचुरल ग्लूटेन युक्त फूड्स, सब्जियां, फल, फलियां, नट्स, पोल्ट्री, मछली, सोया, अंडे जैसे कई खाद्य पदार्थ शामिल करने की सलाह दी जाती है।
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फेज-2
दो सप्ताह के डिटॉक्स के बाद फेज-2 में उन आहारों में से कुछ को अपनी डायट में शामिल करने की सलाह देता है, जिससे यह पता चल सके कि आपका शरीर उनके प्रति कैसी प्रतिक्रिया दे रहा है। हालांकि, डायट ऐसे पदार्थों को खाने की मनाही रहती है जिससे हॉर्मोन्स का संतुलन बिगड़ सकता है। हार्मोन डायट के दूसरे चरण में उच्च फ्रक्टोज जैसे-कॉर्न सिरप, हाई मरकरी फिश, किशमिश, खजूर, मूंगफली जैसे फूड प्रोडक्ट्स शामिल हैं।
फेज-3
हॉर्मोन डायट के तीसरे चरण में कार्डियोवैस्कुलर एक्सरसाइज (Cardiovascular exercise) और स्ट्रेंथ ट्रेनिंग (Strength training) से संपूर्ण शारीरिक और मानसिक हेल्थ ध्यान दिया जाता है। वहीं, दूसरे चरण की आहार योजना तीसरे चरण में भी जारी रहती है।
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क्या कहना है डॉक्टर का?
डॉक्टर श्रुति श्रीधर (कंसल्टिंग होमियोपैथ एंड क्लिनिकल नूट्रिशनिस्ट) का कहना है कि “हॉर्मोन डायट वजन कम करने में मदद कर सकती है, क्योंकि इसमें कैलोरी कम होती है, लेकिन हार्मोन डायट, ‘हार्मोन को संतुलित करती है या नहीं’ इस बारे में अभी कोई भी वैज्ञानिक परिणाम नहीं मिले हैं। इसलिए, आपको एक स्वस्थ आहार लेना चाहिए, जो प्रिजर्वेटिवस फ्री हो। इसके साथ ही प्रोसेस्ड फूड्स का सेवन न करें। इसके अलावा हेल्दी लाइफ के लिए पर्याप्त व्यायाम के साथ आवश्यक पोषक तत्वों को लाइफस्टाइल में शामिल करें।”
हालांकि हॉर्मोन डायट में यह बताया गया है कि यह कैसे शरीर पर काम करती है लेकिन, हार्मोन डायट से मोटापा कम होता है, इस बारे में अभी कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं मिले हैं। हो सकता है यह डायट कई लोगों के लिए लंबे समय तक काम न करें।
मोटापा घटाने की अन्य विधियां क्या हैं?
मोटापा कम करने के लिए कई विकल्प आपको मिल सकते हैं। जिसमें जिम जाना, तरह-तरह की डायट फॉलो करना और सर्जरी के विकल्प भी आपको मिल सकते हैं। हालांकि, आपके लिए कौन सा विकल्प सबसे सुरक्षित और लाभकारी हो सकता है, यह पूरी तरह से आपके शारीरिक स्वास्थ्य, दैनिक आहार और लाइफ स्टाइल पर निर्भर कर सकता है। अगर आप बिना किसी स्पेशल जिम ट्रेनिंग या डायट के बगैर ही अपने बढ़े हुए वजन को कम करना चाहते हैं, तो आप निम्न बातों का भी ध्यान रख सकते हैं, जैसेः
कम से कम कैलोरी का सेवन करें
अपने दैनिक आहार में उन खाद्य पदार्थों को शामिल करें, जिनमें कैलोरी की मात्रा कम से कम पाई जाती हो। इसके लिए आप अपने आहार में प्रोटीन, साबूत अनाज, सब्जियां और फलों को शामिल कर सकते हैं। आपके बढ़े वजन को कम करने के लिए किस तरह के खाद्य पदार्थ आपके लिए लाभकारी हो सकते हैं, इसका चुनाव करने से पहले अपने डॉक्टर या आहार विशेषज्ञ की परामर्श अवश्य लें।
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भरपूर मात्रा में पानी पीएं
दिन की शुरूआत आपको एक गिलास पानी पीने से करनी चाहिए। साथ ही, आपको अपने पानी पीने की आदत में बदलाव लानी चाहिए। अगर आपको लगता है कि आपके मोटापे का सबसे मुख्य कारण आपका अधिक आहार खाना है, तो पानी पीने की आदत इसमें आपकी कुछ मदद कर सकती है। जब भी आपके हल्की-हल्की भूख महसूस हो, तो आपको पानी पीने की आदत डालने चाहिए। साथ ही, अपने लंच और डिनर करने के समय से आधे घंटे पहले ही आपको भर पेट पानी पीना चाहिए। जिससे आप कम भूख महसूस हो और आप आसानी से अपने भूख को कंट्रोल कर सकें।
उचित उपचार लें
कुछ स्वास्थ्य समस्याओं जैसे, कोई क्रोनिक डिजीज, डायबिटीज, बीपी की समस्या आदि में नियमित तौर पर कुछ दवाओं का सेवन करना पड़ सकता है। इस तरह की दवाएं भी वजन बढ़ाने और मोटापे का कारण बन सकती हैं। अगर आपको ऐसी कोई स्वास्थ्य स्थिति है, जिसके लिए आप दैनिक तौर पर निर्धारित दवा का सेवन कर रहे हैं और आपको लगता है कि, इन दवाओं के कारण आपका वजन बढ़ रहा है, तो आपको इसके बारे में अपने डॉक्टर से बात करनी चाहिए।
शरीर को फुर्तीला बनाएं
अगर आप आलसी हैं और बैठे-बैठे ही हर कार्य कर लेना चाहते हैं, तो आपके वजन में तेजी से इजाफा होने की संभावना भी बढ़ जाती है। इसलिए अपने मोटापे की समस्या को कम करने के लिए अपने शरीर को फुर्तीला बनाएं। दिन में थाड़ी बहुत फिजिकल एक्टीवटीज करें, ताकि शरीर में जमे एक्ट्रा फैट को आसानी से आपका शरीर बर्न कर सके।
तनाव से रहे दूर
तनाव (Tension) एक ऐसी स्थिति है जो व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक दोनों ही तरह से बीमार कर सकता है। इसलिए तनाव से खुद को दूर रखें। तनाव से बचे रहने के लिए आप योग और मेडिटेशन का भी सहारा ले सकते हैं।
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